बच्चों में हार्ट सर्जरी के बाद की सही देखभाल, दवाओं, पोषण, एक्टिविटी, नींद और इमोशनल सपोर्ट के जरूरी पहलुओं को विस्तार से इस ब्लॉग में बताया गया है ताकि माता-पिता बिना डर के अपने बच्चे की हेल्दी रिकवरी सुनिश्चित कर सके।
हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ रहे, दुरुस्त रहे और हमेशा खुश रहे। उनके खुशियों को नज़र तब लगती है, जब उनके बच्चों को कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान करने लगती है। जब डॉक्टर किसी बच्चे के दिल में जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) या कोई गंभीर विकार पाते हैं, तो माता-पिता के दिल पर क्या बीतती है, इसे शब्दों में बता पाना मुश्किल हो जाता है।
डरे नहीं क्योंकि आप इसमें अकेले नहीं हैं। आईसीएमआर के अनुसार हर साल भारत में लगभग 2 लाख बच्चे जन्मजात हृदय विकार (Congenital Heart Defects) के साथ पैदा होते हैं। अच्छी खबर यह है कि आज मेडिकल साइंस इतनाा विकसित हो चुका है कि ज्यादातर बच्चे सही देखभाल से न सिर्फ ठीक होते हैं, बल्कि स्वस्थ और सामान्य जीवन जीते हैं। यदि आपके बच्चे को भी किसी भी प्रकार के दिल के विकार का सामना करना पड़ रहा है और उसकी सर्जरी भी हो चुकी है, तो अब सही पोस्ट-ऑप केयर और भावनात्मक सपोर्ट से ही आप उसका भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं। इसके लिए आप हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिल कर सलाह भी ले सकते हैं। लेकिन इस ब्लॉग में हम आपको एक सामान्य गाइड देंगे, जिससे आपको बच्चों में हार्ट सर्जरी के बाद के केयर प्लान के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाएगी।
जन्मजात हृदय रोग या किसी गंभीर हृदय विकार के बाद जब बच्चे की कोई भी सर्जरी (ओपन हार्ट सर्जरी) होती है, तो सर्जरी के बाद के पहले 4-6 हफ्ते सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान बच्चे का शरीर अंदर से ठीक हो रहा होता है और आपका हर छोटा कदम इस रिकवरी को तेज या धीमा कर सकता है। चलिए उन तीन महत्वपूर्ण कदमों के बारे में जानते हैं, जो आपको अपने बच्चों की सर्जरी के बाद लेना चाहिए -
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक रिसर्च के अनुसार, यदि शुरुआती रिकवरी सही तरीके से हो जाए, तो बच्चों में ओपन हार्ट सर्जरी के बाद जटिलताएं 40% तक कम हो जाती हैं। इसलिए छोटे बच्चों की सर्जरी के बाद इन कदमों का पालन अवश्य करें।
सर्जरी के बाद दी जाने वाली दवाओं को लेकर कभी लापरवाही न करें। इनमें पेन किलर, हार्ट मेडिसिन या ड्यूरेटिक्स (Diuretics) शामिल हो सकती हैं। यह सारी दवाएं आपके बच्चे के जीवन के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती हैं।
ज्यादातर डॉक्टर डिस्चार्ज के बाद 1–2 हफ्ते में पहली विज़िट रखते हैं और फिर 2–4 हफ्तों में दूसरी। इसके बाद सालाना चेकअप या जरूरत के अनुसार स्पेशलिस्ट से मिलना पड़ सकता है। ध्यान रखें कि कई जन्मजात हृदय रोग दोबारा परेशान कर सकता है। सही वक्त पर टेस्ट कराने से आप बच्चे की सेहत को खतरे से बचा सकते हैं। सही देखभाल के साथ सही समय पर परामर्श भी बहुत जरूरी होता है।
सर्जरी के बाद बच्चों का वजन अचानक कम हो सकता है, क्योंकि ऑपरेशन के बाद शरीर को रिकवर होने में बहुत ऊर्जा लगती है, जिसकी पूर्ति शरीर में मौजूद फैट से होती है। रिसर्च बताता है कि हार्ट सर्जरी के बाद करीब 60% शिशुओं में वजन बढ़ने में समय लगता है। ऐसे में सही डाइट से ही रिकवरी तेज होती है। चलिए जानते हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ आहार का तोहफा दे सकते हैं -
अपने डॉक्टर से आहार संबंधित प्रश्नों पर खुल कर बात करें। ऐसा हो सकता है कि वह आपको एक डाइटिशियन से मिलकर एक प्रॉपर डाइट चार्ट को फॉलो करने की सलाह दी जा सकती है।
माता-पिता का दिल बच्चों को हंसते-खेलते देखने को करता है, लेकिन थोड़ा इंतज़ार ज़रूरी है। पहले 4 से 6 हफ्तों में कोई भी ऐसा खेल या एक्टिविटी न कराएं जिसमें गिरने या टक्कर लगने का जोखिम हो।
अक्सर देखा गया है कि हार्ट सर्जरी के बाद बच्चे रात में रोते या डरते हैं। यह नॉर्मल है। आपको इसमें डरना नहीं है। यदि ऐसा होता है तो आपको निम्न बातों पर अपना ध्यान केंद्रित करें -
हमारे शरीर में सेल्फ रिपेयर तकनीक होती है, जो सिर्फ सोते वक्त ही सक्रिय होती है। जितना बच्चा सोएगा, उतनी जल्दी रिकवरी होगी।
बहुत से बच्चे सर्जरी के बाद चिड़चिड़े हो जाते हैं। वह बेवजह रोते हैं या छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ हो जाते हैं। यह सब बिल्कुल सामान्य है। अमेरिकन पेडियाट्रिक एसोसिएशन के अनुसार, हर 3 में से 1 बच्चे में सर्जरी के बाद भावनात्मक बदलाव आते हैं, जिससे माता-पिता अक्सर घबरा जाते हैं -
आज के दौर में हार्ट सर्जरी के बाद बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। सही देखभाल, सही दवाएँ, संतुलित आहार और समय पर फॉलो-अप यह सारी अच्छी आदतें, आपके बच्चे के दिल को नई ताकत दे सकते हैं। यदि आपके मन में कोई सवाल है, तो अभी हमारे हार्ट सर्जरी स्पेशलिस्ट से बात करें। सही जानकारी और सही इलाज से ही आपका बच्चा फिर से हँस-खेल सकेगा। अपने बच्चे के लिए आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और हम पर भरोसा दिखाएं।
हां, लेकिन पूरी रिकवरी और डॉक्टर की अनुमति के बाद ही खेलें। पहले हल्की एक्टिविटी से शुरुआत करना सही रहेगा। धीरे-धीरे खेल का समय और एक्टिविटी बढ़ाएँ।
आहार पौष्टिक और संतुलित होना चाहिए, जिसमें दूध, दाल, सब्जियां और फल शामिल हो। जरूरत हो तो डॉक्टर से कैलोरी बढ़ाने की सलाह लें। भरपूर पानी और हल्का खाना दें।
सर्जरी के करीब 4–6 हफ्ते बाद स्कूल भेजा जा सकता है। भेजने से पहले डॉक्टर की अनुमति लेना जरूरी है। शुरुआत में पूरा दिन स्कूल भेजने की जगह कुछ घंटे से शुरुआत करें।
पहले हफ्तों में फॉलो-अप बेहद जरूरी होते हैं। फिर डॉक्टर की सलाह के अनुसार हर 6 महीने या सालाना चेकअप कराना चाहिए। फॉलोअप से बच्चे के दिल की सेहत पर नजर रहती है।
हां, घाव में संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए साफ-सफाई रखें और कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पोषक आहार दें।
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