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पीरियड खुलकर न आना या कम आना | Light periods in hindi

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पीरियड खुलकर न आना या कम आना | Light periods in hindi

Obstetrics and Gynaecology | by Dr. Manjari Chatterjee | Published on 24/06/2024



Table of Contents

आमतौर पर पीरियड्स चार से सात दिनों तक रहते हैं और लगभग हर 28 दिनों में एक पीरियड्स साइकल पूरा होता है। अनियमित पीरियड्स वह स्थिति है, जिसमें दो पीरियड्स साइकल में 21 दिनों से कम या 35 दिनों से अधिक अंतराल पर पीरियड्स आते हैं। इसके साथ-साथ लगातार तीन या उससे अधिक पीरियड का मिस होना और पीरियड में ब्लीडिंग कम होना या रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना अनियमित पीरियड्स के लक्षण है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक तनाव, थायराइड विकार, इत्यादि। अनियमित पीरियड्स के संबंध में आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं और इस स्थिति का उत्तम इलाज प्राप्त कर सकते हैं।

अनियमित पीरियड क्या है?

अनियमित पीरियड्स वह स्थिति है, जिसमें पीरियड साइकिल में बदलाव आता है। आमतौर पर, पीरियड्स साइकल 28 से 35 दिनों के बीच ही होते हैं और इसका समय 4-6 दिनों तक होता है। पीरियड्स में अनियमितता तब मानी जाती है जब - 

  • पीरियड्स 21 दिनों से भी कम अंतराल पर आएं।
  • पीरियड्स 35 दिनों से भी ज्यादा अंतराल पर आएं।
  • पीरियड्स के आने के बीच का समय बार-बार बदले।
  • पीरियड का पूरी तरह से रुक जाना।
  • पीरियड्स में रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना।

पीरियड कम आने के नुकसान बहुत सारे हैं। अनियमित पीरियड्स की समस्या होने पर तुरंत परामर्श लें। परामर्श की सहायता से पीरियड्स में अनियमितता के कारण को निर्धारित करने में मदद मिल सकती है, जिसकी सहायता से इलाज के विभिन्न विकल्पों पर बात की जा सकती है। 

पीरियड रुक रुक के आना क्या कारण है?

पीरियड कम आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे - खराब जीवनशैली, अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति, इत्यादि। मुख्य रूप से पीरियड्स में अनियमितता के निम्न कारण हो सकते हैं - 

  • तनाव: तनाव के कारण हमारे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे पीरियड साइकिल में अनियमितता आती है। तनाव के कारण ओव्यूलेशन का समय भी प्रभावित होता है, जिससे पीरियड की शुरुआत में देरी होती है।
  • वजन में परिवर्तन: अचानक अधिक वजन घटना या बढ़ना हार्मोन में असंतुलन का संकेत देता है, जिससे पीरियड्स में अनियमितता देखने को मिलती है। 
  • अत्यधिक व्यायाम: तीव्र शारीरिक गतिविधि हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती हैं, जिससे पीरियड्स में देरी होती है। अधिकतर मामलों में महिला एथलीट इस स्थिति का सामना करती हैं। 
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है, जहां अंडाशय पर छोटे-छोटे सिस्ट का निर्माण हो जाता है। यह सिस्ट हार्मोनल असंतुलन के कारण बनते हैं, जो अंततः अनियमित पीरियड्स का कारण भी बनते हैं। 
  • थायराइड विकार: थायराइड रोग पीरियड साइकिल के समय को नियमित नहीं रहने देता है। हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म दोनों प्रकार के थायरॉयड अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं।
  • दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक गोलियां पीरियड्स के पैटर्न में बदलाव का कारण बन सकते हैं। जन्म नियंत्रण विधियों को बंद करने या बदलने से अस्थायी अनियमितता उत्पन्न हो सकती है।

अपने पीरियड साइकिल का पता कैसे चलता है?

हर महिला का शरीर अलग-अलग होता है, इसलिए पीरियड्स का अनुभव भी उन्हें अलग-अलग ही होता है। इसलिए इस स्थिति में अपने सामान्य पीरियड साइकिल की जानकारी प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल होता है। 

पीरियड्स साइकिल को ट्रैक करने का सबसे आसान तरीका है कैलेंडर या पीरियड ट्रैकिंग ऐप्लिकेशन का उपयोग। कैलेंडर में पीरियड के पहले दिन से शुरुआत करें और अगले पीरियड के पहले दिन तक निशान लगाएं। कुछ महीनों तक इसे करते रहने से आपको अपना संभावित पीरियड साइकिल मिल जाएगा। 

रेगुलर पीरियड के लिए क्या करें?

पीरियड खुलकर या रेगुलर पीरियड नहीं आने का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। यहां इलाज के कुछ विकल्प दिए गए हैं, जिसके उपयोग से अनियमित पीरियड्स की समस्या को ठीक किया जा सकता है - 

  • जीवनशैली में बदलाव: योग, ध्यान और अनुलोम-विलोम के माध्यम से तनाव को कम किया जा सकता है, जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने और नियमित पीरियड्स साइकिल को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • स्वस्थ वजन का प्रबंधन: स्वस्थ वजन रेगुलर पीरियड के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इस स्थिति में डाइटिशियन या फिर स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। 
  • मध्यम व्यायाम: अपने व्यायाम की तीव्रता को कम करें। मध्यम गति से व्यायाम करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है और पीरियड साइकिल में समस्या भी नहीं होती है। शारीरिक गतिविधि और आराम के बीच संतुलन बनाए रखें।
  • चिकित्सा हस्तक्षेप: पीसीओएस या थायराइड विकारों जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों के मामलों में चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक है। हार्मोनल थेरेपी, थायराइड दवाएं और अन्य उपचार पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकते हैं।
  • डॉक्टर से परामर्श: यदि आपको अनियमित पीरियड की समस्या बार-बार परेशान कर रही है, तो हम आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह देंगे। वह किसी भी अंतर्निहित स्थिति की पहचान करने के लिए आवश्यक परीक्षण कर सकते हैं और परिणाम के आधार पर उत्तम इलाज की योजना बनाई जा सकती है।
  • जन्म नियंत्रण दवाएं: हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां जैसे जन्म नियंत्रण गोलियां, पीरियड साइकिल को नियंत्रित करने वाली दवाएं इत्यादि को बंद करें। हालांकि इसका उपयोग केवल एक विशेषज्ञ के सलाह के बाद ही करना चाहिए।

पीरियड कम आने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से कब संपर्क करें?

पीरियड्स साइकिल में अनियमितता आम है। कुछ स्थितियों में आपको इलाज का सहारा लेना पड़ता है जैसे - 

  • लगातार अनियमितताओं का बना रहना: यदि अनियमित पीरियड आपको लगातार परेशान कर रहे हैं, तो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
  • असामान्य लक्षण: यदि पीरियड्स में देरी के साथ गंभीर दर्द, पीरियड में ब्लड कम आना या ज्यादा आना जैसे लक्षण दिखते हैं तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
  • अचानक परिवर्तन: यदि आपके पीरियड के समय में अचानक बदलाव आ गया है और आपकी उम्र 30 या फिर उससे अधिक है, तो एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।

पीरियड रेगुलर करने के उपाय (पीरियड खुलकर आने के उपाय)

जीवनशैली में बदलाव से लेकर चिकित्सा स्थितियों तक कई कारकों के कारण पीरियड में देरी हो सकती है। महिलाओं के लिए अपने शरीर को समझना, अपने पीरियड्स साइकिल पर नज़र रखना और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि असंतुलित हार्मोन परिवर्तन के कारण पीरियड रेगुलर नहीं होते हैं। हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में कई चीजें आपकी मदद कर सकती हैं जैसे - 

  • नियमित व्यायाम करें।
  • ध्यान और योग का सहारा लें।
  • संतुलित आहार का सेवन करें।
  • नट्स, तैलीय मछली, फल और सब्जियां को अपने आहार में शामिल करें।
  • कैफीन, शराब और सिगरेट को अपने दिनाचार्य से दूर करें।
  • प्रोसेस्ड फ़ूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक और अधिक मीठा या बहुत नमकीन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी होती है?

पीरियड्स ना आना प्रेगनेंसी या पीरियड्स के समय में देरी कई स्वास्थ्य समस्या की तरफ इशारा करता है। यदि पीरियड बंद होने के बाद महिलाओं में दिल की बीमारियों समेत शुगर, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस और ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। 

पीरियड कम से कम कितने दिन आना चाहिए?

आमतौर पर यह समय 3-7 दिनों तक रहता है। हालांकि, यह हर महिला के मामले में अलग-अलग हो सकता है। पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

पीरियड रुक-रुक के आने के क्या कारण है?

पीरियड रेगुलर न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे - 

  • हार्मोनल असंतुलन
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
  • थायराइड विकार
  • गर्भधारण
  • स्तनपान
  • पीरियड्स चक्र की शुरुआत
  • अतिरिक्त व्यायाम
  • तनाव

पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें?

पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है - 

  • स्वस्थ आहार लें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • तनाव से बचें।

इसके अतिरिक्त यदि आप पीरियड्स में अनियमितता का सामना करते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि डॉक्टर से परामर्श लें।

पीरियड खुलकर आने के लिए क्या खाएं?

पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है - 

  • फल और सब्जियां
  • होल ग्रेन
  • कम वसा वाले प्रोटीन
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड
  • विटामिन बी-6
  • मैग्नीशियम

इसके अतिरिक्त डॉक्टर डाइट चार्ट के द्वारा भी आपकी मदद कर सकते हैं।

पीरियड खुलकर नहीं आ रहा है तो क्या करें?

सबसे पहले अपनी जीवनशैली को सुधारें और तनाव को कम करें। यदि अनिमितता अधिक है तो सबसे पहले एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और परामर्श लें। 

क्या खून की कमी से पीरियड रुक जाते हैं?

खून की कमी के कारण पीरियड्स में खून ज्यादा नहीं बहता है, जिसके कारण पीरियड स्पॉटिंग की समस्या उत्पन्न होकी है। खून की कमी आयरन की कमी का कारण बनती है, जो अनियमित पीरियड का एक मुख्य कारक है। 

पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें?

यदि आपको लगातार कम रक्त हानि हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें। यह एंडोमेट्रियोसिस, थायराइड की समस्याएं या हार्मोनल असंतुलन जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत देता है। 

1 महीने से पीरियड नहीं आया तो क्या करें?

यदि आपको 1 महीने से अधिक समय तक पीरियड नहीं आते हैं और आपने इससे पहले या इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाया है, तो तुरंत प्रेगनेंसी टेस्ट करें। यदि प्रेगनेंसी की पुष्टि नहीं होती है, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। 

पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें घरेलू उपाय?

पीरियड में कम ब्लड आए तो कुछ उपायों का पालन करें जैसे - 

  • आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थो जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड मीट, और फलियों को अपने आहार में शामिल करें।
  • विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिसकी मदद से शरीर आयरन का उपयोग कर पाए। 
  • आराम करें और तनाव को कम करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।