प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

Obstetrics and Gynaecology |by Dr. Syed Monajatur Rahman| Published on 13/02/2025

Table of Contents
  1. प्रेगनेंसी में संतुलित आहार का महत्व
  2. गर्भावस्था में ज़रूरी पोषक तत्व
  3. प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए? 
  4. प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में क्या नहीं खाना चाहिए
  5. प्रेगनेंसी में इन बातों का रखें खास ध्यान
  6. निष्कर्ष
  7. प्रेगनेंसी की डाइट से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. क्या प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए?
    2. प्रेगनेंसी में सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए?
    3. प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या खाना चाहिए?
    4. गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए?
    5. गर्भावस्था के पहले महीने में क्या खाना चाहिए?
    6. प्रेगनेंसी में रक्त बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहि vए?
    7. गर्भावस्था के दौरान मूंगफली खानी चाहिए या नहीं?
    8. गर्भावस्था के 7वें महीने में क्या खाना चाहिए?

मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। इस दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक बदलाव का सामना करती हैं, जिसके कारण डॉक्टर उन्हें कम से कम शुरुआती 12 सप्ताह तक संतुलित आहार के सेवन की सलाह देते हैं। 

एनसीबीआई के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन रोजाना से 300 से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के दौरान सही केयर स्वस्थ संतान के जन्म में मददगार साबित हो सकता है। हमारे विशेषज्ञ प्रेगनेंसी केयर में आपकी सहायता कर सकते हैं और बता सकते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं।

प्रेगनेंसी में संतुलित आहार का महत्व

प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यही कारण है कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए इसकी भी जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए, जिसे हम आपको इसी ब्लॉग में बताने वाले हैं। सामान्यतः महिलाओं के मन में गर्भावस्था के संबंध में कुछ सवाल होते हैं, जिनके जवाब हम इस ब्लॉग से देने वाले हैं, जैसे कि - 

  • प्रेगनेंसी में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए?
  • गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए?
  • प्रेगनेंसी में कोन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए?
  • गर्भवती महिला को कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?
  • प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए?
  • प्रेगनेंसी में सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए?

इस ब्लॉग की मदद से आप इनमें से कई प्रश्नों के उत्तर जान जाएंगे। सबसे पहले यहां एक बात आपको समझनी चाहिए कि संतुलित आहार भ्रूण के विकास के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में फल, हरी सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स (पास्ता और आलू), प्रोटीन (दाल, अंडा, मांस, दूध और दही के अलावा अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स) और स्वस्थ वसा शामिल करना चाहिए।

गर्भावस्था में ज़रूरी पोषक तत्व

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के आहार में कुछ आवश्यक विटामिन या पोषक तत्व ज़रूर होने चाहिए। इससे भ्रूण और बच्चों का विकास अच्छे से होता है। यदि गर्भवती मां सभी आवश्यक तत्वों का सेवन करती है, तो बच्चों में जन्मजात विकारों का खतरा भी कम हो जाता है। 

यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान खानपान पर ध्यान नहीं देती है, तो इसका दुष्प्रभाव बच्चों पर देखने को मिल सकता है। महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी में निम्न आवश्यक तत्वों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए -

  • मल्टी विटामिन
  • कार्बोहाइड्रेट
  • प्रोटीन
  • कैल्शियम
  • आयोडीन
  • फोलिक एसिड
  • आयरन

प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए? 

हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि प्रेगनेंसी में खाने पीने का विशेष ध्यान रखें। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि स्वस्थ और संतुलित आहार प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं और स्वस्थ संतान की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाएं -

  • अधिक फाइबर: प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होना एक आम स्थिति है। इस दौरान अपने पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए अपने आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। क्योंकि इससे गैस या कब्ज होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। 
  • हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तियों वाली सब्जी के सेवन की सलाह दी जाती है। पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। चलिए अब बात करते हैं कि प्रेगनेंसी में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए। बैंगन, कच्ची सब्जियां और करेला गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
  • डेयरी प्रोडक्ट्स: डेयरी प्रोडक्ट्स गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होती हैं। दूध, छाछ, दही और घी प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं।
  • फल और उनके रस का सेवन करें: ताजे फल और उनका रस प्रेगनेंसी में मां और बच्चे, दोनों को स्वस्थ रखने में लाभकारी साबित हो सकते हैं। सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और उसका रस आपकी सेहत के लिए गुणकारी है और स्वस्थ संतान प्राप्ति में मदद कर सकता है। इससे आपको एक और प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा कि गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए। लेकिन पपीता, अनानास और अंगूर से गर्भवती महिलाओं को दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
  • सूखा मेवा खाएं: प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बहुत लाभकारी होता है। बादाम, अखरोट और काजू को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह कई तरह के विटामिन, कैलोरी, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसकी आवश्यकता मां और बच्चे दोनों को ही होती है।
  • अंडे खाएं: अंडा एक पौष्टिक आहार है। अंडे में प्रोटीन, बायोटिन, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन-डी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो एक प्रेग्नेंट महिला के लिए बहुत आवश्यक है।
  • होल ग्रेन: होल ग्रेन जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस और किनोआ को गर्भवती महिलाएं अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।

चलिए इसे सरलता से इस टेबल की सहायता से समझते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और बिंदु हैं, जिन पर आपका ध्यान अवश्य जाना चाहिए - 

खाने वाले पदार्थ

क्या खाएं

मां और बच्चों को लाभ

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ

होल ग्रेन्स, फलियां, गाजर, चुकंदर जैसी सब्जियां, और सेब और नाशपाती।

पाचन तंत्र में लाभकारी होता है, जो कब्ज जैसी समस्या को ठीक कर सकता है या उत्पन्न ही नहीं होने देते हैं।

हरे पत्तेदार सब्जियां

पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली।

आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन रक्त निर्माण और भ्रूण के विकास में सहायक होते हैं।

डेयरी प्रोडक्ट

दूध, छाछ, दही और घी।

इससे प्रोटीन और कैल्शियम मिलता है, जिससे बच्चे का विकास अच्छे से होता है।

फल और जूस

सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और इनके ताजे जूस।

इनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और विटामिन और मिनरल बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

ड्राई फ्रूट्स

बादाम, काजू और अखरोट

यह फाइबर, विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो बच्चे के दिमाग और बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

अंडे

उबले अंडे

अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जिसमें विटामिन डी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बच्चे के दिमाग के विकास और मां के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। 

होल ग्रेन्स

ओट्स, ब्राउन राइस, क्विविनो।

इससे शरीर में ताकत लगातार बनी रहती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और जेस्टेशनल डायबिटीज की संभावना भी कम होती है।

लीन प्रोटीन

चिकन, टर्की, मछली (कम फैट वाली), टोफू, और दाल।

इसके सेवन से मांसपेशियां जल्दी रिकवर होती हैं और बच्चे स्वस्थ त्वचा के साथ जन्म लेते हैं।

हेल्दी फैट

एवाकाडो, ओलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड, चीया सीड और फैटी फिश

बच्चे के दिमाग के विकास के लिए अहम है। इसके साथ-साथ सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है और मां के हृदय को भी स्वस्थ रखता है।

फलियां

चने, काली बीन्स, राजमा, मटर और दालें।

यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन होता है, जो फाइबर और आयरन से भरपूर होता है। रक्त का प्रवाह सही रहता है।

प्रोबायोटिक फूड

दही, केफिर, किमची और सौकरकूट जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ।

आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, पाचन में सुधार करता है, और मां और बच्चे दोनों की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में क्या नहीं खाना चाहिए

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में आपको कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि - 

  • मरकरी वाली मछलियां:स्वोर्डफ़िश, शार्क और किंग मैकेरल जैसी मछलियों को खाने से बचें, क्योंकि यह बच्चे के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • कच्चा या अधपका मांस, और सी-फूड: यह साल्मोनेला और लिस्टेरिया से परिपूर्ण होते हैं, जिनमें हानिकारक बैक्टीरिया होता है, जो फूड पॉइजनिंग का कारण भी बन सकता है। 
  • बिना धुले कच्चे अंकुरित अनाज का सेवन न करें: इनमें बैक्टीरिया होता है, जिससे प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
  • बिना धुले फल और सब्जियां: फल और सब्जियों में कुछ हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं, जो प्रेगनेंसी में जटिलताएं उत्पन्न कर सकते हैं। 
  • शराब: शराब की वजह से प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए इससे पूरी तरह से बचने की सलाह दी जाती है। 
  • अधिक कैफीन: प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन मिसकैरेज की स्थिति को उत्पन्न कर सकता है।
  • प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड: इसमें चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर फैट का अधिक सेवन प्रेगनेंसी में हानिकारक होता है। 

इन आहार संबंधी सावधानियों का पालन करके, गर्भवती महिलाएं स्वस्थ प्रेगनेंसी को बनाए रख सकती हैं और अपने बच्चे की भलाई सुनिश्चित कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी में इन बातों का रखें खास ध्यान

प्रेगनेंसी में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है जैसे कि - 

  • अधिक मात्रा में पानी पीएं: दिन में कम से कम चार लीटर पानी पीएं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते रहते हैं। 
  • स्वयं दवा का सेवन न करें: यदि आप स्वयं प्रेगनेंसी से संबंधित किसी भी दवा का सेवन करते हैं, तो यह आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर के सुझाव के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके साथ-साथ प्रेगनेंसी की जांच जरूर करवाएं। 
  • कैफीन से दूरी कैसे बनाएं: गर्भवती महिलाओं को चाय, चॉकलेट और कॉफी से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। कैफीन रक्त संचार में बाधा उत्पन्न कर सकता है, जिससे प्रेगनेंसी में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • शराब से दूर रहें: सामान्यतः शराब का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसी भी मादक पदार्थ का सेवन भी प्रेगनेंसी में जटिलताओं का कारण हो सकता है।
  • कच्चा पपीता न खाएं: कच्चे पपीते के सेवन से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए क्योंकि उसमें एक रसायन होता है, जिसके कारण भ्रूण को नुकसान हो सकता है। 
  • अंकुरित पदार्थ न खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान अंकुरित पदार्थ का सेवन भी नहीं करना चाहिए। साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया उन अंकुरित पदार्थ में होते हैं, जिसके कारण महिला को फूड पॉइज़निंग की समस्या हो सकती है और प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • कच्चे मांस का सेवन न करें: कच्चा मांस गर्भपात की समस्या को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों को बिना धोए न खाएं।
  • व्यायाम करें: हल्का फुल्का व्यायाम आवश्यक है। पहले के समय में गर्भवती महिलाओं को घर के सारे काम करने की सलाह दी जाती थी। इसके अतिरिक्त यूटीआई के मामलों में भी डॉक्टर कुछ खास प्रकार के व्यायाम की सलाह देते हैं। 
  • थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच करवाते रहें: हाइपोथायराइड की स्थिति में मिसकैरेज होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसी स्थिति में हमेशा समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं। विशिष्ट तौर पर थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच आवश्यक होती है।
  • यौन गतिविधियों के संबंध में डॉक्टर से बात करें: प्रेगनेंसी के बाद यौन गतिविधियां सीमित हो जाती है। सामान्यतः डॉक्टर पहली तिमाही में हफ्ते में सिर्फ एक बार यौन संबंध स्थापित करने की सलाह देते हैं। 
  • आखिरी महीने में रहें सतर्क: गर्भावस्था के आखिरी महीने में सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। समय-समय पर अपने डॉक्टर से मिलें और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके साथ-साथ डॉक्टर के संपर्क में रहें। 

इन निर्देशों के पालन से ही आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में सुदृढ़ हो सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी में आहार एक अहम किरदार निभाता है। आहार में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे - दही, दूध, पनीर को शामिल करें और इसके अलावा नट्स, बीन्स, हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, मल्टी विटामिन आहार में अवश्य होने चाहिए। स्वस्थ संतान के लिए सही डाइट प्लान और उत्तम प्रेगनेंसी केयर बहुत आवश्यक है। जिसके लिए आप हमारे अनुभवी प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। 

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की कॉम्प्लिकेशन दिखने पर बिना दे किए हमसे संपर्क करें। 

प्रेगनेंसी की डाइट से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए?

हाँ, प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए। चिकन पौष्टिक आहार में आता है जो प्रोटीन, आयरन, और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। गर्भावस्था में चिकन खाने से मां और बच्चे, दोनों को ही लाभ मिलता है। 

प्रेगनेंसी में सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए?

सामान्यतः प्रेगनेंसी में सुबह खाली पेट उल्टी और मतली होने की संभावना अधिक होती है। इससे बचने के लिए आप कुछ ऐसा खा सकते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस हो जैसे कि - 

  • टोस्ट या क्रैकर्स
  • दलिया
  • ओट्स
  • नट्स और बीज
  • फल
  • जूस

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर कुछ हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में फाइबर, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और उल्टी को कम करने में मदद करते हैं।

गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए?

अधिकतर महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि किस फल से गर्भावस्था में लाभ मिलेगा। हमारे वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, कीवी, आम, चेरी, स्ट्रॉबेरी, नाशपाती, सेब, चीकू, अमरूद, तरबूज, शरीफा, खरबूजा, अनार, संतरा, केला इत्यादि फल खा सकते हैं।

गर्भावस्था के पहले महीने में क्या खाना चाहिए?

पहले महीने में बच्चे का नर्वस सिस्टम का निर्माण होता है, जिसके विकास के लिए पत्तेदार साग, खट्टे फल और फोर्टिफाइड ग्रेन्स का सेवन अधिक करें। लीन प्रोटीन, होल ग्रेन्स और डेयरी उत्पाद से आपको बहुत लाभ मिल सकता है।

प्रेगनेंसी में रक्त बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहि vए?

अपने आहार में रेड मीट, मुर्गा, मछली, फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। शरीर में आयरन को बढ़ाने के लिए संतरे या शिमला मिर्च जैसे विटामिन सी वाले फल खाद्य पदार्थों का सेवन करें। 

गर्भावस्था के दौरान मूंगफली खानी चाहिए या नहीं?

यदि आपको मूंगफली से एलर्जी नहीं है, तो बिना परेशानी आप मूंगफली खा सकते हैं, क्योंकि यह प्रोटीन और फोलेट का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। 

गर्भावस्था के 7वें महीने में क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के तीसरी तिमाही के दौरान बच्चे की हड्डियों के विकास में सहायता के लिए आप डेयरी उत्पाद, बादाम और हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकते हैं। इसके अतिरिक्त महिलाएं अपने आहार में लीन प्रोटीन और होल ग्रेन्स के सेवन को भी बढ़ाएं।

Call CMRI For Emergencies 08062136598

Available 24*7

Call CMRI For Appointments 08062136595

Available 24*7

Map and Directions

Get Directions
NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now