बच्चे से लेकर बूढ़े तक, हर व्यक्ति सर्दी-जुकाम से परेशान रहता है। यह समस्या मुख्य रूप से बदलते मौसम में बहुत परेशान करती है। आमतौर पर यह स्थितियां आम ही होती है, लेकिन यह आपके दैनिक कार्यों और गतिविधियों को भी बाधित कर सकती हैं।
इस ब्लॉग में आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक टिप्स दूंगा, जिससे आप अपने सर्दी-जुकाम को आसानी से कम कर सकते हैं। हालांकि, 2 हफ्ते से अधिक खांसी की स्थिति में बिना देर किए आपको परामर्श करने का सुझाव दिया जाता है, क्योंकि यह टीबी का संकेत हो सकता है। यदि आप ऐसे किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो कृपया कोलकाता में सर्वश्रेष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
सर्दी, खांसी और जुकाम की स्थिति में कुछ आम लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह सारे लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के महसूस होते ही प्रयास करें कि आप सही कदम उठाएं और आवश्यकता पड़ने पर परामर्श एवं इलाज लें।
सर्दी, खांसी और जुकाम, मुख्य रूप से किसी एलर्जी या वायरल संक्रमण के कारण होती है। इस स्थिति में राइनोवायरस सबसे आम और सामान्य संक्रमण है। इसके अतिरिक्त इस स्वास्थ्य स्थिति के कुछ सामान्य लक्षण भी है जैसे कि -
खांसी एक संक्रामक रोग है, जो हमने कोरोना वायरस में भी देखा है। सही कारण का पता लगा कर सही कदम उठाने से आप एक बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनकी गिनती आयुर्वेदिक उपायों में होती तो है, लेकिन इनका सुझाव सभी डॉक्टर सर्दी जुकाम में देते हैं। चलिए उन सभी प्राकृतिक उपायों को जानते हैं, जिससे आपको आराम मिल सकता है -
यह उपाय बच्चों में भी कार्य कर सकते हैं, लेकिन 2 से 8 साल के बच्चों में इस प्रकार के उपाय न करें। 2 साल के बच्चे में सर्दी और खांसी के लिए घरेलू उपचारों को करने से पहले एक अनुभवी डॉक्टर से ज़रूर मिलें। जब तक आप मिलते नहीं है, तब तक आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं -
सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए आप अपने आहार में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं जैसे कि -
सामान्यतौर पर मैं डॉक्टर के तौर पर कोई भी दवा लेने के लिए मना ही करुंगा। लेकिन आप दवा के स्थान पर तुलसी की चाय या काढ़ा पी सकते हैं।
आयुर्वेद में, केले को ठंडा माना जाता है और यह बलगम के उत्पादन को बढ़ा सकता है इसलिए यदि आपको सर्दी और जुकाम है, तो प्रयास करें कि केले से आप दूरी बनाएं।
हां, गुनगुना पानी पीने से गले को आराम मिलता है, जलन कम होती है और शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद भी मिलती है।
भाप लेने से नाक में जमाव की स्थिति से आराम मिलता है और सांस लेने की दिक्कत भी खत्म होती है।
प्रयास करें आप खट्टे फल खाएं। इसके अतिरिक्त आप अपने आहार में अदरक, लहसुन और हल्दी जैसे आवश्यक तत्वों को अपने आहार में शामिल करें, क्योंकि यह तासीर में भी गर्म होते हैं और संक्रमण से भी बचाते हैं।
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