सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो सीधे गर्भाशय ग्रीवा में ही विकसित होता है और उसे ही प्रभावित करता है। गर्भाशय ग्रीवा बच्चेदानी का भाग है, जो योनि से जोड़ा होता है।
दुनिया भर में कई महिलाएं इस आम कैंसर से प्रभावित होती हैं। चलिए इस ब्लॉग से हम इसके कारण, लक्षण और बचाव के बारे में सभी आवश्यक जानकारी इकट्ठा करते हैं, जिससे हम सब मिलकर इस खतरनाक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट से अभी मिलें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में बात करें और जानें।
सर्वाइकल कैंसर वह स्थिति है, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित रूप में वृद्धि होती है। समय के साथ यह कोशिकाएं ऐसे ऊतकों का निर्माण करती है, जो शरीर के दूसरे भाग में फैलने लगती हैं। इस स्थिति का समय पर निदान और इलाज कैंसर से मुक्ति दिला सकता है, अन्यथा इसके कारण बहुत सारी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
चलिए सबसे पहले समझते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है? सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है, जो कि एक यौन संचारित वायरस है। कई डॉक्टरों का मानना है कि HPV संक्रमण एक आम समस्या है और अक्सर यह अपने आप ठीक भी हो जाता है। लेकिन यदि यह संक्रमण फैल जाए या लगातार संक्रमण बना रहे, तो इसके कारण सर्वाइकल कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। निम्न जोखिम कारक हैं, जो इस वायरस के फैलने का मुख्य कारण साबित हो सकते हैं -
शुरुआती चरणों में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते है, इसलिए शुरुआती चरणों में इसका इलाज मिल पाना थोड़ा संभव नहीं हो पाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें क्योंकि यह सारे लक्षण सर्वाइकल कैंसर जैसे गंभीर समस्या से जुड़े हुए होते हैं।
सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में बहुत सारी चीजें होती हैं, जिनका पालन रणनीति के तहत किया जाता है जैसे कि -
हालांकि आपको यह समझना होगा कि इन उपायों से सर्वाइकल कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। इन उपायों के साथ-साथ टीकाकरण, नियमित जांच और पूर्ण इलाज की योजना आपको इस कैंसर से जीतने में मदद कर सकता है। इसलिए प्रयास करें कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए उचित टीकाकरण लें और अपने डॉक्टर की सभी बातों का पालन करें।
प्राथमिक जांच परीक्षण के तौर पर निम्न टेस्ट किए जाते हैं -
21 वर्ष की आयु से महिलाओं के लिए नियमित जांच का सुझाव हम भी देते हैं।
HPV वैक्सीन सबसे आम कैंसर पैदा करने वाले ऊतकों को रोकने का कार्य करती है, जिससे इसके जोखिम को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है, लेकिन यह सभी जोखिमों को खत्म नहीं करती है। टीकाकरण के बाद भी नियमित जांच आवश्यक है।
सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक 35 से 44 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं में विकसित होती है। हालांकि, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, जो एक महिला के पूरे जीवन में नियमित जांच के महत्व को दर्शाता है।
कोई भी घरेलू उपचार सर्वाइकल कैंसर को रोक नहीं सकता है। इसके लिए एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं, संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित व्यायाम भी करें। इसके साथ धूम्रपान और शराब से भी दूरी बनाएं।
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