Renal Sciences | by Dr. Pankaj Kumar Gupta | Published on 20/10/2023
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाता है। किडनी का मुख्य कार्य रक्त को फिल्टर करना है और अपशिष्ट उत्पादों को रक्त से हटाकर इलेक्ट्रोलाइट्स और ब्लड प्रेशर जैसे आवश्यक कारकों को नियंत्रित करना है। किडनी खराब होने की समस्या समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होती है। यही कारण है कि अक्सर शुरुआती चरणों में किडनी खराब होने के लक्षण उत्पन्न ही नहीं होते हैं।
जैसे-जैसे किडनी की कार्य करने की क्षमता कम होती है, लक्षण अधिक स्पष्ट होने लगते हैं। जब तक लक्षण दिखने शुरू होते हैं, तब तक किडनी को अपरिवर्तनीय नुकसान हो जाता है। इसलिए समय पर निदान और प्रभावी उपचार के लिए किडनी की विफलता के शुरुआती लक्षणों को पहचानना आवश्यक होता है और सही समय पर एक श्रेष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologists) से भी मिलने का सुझाव दिया जाता है।
किडनी खराब होने पर पेशेंट को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
किडनी खराब होने के लक्षण और उपाय किसी को भी समय रहते उचित इलाज प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए लक्षण दिखने पर तुरंत एक अनुभवी और श्रेष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर (किडनी के डॉक्टर) से मिलें।
किडनी खराब होने का संकेत इसके लक्षणों से ही मिलता है और जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक किडनी की कार्यक्षमता को काफी हद तक नुकसान भी हो जाता है। निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है -
भले ही आपको किसी भी प्रकार के गंभीर लक्षण न दिखे, लेकिन संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और स्थिति का इलाज कराएं।
किडनी डैमेज होना एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जो धीरे-धीरे विकसित होती है, और अक्सर शुरुआती चरणों में ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं होते हैं। समय पर निदान और प्रभावी उपचार के लिए किडनी की विफलता के शुरुआती लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है। शुरुआती सामान्य लक्षणों में पेशाब में बदलाव, पेशाब में खून, पेशाब में प्रोटीन, सूजन, थकान, हाई ब्लड प्रेशर, पीठ दर्द, भूख और स्वाद में बदलाव, शुष्क त्वचा और खुजली वाली त्वचा, मतली, उल्टी, अस्पष्टीकृत वजन कम होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल है।
अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं या उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में आते हैं, तो तुरंत कोलकाता में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श से मिलें या फिर हमसे परामर्श लें। शीघ्र हस्तक्षेप से किडनी की बीमारी का प्रबंधन आसान हो जाता है। याद रखें कि नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली किडनी की समस्याओं को रोकने और आपके किडनी को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आहार में किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट को जोड़ने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें -
संक्रमण की स्थिति और भी बिगड़ सकती है, यदि स्थिति का निदान और इलाज समय पर नहीं होता है। कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनसे बचना चाहिए जैसे -
किडनी में मूत्र जमा होने के कारण किडनी में होने वाली सूजन को हाइड्रोनफ्रोसिस (Hydronephrosis) कहा जाता है। हाइड्रोनफ्रोसिस के कारण की पुष्टि होने के बाद ही इस सूजन को कम किया जा सकता है। हालांकि कुछ घरेलु उपचार है, जिनका सुझाव भी हम अपने पेशेंट्स को दवाओं के साथ देते हैं। बच्चों में पायलोप्लास्टी (Pyeloplasty) की आवश्यकता हो सकती है, जिसकी जटिलता कम है और सफलता दर बहुत अधिक।
किडनी इन्फेक्शन की समस्या का निदान करने के लिए, डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग कर सकते हैं -
जब एक व्यक्ति की दोनों किडनी फेल हो जाए, तब शरीर में अनावश्यक कचरा जमा होता है, जिसे सिर्फ एक स्वस्थ किडनी साफ कर पाती है। जब किडनी अपना कार्य नहीं कर पाती है, तो इसके कारण रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है। दोनों किडनी फेल होने की स्थिति में किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस का सहारा लेना पड़ता है।
किडनी खराब होने पर दर्द पीठ के निचले भाग, पसलियों के नीचे, रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर महसूस होता है। इस दर्द की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ती है। कभी-कभी यह दर्द रुक-रुक कर भी होता है।
किडनी की समस्या का पहला लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होता है। हालांकि किडनी की समस्या के शुरुआती लक्षणों को हमने ऊपर इस ब्लॉग में बताया है।