सर्वाइकल कैंसर: शुरुआती लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

सर्वाइकल कैंसर: शुरुआती लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

Medical Oncology |by Dr. Namrata Gupta| Published on 03/03/2025

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर की महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है सर्वाइकल कैंसर या ग्रीवा कैंसर। हर प्रकार के कैंसर की सूची में यह चौथे नंबर का कैंसर है, जो मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में विकसित होती हैं, जो गर्भाशय का निचला हिस्सा यानी योनि से जुड़ा होता है।

हालांकि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन समय रहते इस समस्या की जांच और वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। यह ब्लॉग आपके लिए एक गाइड के रूप में कार्य करेगा, जिसकी मदद से आप इस रोग के लक्षण, कारण, स्टेज और बचाव के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। हालांकि गंभीर मामलों में इस ब्लॉग से कुछ खास मदद नहीं मिलेगी, जिसके इलाज के लिए आप बिना देर किए अनुभवी कैंसर विशेषज्ञ से मिलें और परामर्श लें।

सर्वाइकल कैंसर क्या है?

महिलाओं के शरीर में ग्रीवा कैंसर की शुरुआत तब होती है, जब शरीर में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण गर्भाशय ग्रीवा में अनियंत्रित रूप से होने लगता है। सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) से होने वाला संक्रमण है, जो कि एक आम यौन संचारित रोग है।

यह बात सत्य है कि HPV एक आम संक्रमण है, लेकिन सारे HPV के मामले सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित नहीं होते हैं। जब शरीर संक्रमण को साफ करने में विफल रहता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित हो जाता है।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के चरण

सर्वाइकल कैंसर को मुख्य रूप से चार चरणों में बांटा गया है - 

  • स्टेज 0 (कार्सिनोमा इन सीटू): इस स्थिति में बच्चेदानी के आस-पास असामान्य कोशिकाएं मौजूद होती हैं, लेकिन यह फैलती नहीं है।
  • स्टेज 1: इस स्टेज में कैंसर बच्चेदानी तक ही सीमित रहती है।
  • स्टेज 2: कैंसर बच्चेदानी के आस-पास के ऊतकों तक फैल जाता है, लेकिन श्रोणि की दीवार तक नहीं आता है।
  • स्टेज 3: इस स्टेज में कैंसर श्रोणि की दीवार या योनि के निचले भाग तक फैल जाता है।
  • स्टेज 4: इस स्टेज में कैंसर फेफड़े या लिवर जैसे दूर अंगों तक फैल जाता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

सर्वाइकल कैंसर का जल्द निदान बहुत आवश्यक है, क्योंकि इसके शुरुआती चरण में लक्षण अक्सर नजर नहीं आते। हालांकि, जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, इसके कुछ लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं। फिर भी, कुछ लक्षण शुरुआती चरण में भी देखे जा सकते हैं, जैसे कि -

  • योनि से असामान्य रक्त हानि (जो यौन संबंध स्थापित करने और पीरियड्स के बीच में आए)।
  • पेल्विक क्षेत्र में दर्द या बेचैनी होना।
  • योनि से दुर्गंध युक्त खून निकलना।
  • संभोग के दौरान दर्द (डिस्पेरुनिया)।

हालांकि इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं, जो बताते हैं कि स्थिति आधुनिक चरण में जा चुकी हैं जैसे कि - 

  • वजन कम होना और थकान होना।
  • पैरों में सूजन।
  • पेशाब करने में कठिनाई या पेशाब में खून आना।
  • पेल्विक या पीठ में क्रॉनिक दर्द होना।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

ग्रीवा कैंसर क्यों होता है? 

सर्वाइकल कैंसर के प्राथमिक कारण HPV संक्रमण से जुड़े हैं। हालांकि, कई जोखिम कारक एक महिला में इस कैंसर के विकसित होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं जैसे कि -

  • HPV संक्रमण: सर्वाइकल कैंसर के सभी कारणों में से HPV संक्रमण एक मुख्य जोखिम कारक है। 99% से अधिक सर्वाइकल कैंसर के मामलों का कारण HPV-16 और HPV-18 संक्रमण है।
  • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली: HIV/AIDS या लंबे समय तक इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी जैसी प्रक्रिया कराने वालों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसके कारण ग्रीवा कैंसर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • धूम्रपान: सिगरेट में कुछ कार्सिनोजेन्स तत्व होते हैं, जो ग्रीवा में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे HPV संक्रमण की अधिक संभावना होती है। 
  • कई यौन साथी के साथ संपर्क में आना:  यदि आप कई साथियों के साथ यौन संबंध स्थापित करते हैं, तो भी HPV संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। 
  • कम उम्र में ही यौन गतिविधि: यदि आप कम उम्र में ही यौन गतिविधियों में लिप्त रहती हैं, तो भी आप इस प्रकार के कैंसर के दायरे में आ सकती हैं।
  • गर्भनिरोधक गोलियों का दीर्घकालिक उपयोग: रिसर्च से यह सामने आया है कि 5+ वर्षों तक लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रहे हैं, तो भी आप सर्वाइकल कैंसर के चपेट में आ सकती हैं।
  • स्क्रीनिंग और टीकाकरण की कमी: जो महिलाएं पैप टेस्ट या एचपीवी टीकाकरण नहीं करवाती हैं, वह भी इस रोग के खतरे के दायरे में आती हैं।

ग्रीवा कैंसर को रोकने के प्रभावी तरीके

अच्छी खबर यह है कि सर्वाइकल कैंसर का निदान यदि शुरुआती चरणों में हो जाए, तो इस स्थिति को आसानी से रोका जा सकता है। निम्न उपायों का पालन करने से ग्रीवा कैंसर से आसानी से बचा जा सकता है - 

  • 9 से 14 वर्ष की महिलाओं के लिए HPV वैक्सीन आवश्यक होता है, जो 26 वर्ष तक की महिलाओं के लिए प्रभावी होती हैं। हालांकि कुछ मामलों में, 45 वर्ष तक की महिलाएं भी इस वैक्सीन को लगवा सकती हैं।
  • नियमित स्क्रीनिंग और पैप स्मीयर टेस्ट से इस स्थिति का पता चल सकता है। 21-65 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर 3 साल में पैप टेस्ट करवाना चाहिए। यदि आपकी उम्र 30 से अधिक है, तो आप HPV टेस्ट भी करा सकती हैं।
  • HPV संक्रमण से बचने का सबसे उपयुक्त उपाय है, यौन संबंध स्थापित करने के लिए निरोध (कंडोम) का उपयोग कर सकते हैं।
  • धूम्रपान से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। इसलिए धूम्रपान छोडें, जिससे एचपीवी संक्रमण से लड़ने में बहुत मदद मिलती है।
  • अपने आहार में फल, सब्जियां और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके अतिरिक्त स्वस्थ आदतों को अपनाएं।

निष्कर्ष

ग्रीवा का कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिसके रोकथाम और इलाज के लिए प्रभावी विकल्प इस ब्लॉग से मिल जाएंगे। नियमित जांच, HPV टीकाकरण और जीवनशैली में बदलाव सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आपको ग्रीवा के कैंसर के कोई भी शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। समय रहते पता लगने से जान बचाई जा सकती है! सर्वाइकल कैंसर से खुद को बचाने के लिए सूचित रहें, टीका लगवाएं और नियमित जांच को प्राथमिकता दें!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

 

क्या गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का इलाज संभव है?

हां! यदि शुरुआती चरणों में इस स्थिति का पता चल जाए, तो ग्रीवा के कैंसर का इलाज संभव है। शुरुआती चरणों में इलाज के लिए आपको बस अपने डॉक्टर की बात का पालन करना होगा।

HPV वैक्सीन किस उम्र में लेनी चाहिए?

HPV वैक्सीन के लिए आदर्श उम्र 9-14 वर्ष है। हालांकि, व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर इसे 26-45 वर्ष तक भी लगाया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर की जांच कब और कितनी बार करवानी चाहिए?

महिलाओं को 21 साल की उम्र में पैप स्मीयर टेस्ट शुरू कर देना चाहिए और हर 3 साल में इसे कराना चाहिए। 30 के बाद, वह हर 5 साल में HPV टेस्ट करा सकती हैं

क्या सर्वाइकल कैंसर के दौरान गर्भधारण संभव है?

यदि सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती चरणों में पता चल जाए, तो गर्भधारण अभी भी संभव है। हालांकि, गंभीर मामलों में इलाज के लिए हिस्टेरेक्टॉमी की आवश्यकता हो सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

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