एन्सेफलाइटिस (encephalitis) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग में सूजन होती है। इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे वायरल संक्रमण, ऑटोइम्यून रोग, जीवाणु संक्रमण (Bacterial Infection) और कीड़े के काटना। एन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) की वजह से एक व्यक्ति को लंबे समय तक परेशानी का सामना करना पड़ता है और कुछ मामलों में लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। इस स्थिति के इलाज के लिए अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं, लेकिन कुछ मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
एन्सेफलाइटिस की समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। चलिए पहले उन वायरस के बारे में जानते हैं, जो इस स्थिति के लिए जिम्मेदार होते हैं।
कीड़ों के द्वारा भी कुछ वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं और उन्हीं में से एक है डेंगू वायरस। इसके अतिरिक्त मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले अन्य वायरल संक्रमण भी होते हैं, जो अक्सर हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) से संबंध रखते हैं। हालांकि, इसके अतिरिक्त भी एन्सेफेलाइटिस कई रोग या अन्य वायरस के कारण विकसित हो सकता है।
निम्न कारणों से इन्सेफेलाइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है जैसे -
इस रोग का प्रमुख लक्षण तेज बुखार के साथ तेज सिरदर्द, कमजोरी, थकान और जी मचलना है। इस रोग की एक विशेषता यह है कि इस स्थिति में लक्षण अचानक दिखते हैं और रोगी का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित होता है। इसके अतिरिक्त गंभीर मामलों में पेशेंट को कुछ लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है जैसे -
हालांकि बच्चों में कुछ अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं जैसे -
एन्सेफलाइटिस की जांच के लिए मुख्य रूप से फिजिकल एग्जामिनेशन का सुझाव दिया जाता है। इसके साथ-साथ आपके लक्षणों के बारे में भी पूछा जाएगा, जिससे स्थिति अधिक साफ हो जाएगी। निम्नलिखित जांच से स्थिति साफ होगी और इलाज में भी मदद मिलेगी -
अकसर एन्सेफलाइटिस के मुख्य कारणों और लक्षणों की खोज की जाती है और उसका समाधान किया जाता है। अधिकतर मामलों में एन्सेफलाइटिस से पीड़ित होने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। यदि लक्षण इससे बदतर होते हैं, तो तुरंत इलाज के लिए न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलें। इसके अतिरिक्त इलाज के निम्नलिखित विकल्पों की सहायता ली जा सकती है -
एन्सेफलाइटिस का इलाज कई कारणों पर निर्भर करता है। वायरल संक्रमण के लिए एंटीवायरल दवाएं, ऑटोइम्यून रोगों के लिए स्टेरॉयड, और बैक्टीरियल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। गंभीर मामलों में, रोगी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ सकती है और इसके अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता पड़ सकती है।
एन्सेफलाइटिस की रोकथाम के कुछ तरीके उपलब्ध हैं, जैसे -
एन्सेफलाइटिस के दीर्घकालिक प्रभाव व्यक्ति हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ मामलों में तो कोई स्थायी प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन जब इसका प्रभाव पड़े बोलने, याद रखने में कठिनाई, मांसपेशियों की कमजोरी, या दौरे पड़ने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
एन्सेफलाइटिस की समस्या से रिकवरी का समय भी हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। हल्के मामलों में कुछ हफ्तों में ही व्यक्ति ठीक हो जाता है, जबकि गंभीर मामलों में महीनों या सालों तक का समय लग सकता है। रिकवरी में भी एक योजना की आवश्यकता होती है, जिसकी जानकारी आपको न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से ही मिलेगी।
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