महिलाओं के शरीर में ग्रीवा कैंसर की शुरुआत तब होती है, जब शरीर में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण गर्भाशय ग्रीवा में अनियंत्रित रूप से होने लगता है। सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) से होने वाला संक्रमण है, जो कि एक आम यौन संचारित रोग है।
यह बात सत्य है कि HPV एक आम संक्रमण है, लेकिन सारे HPV के मामले सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित नहीं होते हैं। जब शरीर संक्रमण को साफ करने में विफल रहता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित हो जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर की महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है सर्वाइकल कैंसर या ग्रीवा कैंसर। हर प्रकार के कैंसर की सूची में यह चौथे नंबर का कैंसर है, जो मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में विकसित होती हैं, जो गर्भाशय का निचला हिस्सा यानी योनि से जुड़ा होता है।
हालांकि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन समय रहते इस समस्या की जांच और वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। यह ब्लॉग आपके लिए एक गाइड के रूप में कार्य करेगा, जिसकी मदद से आप इस रोग के लक्षण, कारण, स्टेज और बचाव के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। हालांकि गंभीर मामलों में इस ब्लॉग से कुछ खास मदद नहीं मिलेगी, जिसके इलाज के लिए आप बिना देर किए अनुभवी कैंसर विशेषज्ञ से मिलें और परामर्श लें।
महिलाओं के शरीर में ग्रीवा कैंसर की शुरुआत तब होती है, जब शरीर में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण गर्भाशय ग्रीवा में अनियंत्रित रूप से होने लगता है। सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) से होने वाला संक्रमण है, जो कि एक आम यौन संचारित रोग है।
यह बात सत्य है कि HPV एक आम संक्रमण है, लेकिन सारे HPV के मामले सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित नहीं होते हैं। जब शरीर संक्रमण को साफ करने में विफल रहता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर में परिवर्तित हो जाता है।
सर्वाइकल कैंसर को मुख्य रूप से चार चरणों में बांटा गया है -
सर्वाइकल कैंसर का जल्द निदान बहुत आवश्यक है, क्योंकि इसके शुरुआती चरण में लक्षण अक्सर नजर नहीं आते। हालांकि, जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, इसके कुछ लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं। फिर भी, कुछ लक्षण शुरुआती चरण में भी देखे जा सकते हैं, जैसे कि -
हालांकि इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं, जो बताते हैं कि स्थिति आधुनिक चरण में जा चुकी हैं जैसे कि -
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
सर्वाइकल कैंसर के प्राथमिक कारण HPV संक्रमण से जुड़े हैं। हालांकि, कई जोखिम कारक एक महिला में इस कैंसर के विकसित होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं जैसे कि -
अच्छी खबर यह है कि सर्वाइकल कैंसर का निदान यदि शुरुआती चरणों में हो जाए, तो इस स्थिति को आसानी से रोका जा सकता है। निम्न उपायों का पालन करने से ग्रीवा कैंसर से आसानी से बचा जा सकता है -
ग्रीवा का कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिसके रोकथाम और इलाज के लिए प्रभावी विकल्प इस ब्लॉग से मिल जाएंगे। नियमित जांच, HPV टीकाकरण और जीवनशैली में बदलाव सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आपको ग्रीवा के कैंसर के कोई भी शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। समय रहते पता लगने से जान बचाई जा सकती है! सर्वाइकल कैंसर से खुद को बचाने के लिए सूचित रहें, टीका लगवाएं और नियमित जांच को प्राथमिकता दें!
हां! यदि शुरुआती चरणों में इस स्थिति का पता चल जाए, तो ग्रीवा के कैंसर का इलाज संभव है। शुरुआती चरणों में इलाज के लिए आपको बस अपने डॉक्टर की बात का पालन करना होगा।
HPV वैक्सीन के लिए आदर्श उम्र 9-14 वर्ष है। हालांकि, व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर इसे 26-45 वर्ष तक भी लगाया जा सकता है।
महिलाओं को 21 साल की उम्र में पैप स्मीयर टेस्ट शुरू कर देना चाहिए और हर 3 साल में इसे कराना चाहिए। 30 के बाद, वह हर 5 साल में HPV टेस्ट करा सकती हैं
यदि सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती चरणों में पता चल जाए, तो गर्भधारण अभी भी संभव है। हालांकि, गंभीर मामलों में इलाज के लिए हिस्टेरेक्टॉमी की आवश्यकता हो सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
Written and Verified by:
Dr. Tripti Dadhich is Additional Director at Rukmani Birla Hospital, Jaipur. Dr. Tripti completed her MBBS & M.S. in (Obst. & Gynec) from S.P. Medical College, Bikaner. She is among the best Gynecologist in Jaipur and specialist in High Risk Pregnancy, Infertility, IVF Services.
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