गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के लिए सर्जरी
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गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के लिए सर्जरी

Summary

जीईआरडी की सर्जरी में एसोफेगस के निचले भाग की स्फिंक्टर मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। इस प्रक्रिया को निसेन फंडोप्लिकेशन (Nissen Fundoplication) के नाम से जाना जाता है। प्रक्रिया के दौरान, सर्जन एसिड रिफ्लक्स की स्थिति को रोकने के लिए इसोफेगस के निचले भाग को ब्लॉक करने के लिए स्फिंक्टर मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। 

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग या जीईआरडी (GERD) एक पाचन संबंधी समस्या है, जिससे पेट का एसिड इसोफैगस में वापस चला जाता है। पेट का जो एसिड होता है, वह हमारे शरीर के दूसरे अंग के लिए हानिकारक होता है, जो इसोफेगस को भी नुकसान पहुंचा सकता है। जीईआरडी के कारण कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे सीने में जलन, खट्टा स्वाद आना और निगलने में कठिनाई, इत्यादि। इस स्थिति के इलाज के तौर पर जीवनशैली में बदलाव और दवाएं दी जाती है। इनकी मदद से यह नियंत्रित हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है, उसके लिए हमारे गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट विशेषगय से संपर्क करें ।

जीईआरडी के लिए कब होती है सर्जरी की आवश्यकता?

सर्जरी की आवश्यकता निम्न स्थितियों में हो सकती है - 

  • यदि किसी को भी दवा से राहत न मिले या फिर जीवनशैली में बदलाव के बाद भी जीईआरडी (GERD) के लक्षणों से आराम न मिले तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
  • यदि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग के कारण इसोफेगस में सूजन, खरोंच या संकुचन हो या फिर यह स्थिति लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। अनुपचारित रहने से गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • यदि दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है। 

जीईआरडी सर्जरी क्या है?

जीईआरडी की सर्जरी में एसोफेगस के निचले भाग की स्फिंक्टर मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। इस प्रक्रिया को निसेन फंडोप्लिकेशन (Nissen Fundoplication) के नाम से जाना जाता है। प्रक्रिया के दौरान, सर्जन एसिड रिफ्लक्स की स्थिति को रोकने के लिए इसोफेगस के निचले भाग को ब्लॉक करने के लिए स्फिंक्टर मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। अधिकांश लोगों में सर्जरी के बाद एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से राहत मिल जाती है। प्रक्रिया में गैस्ट्रो सर्जन पेट के ऊपर वाले भाग को निचले एसोफैगस के चारों ओर लपेट लिया जाता है। 

निसेन फंडोप्लिकेशन सर्जरी कितने प्रकार की होती हैं? 

मुख्य रूप से निसेन फंडोप्लिकेशन सर्जरी को दो प्रकार में बांटा गया है - 

  • पहली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है, जिसमें सर्जन सर्जरी करने के लिए एक छोटा सा कट लगाते हैं। इस कट के माध्यम से वह कैमरा और सर्जिकल उपकरणों को डालते हैं, जिससे सर्जरी होती है। 
  • दूसरी ओपन सर्जरी है, जिसमें बड़े कट का प्रयोग होता है। इस प्रकार की सर्जरी का प्रयोग गंभीर मामलों में होता है। सर्जन बड़े उपकरणों का प्रयोग करते हैं ताकि एसिड रिफ्लक्स की समस्या न हो।

बिना सर्जरी जीईआरडी का इलाज

बिना सर्जरी जीईआरडी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए भी आपको एक अच्छे डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। हालांकि कुछ उपाय हैं, जिनकी मदद से इस स्थिति के शुरुआती मामलों में बिना सर्जरी के इलाज संभव हो पाता है जैसे - 

  • बेकिंग सोडा और पानी का घोल लेने से मदद मिलेगी।
  • दूध का सेवन करें। 
  • अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए डाइट पर ध्यान दें।
  • धूम्रपान से बचें।
  • ऊंचे तकिए का प्रयोग करें। 
  • बाईं करवट लेटें।
  • भोजन के तुरंत बाद न लेटें।
  • खाना खाने के दौरान ठीक से चबाएं।
  • ज्यादा तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। 
  • टाइट-फिटिंग कपड़े न पहनें। 
  • आंवले के रस का सेवन करें।

निष्कर्ष

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह सर्जरी बहुत लाभकारी है। इसकी मदद से रोगी को निम्न लाभ मिल सकते हैं - 

  • सर्जरी की मदद से जीईआरडी के लक्षणों से राहत मिलती है। 
  • सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। 
  • उत्पन्न होने वाले सभी संभावित जटिलताओं से बचाव।

यह दर्शाता है कि जीईआरडी के लिए सर्जरी एक प्रभावी उपचार का विकल्प है। सर्जरी से पहले हम आपको सलाह देंगे कि हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर (गैस्ट्रोइन्टेरोलॉजिस्ट) से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

जीईआरडी सर्जरी कब की जाती है?

जब दवाएं और जीवनशैली में बदलाव काम नहीं आते हैं तो जीईआरडी की सर्जरी का सुझाव हम भी अपने रोगियों को देते हैं। इस स्थिति में इसोफेगस में सूजन या संकुचन का इलाज आसानी से होता है।

जीईआरडी सर्जरी में क्या होता है?

जीईआरडी सर्जरी में इसोफेगस के निचले भाग को मजबूत करने के लिए कुछ मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है, जिससे पेट का एसिड वापस नहीं आता है। इस सर्जरी को निसेन फंडोप्लिकेशन नाम से भी जाना जाता है। 

जीईआरडी सर्जरी के क्या फायदे हैं?

जीईआरडी सर्जरी की मदद से सीने में जलन, खट्टा स्वाद और निगलने में कठिनाई जैसे लक्षणों से राहत मिलती है। इसकी सहायता से जीवन की गुणवत्ता में सुधार तो होता ही है। इससे इसोफेगस कैंसर की समस्या का भी खतरा टल जाता है। 

Written and Verified by:

Dr. Ajay Mandal

Dr. Ajay Mandal

Consultant - GI & Hepato-Biliary Surgeon Exp: 10 Yr

Gastro Sciences

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Dr. Ajay Mandal is one of the leading specialist in area of GI Oncology, Hepato-Biliary & Pancreatic Disease treatment. He is based primarily at The Calcutta Medical Research Institute, Kolkata with more than 10 years of rich experience in dealing with various aspects of digestive system specially in liver & Pancreatic Disorders.

Dr. Mandal has been trained in various parts of India and abroad( S. Korea) and is one of the few certified trained Gastro surgeon in Kolkata. He has performed hundreds of complicated GI & Hepato-Biliary cancer surgery. Apart from GI Oncosurgery, laparoscopic surgery is regular event for him and now even cancer surgery is being performed by him laparoscopically.

Dr. Mandal not only performs surgery for cancer patients but also provides holistic approach for further treatment once he /she gets recovered from surgery. His team includes Medical Oncologist, Medical Gastroenterologist and Intervention Radiologist, all of them work together in many occasions and as on required to provide the best available treatment for their patient.

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