एंडोमेट्रियोसिस क्या है? जानिए कारण, लक्षण एवं उपचार

एंडोमेट्रियोसिस क्या है? जानिए कारण, लक्षण एवं उपचार

Obstetrics and Gynaecology |by Dr. C. P. Dadhich| Published on 26/05/2024

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) स्त्रियों में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें महिलाओं को असहनीय दर्द और समस्या का सामना करना पड़ता है। एंडोमेट्रियोसिस में बच्चेदानी की आंतरिक परत (एंडोमेट्रियम) प्रभावित होती है। इस स्थिति में बच्चेदानी के अंदर के अंग बाहर दूसरे अंग जैसे कि अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, और पेरिटोनियम में फैलने लगते हैं। यह वृद्धि असामान्य होती है, जिसके कारण दर्द, बांझपन, और पीरियड से संबंधित स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होने लगती हैं।

आपने यह तो जान लिया कि एंडोमेट्रियोसिस क्या है। लेकिन अब आपको यह समझना होगा कि एंडोमेट्रियोसिस का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इस संबंध में पूर्ण जानकारी आपको एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकती है। इस ब्लॉग की मदद से आप एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति को बेहतर तरीके से समझ कर अपना देखभाल अच्छे से रख सकते हैं। 

एंडोमेट्रियोसिस के कारण -

एंडोमेट्रियोसिस के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए अभी भी रिसर्च चल रही है। हालांकि कुछ संभावित कारक हैं, जिनके कारण एंडोमेट्रियोसिस की समस्या महिला को परेशान कर सकती है जैसे - 

  • फैमिली हिस्ट्री: घर परिवार में किसी भी महिला को एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होने का अर्थ यह है कि उस परिवार की दूसरी महिलाएं भी इस रोग के खतरे के दायरे में है। 
  • प्रतिरक्षा प्रणाली: कुछ मामलों में देखा गया है कि कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी व्यक्ति को एंडोमेट्रियोसिस की समस्या परेशान करती है। 
  • रेट्रोग्रेड मेन्सटूरेशन (retrograde menstruation): इस स्थिति में पीरियड्स का रक्त योनि के माध्यम से शरीर से बाहर निकलने के बजाय फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से पेल्विक कैविटी में पीछे की ओर प्रवाहित होता है। 
  • सर्जरी: सी-सेक्शन या बच्चेदानी की रसौली के इलाज के लिए की जाने वाली सर्जरी के बाद भी बच्चेदानी की आंतरिक परत बाहर की तरफ आ जाती है। 

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण -

जब हम एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों की बात करते हैं, तो हमें यह समझना होगा कि सभी महिलाओं में इस स्थिति के लक्षण अलग-अलग होते हैं। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण हैं जो एक महिला को परेशान कर सकती है जैसे - 

  • पीरियड्स के दौरान दर्द: एंडोमेट्रियोसिस का सबसे आम लक्षण है पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होना। यह दर्द पेट के निचले भाग, पीठ, या जांघों में होता है।
  • योनि से असामान्य रक्त हानि: पीरियड्स से पहले या बाद में असामान्य रक्त हानि एंडोमेट्रियोसिस का संकेत देते हैं। 
  • प्रेगनेंसी में कठिनाई: एंडोमेट्रियोसिस की वजह से गर्भधारण करने में समस्या आती है और कुछ मामलों में इससे बांझपन की समस्या भी होती है।
  • पेल्विक में दर्द: यौन संबंध के दौरान, पेशाब करते, या मल त्याग करते समय पेल्विक में दर्द हो सकता है।
  • थकान: एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाएं अक्सर थक जाती हैं।
  • आंत्र और मूत्र मार्ग की समस्याएं: इस समस्या के कारण मूत्र मार्ग और आंत प्रभावित होती हैं, जिससे दर्द, कब्ज, या दस्त की समस्या होती है।

एंडोमेट्रियोसिस की जांच -

जैसे एंडोमेट्रियोसिस के कारण अज्ञात है, उसी प्रकार एंडोमेट्रियोसिस की जांच करना भी थोड़ा मुश्किल है। सिर्फ लक्षण के आधार पर इस स्थिति की पुष्टि नहीं हो सकती है, क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण अन्य स्त्री रोग के लक्षणों के जैसे ही होते हैं। हालांकि शारीरिक परीक्षण के साथ पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvis Ultrasound) या एमआरआई (MRI) से स्थिति की जांच संभव है। 

वहीं दूसरी तरफ लैप्रोस्कोपी की मदद से बायोप्सी की जाती है और निकाले गए सैंपल को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि एंडोमेट्रिओसिस का निदान अचानक से किसी दूसरे रोग के इलाज के दौरान होता है। 

एंडोमेट्रियोसिस का इलाज -

एंडोमेट्रियोसिस का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का प्रबंधन, और जीवनशैली में बदलाव के साथ इस स्थिति में बहुत आराम मिल सकता है। इलाज के विकल्प का चयन कुछ कारणों के आधार पर किया जाता है जैसे मरीज की उम्र, लक्षणों की गंभीरता, और गर्भधारण की इच्छा। इलाज के निम्न विकल्पों में से किसी एक या फिर इनके कॉम्बिनेशन का प्रयोग होता है - 

  • दवाएं: दर्द को कम करने के लिए कुछ दवाएं दी जाती है। 
  • हार्मोन थेरेपी: इन दवाओं की मदद से शरीर में उत्पन्न होने वाले हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है, जिसकी वजह से एंडोमेट्रियल टिश्यू के विकास को रोका जा सकता है। इस थेरेपी में जन्म नियंत्रण की गोलियां, प्रोजेस्टोन की गोलियां या इंजेक्शन शामिल है। 
  • सर्जरी: गंभीर मामलों में जब दवाएं कारगर साबित नहीं होती हैं, तो सर्जरी की मदद से एंडोमेट्रियल टिश्यू को हटाया जाता है। एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए दो प्रमुख सर्जरी की आवश्यकता होती है जैसे - लैप्रोस्कोपी और लैपरोटोमी।

जीवनशैली में बदलाव -

ऊपर बताए गए दवाएं और प्रक्रियाएं एंडोमेट्रियोसिस की समस्या को जड़ से ठीक नहीं कर सकते हैं। हालांकि जीवन शैली में कुछ सकारात्मक बदलाव इस स्थिति के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं जैसे - 

  • नियमित व्यायाम: रोजाना व्यायाम की मदद से दर्द तो कम होता है और साथ-साथ पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।
  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार तो होता ही है, लेकिन इसके साथ-साथ शरीर में सूजन भी कम होता है। 
  • तनाव कम करें: तनाव की वजह से एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में बढ़ोतरी होती है। स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें और प्रयास करें कि योग के साथ अनुलोम विलोम करें। 

निष्कर्ष -

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसका निदान और इलाज दोनों ही मुश्किल है। लेकिन दवाओं और जीवनशैली में बदलाव जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। यदि आपको एंडोमेट्रियोसिस का संदेह है, तो तुरंत एंडोमेट्रियोसिस स्पेशलिस्ट से परामर्श लें और प्रयास करें खुद किसी भी प्रकार की दवा न लें।

एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या एंडोमेट्रियोसिस खतरनाक रोग है?

आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। लेकिन इसके कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती हैं जैसे - 

  • बांझपन
  • अंडाशय का कैंसर
  • अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पेल्विक पेन (श्रोणि में दर्द), थकान, और आंत्र और मूत्राशय की समस्याएं।

लेकिन, जल्द निदान और उचित इलाज से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है। 

क्या एंडोमेट्रियोसिस का निदान जल्दी किया जा सकता है?

कई बार ऐसा होता है कि एंडोमेट्रियोसिस के निदान में देरी हो जाती है। इस स्थिति के लक्षण आमतौर 7-12 साल के बाद दिखते हैं। 

क्या एंडोमेट्रियोसिस का कोई घरेलू उपचार है?

एंडोमेट्रियोसिस का कोई स्पष्ट इलाज नहीं है। लेकिन कुछ घरेलू उपचार से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है जैसे - 

  • नियमित व्यायाम
  • स्वस्थ आहार
  • तनाव प्रबंधन तकनीक (स्ट्रेस मैनेजमेंट)
  • हीटिंग पैड का प्रयोग

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