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पीरियड खुलकर न आना या कम आना | Light periods in hindi

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पीरियड खुलकर न आना या कम आना | Light periods in hindi

Obstetrics and Gynaecology | by Dr. Manjari Chatterjee | Published on 29/08/2023



आमतौर पर पीरियड्स चार से सात दिनों तक रहते हैं और लगभग हर 28 दिनों में एक मासिक धर्म का चक्र पूरा होता है। अनियमित पीरियड्स में 21 दिनों से कम या 35 दिनों से अधिक अंतराल पर पीरियड्स होते हैं। इसके साथ-साथ लगातार तीन या उससे अधिक पीरियड का मिस होना और पीरियड के दौरान अधिक या बहुत कम रक्त हानि अनियमित पीरियड्स का संकेत देता है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक तनाव, थायराइड विकार, इत्यादि। अनियमित पीरियड्स के संबंध में आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं और इस स्थिति का उत्तम इलाज प्राप्त कर सकते हैं।

अनियमित पीरियड क्या है?

पीरियड के दौरान रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना जिसे चिकित्सकीय रूप से ओलिगोमेनोरिया के रूप में जाना जाता है, एक मासिक धर्म चक्र को संदर्भित करता है, जो सामान्य 21 से 35 दिनों की तुलना में लंबा होता है। अनियमित पीरियड्स के अंतर्गत कई चीज़ें आती हैं, जैसे - 

  • वर्तमान में पीरियड के साइकिल में बहुत अधिक बदलाव
  • पीरियड्स में 8 दिन से ज्यादा रक्त हानि
  • असामान्य रक्त के धब्बे बनना
  • पीरियड्स में बहुत ज़्यादा या कम रक्त हानि के साथ पेट में ऐंठन
  • मूड में बदलाव

इस ब्लॉग में हम पीरियड खुलकर न आने या कम आने के कारण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

पीरियड रुक-रुक कर आने का क्या कारण है?

पीरियड में देरी कई कारणों से हो सकती है, जिनमें जीवनशैली कारकों से लेकर अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति शामिल हैं। कुछ सामान्य कारण इस प्रकार है - 

  • तनाव: तनाव के कारण हमारे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे मासिक धर्म चक्र में अनियमितता आती है। तनाव से हार्मोनल असंतुलन होता है, जो ओव्यूलेशन के समय को प्रभावित करता है, जिससे पीरियड की शुरुआत में देरी होती है।
  • वजन में परिवर्तन: अधिक वजन घटना या बढ़ना हार्मोन में असंतुलन का संकेत देता है, जिससे अनियमित मासिक धर्म होते है। 
  • अत्यधिक व्यायाम: तीव्र शारीरिक गतिविधि हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है और मासिक धर्म में देरी कर सकती है। अधिकतर मामलों में महिला एथलीट इस स्थिति का सामना करती हैं। 
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है, जहां अंडाशय पर छोटे सिस्ट बन जाते हैं। यह सिस्ट हार्मोनल असंतुलन के कारण होते हैं, जो अंततः अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं। 
  • थायराइड विकार: थायराइड हार्मोन मासिक धर्म चक्र के समय को नियमित नहीं रहने देती है। हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म दोनों प्रकार के थायरॉयड अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं।
  • दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक गोलियां मासिक धर्म के पैटर्न में बदलाव का कारण बन सकती हैं। जन्म नियंत्रण विधियों को बंद करने या बदलने से अस्थायी अनियमितता उत्पन्न हो सकती है।

पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे?

पीरियड खुलकर नहीं आने पर इसका प्रबंधन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं और इसके कारण पर निर्भर करता है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिनका उपयोग अनियमित पीरियड के संबंध में किया जाता है। 

  • जीवनशैली में बदलाव: योग, ध्यान और अनुलोम-विलोम के माध्यम से तनाव प्रबंधन संभव है, जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने और नियमित मासिक धर्म चक्र को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • स्वस्थ वजन का प्रबंधन: स्वस्थ वजन रेगुलर पीरियड के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इस स्थिति में डाइटिशियन या फिर स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। 
  • मध्यम व्यायाम: अपने व्यायाम की तीव्रता को कम करें। मध्यम गति से व्यायाम करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है और मासिक धर्म चक्र में व्यवधान भी नहीं होता है। शारीरिक गतिविधि और आराम के बीच संतुलन बनाए रखें।
  • चिकित्सा हस्तक्षेप: पीसीओएस या थायराइड विकारों जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों के मामलों में चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक है। हार्मोनल थेरेपी, थायराइड दवाएं और अन्य उपचार मासिक धर्म को नियमित करने में मदद कर सकते हैं।
  • डॉक्टर से परामर्श: अगर आपको अनियमित पीरियड की समस्या बार-बार परेशान कर रही है, तो हम आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह देंगे। वह किसी भी अंतर्निहित स्थिति की पहचान करने के लिए आवश्यक परीक्षण कर सकते हैं और परिणाम के आधार पर उत्तम इलाज की योजना बना सकते हैं।
  • जन्म नियंत्रण दवाएं: हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां जैसे जन्म नियंत्रण गोलियां, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने वाली दवाएं इत्यादि को बंद करें। हालांकि, इसका उपयोग केवल एक विशेषज्ञ के सलाह के बाद ही करना चाहिए।

पीरियड कम आने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से कब संपर्क करें?

मासिक धर्म चक्र में कभी-कभी अनियमितताएं आम है, ऐसे उदाहरण भी हैं, जब आपको इलाज का सहारा लेना पड़ता है - 

  • लगातार अनियमितताएं: यदि अनियमित पीरियड आपको लगातार परेशान कर रहे हैं, तो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर करें।
  • असामान्य लक्षण: यदि पीरियड्स में देरी के साथ गंभीर दर्द, भारी या असामान्य रक्त हानि की समस्या आपको परेशान करती है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
  • अचानक परिवर्तन: यदि आपके पीरियड के समय में अचानक बदलाव आ रहा है और आपकी उम्र 30 या फिर उससे अधिक है, तो एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।

पीरियड रेगुलर करने के उपाय (पीरियड नियमित करने के उपाय)

जीवनशैली में बदलाव से लेकर चिकित्सा स्थितियों तक कई कारकों के कारण पीरियड में देरी हो सकती है। महिलाओं के लिए अपने शरीर को समझना, अपने मासिक धर्म चक्र पर नज़र रखना और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि असंतुलित हार्मोन परिवर्तन के कारण पीरियड रेगुलर नहीं होते हैं। हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में कई चीजें आपकी मदद कर सकते हैं जैसे - 

  • नियमित व्यायाम करें।
  • ध्यान और योग का सहारा लें।
  • संतुलित आहार का सेवन करें।
  • नट्स, तैलीय मछली, फल और सब्जियां को अपने आहार में शामिल करें।
  • कैफीन, शराब और सिगरेट को अपने दिनाचार्य से दूर करें।
  • प्रोसेस्ड फ़ूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक और अधिक मीठा या बहुत नमकीन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पीरियड में ब्लड कम आने से क्या होता है?

पीरियड के दौरान ब्लड की मात्रा हार्मोनल उतार-चढ़ाव, गर्भाशय की परत की मोटाई और व्यक्तिगत शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति जैसे कारकों के आधार पर अलग-अलग होती है। यह गर्भाशय की परत के झड़ने से प्रभावित होता है और स्वास्थ्य स्थितियों, जीवनशैली और जन्म नियंत्रण विधियों से प्रभावित हो सकता है।

पीरियड कम से कम कितने दिन आना चाहिए?

आमतौर पर यह समय 3-7 दिनों तक रहता है। हालांकि, यह हर महिला के मामले में अलग-अलग हो सकता है। पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

पीरियड रेगुलर क्यों नहीं आता है?

पीरियड रेगुलर न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे - 

  • हार्मोनल असंतुलन
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
  • थायराइड विकार
  • गर्भधारण
  • स्तनपान
  • मासिक धर्म चक्र की शुरुआत
  • अतिरिक्त व्यायाम
  • तनाव

पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें?

पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है - 

  • स्वस्थ आहार लें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • तनाव से बचें

इसके अतिरिक्त यदि आपको पीरियड्स में अनियमितता है, तो हम आपको सलाह देंगे कि डॉक्टर से परामर्श लें।

पीरियड रेगुलर करने के लिए क्या खाएं?

पीरियड को रेगुलर करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है:

  • फल और सब्जियां
  • होल ग्रेन
  • कम वसा वाले प्रोटीन
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड
  • विटामिन बी-6
  • मैग्नीशियम

इसके अतिरिक्त आप अपने डॉक्टर से भी अपने डाइट प्लैन के बारे में बात कर सकते हैं।