Gastro Sciences | by Dr. Ajay Mandal | Published on 11/12/2023
पित्त की पथरी एक बहुत दर्दनाक स्थिति है, जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव है। पित्ताशय में जब कोलेस्ट्रॉल जमने या सख्त होने लगता है तब पित्त की पथरी का निर्माण होता है। इसके कारण रोगी को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे - असहनीय दर्द, पाचन तंत्र में समस्या इत्यादि। पित्त में पथरी के इलाज के लिए आप हमारे शीर्ष गैस्ट्रोनोलॉग्सिट विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।
पित्ताशय की पथरी को पित्त की थैली की पथरी भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन के कारण पित्ताशय में एक ठोस पदार्थ का निर्माण होता है। इस ठोस पदार्थ का आकार एक रेत के दाने से लेकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है। संख्या की बात करें तो एक व्यक्ति को पित्त की थैली में एक से अधिक पथरी भी हो सकती है, जिसका जानकारी निदान के पश्चात ही हो पाती है।
पित्ताशय की पथरी के कारण पित्त की थैली की नलिकाएं संक्रमित हो जाती है। इस संक्रमण से पित्त की थैली सूज जाती है और पैंक्रियास पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। सही समय पर इलाज न किए जाने पर पित्ताशय की पथरी एक जानलेवा स्थिति बन जाती है। इलाज के लिए हमेशा एक अनुभवी और श्रेष्ठ विशेषज्ञ से मिलना आवश्यक होता है।
पित्त की थैली में बनने वाली पथरी दो अलग अलग प्रकार की होती हैं जैसे -
पित्ताशय में पथरी का निर्माण तब होता है, जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम कार्बोनेट और बिलीरुबिन का स्तर अपने संतुलन से बाहर हो जाता है। पित्त की थैली में पथरी महिलाओं और मोटे लोगों में बहुत आम है। इस विषय पर बहुत सारे रिसर्च के बावजूद भी पित्त की पथरी का स्पष्ट कारण अभी भी अज्ञात है। लेकिन निम्नलिखित दो स्थितियों को पित्त की पथरी का मुख्य कारण माना जाता है -
पित्त की पथरी के लक्षणों में सबसे प्रमुख है दर्द का अटैक आना। दर्द की तीव्रता अलग अलग समय में अलग-अलग हो सकती है। इसके अतिरिक्त कुछ और भी स्थिति है, जो संकेत देते हैं कि आप पित्त की पथरी की समस्या से परेशान है -
इनके अतिरिक्त कुछ अन्य सामान्य लक्षण भी होते हैं जो पित्ताशय में पथरी का संकेत देते हैं जैसे -
स्वस्थ जीवन शैली और कुछ सावधानियों का पालन कर हम पित्त की पथरी के निर्माण को रोक सकते हैं। नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो पित्त की थैली में पथरी के निर्माण को रोकने में मदद कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त कम फैट वाले भोजन और आहार में फल और सब्जियों की अधिक मात्रा पथरी की समस्या को दूर करने में कारगर साबित होती है। इसके अतिरिक्त लक्षण दिखने पर हमारे गैस्ट्रोनोलॉग्सिट विशेषज्ञों से तुरंत संपर्क करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा।
पित्ताशय में पथरी से पीड़ित अधिकांश लोगों को कभी भी इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन जब इसके कारण आपको अधिक समस्या का सामना करना पड़े, तो डॉक्टर पित्त की थैली को ही निकालने का सुझाव देते हैं। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो भविष्य में यह समस्या विकराल रूप ले लेती है।
यह बात मेडिकली प्रमाणित है कि एक बार यदि किसी को पित्त की पथरी हो जाए, तो उसे यह समस्या बार बार परेशान कर सकती है। यही कारण है कि पित्त की थैली को निकालने का ऑपरेशन इस समस्या का सबसे उचित समाधान है। यह एक छोटी सर्जरी है, और आप पित्ताशय के बिना भी बिना किसी परेशानी के स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। पित्त की थैली की सर्जरी को 'कोलेसिस्टेक्टोमी' कहा जाता है, जिसे जनरल सर्जन करते हैं।
उम्र पित्त की पथरी का एक सबसे अहम जोखिम कारक है। 40 वर्ष की आयु से अधिक महिलाओं में पित्त की पथरी की समस्या सबसे ज्यादा आम है। मोटापा, गतिहीन जीवन शैली के साथ साथ अत्यधिक वसा युक्त भोजन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
पित्ताशय की पथरी के कारण कोई खास लक्षण नहीं मिलते हैं। अधिकतर मामलों में इस स्थिति का निदान संयोग से होता है। सामान्य लक्षणों में पेट के दाहिने भाग में दर्द बहुत ज्यादा आम है। यह दर्द गंभीर हो सकता है और पीठ या दाएं कंधे तक फ़ैल सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें।
सभी पित्त की पथरी के मरीजों को इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। सरल भाषा में कहा जाए तो जिन लोगों में पथरी के लक्षण दिखते हैं उन्हें इलाज की आवश्यकता होती है।