Obstetrics and Gynaecology | by Dr. Manas Kundu | Published on 17/02/2023
अधिकतर लड़कियों को प्यूबर्टी यानी यौवन (15-18) की उम्र में मेंस्ट्रुएशन (माहवारी) शुरू हो जाती है। यह एक ऐसी अवस्था है जिस दौरान एक लड़की में कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं। साथ ही, वह लड़की एक टीनएजर (किशोरावस्था) से वयस्क बनती है।
माहवारी को पीरियड भी कहते हैं। पीरियड महीने में एक बार होता है जिसके दौरान गर्भाशय के अंदर से उत्तक और रक्त योनि के रास्ते डिस्चार्ज होते हैं। पीरियड एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसकी सही जानकारी हर लड़की और महिला को होनी चाहिए।
पीरियड्स आना इस बात की ओर इशारा भी है की लड़की का शरीर अब प्रजनन योग्य हो गया है। आमतौर पर पीरियड्स के दौरान 2-7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है। आइए पीरियड मिस होने के कारण और इसकी रोकथाम के उपायों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
पीरियड का समय से पहले या बाद में आना या मिस हो जाना – यह तीनों ही एक महिला को परेशान कर सकते हैं। कुछ कारण हैं जिनकी वजह से पीरियड मिस हो सकता है। पीरियड मिस होने के निम्न मुख्य कारण हो सकते हैं:
पीरियड्स अनेक कारणों से मिस हो सकता है जिसमें मुख्य रूप से तनाव शामिल है। जब एक महिला तनाव में होती है तो उसके शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है जिसके कारण उसको पीरियड समय से पहले या बाद में आते हैं या फिर नहीं आते हैं।
तनाव से बचने के लिए खुद को उन कामों में शामिल करें जिससे आपको ख़ुशी मिलती है। साथ ही, नियमित रूप से व्यायाम, योग और मेडिटेशन करने की कोशिश करें। ज्यादा परेशानी होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें।
जब एक महिला को मेनोपॉज होने वाला होता है तो उसे पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज आमतौर पर 40-50 की उम्र में आता है। हालाँकि, कुछ मामलों में यह काफी पहले या देरी से भी आ सकता है।
बर्थ कंट्रोल का उपयोग करने से भी पीरियड के समय में बदलाव आ सकता है। अगर आप बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करती हैं तो इसे रोक कर देखें। साथ ही, प्रॉपर मदद के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
जब एक महिला गर्भवती होती है तो उसके पीरियड्स रुक जाते हैं। पीरियड मिस होने का एक बड़ा कारण प्रेग्नेंसी भी है। इस बात की पुष्टि करने के लिए आप घर बैठे प्रेगनेंसी किट का इस्तेमाल कर सकती हैं। अधिक सहायता के लिए आप क्लिनिक जाकर डॉक्टर से भी मिल सकती हैं।
जिन महिलाओं का वजन आवश्यकता से कम या अधिक होता है उनके पीरियड्स अनियमित या मिस होते हैं। इस स्थिति में डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान देकर संतुलित वजन बनाया जा सकता है। इसके लिए एक डायटीशियन की मदद ली जा सकती है।
हर चीज की एक सीमा होती है। यही नियम व्यायाम के साथ भी लागू होता है। जहाँ एक तरफ व्यायाम करने से एक महिला को अनेक फायदा हो सकता है, वहीं दूसरी तरफ अत्याधिक व्यायाम करने पर उसे कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, पीरियड्स का अनियमित या मिस होने भी उन्हीं में से एक है।
इन सबके अलावा, थायराइड से पीड़ित होने पर भी महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। अगर आपके पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर जांच की मदद से आपके पीरियड नहीं आने के सटीक कारण का पता लगा सकते हैं।
अगर आप अपने पीरियड को नियमित रखना चाहती हैं तो आपको कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए जैसे कि सोने और जगने का समय तय करना, डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम और मेडिटेशन करना, शराब, सिगरेट और दूसरी नशीली चीजों से दूर रहना, अपने वजन को फिट रखना और तनाव से बचना आदि। अगर इन सबसे भी कोई फायदा नहीं हो तो फिर आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
पीरियड लेट आने के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे की गर्भवती होना, मेनोपॉज आना, तनाव से ग्रस्त होना, वजन अत्यधिक कम या ज्यादा होना आदि।
अपनी लाइफस्टाइल को ठीक करने, खाने-पीने पर ध्यान दें और स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
पीरियड्स के दौरान एक महिला को कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। एक महिला को पीरियड्स के दौरान निम्न से बचना चाहिए: