बच्चेदानी को निकालने का ऑपरेशन (हिस्ट्रेक्टरेक्रॉमी)
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बच्चेदानी को निकालने का ऑपरेशन (हिस्ट्रेक्टरेक्रॉमी)

Summary

हिस्टेरेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें बच्चेदानी को निकाल दिया जाता है। बच्चेदानी के निकल जाने के बाद महिलाओं को न ही पीरियड्स आएंगे और न ही वह गर्भ धारण कर पाएंगी। कुछ मामलों में इस ऑपरेशन के दौरान अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को भी निकाला जा सकता है। 

मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में, यह समझती हूँ कि बच्चेदानी को निकालने का ऑपरेशन या हिस्टेरेक्टॉमी एक भावनात्मक और शारीरिक रूप से भारी प्रक्रिया है। कुछ महिलाओं के लिए यह केवल मेडिकल प्रक्रिया नहीं बल्कि एक बहुत ही व्यक्तिगत निर्णय होता है। 

हर साल हज़ारों महिलाएं हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी करवाती हैं और सर्जरी के बाद एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं। डॉक्टर इस सर्जरी का सुझाव कई कारणों से दे सकते हैं, जिन्हें हम इस ब्लॉग में समझेंगे। बच्चेदानी में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं, तो तुरंत परामर्श बुक करें।

हिस्टेरेक्टॉमी क्या है?

हिस्टेरेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें बच्चेदानी को निकाल दिया जाता है। बच्चेदानी के निकल जाने के बाद महिलाओं को न ही पीरियड्स आएंगे और न ही वह गर्भ धारण कर पाएंगी। कुछ मामलों में इस ऑपरेशन के दौरान अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को भी निकाला जा सकता है। 

बच्चेदानी को निकालने की सर्जरी को कई स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का स्थायी इलाज माना जाता है। आमतौर पर इसे तब किया जाता है, जब सारे इलाज के विकल्प कारगर साबित नहीं होते हैं। इस सर्जरी की मदद से दर्द से राहत, जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गंभीर चिकित्सा जटिलताओं की रोकथाम के मामले में जीवन बदलने वाला हो सकता है। हालांकि यह एक बड़ा कदम है, लेकिन यह बहुत राहत और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ भी ला सकता है।

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी के प्रकार

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी के कई प्रकार हैं, और चुनाव आपकी विशिष्ट चिकित्सा स्थिति, आयु, प्रजनन लक्ष्यों और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यहां मुख्य प्रकार दिए गए हैं - 

  • टोटल हिस्टेरेक्टॉमी: यह सबसे आम रूप है, जिसमें गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा दोनों को हटा दिया जाता है।
  • सबटोटल या आंशिक हिस्टेरेक्टॉमी: गर्भाशय के केवल ऊपरी हिस्से को हटाया जाता है, जिससे गर्भाशय ग्रीवा बरकरार रहती है।
  • रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी: गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय ग्रीवा के आस-पास के ऊतक और योनि के ऊपरी भाग को हटा दिया जाता है। यह आमतौर पर कुछ कैंसर के लिए अनुशंसित है।

सर्जरी करने के प्रकार के आधार पर होने वाली हिस्टेरेक्टॉमी-

  • योनि हिस्टेरेक्टॉमी (वेजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी): यह योनि के माध्यम से किया जाता है, इसमें जल्दी रिकवरी होती है और कोई बाहरी निशान नहीं होता है।
  • लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी: पेट में छोटे-छोटे कट का उपयोग करके इस सर्जरी को किया जाता है। यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया, जिसमें रोबोट या फिर दूरबीन की सहायता से सर्जरी की जा सकती है।
  • पेट की हिस्टेरेक्टॉमी (ओपन हिस्टेरेक्टॉमी): पेट में बड़े चीरे के माध्यम से पारंपरिक ओपन सर्जरी की जाती है, जिसका उपयोग अक्तर तब होता है, जब बड़े फाइब्रॉएड या कैंसर के मामलों के लिए आवश्यक होती है।

प्रत्येक प्रकार के अपने फायदे और जोखिम हैं। आपका डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर आपको सबसे अच्छे विकल्प के बारे में बताएंगे।

बच्चेदानी को हटाने की आवश्यकता कब पड़ती है?

आमतौर पर हिस्टेरेक्टॉमी प्रक्रिया की सलाह तब दी जाती है, जब अन्य उपचार - जैसे कि दवाएं, जीवनशैली में बदलाव या छोटी-मोटी सर्जरी लक्षणों से राहत दिलाने में विफल हो जाते हैं। निम्न कारणों की वजह से बच्चेदानी को हटाने की आवश्यकता होती है - 

  • गर्भाशय में फाइब्रॉएड की स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में दर्द, दबाव या भारी रक्त हानि होती है।
  • एंडोमेट्रियोसिस का इलाज हिस्टेरेक्टॉमी से हो सकता है। इस रोग में गर्भाशय की परत गर्भाशय के बाहर बढ़ जाती है।
  • एडेनोमायोसिस में गर्भाशय की परत मांसपेशियों में बढ़ती है, जिसका इलाज इस सर्जरी से हो सकता है।
  • बच्चेदानी अपनी सामान्य स्थिति से आगे बढ़ जाती है, जिसमें गर्भाशय योनि नहर में खिसक जाती है।
  • अनियमित या भारी पीरियड्स आना। 
  • स्त्री रोग संबंधी कैंसर, जिसमें गर्भाशय, ग्रीवा या ओवरी का कैंसर शामिल हो।
  • क्रोनिक पेल्विक पेन या संक्रमण जो अन्य उपचारों से ठीक न हो।

बच्चेदानी को हटाने का ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ तब लेते हैं, जब इलाज के सारे विकल्प विफल हो जाते हैं। यह एक मुश्किल निर्णय है, जिसके बारे में आप अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।

सर्जरी से पहले की तैयारी

हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी के अनुभव और रिकवरी के लिए उचित तैयारी जरूरी है। डॉक्टर से सर्जरी की पुष्टि हो जाने के बाद, आपको कुछ टेस्ट कराने होंगे जैसे कि - ब्लड टेस्ट, पेल्विक टेस्ट, इमेजिंग स्कैन (अल्ट्रासाउंड या MRI) और संभवतः कैंसर होने पर बायोप्सी। आपसे मौजूदा दवाओं, एलर्जी और पिछले सर्जरी के हिस्ट्री के संबंध में कई प्रश्न पूछे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त आपको निम्न कार्यों को करने की सलाह भी दी जा सकती है - 

  • कुछ दवाओं का सेवन बंद करें (जैसे कि रक्त पतला करने वाली दवाएं)
  • सर्जरी से एक दिन पहले हल्का एवं स्वस्थ आहार लें।
  • सर्जरी से 8-12 घंटे पहले खाने-पीने से बचें
  • घर पर पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और सहायता की व्यवस्था करें

हो सकता है कि सर्जरी से पहले आपको घबराहट हो या आप उदास महसूस करें, लेकिन यह एक सामान्य भावना है, जिसे मैनेज करने के लिए आप अपने परिवार की मदद ले सकते हैं। इसके साथ-साथ अपनी समस्याओं को अपने डॉक्टर से शेयर करें और अन्य लोगों से बात करके अपने मन को शांत करें। 

ऑपरेशन के बाद रिकवरी और सावधानियां

बच्चेदानी को निकालने के ऑपरेशन के बाद रिकवरी आपके द्वारा करवाए गए हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार पर निर्भर करती है। आमतौर पर, योनि या लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी से ठीक होने में लगभग 2-4 सप्ताह लगते हैं, जबकि पेट की हिस्टेरेक्टॉमी (ओपन हिस्टेरेक्टॉमी) में 6-8 सप्ताह लग सकते हैं। आपके शरीर को ठीक होने के लिए समय चाहिए, इसलिए खुद को समय दें। 

यदि आप चाहते हैं कि रिकवरी तेज हो, तो बिना देरी किए इन निर्देशों का पालन आप करें - 

  • डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाएं खाते रहें।
  • कम से कम 6 सप्ताह तक कोई भी भारी सामान उठाने से बचें।
  • अपने डॉक्टर की अनुमति मिलने तक यौन गतिविधी या फिर कोई भी वाहन न चलाएं।
  • स्वच्छता बनाए रखें, खासकर यदि आपने योनि से हिस्टेरेक्टॉमी करवाई है।
  • संक्रमण के लक्षण (जैसे कि बुखार, भारी रक्त हानि, दुर्गंधयुक्त तरल पदार्थ का निकलना) पर नज़र रखें।

पहले कुछ हफ्तों के दौरान थकान होना आम बात है, और आपको हार्मोनल परिवर्तन के कारण मूड स्विंग का भी अनुभव हो सकता है। यदि ओवरी भी सर्जरी में निकाली जा चुकी है, तो दर्द और असुविधा और भी ज्यादा होगी। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने इलाज एवं रिकवरी को प्राथमिकता दें। 

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद जीवनशैली और आहार में बदलाव

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद आपको अपने जीवन में कुछ आवश्यक बदलाव करने होंगे जिससे आप एक सफल एवं सुगम जीवन व्यतीत कर सकते हैं। चलिए समझते हैं कि आपको किस प्रकार के बदलाव कराने होंगे - 

  • हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि दूध, पत्तेदार सब्जियां, बादाम का सेवन करें।
  • ऊर्जा बनाए रखने और पाचन में सहायता के लिए लीन प्रोटीन और फाइबर को अपने आहार में शामिल करें।
  • हाइड्रेटेड रहें और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को सीमित करें।
  • हल्का व्यायाम जैसे कि चलना, स्ट्रेचिंग करना रक्त संचार और मूड को बेहतर बनाता है।
  • हृदय और हड्डियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए धूम्रपान से बचें और शराब का सेवन सीमित करें।

हो सकता है कि सर्जरी के बाद आपके मन में ऐसी भावना उत्पन्न हो, जिसमें नुकसान या भ्रम की भावना अधिक हो। इस स्थिति में काउंसिलिंग बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। समय के साथ यह घाव भर सकते हैं। इसलिए रिकवरी को समय दें और अधिक समस्या होने पर अपने डॉक्टर से मिलें। 

हमेशा कोशिश करें कि अपने स्वास्थ्य के साथ कोई भी खिलवाड़ न करें। स्थिति खराब होने पर सबसे ज़रूरी है एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

 

क्या बच्चेदानी को निकालने के बाद पीरियड बंद हो जाते हैं?

हां, गर्भाशय निकालने के बाद आपको मासिक धर्म नहीं होगा। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन सर्जरी के बाद भी हल्की रक्त हानि हो सकती है, जो कभी-कभी पीरियड्स जैसे महसूस होगा। इस स्थिति में तुरंत एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।

क्या हिस्टेरेक्टॉमी के बाद गर्भधारण संभव है?

नहीं, गर्भाशय निकालने के बाद प्राकृतिक रूप से संभव नहीं है। यदि आपको गर्भधारण करना है या सर्जरी से पहले ही आपके मन में मां बनने का सपना है, तो आप अपने एग्ग को फ्रीज भी करा सकती हैं।

ऑपरेशन के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए? 

हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार के आधार पर 2-6 सप्ताह तक आराम करें। कितने दिन के लिए आपको आराम करना चाहिए, इसका निर्णय आपके डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के आधार पर कर सकते हैं।

क्या हिस्टेरेक्टॉमी के बाद मेरा वजन बढ़ सकता है?

कुछ महिलाओं का वजन बढ़ सकता है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करके इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

सर्जरी के बाद सेक्स लाइफ पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ज्यादातर महिलाएं ठीक होने के बाद सामान्य या बेहतर सेक्स लाइफ में लौट आती हैं। इसके लिए आपको अपने साथी से भावनात्मक सहायता की उम्मीद करनी चाहिए।

क्या हिस्टेरेक्टॉमी के कारण समय से पहले रजोनिवृत्ति हो सकती है?

हां, यदि अंडाशय निकाल दिए जाते हैं, तो आपको समय से पहले मेनोपॉज के लक्षण दिख सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Manjari Chatterjee

Dr. Manjari Chatterjee

Consultant Exp: 15 Yr

Obstetrics and Gynaecology

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Dr. Manjari Chatterjee is a consultant Obstetrician and Gynaecologist, who has a long association with this institution. She worked as a DNB trainee here and is presently working as visiting consultant in the department of OBG. She was a teaching faculty for DNB trainees in this institution and holds a special interest in the field of high-risk obstetrics.

She has worked as a senior registrar in Chittaranjan Seva Sadan in Obstetrics and Gynaecology and has a huge experience in this field. She is a member of BOGS and FOGSI and is always very enthusiastic about attending various workshops and conferences.

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