
दिवाली पर अस्थमा और COPD मरीजों के लिए वायु प्रदूषण, पटाखों के धुएं और एलर्जी के खतरे से बचना जरूरी है। सही दवाएं, मास्क, खानपान व इमरजेंसी तैयारी अपनाकर सुरक्षित त्योहार मनाया जा सकता है।
क्या आप इस दिवाली पर सांस फूलने, COPD या अस्थमा जैसी बीमारियों को लेकर चिंतित है? त्योहार की चमक के बीच अपनी और अपने परिवार की सेहत को प्राथमिकता देना सबसे समझदारी का कदम है। समय पर सावधानी बरतकर आप गंभीर जोखिम घटा सकते हैं। अपने दवाइयों का सही समय पर सेवन रखें, प्रदूषण और पटाखों से होने वाले धुएं से बचने के लिए इनडोर सुरक्षित स्थान बनाएं, और डॉक्टर से सलाह लेकर आपातकालीन प्लान तैयार रखें।
इस ब्लॉग में दिए व्यावहारिक और सरल उपाय अपनाकर आप गंभीर स्थितियों को टाल सकते हैं और बिना अतिरिक्त धन खर्चे और आसान एवं प्रभावी उपायों का पालन कर एक निस्वार्थ, खुशहाल और सुरक्षित दिवाली मना सकते हैं। इसके अतिरिक्त सांस की समस्या अधिक महसूस होने पर कोई भी घरेलू उपाय काम नहीं आते हैं, जिस स्थिति में आपको हमारे अनुभवी विशेषज्ञों से भी मिलकर इलाज ले सकते हैं।
अस्थमा (Asthma) और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD/सीओपीडी) दोनों ही सांस लेने में समस्या पैदा करने वाली बीमारियां हैं, जिनका संबंध सीधे फेफड़ों और श्वास नली से है।
यह एक गंभीर समस्या है और ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पूरी दुनिया में अस्थमा के 30 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं और भारत में अनुमानित 7.9% आबादी किसी न किसी रूप में सांस की समस्या से जूझ रही है। COPD भारत में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
यह एक फेफड़ों की क्रोनिक बीमारी है, जिसमें वायु मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, जिससे सांस फूलने की बीमारी का खतरा रहता है, जो कुछ मामलों में मृत्यु का भी कारण बनती है। लगातार खांसी, बलगम, सांस लेने में दिक्कत और थकावट सीओपीडी के मुख्य लक्षण है।
त्योहारों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में अचानक बढ़ोतरी देखी जाती है। पटाखों और आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं और सूक्ष्म कण वायु प्रदूषण में भारी इजाफा करते हैं। दिवाली की रात के समय कई क्षेत्रों में एक्यूआई रीडिंग लगभग 200 ("खराब") से 300 ("बहुत खराब") के ऊपर तक पहुंच सकती हैं। उदाहरण के लिए, दिवाली की रात बालीगंज में औसत एक्यूआई 500 ("गंभीर") के शिखर होता है, बिधाननगर में 309 ("बहुत खराब"), रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में 333 ("बहुत खराब") और जादवपुर में मध्यरात्रि के आसपास 262 ("खराब") दर्ज किया जाता है। यदि आपने सही कदम नहीं उठाए, तो आप अस्थमा और COPD के एक कदम नजदीक चले जाएंगे।
प्रदूषण निम्न परिस्थितियों में बहुत ज्यादा जानलेवा हो जाती है -
दिवाली के आसपास की हवा बहुत जहरीली हो जाती है। ऐसे में जिनको अस्थमा और सांस की दिक्कत है वह अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, मास्क पहनें और इनहेलर पास रखें।
सांस की सुरक्षा के लिए आप निम्न प्रभावी एवं सरल उपायों का पालन कर सकते हैं -
यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को निम्न लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें -
घर पर ही रुकने की भूल न करें। जल्द से जल्द विशेषज्ञ से परामर्श लें।
दिवाली पर खुद को सुरक्षित रखने के लिए आप निम्न सुरक्षित व्यवहार और जीवनशैली टिप्स का पालन कर सकते हैं -
भारत में हर साल लगभग 15 लाख COPD से संबंधित मौतें दर्ज की जाती हैं, इसलिए हमें इस समस्या के बारे में अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए। यदि आप इस स्थिति को लेकर जानकार हैं और किसी को भी अस्थमा या फिर COPD के लक्षण अनुभव होते हैं, तो आप उन लोगों की जान भी बता सकते हैं। यदि आपको लक्षण दिखते हैं तो बिना देर किए हमारे अनुभवी विशेषज्ञों से मिलें और इलाज लें।
फायरवर्क देखने का आनंद घर के अंदर से, Windows या TV पर लें। बाहर जाने से बचें और मास्क जरूर पहनें। लड़ी या डिजिटल फायरवर्क्स जैसे विकल्प अपनाएं।
घर के अंदर एयर प्यूरिफायर चलाएं, जोन क्लीन रखें, मास्क पहनें, खिड़की-दरवाजे बंद रखें और पर्सनल दवाएं साथ रखें।
रेस्क्यू इनहेलर, दवाओं का पूरा सेट, हर जरूरी कॉन्टैक्ट नंबर, नजदीकी अस्पताल की जानकारी, मास्क, ग्लव्स, पानी की बोतल, और डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन पास रखें।
N95 और N99 मास्क, यदि सही से पहना जाए, तो एयरबोर्न कणों से बचाते हैं और सांस की सुरक्षा बढ़ाते हैं। सांस फूलने पर एग्जॉस्ट वाल्व मास्क विकल्प हो सकते हैं।
घर में प्यूरीफायर, भीगे कपड़े से सफाई, हर्बल ड्रिंक, अदरक-शहद का सेवन, गर्म पानी पीना, साबुत मसालों का सीमित उपयोग, तनाव प्रबंधन, और डॉक्टर की सलाह अनुसार मेडिसिन लेना सबसे सही है।
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Dr. Raja Dhar is the Director & Head of Pulmonology Dept. at BM Birla Heart Hospital and CMRI Hospital, Kolkata, with over 27 years of experience. He specializes in interstitial lung disease, asthma & allergy, COPD, sleep medicine, advanced lung function services, interventional & diagnostic pulmonology, rare stroke & orphan lung diseases, and all disciplines of respiratory medicine.
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