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प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

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प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

Obstetrics and Gynaecology | by Dr. Syed Monajatur Rahman | Published on 10/01/2024



मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। इस दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक बदलाव का सामना करती हैं, जिसके कारण डॉक्टर उन्हें कम से कम शुरुआती 12 सप्ताह तक संतुलित आहार के सेवन की सलाह देते हैं। एनसीबीआई के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन रोजाना से 300 से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के दौरान सही केयर स्वस्थ संतान के जन्म में मददगार साबित हो सकता है। हमारे विशेषज्ञ प्रेगनेंसी केयर में आपकी सहायता कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं।

प्रेगनेंसी में संतुलित आहार का महत्व

प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सामान्यतः महिलाओं के मन में गर्भावस्था के संबंध में कुछ सवाल होते हैं, जिनके जवाब हम इस ब्लॉग से देने वाले हैं जैसे - 

  • प्रेगनेंसी में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए
  • गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए
  • प्रेगनेंसी में कोनसा फ्रूट नहीं खाना चाहिए
  • गर्भवती महिला को कौन सा फल नहीं खाना चाहिए
  • प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए

इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम इस ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। सबसे पहले यहां एक बात समझने की आवश्यकता है कि संतुलित आहार भ्रूण के विकास के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में फल, हरी सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स (पास्ता और आलू), प्रोटीन (दाल, अंडा, मांस, दूध और दही के अलावा अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स) और स्वस्थ वसा शामिल करना चाहिए।

गर्भावस्था में ज़रूरी पोषक तत्व

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के आहार में कुछ आवश्यक विटामिन या पोषक तत्व ज़रूर होने चाहिए। इससे भ्रूण और बच्चों का विकास अच्छे से होता है। यदि गर्भवती मां सभी आवश्यक तत्वों का सेवन करती है, तो बच्चों में जन्मजात विकारों का खतरा भी कम हो जाता है। 

यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान खानपान पर ध्यान नहीं देता है तो इसके कारण शिशु को नुकसान हो सकता है। गर्भावस्था में निम्न आवश्यक तत्व जरूर होने चाहिए -

  • मल्टी विटामिन
  • कार्बोहाइड्रेट
  • प्रोटीन
  • कैल्शियम
  • आयोडीन
  • फोलिक एसिड
  • आयरन

प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए

प्रेगनेंसी में खाने पीने का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि स्वस्थ और संतुलित आहार प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है और स्वस्थ संतान की प्राप्ति में मदद करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाएं -

  • अधिक फाइबर: प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होना एक आम स्थिति है। इस दौरान अपने पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए उन्हें अपने आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। क्योंकि इससे गैस या कब्ज होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। 
  • हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तियों वाली सब्जी के सेवन की सलाह दी जाती है। पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली उनके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। चलिए अब बात करते हैं कि प्रेगनेंसी में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए। बैंगन, कच्ची सब्जियों और करेला गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • डेयरी प्रोडक्ट्स: डेयरी प्रोडक्ट्स गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होते हैं। दूध, छाछ, दही और घी प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं।
  • फल और उनके रस का सेवन करें: ताजे फल और उनका रस प्रेगनेंसी में मां और बच्चे, दोनों के स्वस्थ रखने में लाभकारी साबित होगा। सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और उसका रस गुणकारी है और स्वस्थ संतान होने में मदद करता है। इससे आपको एक और प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा कि गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए। लेकिन पपीता, अनानास और अंगूर से गर्भवती महिलाओं को दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
  • सूखा मेवा खाएं: प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बहुत लाभकारी होगा। बादाम, अखरोट और काजू को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह कई तरह के विटामिन, कैलोरी, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसकी आवश्यकता मां और बच्चे दोनों को होती है।
  • अंडे खाएं: अंडा एक पौष्टिक आहार है। अंडे में प्रोटीन, बायोटिन, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन-डी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो एक प्रेग्नेंट महिला के लिए आवश्यक है।
  • होल ग्रेन: होल ग्रेन जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस और किनोआ को गर्भवती महिलाएं अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी में इन बातों का रखें खास ध्यान

प्रेगनेंसी में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे स्वस्थ संतान की संभावना प्रबल होती हैं - 

  • अधिक मात्रा में पानी पीएं: दिन में कम से कम चार लीटर पानी पीएं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते रहते हैं। 
  • स्वयं दवा का सेवन न करें: यदि आप स्वयं प्रेगनेंसी से संबंधित किसी भी दवा का सेवन करते हैं, तो यह आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर के सुझाव के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके साथ-साथ प्रेगनेंसी की जांच जरूर करवाएं। 
  • कैफीन से दूरी कैसे बनाएं: गर्भवती महिलाओं को चाय, चॉकलेट और कॉफी से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। इससे हृदय गति और रक्त संचार में तेजी आती है, जिसके कारण महिला को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 
  • शराब से दूर रहें: सामान्यतः शराब का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इसके अतिरिक्त किसी भी मादक पदार्थ का सेवन भी प्रेगनेंसी में जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है।
  • कच्चा पपीता न खाएं: कच्चे पपीते के सेवन से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए क्योंकि उसमें एक रसायन होता है जिसके कारण भ्रूण को नुकसान हो सकता है। 
  • अंकुरित पदार्थ न खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान अंकुरित पदार्थ का सेवन भी नहीं करना चाहिए। साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया उन अंकुरित पदार्थ में होते हैं, जिसके कारण महिला को फूड पॉइज़निंग की समस्या हो सकती है और प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • कच्चे मांस का सेवन न करें: कच्चा मांस गर्भपात की समस्या को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों को बिना धोए प्रयोग न करें।
  • व्यायाम करें: हल्का फुल्का व्यायाम आवश्यक है। पहले के समय में गर्भवती महिलाओं को घर के सारे काम करने की सलाह दी जाती थी। इसके अतिरिक्त यूटीआई के संबंध में भी डॉक्टर कुछ खास प्रकार के व्यायाम की सलाह देते हैं। 
  • थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच करवाते रहें: हाइपोथायराइड की स्थिति में मिसकैरेज होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसी स्थिति में हमेशा समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं। विशिष्ट तौर पर थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच आवश्यक होती है।
  • यौन गतिविधियों के संबंध में डॉक्टर से बात करें: प्रेगनेंसी के बाद यौन गतिविधियां सीमित हो जाती है। सामान्यतः डॉक्टर पहली तिमाही में हफ्ते में सिर्फ एक बार यौन संबंध स्थापित करने की सलाह देते हैं। 
  • आखिरी महीने में रहें सतर्क: गर्भावस्था के आखिरी महीने में सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। समय समय पर अपने डॉक्टर से मिलें और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके साथ-साथ डॉक्टर के संपर्क में रहें। 

सारांश

प्रेगनेंसी में आहार एक अहम किरदार निभाता है। आहार में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे - दही, दूध, पनीर को शामिल करें और इसके अलावा नट्स, बीन्स, हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, मल्टी विटामिन आहार में अवश्य होने चाहिए। स्वस्थ संतान के लिए सही डाइट प्लान और उत्तम प्रेगनेंसी केयर बहुत आवश्यक है। जिसके लिए आप हमारे अनुभवी प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। 

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। प्रेगनेंसी के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप हमारे डॉक्टरों से संपर्क कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी की डाइट से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए?

हाँ, प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए। चिकन पौष्टिक आहार में आता है जो प्रोटीन, आयरन, और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। गर्भावस्था में चिकन खाने से मां और बच्चे, दोनों को ही लाभ मिलता है। 

प्रेगनेंसी में सुबह खाली पेट क्या खाना चाहिए?

सामान्यतः प्रेगनेंसी में सुबह खाली पेट उल्टी और मतली होने की संभावना अधिक होती है। इससे बचने के लिए आप कुछ ऐसा खा सकते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस हो जैसे - 

  • टोस्ट या क्रैकर्स
  • दलिया
  • ओट्स
  • नट्स और बीज
  • फल
  • जूस

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर कुछ हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इन खाद्य पदार्थों में फाइबर, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और उल्टी को कम करने में मदद करते हैं।

गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए?

अधिकतर महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि किस फल से गर्भावस्था में लाभ मिलेगा। हमारे वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, कीवी, आम, चेरी, स्ट्रॉबेरी, नाशपाती, सेब, चीकू, अमरूद, तरबूज, शरीफा, खरबूजा, अनार, संतरा, केला इत्यादि फल खा सकते हैं।