Orthopedics & Joint Replacement | by Dr. Rakesh Rajput | Published on 25/10/2024
वर्तमान में आर्थ्रोस्कोपी या घुटने की सर्जरी के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। विशेष रूप से घुटने की सर्जरी जैसे जोड़ों की समस्या के लिए यह सर्जरी बहुत ज्यादा आम है। आर्थ्रोस्कोपी एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें रोगी को पूर्ण रूप से रिकवर होने में कम समय लगता है, जिससे दर्द कम होता है और दैनिक गतिविधियों को आप जल्द से जल्द कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले आपको उस सर्जरी के बारे में सभी जानकारी पता होनी चाहिए जैसे कि इसके लाभ, रिकवरी का समय, इत्यादि।
इस ब्लॉग में हम आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी की वह सभी जानकारी प्राप्त करेंगे, जिससे आपको इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। यह ब्लॉग आपके लिए एक मेडिकल गाइड की तरह काम करता है, जिससे आपको आर्थ्रोस्कोपी या घुटने की सर्जरी के संबंध में वह सभी जानकारी मिल जाएगी, जो आपको पता होनी चाहिए। लेकिन रोग के निदान और उपचार के लिए हम आपको एक हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने का सुझाव देंगे।
सरल शब्दों में कहा जाए तो आर्थोस्कोपी सर्जरी घुटनों का ऑपरेशन है, जिसमें आर्थोपेडिक सर्जन जॉइंट की समस्याओं का इलाज करते हैं। आर्थोस्कोपिक सर्जरी एक आधुनिक सर्जरी है, जिसमें ट्रेडिशनल ओपन सर्जरी में पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में छोटा चीरा लगाया जाता है।
जैसा कि हमने आपको बताया है कि इस सर्जरी में एक छोटा सा कट लगाया जाता है और एक दूरबीन में कैमरा भी लगा होता है। कैमरे की मदद से घुटने की सर्जरी सटीकता से हो पाती है, जो ट्रेडिशनल ओपन सर्जरी में हो पाना संभव नहीं हो पाता है।
आर्थोस्कोपी सर्जरी जॉइंट की सर्जरी है, लेकिन मुख्य रूप से इस सर्जरी को घुटने की सर्जरी के रूप में ही किया जाता है। कंधे, कूल्हों, टखने, कलाई और कोहनी जैसे जॉइंट पर भी इस सर्जरी का उपयोग होता है। आपको यह भी समझना होगा कि tkr सर्जरी (टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी) आर्थोस्कोपी सर्जरी से बहुत अलग है। tkr सर्जरी में पूरे घुटने को ही बदल दिया जाता है, वहीं आर्थोस्कोपी सर्जरी में क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत की जाती है।
आर्थोस्कोपिक सर्जरी की सलाह डॉक्टर हड्डियों के जॉइंट में होने वाली समस्या के लिए देते हैं। मुख्य रूप से फिजिकल थेरेपी, दवाएं या इंजेक्शन जैसे गैर-सर्जिकल उपचारों से जब जॉइंट की समस्या का इलाज नहीं होता है, तो आर्थोस्कोपिक सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। आर्थोस्कोपिक सर्जरी से इलाज की जाने वाली कुछ सामान्य स्थितियां इस प्रकार है -
कुल मिला कर घुटने के ऑपरेशन का सुझाव तभी दिया जाता है, जब आपको घुटनों में ऐसी समस्या हो जाए, जिससे अपरिवर्तनीय नुकसान हो जाए, तो घुटने के ऑपरेशन का सुझाव दिया जाता है।
आर्थोस्कोपी सर्जरी के दौरान क्या होता है? इस प्रश्न का उत्तर पेशेंट के कई चिंताओं को खत्म कर सकता है। आमतौर पर सर्जरी में निम्न चरण शामिल होते हैं -
यह एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है और मुख्य रूप से आर्थोस्कोपी सर्जरी में इसी सर्जिकल प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इस सर्जरी के बाद पेशेंट को दर्द भी कम होता है।
आर्थोस्कोपिक सर्जरी के कई लाभ हैं, जिन्हें समझना और आपको जानना बेहद ज़रूरी है जैसे कि -
आर्थोस्कोपिक सर्जरी की मदद से कई जॉइंट संबंधित समस्याओं के इलाज में मदद मिलती है। एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श और इलाज आपकी मदद कर सकते हैं। घुटने का ऑपरेशन एक बड़ी सर्जरी है, जिसके बाद खास ख्याल रखना बहुत ज्यादा जरूरी है।
यदि आप जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं या आपको सर्जरी के लिए डॉक्टर ने बोला है, तो इसके लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक अनुभवी आर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श लें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
आर्थोस्कोपिक सर्जरी के बाद रिकवरी इलाज किए गए जॉइंट और प्रक्रिया की जटिलता के आधार पर भिन्न हो सकती है। कुछ मामलों में आप 1 से 2 सप्ताह के भीतर ही ठीक हो जाएंगे, वहीं कुछ मामलों में आपको महीना भी लग सकता है।
आमतौर पर ऑपरेशन के बाद का दर्द हल्का से मध्यम तीव्रता का होता है, जो कुछ दिनों में ठीक भी हो जाता है। इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं भी देते हैं, जिन्हें समय पर लेना बहुत जरूरी होता है।
हां, आर्थोस्कोपी सर्जरी एक सुरक्षित एवं प्रभावी सर्जरी है, जिसमें जटिलताओं का जोखिम भी बहुत कम होता है। यदि कोई जटिलता भी उत्पन्न होती है, जैसे संक्रमण, रक्त हानि या नसों या रक्त वाहिकाओं को नुकसान तो तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें।
तेजी से और सफलतापूर्वक रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए, ऑपरेशन के बाद इन सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है -