प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सामान्यतः महिलाओं के मन में गर्भावस्था के संबंध में कुछ सवाल होते हैं, जिनके जवाब हम इस ब्लॉग से देने वाले हैं | प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के आहार में कुछ आवश्यक विटामिन या पोषक तत्व ज़रूर होने चाहिए। इससे भ्रूण और बच्चों का विकास अच्छे से होता है। यदि गर्भवती मां सभी आवश्यक तत्वों का सेवन करती है, तो बच्चों में जन्मजात विकारों का खतरा भी कम हो जाता है।
मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। इस दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक बदलाव का सामना करती हैं, जिसके कारण डॉक्टर उन्हें कम से कम शुरुआती 12 सप्ताह तक संतुलित आहार के सेवन की सलाह देते हैं।
एनसीबीआई के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन रोजाना से 300 से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के दौरान सही केयर स्वस्थ संतान के जन्म में मददगार साबित हो सकता है। हमारे विशेषज्ञ प्रेगनेंसी केयर में आपकी सहायता कर सकते हैं और बता सकते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं।
प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यही कारण है कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए इसकी भी जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए, जिसे हम आपको इसी ब्लॉग में बताने वाले हैं। सामान्यतः महिलाओं के मन में गर्भावस्था के संबंध में कुछ सवाल होते हैं, जिनके जवाब हम इस ब्लॉग से देने वाले हैं, जैसे कि -
इस ब्लॉग की मदद से आप इनमें से कई प्रश्नों के उत्तर जान जाएंगे। सबसे पहले यहां एक बात आपको समझनी चाहिए कि संतुलित आहार भ्रूण के विकास के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में फल, हरी सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स (पास्ता और आलू), प्रोटीन (दाल, अंडा, मांस, दूध और दही के अलावा अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स) और स्वस्थ वसा शामिल करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के आहार में कुछ आवश्यक विटामिन या पोषक तत्व ज़रूर होने चाहिए। इससे भ्रूण और बच्चों का विकास अच्छे से होता है। यदि गर्भवती मां सभी आवश्यक तत्वों का सेवन करती है, तो बच्चों में जन्मजात विकारों का खतरा भी कम हो जाता है।
यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान खानपान पर ध्यान नहीं देती है, तो इसका दुष्प्रभाव बच्चों पर देखने को मिल सकता है। महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी में निम्न आवश्यक तत्वों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए -
हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि प्रेगनेंसी में खाने पीने का विशेष ध्यान रखें। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि स्वस्थ और संतुलित आहार प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं और स्वस्थ संतान की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाएं -
चलिए इसे सरलता से इस टेबल की सहायता से समझते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और बिंदु हैं, जिन पर आपका ध्यान अवश्य जाना चाहिए -
खाने वाले पदार्थ |
क्या खाएं |
मां और बच्चों को लाभ |
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ |
होल ग्रेन्स, फलियां, गाजर, चुकंदर जैसी सब्जियां, और सेब और नाशपाती। |
पाचन तंत्र में लाभकारी होता है, जो कब्ज जैसी समस्या को ठीक कर सकता है या उत्पन्न ही नहीं होने देते हैं। |
हरे पत्तेदार सब्जियां |
पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली। |
आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन रक्त निर्माण और भ्रूण के विकास में सहायक होते हैं। |
डेयरी प्रोडक्ट |
दूध, छाछ, दही और घी। |
इससे प्रोटीन और कैल्शियम मिलता है, जिससे बच्चे का विकास अच्छे से होता है। |
फल और जूस |
सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और इनके ताजे जूस। |
इनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और विटामिन और मिनरल बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करता है। |
ड्राई फ्रूट्स |
बादाम, काजू और अखरोट |
यह फाइबर, विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो बच्चे के दिमाग और बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। |
अंडे |
उबले अंडे |
अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जिसमें विटामिन डी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बच्चे के दिमाग के विकास और मां के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। |
होल ग्रेन्स |
ओट्स, ब्राउन राइस, क्विविनो। |
इससे शरीर में ताकत लगातार बनी रहती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और जेस्टेशनल डायबिटीज की संभावना भी कम होती है। |
लीन प्रोटीन |
चिकन, टर्की, मछली (कम फैट वाली), टोफू, और दाल। |
इसके सेवन से मांसपेशियां जल्दी रिकवर होती हैं और बच्चे स्वस्थ त्वचा के साथ जन्म लेते हैं। |
हेल्दी फैट |
एवाकाडो, ओलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड, चीया सीड और फैटी फिश |
बच्चे के दिमाग के विकास के लिए अहम है। इसके साथ-साथ सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है और मां के हृदय को भी स्वस्थ रखता है। |
फलियां |
चने, काली बीन्स, राजमा, मटर और दालें। |
यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन होता है, जो फाइबर और आयरन से भरपूर होता है। रक्त का प्रवाह सही रहता है। |
प्रोबायोटिक फूड |
दही, केफिर, किमची और सौकरकूट जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ। |
आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, पाचन में सुधार करता है, और मां और बच्चे दोनों की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। |
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में आपको कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि -
इन आहार संबंधी सावधानियों का पालन करके, गर्भवती महिलाएं स्वस्थ प्रेगनेंसी को बनाए रख सकती हैं और अपने बच्चे की भलाई सुनिश्चित कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है जैसे कि -
इन निर्देशों के पालन से ही आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में सुदृढ़ हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में आहार एक अहम किरदार निभाता है। आहार में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे - दही, दूध, पनीर को शामिल करें और इसके अलावा नट्स, बीन्स, हरे पत्तेदार सब्जियां, फल, मल्टी विटामिन आहार में अवश्य होने चाहिए। स्वस्थ संतान के लिए सही डाइट प्लान और उत्तम प्रेगनेंसी केयर बहुत आवश्यक है। जिसके लिए आप हमारे अनुभवी प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की कॉम्प्लिकेशन दिखने पर बिना दे किए हमसे संपर्क करें।
हाँ, प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए। चिकन पौष्टिक आहार में आता है जो प्रोटीन, आयरन, और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। गर्भावस्था में चिकन खाने से मां और बच्चे, दोनों को ही लाभ मिलता है।
सामान्यतः प्रेगनेंसी में सुबह खाली पेट उल्टी और मतली होने की संभावना अधिक होती है। इससे बचने के लिए आप कुछ ऐसा खा सकते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस हो जैसे कि -
प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर कुछ हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में फाइबर, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और उल्टी को कम करने में मदद करते हैं।
अधिकतर महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि किस फल से गर्भावस्था में लाभ मिलेगा। हमारे वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, कीवी, आम, चेरी, स्ट्रॉबेरी, नाशपाती, सेब, चीकू, अमरूद, तरबूज, शरीफा, खरबूजा, अनार, संतरा, केला इत्यादि फल खा सकते हैं।
पहले महीने में बच्चे का नर्वस सिस्टम का निर्माण होता है, जिसके विकास के लिए पत्तेदार साग, खट्टे फल और फोर्टिफाइड ग्रेन्स का सेवन अधिक करें। लीन प्रोटीन, होल ग्रेन्स और डेयरी उत्पाद से आपको बहुत लाभ मिल सकता है।
अपने आहार में रेड मीट, मुर्गा, मछली, फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। शरीर में आयरन को बढ़ाने के लिए संतरे या शिमला मिर्च जैसे विटामिन सी वाले फल खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
यदि आपको मूंगफली से एलर्जी नहीं है, तो बिना परेशानी आप मूंगफली खा सकते हैं, क्योंकि यह प्रोटीन और फोलेट का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।
प्रेगनेंसी के तीसरी तिमाही के दौरान बच्चे की हड्डियों के विकास में सहायता के लिए आप डेयरी उत्पाद, बादाम और हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकते हैं। इसके अतिरिक्त महिलाएं अपने आहार में लीन प्रोटीन और होल ग्रेन्स के सेवन को भी बढ़ाएं।
Written and Verified by:
Dr. Rahman is presently associated with CMRI as a Senior Resident Doctor. Previously he was associated with AIIMS, New Delhi as a Senior Resident in Clinical Research and Training. He is also a member of FOGSI and Association of Obstetrics and Gynecologists of Delhi.
He has also prepared a thesis on Comparison of effectiveness of single vs. double IUI in unexplained and mild male factor infertility.
He has also been awarded the Dr V.ongorani Gold Medal Award by AIIMS in 2006 for being the best clinical resident in Obs and Gyneac.
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