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किडनी स्टोन: लक्षण, कारण और बचाव

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किडनी स्टोन: लक्षण, कारण और बचाव

Renal Sciences | by CMRI | Published on 28/03/2024



क्या आप जानते हैं कि हर साल लाखों लोग गुर्दे की पथरी से परेशान होते हैं और असहनीय दर्द के कारण लोग इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती होते हैं। हालांकि यह एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को परेशान कर सकती है, और यह अत्यधिक दर्दनाक और परेशान करने वाली हो सकती है।

पथरी का इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक है। यदि पथरी अपने आप नहीं निकलती है या रुकावट पैदा करती है, तो उसे तोडने या निकालने के लिए सही इलाज की योजना की आवश्यकता होती है। इस ब्लॉग में हम गुर्दे की पथरी के बारे में सब कुछ जानेंगे, जिसमें इसके लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम शामिल है। इस ब्लॉग में सामान्य जानकारी ही उपलब्ध है। यदि आपको गुर्दे की पथरी के इलाज की आवश्यकता है, तो तुरंत हमारे नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टरों से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।

किडनी स्टोन क्यों होता है?

गुर्दे की पथरी को अंग्रेजी भाषा में किडनी स्टोन कहा जाता है। यह मूत्र पथ में खनिजों और अन्य पदार्थों से बनने वाला क्रिस्टल का समूह है। अधिकांश पथरी शरीर से पेशाब के माध्यम से अपने आप बाहर निकल जाते हैं, लेकिन जब यह शरीर से बाहर नहीं निकलते हैं और न ही इसका कोई इलाज होता है, तो रोगी को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। गुर्दे की पथरी मुख्य रूप से चार प्रकार की होती हैं -

  • कैल्शियम ऑक्सालेट: यह सबसे आम प्रकार की पथरी है, जो कैल्शियम और ऑक्सालेट के संयोजन से बनता है।
  • यूरिक एसिड: इस प्रकार की पथरी का निर्माण तब होता है, जब मूत्र में यूरिक एसिड का स्तर बहुत बढ़ जाता है।
  • स्ट्रुवाइट: स्ट्रुवाइट पथरी का निर्माण तब होता है, जब मूत्र पथ में संक्रमण होता है।
  • सिस्टीन: यह एक दुर्लभ प्रकार की पथरी है, जो शरीर में सिस्टीन नामक अमीनो एसिड से बनता है।

किडनी स्टोन के होने के कई कारण होते हैं जैसे - 

किडनी स्टोन के लक्षण

कुछ मामलों में गुर्दे की पथरी रेत के कण जितना ही छोटा होता है। उन मामलों में किडनी स्टोन के लक्षण नहीं दिखते हैं। वह सारे स्टोन अपने आप निकल जाते हैं। यदि पथरी का आकार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • पीठ के निचले भाग के दोनों ओर गंभीर दर्द।
  • अज्ञात कारणों से पेट दर्द।
  • पेशाब में खून आना
  • मतली या उल्टी आना
  • बुखार और ठंड लगना
  • मूत्र में दुर्गंध आना

किडनी स्टोन के नुकसान

अनुपचारित गुर्दे की पथरी से क्रोनिक किडनी रोग की समस्या विकसित होती है। इसके अतिरिक्त यदि आपके शरीर में एक भी पथरी है, तो इसके कारण एक से अधिक पथरी का निर्माण हो सकता है। ऐसा देखा गया है कि जिन लोगों के शरीर में एक पथरी होती है, उनमें से लगभग 50 प्रतिशत लोगों को अगले 5 से 7 वर्षों में दूसरी पथरी होने का खतरा होता है। इसके अतिरिक्त यदि पथरी किडनी से पास होकर ब्लैडर में अटक जाती है, तो यह गुर्दे को डैमेज कर सकती है और मवाद बना सकती है। इसके कारण किडनी खराब भी हो सकती है।

यही कारण है कि लक्षणों की पहचान होने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और इलाज की योजना पर बात करनी चाहिए।

किडनी स्टोन का इलाज

गुर्दे की पथरी का इलाज बच्चों और वयस्कों में एक समान ही होता है। शुरुआत और हल्के गंभीर मामलों में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर इलाज के तौर पर ढेर सारा पानी या फिर तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर डॉक्टर सबसे पहले बिना सर्जरी के ही पथरी को निकालने का प्रयास करते हैं। लेकिन बड़े पथरी के मामले में मूत्र के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यदि डॉक्टर को लगता है कि किडनी स्टोन के कारण संक्रमण की संभावना है, तो डॉक्टर इसे सर्जरी से हटाने का सुझाव देते हैं।

किडनी स्टोन के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों पर डॉक्टर विचार कर सकते हैं - 

  • शॉक-वेव लिथोट्रिप्सी: यह एक नॉन-सर्जिकल इलाज का विकल्प है, जिसमें पथरी को तोड़ने के लिए उच्च-ऊर्जा वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। मुख्य रूप से यह टुकड़े बाद में मूत्र के साथ आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
  • यूरेटेरोस्कोपी: इस सर्जिकल प्रक्रिया में पथरी को निकालने या तोड़ने के लिए मूत्रवाहिनी के माध्यम से एक दूरबीन (एंडोस्कोप) डाला जाता है। एंडोस्कोप एक पतला, लचीला सर्जिकल उपकरण है, जिसमें कैमरे के साथ एक लाइट भी होती है। 
  • परक्यूटीनियस नेफ्रोलिथोटॉमी/नेफ्रोलिथोट्रिप्सी: यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिससे केवल बड़ी या जटिल पथरी का इलाज होता है। इस प्रक्रिया में, पेट या पीठ में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और पथरी को हटाने के लिए एक विशेष उपकरण को शरीर में डाला जाता है।

किस प्रक्रिया का प्रयोग किया जाएगा, इसका निर्णय डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य और पथरी के आकार और संख्या के आधार पर ही लेते हैं।

किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी से बचाव

किडनी में पथरी का पता चलते ही हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत इलाज की योजना पर कार्य करें। गुर्दे में पथरी न हो इसके लिए आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने चाहिए जैसे -

  • कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन से बचाव के लिए आहार में ऑक्सालेट से भरपूर व्यंजन नहीं खाने चाहिए। मूंगफली, चुकंदर, शीशम के बीज, चौलाई पालक, चॉकलेट, जिमीकंद।
  • प्रोटीन की मात्रा पर विशेष ध्यान दें और आवश्यकता से अधिक प्रोटीन न लें।
  • सोडियम का सेवन भी सीमित करें। 
  • जंक फूड और डिब्बाबंद खाने से दूरी बनाएं क्योंकि यह गुर्दे की पथरी की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन समस्या की गंभीरता में वृद्धि कर सकते हैं। 
  • स्वयं को हाइड्रेट रखें, लेकिन कोल्ड ड्रिंक के सेवन से दूरी बनाएं। 
  • यूरिक एसिड का बढ़ना भी स्टोन के बढ़ने का मुख्य कारण है, इसलिए मांसाहारी व्यंजनों से दूरी बनाएं।

किडनी स्टोन से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या किडनी स्टोन खतरनाक है?

हां, किडनी स्टोन खतरनाक हो सकता है। यदि पथरी का आकार बड़ा है या इसके कारण मूत्र पथ अवरुद्ध हो रहा है, तो इसके कारण गंभीर दर्द, संक्रमण और गुर्दे की क्षति की समस्या हो सकती है। अधिक समय तक गुर्दे की पथरी का अनुपचारित रहना किडनी फेल्योर का संकेत देता है। 

किडनी स्टोन में क्या खाना चाहिए?

किडनी स्टोन की स्थिति में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से लाभ होगा - 

  • पानी
  • फल और सब्जियां
  • फाइबर
  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद

किडनी स्टोन में क्या नहीं खाना चाहिए?

किडनी स्टोन की स्थिति में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है - 

  • नमक
  • चीनी
  • पशु प्रोटीन (रेड मीट)
  • ऑक्सालेट

किडनी स्टोन को कैसे बाहर निकाले?

निम्न विकल्पों की सहायता से किडनी स्टोन बाहर निकल सकती - 

  • पानी (अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन)
  • दवाएं
  • शॉकवेव थेरेपी
  • सर्जरी