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सर्वाइकल कैंसर - लक्षण, कारण और बचाव

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सर्वाइकल कैंसर - लक्षण, कारण और बचाव

Medical Oncology | Posted on 12/10/2024 by Dr. Umesh Khandelwal



सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो सीधे गर्भाशय ग्रीवा में ही विकसित होता है और उसे ही प्रभावित करता है। गर्भाशय ग्रीवा बच्चेदानी का भाग है, जो योनि से जोड़ा होता है। 

दुनिया भर में कई महिलाएं इस आम कैंसर से प्रभावित होती हैं। चलिए इस ब्लॉग से हम इसके कारण, लक्षण और बचाव के बारे में सभी आवश्यक जानकारी इकट्ठा करते हैं, जिससे हम सब मिलकर इस खतरनाक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट से अभी मिलें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में बात करें और जानें। 

सर्वाइकल कैंसर क्या है? 

सर्वाइकल कैंसर वह स्थिति है, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित रूप में वृद्धि होती है। समय के साथ यह कोशिकाएं ऐसे ऊतकों का निर्माण करती है, जो शरीर के दूसरे भाग में फैलने लगती हैं। इस स्थिति का समय पर निदान और इलाज कैंसर से मुक्ति दिला सकता है, अन्यथा इसके कारण बहुत सारी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। 

सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है? 

चलिए सबसे पहले समझते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है? सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है, जो कि एक यौन संचारित वायरस है। कई डॉक्टरों का मानना है कि HPV संक्रमण एक आम समस्या है और अक्सर यह अपने आप ठीक भी हो जाता है। लेकिन यदि यह संक्रमण फैल जाए या लगातार संक्रमण बना रहे, तो इसके कारण सर्वाइकल कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। निम्न जोखिम कारक हैं, जो इस वायरस के फैलने का मुख्य कारण साबित हो सकते हैं - 

  • कई साथियों के साथ यौन संबंध स्थापित करना: यौन संबंध HPV वायरस के फैलने का सबसे मुख्य कारण है। कई साथियों के साथ यौन संबंध स्थापित करना भी सर्वाइकल कैंसर का एक मुख्य कारण साबित हो सकता है। इसके अतिरिक्त कम उम्र में यौन गतिविधि में शामिल होना भी HPV संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। 
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी, तो भी एचआईवी/एड्स जैसी स्थितियां शरीर के संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम कर सकती हैं, जिसमें एचपीवी भी शामिल है।
  • धूम्रपान: तम्बाकू का सेवन स्क्वैमस सेल सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा हुआ है, जिससे यह वायरस फैल सकता है। 
  • ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का लंबे समय तक इस्तेमाल: लंबे समय तक इस दवा का सेवन करना सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को थोड़ा बढ़ा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

शुरुआती चरणों में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते है, इसलिए शुरुआती चरणों में इसका इलाज मिल पाना थोड़ा संभव नहीं हो पाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • योनि से असामान्य रक्तस्राव: यदि बिना कारण योनि से असामान्य रक्त हानि होती है, तो यह सर्वाइकल कैंसर का सबसे मुख्य लक्षण है। यह पीरियड्स और अन्य स्राव से अलग होता है। 
  • योनि से असामान्य तरल पदार्थ का निकलना: यदि योनि से असामान्य तरल पदार्थ निकलता है, जिसमें बलगम, रक्त या बदबू भी हो तो यह किसी गंभीर समस्या की तरफ इशारा करता है। 
  • पेल्विक में दर्द: यदि संभोग के दौरान या बाद में पेल्विक में दर्द में होता है, तो यह भी सर्वाइकल कैंसर का एक संभावित लक्षण होता है। 
  • पेशाब के दौरान दर्द: यदि पेशाब के दौरान दर्द होता है, तो यह दर्शाता है कि कोई संक्रमण आस-पास की ऊतकों में भी फैल रहा है। 

यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें क्योंकि यह सारे लक्षण सर्वाइकल कैंसर जैसे गंभीर समस्या से जुड़े हुए होते हैं। 

गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में बहुत सारी चीजें होती हैं, जिनका पालन रणनीति के तहत किया जाता है जैसे कि - 

  • एचपीवी टीकाकरण: सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए मुख्य रूप से गार्डासिल 9 जैसे टीका का उपयोग होता है। इस टीके का सुझाव अक्सर 11 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों में होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसे 45 वर्ष के लोगों में भी लगाया जा सकता है। 
  • नियमित जांच: पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद कैंसर की कोशिकाओं का पता चल सकता है। इस टेस्ट की मदद से प्रारंभिक इलाज जल्दी शुरू हो सकता है, जिससे कैंसर की प्रगति को धीमा या रोका जा सकता है। 
  • सुरक्षित यौन व्यवहार: प्रयास करें कि संभोग के दौरान निरोध या कंडोम का उपयोग करें। 
  • धूम्रपान बंद करना: धूम्रपान और शराब दोनों ही सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। 

हालांकि आपको यह समझना होगा कि इन उपायों से सर्वाइकल कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। इन उपायों के साथ-साथ टीकाकरण, नियमित जांच और पूर्ण इलाज की योजना आपको इस कैंसर से जीतने में मदद कर सकता है। इसलिए प्रयास करें कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए उचित टीकाकरण लें और अपने डॉक्टर की सभी बातों का पालन करें। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए कौन से परीक्षण उपलब्ध हैं?

प्राथमिक जांच परीक्षण के तौर पर निम्न टेस्ट किए जाते हैं - 

  • पैप स्मीयर (पैप टेस्ट): गर्भाशय ग्रीवा पर कैंसर से पहले या कैंसर कोशिकाओं का पता लगाया जाता है।
  • एचपीवी टेस्ट: गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से जुड़े उच्च जोखिम वाले एचपीवी उपभेदों की उपस्थिति की पहचान करता है।

21 वर्ष की आयु से महिलाओं के लिए नियमित जांच का सुझाव हम भी देते हैं। 

क्या HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह से रोक सकती है? 

HPV वैक्सीन सबसे आम कैंसर पैदा करने वाले ऊतकों को रोकने का कार्य करती है, जिससे इसके जोखिम को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है, लेकिन यह सभी जोखिमों को खत्म नहीं करती है। टीकाकरण के बाद भी नियमित जांच आवश्यक है। 

सर्वाइकल कैंसर किस उम्र में सबसे अधिक विकसित होता है? 

सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक 35 से 44 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं में विकसित होती है। हालांकि, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, जो एक महिला के पूरे जीवन में नियमित जांच के महत्व को दर्शाता है। 

क्या कोई घरेलू उपचार है, जो सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है? 

कोई भी घरेलू उपचार सर्वाइकल कैंसर को रोक नहीं सकता है। इसके लिए एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं, संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित व्यायाम भी करें। इसके साथ धूम्रपान और शराब से भी दूरी बनाएं।