सर्दियों में माइग्रेन क्यों बढ़ता है? जानें कारण और समाधान
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सर्दियों में माइग्रेन क्यों बढ़ता है? जानें कारण और समाधान

Summary

सर्दियों का मौसम बहुत लोगों को भाता है, लेकिन यह कई बीमारियों को भी यह साथ लेकर आता है जैसे कि खांसी, माइग्रेन, जुकाम, इत्यादि। इस ब्लॉग में हम सर्दियों और माइग्रेन के बीच के संबंध, लक्षण और इससे बचने के अचूक उपायों के बारे में बात करने वाले हैं। माइग्रेन का इलाज तभी संभव है, जब आप धैर्य से इलाज कराएं।

सर्दियों का मौसम बहुत लोगों को भाता है, लेकिन यह कई बीमारियों को भी यह साथ लेकर आता है जैसे कि खांसी, माइग्रेन, जुकाम, इत्यादि। इस ब्लॉग में हम सर्दियों और माइग्रेन के बीच के संबंध, लक्षण और इससे बचने के अचूक उपायों के बारे में बात करने वाले हैं। माइग्रेन का इलाज तभी संभव है, जब आप धैर्य से इलाज कराएं। इलाज के लिए एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।

सर्दियों में माइग्रेन के लक्षण अन्य मौसमों की तुलना में कैसे अलग होते हैं?

सर्दियों में माइग्रेन की समस्या अधिक प्रभावी होती है। इसमें लक्षण और भी अधिक तीव्र या अलग होते हैं। चलिए माइग्रेन के सभी लक्षणों के बारे में विस्तार से समझते हैं - 

  • अधिक तीव्र माइग्रेन का दर्द होना: ठंड के मौसम में सिर की रक्त वाहिकाएं भी सिकुड जाती हैं, जिसके कारण सिर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसकी वजह से माइग्रेन की समस्या ट्रिगर करती है। इसमें आंखों के आस-पास दबाव, गंभीर माइग्रेन सिरदर्द और बेचैनी की समस्या उत्पन्न होती है।
  • साइनस और सर्दी से संबंधित समस्याएं: सर्दियों में साइनस संक्रमण (साइनसाइटिस) और नाक बंद होना आम बात है, जो माइग्रेन को ट्रिगर या खराब कर सकता है। इस स्थिति में माथे, आंख के पीछे या इसके आस-पास दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 
  • कम धूप और विटामिन डी की कमी: सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और धूप भी कम लगती है, जिससे विटामिन डी की कमी शरीर में होती है। इसके साथ-साथ थकान, सुस्ती और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। 
  • अचानक मौसम में बदलाव और ठंडी हवाओं के कारण दर्द: तापमान का अचानक से गिरना और तेज हवाओं के संपर्क में आना माइग्रेन के दौरे की तरफ इशारा करता है। ठंड के कारण माइग्रेन पेन ट्रिगर होता है। 
  • डिहाइड्रेशन:सर्दियों में हवा सूख जाती है, जिसके कारण डिहाइड्रेशन होता है, जो कि माइग्रेन का एक मुख्य ट्रिगर कारक है। डिहाइड्रेशन के कारण बार-बार सिर दर्द की समस्या हो सकती है।
  • बढ़ा हुआ तनाव और अनियमित नींद: सर्दियों में माइग्रेन की स्थिति में नींद के समय में अनियमितता आती है। वहीं दूसरी तरफ ठंड के कारण शारीरिक तनाव और थकान माइग्रेन के लक्षणों को बढ़ावा देते हैं।

सर्दियों में माइग्रेन के अन्य लक्षण

  • सोचने, बोलने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना
  • मतली या उल्टी
  • नाक बंद होना
  • प्रकाश, ध्वनि और गंध के प्रति संवेदनशीलता
  • वजन बढ़ना या सुस्ती महसूस होना

सर्दियों में माइग्रेन का उपचार

सर्दियों में होने वाले माइग्रेन का इलाज आसानी से संभव है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का सावधानी से पालन करना होगा जैसे कि - 

  • अंधेरे, शांत कमरे में आराम करें, जिसकी मदद से माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • प्रयास करें कि सिर या गर्दन के पिछले भाग पर ठंड या गर्म सेक लगाएं। 
  • बिना डॉक्टर के परामर्श लिए किसी भी प्रकार की दवा का सेवन न करें। यदि दर्द की दवा आपको खानी भी है, तो इस संबंध में डॉक्टर से बात ज़रूर करें। 
  • नियमित नींद और हाइड्रेटेड रहना इलाज का मुख्य स्तंभ है। 
  • ह्यूमिडिफायर से आपको काफी मदद मिल सकती है। 
  • नियमित व्यायाम जैसे कि एरोबिक्स, तेज चलना, या स्विमिंग आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकते हैं। 

ठंड के मौसम में होने वाले माइग्रेन को रोकने के लिए व्यक्तिगत कारण, माइग्रेन के प्रकार और इसके लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। माइग्रेन की समस्या का इलाज घर पर बिना किसी विशिष्ट इलाज की योजना बनाए किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में इलाज की आवश्यकता अधिक होती है जैसे कि - 

  • बार-बार या गंभीर सिर दर्द हो जिससे दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो। 
  • ठंड के मौसम में माइग्रेन की समस्या दवाओं के सेवन के बाद भी आराम न हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। 

अगर इन माइग्रेन लक्षणों के साथ-साथ दृष्टि संबंधी समस्याएं भी है और बोलने में भी कठिनाई है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और परामर्श ज़रूर लें। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सर्दियों में कम धूप से माइग्रेन पर असर पड़ता है?

हां, सर्दियों में कम धूप से विटामिन डी की कमी होती है और इससे व्यवहार में भी भारी बदलाव देखने को मिलता है। सूरज की रोशनी के कारण सेरोटोनिन के स्तर में भी बहुत बदलाव आता है, जो माइग्रेन के लक्षणों को खराब कर सकता है।

माइग्रेन में क्या खाना चाहिए?

माइग्रेन के दौरान, केले, नट्स, पत्तेदार साग और साबुत अनाज जैसे हल्के, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ खाएं। मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन भी आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

माइग्रेन में कौन से योग करना चाहिए?

माइग्रेन की स्थिति में बालासन, अधो मुख श्वानासन और शवासन जैसे योगासन करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ-साथ मेडिटेशन और अनुलोम विलोम भी आपके सेहत के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। 

माइग्रेन के लिए घरेलू उपचार क्या है?

माइग्रेन का रामबाण इलाज निम्न घरेलू उपचारों से संभव है - 

  • माथे पर ठंडी सेंक लगाएं
  • सूजन और मतली को कम करने के लिए अदरक की चाय पीएं
  • पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक पीएं

इसके अतिरिक्त कुछ उपायों को ऊपर ब्लॉग में भी बताया गया है, जिनसे आपको भी लाभ मिलेगा।

Written and Verified by:

Dr. Ajay Aggarwal

Dr. Ajay Aggarwal

Consultant - Neurosurgery Exp: 25 Yr

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Dr. Ajay Aggarwal is a Consultant in Neurosurgery Dept. at CMRI Hospital, Kolkata. He specializes in brain and spine surgery, including tumors, strokes, congenital conditions, and degenerative disorders.

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