आमतौर पर पीरियड्स चार से सात दिनों तक रहते हैं और लगभग हर 28 दिनों में एक पीरियड्स साइकल पूरा होता है। अनियमित पीरियड्स वह स्थिति है, जिसमें दो पीरियड्स साइकल में 21 दिनों से कम या 35 दिनों से अधिक अंतराल पर पीरियड्स आते हैं। इसके साथ-साथ लगातार तीन या उससे अधिक पीरियड का मिस होना और पीरियड में ब्लीडिंग कम होना या रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना अनियमित पीरियड्स के लक्षण है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक तनाव, थायराइड विकार, इत्यादि। अनियमित पीरियड्स के संबंध में आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं और इस स्थिति का उत्तम इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
अनियमित पीरियड्स वह स्थिति है, जिसमें पीरियड साइकिल में बदलाव आता है। आमतौर पर, पीरियड्स साइकल 28 से 35 दिनों के बीच ही होते हैं और इसका समय 4-6 दिनों तक होता है। पीरियड्स में अनियमितता तब मानी जाती है जब -
पीरियड कम आने के नुकसान बहुत सारे हैं। अनियमित पीरियड्स की समस्या होने पर तुरंत परामर्श लें। परामर्श की सहायता से पीरियड्स में अनियमितता के कारण को निर्धारित करने में मदद मिल सकती है, जिसकी सहायता से इलाज के विभिन्न विकल्पों पर बात की जा सकती है।
पीरियड्स रुकने के कारण बहुत सारे होते हैं जैसे कि - खराब जीवनशैली, अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति, इत्यादि। मुख्य रूप से पीरियड्स में अनियमितता के निम्न कारण हो सकते हैं -
यह सारे लाइट पीरियड्स के कारण हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त भी दूसरे स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जो इस स्थिति का मुख्य कारण बन सकती हैं।
हर महिला का शरीर अलग-अलग होता है, इसलिए पीरियड्स का अनुभव भी उन्हें अलग-अलग ही होता है। यही कारण है कि इस स्थिति में सामान्य पीरियड साइकिल की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल ही होता है। हालांकि कुछ लक्षण है, जिससे इस स्थिति की पुष्टि आसानी से हो सकती है जैसे कि -
इस स्थिति में आपको अपना पीरियड्स साइकिल ट्रैक करना चाहिए। पीरियड्स साइकिल को ट्रैक करने का सबसे आसान तरीका है कैलेंडर या पीरियड ट्रैकिंग ऐप्लिकेशन का उपयोग। कैलेंडर में पीरियड के पहले दिन से शुरुआत करें और अगले पीरियड के पहले दिन तक निशान लगाएं। कुछ महीनों तक इसे करते रहने से आपको अपना संभावित पीरियड साइकिल मिल जाएगा।
पीरियड खुलकर या रेगुलर पीरियड नहीं आने का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। यहां इलाज के कुछ विकल्प दिए गए हैं, जिसके उपयोग से अनियमित पीरियड्स की समस्या को ठीक किया जा सकता है -
पीरियड्स साइकिल में अनियमितता आम है। कुछ स्थितियों में आपको इलाज का सहारा लेना पड़ता है जैसे कि -
जीवनशैली में बदलाव से लेकर चिकित्सा स्थितियों तक कई कारकों के कारण पीरियड में देरी हो सकती है। महिलाओं के लिए अपने शरीर को समझना, अपने पीरियड्स साइकिल पर नज़र रखना और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि असंतुलित हार्मोन परिवर्तन के कारण पीरियड रेगुलर नहीं होते हैं। हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में कई चीजें आपकी मदद कर सकती हैं जैसे -
पीरियड्स ना आना प्रेगनेंसी या पीरियड्स के समय में देरी कई स्वास्थ्य समस्या की तरफ इशारा करता है। यदि पीरियड बंद होने के बाद महिलाओं में दिल की बीमारियों समेत शुगर, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस और ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
आमतौर पर यह समय 3-7 दिनों तक रहता है। हालांकि, यह हर महिला के मामले में अलग-अलग हो सकता है। पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
पीरियड रेगुलर न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे -
पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है -
इसके अतिरिक्त यदि आप पीरियड्स में अनियमितता का सामना करते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि डॉक्टर से परामर्श लें।
पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है -
इसके अतिरिक्त डॉक्टर डाइट चार्ट के द्वारा भी आपकी मदद कर सकते हैं।
सबसे पहले अपनी जीवनशैली को सुधारें और तनाव को कम करें। यदि अनिमितता अधिक है तो सबसे पहले एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और परामर्श लें।
खून की कमी के कारण पीरियड्स में खून ज्यादा नहीं बहता है, जिसके कारण पीरियड स्पॉटिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। खून की कमी आयरन की कमी का कारण बनती है, जो अनियमित पीरियड का एक मुख्य कारक है।
यदि आपको लगातार कम रक्त हानि हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें। यह एंडोमेट्रियोसिस, थायराइड की समस्याएं या हार्मोनल असंतुलन जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत देता है।
यदि आपको 1 महीने से अधिक समय तक पीरियड नहीं आते हैं और आपने इससे पहले या इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाया है, तो तुरंत प्रेगनेंसी टेस्ट करें। यदि प्रेगनेंसी की पुष्टि नहीं होती है, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
पीरियड में कम ब्लड आए तो कुछ उपायों को करने से स्थिति बेहतर हो सकती है जैसे कि -
8 दिनों में पीरियड्स आना हार्मोनल उतार-चढ़ाव, तनाव, जीवनशैली में बदलाव या PCOS जैसी चिकित्सा स्थितियों का संकेत हो सकता है। डॉक्टर से परामर्श करने से कारण की पहचान करने और उचित उपचार प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
हां, तनाव हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है, जिससे अनियमित या पीरियड्स खुलकर नहीं होते हैं। उच्च कोर्टिसोल स्तर ओव्यूलेशन को बाधित कर सकता है और पीरियड्स साइकिल को भी प्रभावित कर सकता है।
हां, हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से कम एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन का स्तर, पीरियड्स में अनियमितता का कारण यह बन सकता है। PCOS या थायरॉयड विकार जैसी स्थितियां भी पीरियड्स में अनियमितता का कारण बन सकता है।
हां, अचानक वजन बढ़ने या घटने से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ओव्यूलेशन और पीरियड्स साइकिल की नियमितता प्रभावित होती है।
हां, लगातार कम पीरियड्स होना हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है, जो प्रजनन क्षमता और हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए इस स्थिति को गंभीरता से लें।
हां, PCOS ओव्यूलेशन को बाधित करता है, जिससे अनियमित, कम या कम पीरियड्स होते हैं। यह हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। जीवनशैली में बदलाव और सही इलाज से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम आपकी मदद कर सकते हैं।
Call CMRI For Emergencies
08062136598
Available 24*7
Call CMRI For Appointments
08062136595
Available 24*7
Map and Directions
Get DirectionsAuthorization Committee Meeting | Total Transplant | Statutory Compliances | Tariff and Rates | Rate of stent and ortho | Bone bank | Department of Nursing | CMRI School of Nursing | Privacy Policy | Terms of Services | Cookies Policy | Study Protocol DOXPREVENT
© 2024 CMRI Kolkata. All Rights Reserved.