यूरिक एसिड बढ़ने पर इन चीजों को करें डाइट से आउट
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यूरिक एसिड बढ़ने पर इन चीजों को करें डाइट से आउट

Renal Sciences | by Dr. Anjan Das on 29/05/2024

Summary

शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं जैसे गठिया और गाउट। इस स्थिति को चिकित्सा भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) और हिंदी में यूरिक अम्ल कहा जाता है। 

शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं जैसे गठिया और गाउट। इस स्थिति को चिकित्सा भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) और हिंदी में यूरिक अम्ल कहा जाता है। 

सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि यूरिक एसिड शरीर का अपशिष्ट पदार्थ है, जो आमतौर पर शरीर से बाहर निकल जाता है। यूरिक एसिड का निर्माण तब होता है जब व्यक्ति ऐसा भोजन करें, जिसमें प्यूरीन नामक रसायन होता है। शरीर का काम उस प्यूरिन को तोड़ना है। अधिकतर मामले में यह पदार्थ आपके रक्त में घुल जाता है और जो नहीं घुल पाता है, उसे किडनी पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देता है। वहीं जब किडनी खराब हो जाए, तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण हाई यूरिक एसिड की समस्या होती है। 

यूरिक एसिड के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है जैसे - तीखे क्रिस्टल का बनना जो किडनी स्टोन का निर्माण करती है। यूरिक एसिड की अधिक मात्रा के कारण दर्दनाक गाउट, किडनी की पथरी इत्यादि जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। इस स्थिति को रोकने के लिए अपने खान-पान में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। हम इस ब्लॉग में उन्हीं खान-पान की आदतों के बारे में बात करने वाले हैं।

हाई यूरिक एसिड बनने के कारण -

खान-पान में बदलाव से पहले जान लेते हैं कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक कैसे होती है और इसके लक्षण क्या है। हालांकि हाई यूरिक एसिड के सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि कुछ जोखिम कारक हैं जिनसे माना जाता है कि यह समस्या उत्पन्न हो सकती है जैसे - 

हाई यूरिक एसिड के लक्षण -

हाई यूरिक एसिड के कारण कुछ लक्षण तो दिखते हैं, लेकिन यह सारे लक्षण इसकी गंभीर स्थिति की तरफ संकेत करते हैं जैसे -

  • जोड़ों में अचानक तेज दर्द, विशेष रूप से पैर के अंगूठे, एड़ी, घुटने या टखने में होने वाला दर्द इस स्थिति को दर्शाता है।
  • जोड़ों में सूजन, लालिमा और गर्म होना।
  • जोड़ों में अकड़न, खासकर सुबह के समय।
  • जोड़ों के आसपास खुजली होना।

इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट से मिलें। स्थिति पर विचार करें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें। 

हाई यूरिक एसिड की स्थिति में क्या खाएं

खान-पान के माध्यम से हाई यूरिक एसिड के स्तर का इलाज किया जा सकता है। हाई यूरिक एसिड से बचने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है - 

फल:

  • खरबूजा: यह फल विटामिन ए और सी से भरपूर होता है। इसके साथ-साथ यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • तरबूज: तरबूज लाइकोपीन से भरपूर होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है जिसका कार्य जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करना है।
  • चेरी: चेरी एंथोसाइएनिन्स से भरपूर होता है, जो कि एक और लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट है। इसकी मदद से गाउट के खतरे से दूरी बनाने में मदद मिलती है।
  • स्ट्रॉबेरी: स्ट्रॉबेरी विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ-साथ शरीर में यूरिक एसिड के जमाव को भी रोकने में मदद करता है। 

सब्जियां:

  • खीरा: शरीर तभी यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकाल पाएगा, जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होगा। खीरा खाने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी नहीं होगी और शरीर हाइड्रेट रहेगा।
  • टमाटर: टमाटर लाइकोपीन से भरपूर होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। 
  • प्याज: प्याज क्वेरसेटिन से भरपूर होता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। 
  • लहसुन: यह एलिसिन से भरपूर होता है, जिससे ब्लड प्रेशर को कम करने और रक्त के थक्कों को रोकने में मदद मिलती है।
  • ब्रोकली: यह विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत है, जिससे हृदय स्वास्थ्य तो अच्छा होता हि है, लेकिन इसके साथ-साथ यूरिक एसिड के लक्षणों को भी कम करने में मदद मिलती है। 

हाई यूरिक एसिड की स्थिति में क्या न खाएं

हाई यूरिक एसिड की स्थिति में लोगों को अपने खान-पान के बारे में बहुत ध्यान देना होता है। अभी हमने जाना कि यूरिक एसिड की स्थिति में क्या खाना चाहिए। चलिए जानते हैं कि यूरिक एसिड की स्थिति में क्या नहीं खाना चाहिए - 

  • मांस और मछली: मीट और मछली में प्यूरिन की मात्रा बहुत अधित होती है। इसके सेवन को कम करने से शरीर को कम प्यूरिन मिलेगा जिससे शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण भी कम होगा।
  • शराब: शराब (बीयर, वाइन, हार्ड लिकर) यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है और गाउट की स्थिति को ट्रिगर कर सकती है।
  • मीठे पेय पदार्थ: सोडा, जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जैसे मीठे पेय पदार्थों में फ्रुक्टोज़ होता है, जो यूरिक एसिड के उत्पादन को शरीर में बढ़ा सकता है।
  • फ्रुक्टोज़ युक्त फल: कुछ फलों (अंगूर, लीची, अनानास, केला) में फ्रुक्टोज़ की मात्रा अधिक होती है। इनका सेवन कम मात्रा में करें।
  • रिफाइंड ग्रेन्स: मैदा एक रिफाइंड ग्रेन है। इससे ब्लड ग्लूकोज तो बढ़ता ही है, इससे यूरिक एसिड के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
  • मसालेदार और अधिक नमक वाला भोजन: अत्यधिक मसालेदार और नमक वाला भोजन गाउट की स्थिति को ट्रिगर कर सकता है। 

हाई यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए खान-पान में बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है। अधिक समस्या दिखने पर तुरंत कोलकाता के सर्वश्रेष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट से बात करें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।

यूरिक एसिड से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न -

 

यूरिक एसिड में कहां-कहां दर्द होता है?

यूरिक एसिड के कारण निम्न स्थानों पर दर्द हो सकता है - 

  • जोड़ों 
  • हाथों और कलाईयों 
  • पीठ, गर्दन और कंधों

क्या खाने से यूरिक एसिड कम होता है?

हां, कुछ खाद्य पदार्थ है, जिनके सेवन से यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, जैसे - फल, सब्जियां, साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद (कम मात्रा में), पानी, इत्यादि।

यूरिक एसिड कितना होना चाहिए?

पुरुष और महिलाओं में यह स्तर अलग-अलग होता है जैसे - पुरुषों में यूरिक एसिड का सामान्य स्तर 3.4-7.0 mg/dL, जबकी महिलाओं में यह स्तर 2.4-6.0 mg/dL है। आपके लिए सामान्य स्तर कितना है, इसका जवाब उनसे लें जिनसे आप इलाज ले रहे हैं। 

यूरिक एसिड कैसे ठीक करें?

यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए आप निम्न निर्देशों का पालन कर सकते हैं - 

  • खान-पान में बदलाव करें और स्वस्थ आदतों को अपनाएं
  • यूरिक एसिड कम करने वाली दवाएं यदि प्रिस्क्राइब्ड हैं तो उन्हें समय पर लें। 
  • अंत में जीवनशैली में बदलाव इस स्थिति को जल्दी ठीक होने में मदद कर सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Anjan Das

Dr. Anjan Das

Consultant - Urologist Exp: 28 Yr

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Dr. Anjan Das with valuable experience of 23 Years in the field of Urology including Uro-Oncology and Reconstructive Urology joined Fortis Hospital Kidney Institute at Rash Behari Avenue, Kolkata on 1st August 2014 as Consultant-Urology. He has received his MS (Gen. Surgery) and M.Ch (Urology) from one of the premier medical institutions - PGI, Chandigarh. Prior to joining the Fortis Group, he was and is still associated with well-known hospitals and Medical College in Kolkata as a Consultant-Urologist and / Professor of Urology. He was also associated with PGI, Chandigarh as Sr. Resident, and later on, as Assistant Professor of Urology. He has presented papers at various Urological Conference including the prestigious USICON. He has also many Publications on Urology to his credit. Dr. Das is a life member of various Urological Societies including the Urology Society of India (USI) and American Urology Association (AUA)

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