गठिया का अर्थ होता है जोड़ों में सूजन। इस ब्लॉग के द्वारा हम गठिया रोग के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
मानव शरीर में बहुत सारे जोड़ होते हैं और गठिया शरीर में उन्हीं जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न की स्थिति है। सामान्यतः यह स्थिति सुबह के समय ही उत्पन्न होती है। गठिया के कारण व्यक्ति का दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित होता है। यह उम्र, चोट और संक्रमण के कारण व्यक्ति को परेशान कर सकता है। यदि इस रोग का इलाज समय पर नहीं होता है, तो व्यक्ति का दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। गठिया की शिकायत होने पर तुरंत अपने रूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें। इस ब्लॉग के द्वारा हम गठिया रोग के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
सरल और आसान भाषा में कहा जाए तो गठिया का अर्थ होता है जोड़ों में सूजन। सूजन के साथ साथ दर्द, लालिमा और उस स्थान पर गर्माहट इस स्थिति के कुछ सामान्य लक्षण है। हड्डी के जोड़ के सूजन को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है। इस रोग से दुनियाभर के करोड़ों लोग परेशान है। आमतौर पर बुजुर्ग वर्ग को यह रोग सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और वर्तमान में जीवन शैली बहुत ज्यादा खराब हो गई है, जिसके कारण अब युवा बच्चे भी इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग सहित अन्य क्रॉनिक डिजीज वाले लोगों में गठिया एक आम समस्या है। इस रोग की शुरुआत शरीर के किसी भी जोड़ से हो सकती है और समय के साथ यह शरीर के बाकी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है।
गठिया के लक्षण प्रकार के आधार पर निर्भर करते हैं। चलिए सबसे पहले गठिया के प्रकार के बारे में जानते हैं -
नीचे दी गई टेबल की सहायता से गठिया के प्रकार के साथ साथ उनके लक्षण और जांच के लिए की जाने वाले नैदानिक परीक्षण के बारे में आपको पूर्ण जानकारी मिलेगी -
रोग का नाम |
आयु |
लक्षण |
नैदानिक परीक्षण |
ऑस्टियोआर्थराइटिस |
50 साल से अधिक उम्र |
हाथ, गर्दन, पीठ के निचले भाग, घुटनों या कूल्हों के जोड़ों का दर्द सबसे आम लक्षण है। |
लक्षणों के आधार पर डॉक्टर एक्स-रे और एमआरआई का सुझाव दे सकते हैं। |
रूमेटाइड आर्थराइटिस |
20-70 साल |
रूमेटाइड गठिया जोड़ों के अस्तर को प्रभावित करता है, जिससे रोगी को जोड़ों में दर्द के साथ सूजन का सामना करना पड़ता है। |
लक्षणों की जांच के साथ आरए ब्लड टेस्ट, स्कैन और जोड़ों की परीक्षण |
एंकिलोसिंग स्पोंडिलोसिस |
15–40 साल |
गर्दन में दर्द और थकान, रीढ़ की गतिशीलता में कमी, छाती का विस्तार, बिना कारण वजन कम होना, बुखार,नितंब और जांघ में दर्द, कूल्हों में गठिया, इत्यादि। |
कुछ परीक्षण का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं जैसे एमआरआई स्कैन, एक्स – रे, सीआरपी और ईएसआर की जांच के लिए रक्त परीक्षण, एचएलए – बी 27, स्कॉबेर एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस टेस्ट। |
फाइब्रोमायल्जिया |
20-50 साल |
सबसे ज्यादा महिलाएं इस रोग से परेशान होती हैं। थकान, दर्द, सोने में समस्या, सिरदर्द और माइग्रेन, खराब पेट, याद रखने में समस्या और एकाग्रता में कमी, संवेदनशील त्वचा और चकत्ते इस रोग के कुछ सामान्य लक्षण है। |
इस स्थिति के निदान के लिए कोई भी परीक्षण नहीं है। कुछ लक्षणों की सहायता से इस स्थिति का निदान संभव है, लेकिन पुष्टि के लिए दूसरे प्रकार के गठिया की जांच की जाती है। |
प्रणालीगत ल्यूपस एरिथेमेटोसस [एसएलई] |
2-40 साल |
हर व्यक्ति के अनुसार लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन इनमें थकान, जोड़ों का दर्द, दाने और बुखार जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। समय के साथ स्थिति गंभीर हो सकती है। |
गठिया के निदान के लिए जिन परीक्षण का प्रयोग होता है उसी से इस स्थिति का भी इलाज संभव होता है। स्टेरॉयड के लंबे डोज के द्वारा इस स्थिति का इलाज किया जाता है। |
प्रतिक्रियाशील गठिया |
16-50 साल |
घुटनों, टखनों और पैरों के जोड़ों में दर्द और जकड़न इस स्थिति के कुछ लक्षण है। |
चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के साथ एचएलए-बी 27, बैक्टीरियल कल्चर, के साथ एक्स-रे, रूमेटॉइड फैक्टर (आरएफ) और एंटीसाइक्लिक साइट्रुलिनेटेड पेप्टाइड (एंटी-सीसीपी) एंटीबॉडी परीक्षण है। |
गाउट |
50 साल या उससे ज्यादा |
आमतौर पर बुजुर्ग पुरुषों में यह समस्या आम है। गाउट के लक्षणों में जोड़ों में गंभीर दर्द, लालिमा और सूजन शामिल है, जो अक्सर बड़े पैर की अंगुली में होता है। |
लक्षणों की पहचान के साथ शारीरिक जांच, एक्स-रे और लैब टेस्ट (यूरिक एसिड टेस्ट) से इस रोग का निदान संभव है। |
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि ऐसा कोई भी तरीका नहीं है जिससे गठिया की समस्या जड़ से खत्म हो जाए। गठिया एक ऐसी समस्या है, जिसका समय पर इलाज बेहद ज़रूरी है। यदि ऐसा होता है तो स्थिति नियंत्रित रहती है और हालात को बदतर होने से रोका जा सकता है। दो तरीकों से गठिया का इलाज संभव है -
इसके अतिरिक्त जाॅइंट फ्यूजन सर्जरी भी इस स्थिति में उपयोगी साबित हो सकती है। कुछ अन्य विकल्प भी हैं, जो गठिया के इलाज में मदद कर सकते हैं, जैसे कि एक्यूपंचर, योग, मालिश, व्यायाम।
बचाव के मामले में व्यक्ति को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो इससे गठिया से बचाव में बहुत मदद मिलेगी। उचित आहार के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवनशैली आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
गठिया में यह खाएं
गठिया में इन्हें करें परहेज
यदि आप हमारे रूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो वह शारीरिक परीक्षण से जांच शुरू करते हैं और स्थिति का आकलन करते हैं। आवश्यकता के अनुसार कुछ परीक्षण का सुझाव हमारे डॉक्टर देते हैं जैसे -
Written and Verified by:
Dr. Debaditya Roy is a Consultant in Rheumatology Dept. at CMRI, Kolkata, with over 10 years of experience. He specializes in managing autoimmune and connective tissue disorders, including rheumatoid arthritis, lupus, vasculitis, and myositis.
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