मिर्गी (Epilepsy): कारण, लक्षण, और उपचार के आधुनिक तरीके

मिर्गी (Epilepsy): कारण, लक्षण, और उपचार के आधुनिक तरीके

Neuro Sciences |by Dr. Ajay Aggarwal| Published on 03/02/2025

मिर्गी (Epilepsy) एक आम, लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसके कारण दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। मैंने ऐसे बहुत रोगियों को देखा है और उन्हें निरोग और स्वस्थ जीवन जीने में मदद की है। 

इस ब्लॉग को मैं अपने पूरे अनुभव के साथ वह सारी बातों को लिख रहा हूं, जिसे पढ़ने के बाद आप एपिलेप्सी के कारण, लक्षण और इलाज के सभी आधुनिक विकल्पों के बारे में समझ जाएंगे। इसके अतिरिक्त दिमाग या न्यूरोलॉजिकल विकार की स्थिति में बिना देर किए अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें और परामर्श लें।

मिर्गी का दौरा क्या है? - What is Epilepsy in Hindi?

मिर्गी एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसके कारण बार-बार दौरे पड़ते हैं। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि हमारा दिमाग कार्य कैसे करता है। हमारा दिमाग जब सही से कार्य करता है, तो इसके कारण हमारे दिमाग में कुछ बिजली की तरह संकेत जाते हैं। जब इन्हीं संकेत में कुछ गड़बड़ी आती है, तो इसके कारण सामान्य मस्तिष्क कार्य के में दिक्कत आती है। मिर्गी की स्थिति में पीड़ित लोगों को कई बार अलग-अलग प्रकार के दौरे पड़ते हैं। 

यहां आपको एक बात समझनी पडेगी कि ऐसा जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति को पड़ने वाले दौरे मिर्गी के दौरे के ही हो। दौरे के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि - तेज बुखार, चोट या फिर अन्य कोई गंभीर संक्रमण। इसलिए इस स्थिति के लक्षणों को समझना बहुत ज्यादा आवश्यक है। 

मिर्गी के दौरे के लक्षण

मिर्गी के लक्षणों को समझना और सही समय पर सही कदम उठाना, इस स्थिति में आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। मिर्गी के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • दौरे: बार-बार दौरा पड़ना, मिर्गी का एक सामान्य लक्षण है। यह कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि - फोकल दौरे, जनरलाइज्ड दौरा, कम्बाइन्ड जनरलाइज्ड दौरा, और अन्य दौरे। 
  • आभा: मिर्गी से पीड़ित लोगों को कुछ अन्य छवी का अनुभव हो सकता है। इसके साथ-साथ उन्हें गंद, संवेदनाएं और स्वाद संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जो दौरे के बारे में आपको सचेत कर सकते हैं। 
  • भ्रम या भटकाव: दौरा आना से पहले कई लोगों को भ्रम या भटकाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्थिति कुछ मिनटों से कुछ अधिक समय तक रह सकती है। 
  • नियंत्रण बनाने में नुकसान: कई बार जब संतुलन बनाए रखने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ मूत्राशय पर भी नियंत्रण बनाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। 
  • स्मृति संबंधी समस्याएं: कुछ लोगों को विशेष चीजों को याद रखने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति दौरे के बाद और भी अधिक विकराल हो सकती है। 

मिर्गी के दौरे या अटैक के दौरान, व्यक्ति को निम्नलिखित में से एक या अधिक लक्षण का अनुभव हो सकता है - 

  • टॉनिक-क्लोनिक दौरे: इस स्थिति में लोगों की स्मृति को अधिक नुकसान होता है। इसके साथ, मांसपेशियों में भी कुछ हरकतें भी होती है। 
  • एब्सेंस दौरे: दौरे के दौरान आपका फोकस किसी एक चीज़ पर नहीं हो पाता है। इस स्थिति पर कोई ध्यान नहीं देता है, लेकिन यह एक गंभीर लक्षण है। 
  • पार्शियल दौरे: इस स्थिति में दिमाग का एक भाग प्रभावित होता है और इसके कारण मांसपेशियों में ऐंठन और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न होते हैं। 
  • एटोनिक दौरे: इस प्रकार के दौरे में व्यक्ति के शरीर में अचानक मांसपेशियों की संरचना में कमी या कमजोरी आती है, जिसकी वजह से वह अचानक गिर सकते हैं।
  • मायोक्लोनिक दौरे: इस दौरे में अलग-अलग लक्षण उत्पन्न होते हैं। मुख्य रूप से दौरे के दौरान मांसपेशियों में बहुत तेज झटके लगते हैं।

मिर्गी क्यों आती है?

मिर्गी का कोई एक कारण नहीं है। हर व्यक्ति को अलग-अलग कारणों से मिर्गी की समस्या परेशान करती है। यदि कारण की पहचान हो जाए, तो इसकी मदद से आप मिर्गी का इलाज ढूंढ सकते हैं - 

  • जेनेटिक कारक: मिर्गी की समस्या कुछ लोगों के परिवार में चलता है। यदि मिर्गी की समस्या की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप भी इस रोग के चपेट में आ सकती हैं। 
  • दिमाग की चोट: सिर में किसी भी प्रकार की चोट या दुर्घटना के कारण लगने वाली चोट से दिमाग पर अच्छा खासा नुकसान हो सकता है, जिससे मिर्गी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  • स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर: यदि किसी के दिमाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है या स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, तो भी मिर्गी की शुरुआत हो सकती है। 
  • संक्रमण: दिमाग को प्रभावित करने वाले संक्रमण, जैसे कि मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस भी मिर्गी के कारण बन सकते हैं।
  • न्यूरो डेवलपमेंटल विकार: सेरेब्रल पाल्सी जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां होती हैं, वह भी मिर्गी के विकास की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

मिर्गी का क्या इलाज है?

मिर्गी के दौरे का इलाज करने के लिए कुछ विकल्प मौजूद हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है जैसे कि - 

  • दवाएं: मिर्गी को रोकने वाली दवाएं (Antiepileptic drugs) इस स्थिति में सबसे ज्यादा उपयोगी होती हैं। यह दवाएं दिमाग में मौजूद दिमाग में आने वाले विद्युत सिग्नल स्थिर रहता है। इस दवा का सुझाव डॉक्टर ही देते हैं।
  • सर्जरी: यदि किसी भी कारणवश दवाएं प्रभावी नहीं है, तो सर्जरी इस स्थिति में एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है। इसमें सर्जरी की मदद से प्रभावित क्षेत्र को दिमाग से निकाल दिया जाता है। 
  • वेगस नर्व सिमुलेशन (VNS): इस इलाज के विकल्प में एक मशीन का उपयोग होता है, जो वेगस नर्वस के माध्यम से दिमाग विद्युत सिग्नल को भेजा जाता है। इससे स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलती है। 
  • कीटोजेनिक आहार: विशेष रूप से मिर्गी से पीड़ित बच्चों को उच्च वसा, कम कार्बोहाइड्रेट वाले कीटोजेनिक आहार को दिया जाता है, जिससे मिर्गी की समस्या धीरे-धीरे कम होती है। इस आहार की मदद से मेटाबॉलिज्म का रूप ले कर दौरे को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। 
  • रिस्पॉन्सिव न्यूरोस्टिम्यूलेशन (RNS): इस विकल्प के दौरान दिमाग में एक मशीन को लगाया जाता है, जो असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का पता लगाता है और दौरे को रोकने के लिए विद्युत सिग्नल को वहां पर दिमाग तक भेजता है। 

निष्कर्ष

मिर्गी का इलाज और मैनेजमेंट संभव है, जो आधुनिक उपचार विधियों के साथ और परिवार की देखभाल के साथ संभव है। इसके अतिरिक्त कुछ सामान्य बातें हैं जैसे कि - सक्रिय जीवन शैली, स्वस्थ आहार का सेवन, इत्यादि, इन बातों के पालन से भी मिर्गी की स्थिति से आराम मिल सकता है। 

यदि आप या आपका कोई परिचित दौरे का अनुभव कर रहा है, तो मिर्गी के लक्षण और उपायों के बारे में विचार करने के लिए अभी अपना अपॉइंटमेंट बुक करें। 

देर न करें, स्वास्थ्य ही धन है! 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

मिर्गी कैसे फैलती है?

मिर्गी ऐसी कोई समस्या नहीं है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। हालांकि कुछ मामलों में यह स्थिति जेनेटिक स्थिति है, लेकिन यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकती है। 

मिर्गी कितनी आम है?

मिर्गी आम समस्या नहीं है, क्योंकि आंकड़ों की माने तो हर 26 में से सिर्फ 1 व्यक्ति ही मिर्गी की समस्या से पीड़ित होता है। हालांकि इसका निदान और इलाज आसानी से संभव है। 

मिर्गी के मामले में क्या किया जाना चाहिए?

यदि किसी को दौरा पड़ रहा है, तो शांत रहें और इन चरणों का पालन करें - 

  • यदि चोट के कारण किसी को मिर्गी की समस्या है, तो उसे धीरे से जमीन पर लेटाएं और डॉक्टर के पास ले जाएं। 
  • संभव हो तो सिर के नीचे नरम चीज रखें। 
  • कुछ खिलाए-पिलाए नहीं।
  • यदि मिर्गी को 5 मिनट से अधिक समय लगे, तो इमरजेंसी मेडिकल सहायता लें।

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