थायराइड के लिए घरेलु उपचार

थायराइड के लिए घरेलु उपचार

Endocrinology |by Dr. Kalyan Kumar Gangopadhyay| Published on 21/01/2025

वर्तमान में जिंदगी इतनी तेज हो गई है कि लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान रखने का समय ही नहीं मिल रहा है। इसके कारण थायरॉइड रोग जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लग गई है। हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म दो अलग-अलग प्रकार के थायराइड रोग है, जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। 

मैं डॉ. कल्याण कुमार गंगोपाध्याय, सीएमआरआई के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग का अनुभवी डॉक्टर हूं और मैंने कई पेशेंट्स को दवाओं के साथ कुछ प्रभावी उपाय दिए थे, जिससे उनको बहुत लाभ भी मिला है। इन उपायों को मैं इस ब्लॉग में भी बताने वाला हूं, जिससे आपको बहुत मदद मिलेगी। थायराइड डिजीज के इलाज के लिए तुरंत एक अच्छे एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज के विकल्पों के बारे में जानें।

थाइरोइड क्या है?

हमारे गले में मौजूद तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है, जिसे चिकित्सा भाषा में थायरॉयड कहा जाता है। इसकी सहायता से शरीर में मेटाबॉलिज्म होता है और ऊर्जा के स्तर में भी वृद्धि होती है। थायरॉयड ग्लैंड समग्र शारीरिक कार्यों को भी करने में मदद करता है। यदि किसी भी कारणवश थायरॉयड ग्लैंड में दिक्कत आती है, तो यह दो मुख्य स्थितियों को जन्म दे सकता है जैसे कि हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म।

थायरॉयड रोग के प्रकार

थायरॉयड रोग के दो मुख्य प्रकार होते हैं, जिनके बारे में हमने भी आपको बताया था। चलिए दोनों को संक्षेप में समझते हैं - 

  • हाइपोथायरायडिज्म: जब थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाते हैं, तो यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण थकान, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, कब्ज और ठंड बर्दाश्त न होने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • हाइपरथायरायडिज्म: इस स्थिति में अत्यधिक थायराइड हार्मोन का निर्माण होता है, जिसके कारण यह ग्लैंड अधिक सक्रिय रहता है। इसकी वजह से वजन कम होने, हृदय गति में वृद्धि, चिड़चिड़ापन और अत्यधिक पसीना आने जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। 

थायराइड के लक्षण

थायराइड के सभी लक्षणों में से कुछ लक्षणों के बारे में हमने आपको ऊपर बता दिया है। हालांकि पुरुष और महिलाओं में कुछ लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे कि - 

  • पुरुषों में थायराइड के लक्षण: थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, कामेच्छा में कमी और मूड में बदलाव आना।
  • महिलाओं में थायराइड के लक्षण: अनियमित मासिक धर्म, बालों का पतला होना और बिना वजह वजन में बदलाव।

यदि आप भी इन लक्षणों या फिर इस ब्लॉग में मौजूद किसी भी लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत हमारे विशेषज्ञों से मिलें और इलाज लें। 

थायराइड को कम करने के घरेलू उपाय

थाइरोइड डिजीज के स्तर को नियंत्रित करने में निम्न प्रभावी घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। प्रयास करें कि उन उपायों को करने के दौरान अपनी वर्तमान में चल रही दवाओं को न छोड़ें। आपकी एलोपेथी दवाओं के साथ निम्न घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं - 

  • नारियल का तेल - नारियल तेल हेल्दी फैट से भरपूर होता है, जिसका कार्य थायराइड के कार्य को बेहतर तरीके से करने में मदद करना है। भारत के दक्षिण भाग में भोजन बनाने के लिए नारियल के तेल का उपयोग होता है। इससे मेटाबॉलिज्म भी अच्छा होता है। 
  • अलसी के बीज: अलसी, तरबूज और अन्य खाने वाले बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है, जिससे अतिरिक्त थायराइड ग्लैंड का स्तर सामान्य होने लगता है। 
  • एप्पल साइडर विनेगर: एप्पल साइडर विनेगर डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जाना जाता है। इससे शरीर में मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है। 
  • अदरक: अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं, जिससे थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है। थायराइड के स्तर के कम उत्पादन में अदरक की चाय पीने से लाभ मिल सकता है।
  • विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थ: यदि आप अपने आहार में अंडे, मांस, मछली, मेवे और फलियां को शामिल करते हैं, तो इससे आपको बहुत सारी समस्याओं के हल मिल जाएंगे। विशेष रूप से यह हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में लाभदायक साबित हो सकते हैं। 
  • विटामिन डी के लिए धूप: विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत धूप है, जिसकी कमी से विटामिन डी की कमी अक्सर होने लगती है। रोजाना सुबह 15-20 मिनट की धूप आपके लिए लाभदायक होती है। 
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण बहुत ज्यादा होते हैं, जिन्हें अपने आहार में शामिल ज़रूर करें। अपने आहार में पालक, केल और स्विस चार्ड को शामिल ज़रूर करें।
  • डेयरी उत्पाद: यदि आप लैक्टोज इनटॉलेरेंस नहीं है, तो प्रयास करें कि आप अपने आहार में दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद को जरूर शामिल करें। इससे थायराइड हार्मोन के उत्पादन को रोकने में मदद मिल सकती है। 
  • हर्बल उपचार: तुलसी और एलोवेरा, थायराइड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। दोनों के रस को रोजाना पीने से बहुत लाभ मिलेगा। 
  • ग्लूटेन और चीनी से बचें: ग्लूटेन-मुक्त और चीनी-मुक्त आहार सूजन को कम करने और थायराइड फ़ंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि थाइरोइड रोग व्यक्ति के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि सही दवाओं के साथ संतुलित आहार, जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव, और कुछ प्रभावी घरेलू उपचार इसे मैनेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं। 

मैं अपने 28 वर्ष के अनुभव से यह कह सकता हूं कि किसी भी प्राकृतिक उपचार को शुरू करने से पहले हमेशा एक अनुभवी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से जरूर मिलना चाहिए। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

थायराइड का स्तर कितना होना चाहिए?

थायराइड का स्तर हर अलग उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग ही होता है। सामान्य तौर पर वयस्कों में थायराइड का स्तर 0.4 और 4.0 mIU/L के बीच ही होता है। हालांकि सही स्तर की जांच के लिए अपने डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

कौन सा थायराइड खतरनाक है?

यदि हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म दोनों ही अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण हृदय रोग या बांझपन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

थाइरोइड रोग की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है जैसे कि प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, सोया, कच्ची सब्जियां और अधिक कैफीन वाले पेय पदार्थ। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इससे थायराइड के असामान्य स्तर को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

महिलाओं में थायराइड कितना होना चाहिए?

महिलाओं के लिए, सामान्य TSH स्तर पुरुषों के समान ही होते हैं, 0.4 और 4.0 mIU/L के बीच, लेकिन गर्भावस्था के दौरान यह थोड़ा अलग होता है।

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