फैटी लिवर क्या है, लक्षण, नुकसान एवं इलाज
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फैटी लिवर क्या है, लक्षण, नुकसान एवं इलाज

Summary

फैटी लिवर या हेपेटिक स्टीटोसिस वह समस्या है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट जम जाता है। आमतौर पर लिवर पर जो फैट जमता है, वह थोड़ी मात्रा में ही होता है, लेकिन जब फैट लिवर के ऊपर जमा होता है, तो इसके कारण लिवर का वजन भी 5 से 10% या उससे ज्यादा बढ़ जाता है, जो फैटी लिवर का एक प्रमुख कारण भी है। 

हमारा जीवन अब शताब्दी ट्रेन से भी तेज हो गया है, जहां पर लोगों के पास थोड़ी देर बैठकर बात करने का भी समय नहीं है। इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है। इस भागते दौड़ते जीवन में अस्वस्थ खान-पान, गतिहीन जीवनशैली और तनाव हमारे जीवन का अभिन्न भाग बन गया है, जिससे कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हमारे जीवन के आस-पास मंडराती रहती हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से लोग अपने स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन अभी भी कहीं न कहीं लिवर स्वास्थ्य को अनदेखा किया जा रहा है।

जब तक लिवर में कोई समस्या न हो, कोई भी इसे सीरियस नहीं लेता है। लिवर की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसे साइलेंट डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। फैटी लिवर रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो अनुपचारित रह जाने पर जानलेवा स्थिति में परिवर्तित हो सकती है। अच्छी खबर यह है कि इसे ठीक किया जा सकता है, जिसे हम इस ब्लॉग से आपको बताने वाले हैं। चलिए समझते हैं कि फैटी लिवर क्या है, इसके लक्षण, जोखिम और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने लिवर को प्राकृतिक रूप से कैसे ठीक कर सकते हैं। अधिक समस्या दिखने पर तुरंत एक फैटी लीवर के विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

फैटी लिवर क्या है? 

फैटी लिवर या हेपेटिक स्टीटोसिस वह समस्या है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट जम जाता है। आमतौर पर लिवर पर जो फैट जमता है, वह थोड़ी मात्रा में ही होता है, लेकिन जब फैट लिवर के ऊपर जमा होता है, तो इसके कारण लिवर का वजन भी 5 से 10% या उससे ज्यादा बढ़ जाता है, जो फैटी लिवर का एक प्रमुख कारण भी है। दो प्रकार के फैटी लिवर डिजीज होते हैं - 

  1. अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD): अत्यधिक शराब के सेवन के कारण इस प्रकार की समस्या देखने को मिलती है। 
  2. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD): इस प्रकार का लिवर रोग शराब से नहीं होता है। इसके पीछे का कारण मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या अस्वस्थ आहार है।

दुनिया में जितने भी फैटी लिवर रोग के जितने भी मामले है, उनमें से अधिकतर मामले नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) के हैं। सही समय पर सही इलाज न मिलने पर यह स्थिति नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH), फाइब्रोसिस, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर का रूप ले लेती है। 

फैटी लिवर के लक्षण - Symptoms of Fatty liver disease

फैटी लिवर की स्थिति में लक्षण थोड़ी देर से ही सामने आते हैं, इसलिए इसे साइलेंट डिजीज या किलर के नाम से जाना जाता है। हालांकि जब लिवर पर बहुत ज्यादा फैट जम जाता है, वैसे-वैसे कुछ लक्षण उत्पन्न होने लग जाते हैं जैसे कि - 

  • पेट के ऊपरी दाएं भाग में हल्का दर्द या बेचैनी होना।
  • बिना कारण थकान और कमजोरी आना।
  • अनजाने में वजन कम होना।
  • भूख न लगना या कम लगना।
  • पीलिया
  • पेट में सूजन
  • पैरों और पंजों में सूजन जिसे मेडिकल भाषा में एडिमा कहा जाता है। 

यदि आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। समय रहते, जीवनशैली में बदलाव फैटी लिवर की गंभीर जटिलताओं से आपको बचा सकता है।

फैटी लिवर के नुकसान

फैटी लिवर को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, क्योंकि इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि-

  • लिवर में सूजन या लिवर सिरोसिस: लगातार फैट जब जमने लगता है, तो इसके कारण लिवर में सूजन आ जाती है और कुछ मामलों में फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप सिरोसिस की समस्या होती है, जो कि एक जानलेवा स्थिति है।
  • लिवर कैंसर: लंबे समय तक लिवर को होने वाला नुकसान लिवर कैंसर की संभावनाओं को प्रबल करता है। 
  • लिवर फेल्योर: गंभीर मामलों में लिवर अपना सामान्य काम करना बंद कर देता है, जिसके बाद लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बचता है। 
  • हृदय रोग और मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है: जब लिवर की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचता है, तो हृदय रोग और डायबिटीज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मुख्य रूप से हार्ट अटैकस्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या आपको परेशान कर सकती है। 

इसी कारणवश हम जीवनशैली में बदलाव से फैटी लिवर रोग के इलाज का सुझाव देते हैं। 

फैटी लिवर का उपचार: फैटी लिवर का प्राकृतिक इलाज

फैटी लिवर के इलाज के लिए कोई जादुई गोली नहीं है। आपको प्रक्रिया पर भरोसा रखना होगा और जानना होगा कि फैटी लिवर में क्या-क्या खाना चाहिए और जीवन में क्या बदलाव करने से आपको लाभ मिलेगा। निम्न सुझावों का पालन कर आप फैटी लिवर का इलाज कर सकते हैं - 

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: प्रयास करें आप कम से कम 5 से 10 प्रतिशत वजन कम करें क्योंकि इससे लिवर की चर्बी आसानी से कम हो सकती है। 
  • लिवर के अनुकूल आहार का पालन करें: स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें। इसके लिए आप अपने आहार में फाइबर, स्वस्थ वसा, लीन प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड शुगर, सोडा, शराब और अधिक रेड मीट के सेवन से भी बचें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा। ऐसा करने से लिवर में फैट कम होगा और मेटाबॉलिज्म भी दुरुस्त रहेगा। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करें। 
  • शराब और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें:शराब लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड और मीठे खाद्य पदार्थ से लिवर पर फैट और भी अधिक बढ़ जाता है। 
  • मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें: प्रयास करें कि डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें। इसे मैनेज करने के लिए आहार, व्यायाम और दवा आपकी मदद कर सकते हैं। 

सही सलाह और तुरंत उपचार से आप कुछ ही महीनों में फैटी लिवर की समस्या से बाहर आ सकते हैं। 

निष्कर्ष

फैटी लिवर एक साइलेंट डिजीज है, जिसे जीवनशैली में बदलाव, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम की मदद आसानी से मैनेज किया जा सकता है। इसके साथ-साथ शराब से दूरी बनाएं और स्वस्थ वजन बनाए रखें। फैटी लिवर की स्थिति में आप फैटी लिवर विशेषज्ञों से मदद ले सकते हैं। वह आपकी स्थिति के अनुसार फैटी लिवर डाइट चार्ट का सुझाव देंगे और आवश्यकता पड़ने पर दवाएं और सप्लीमेंट का सुझाव देंगे।

फैटी लिवर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए?

फैटी लिवर की स्थिति में आपको कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है जैसे कि - 

  • ओट्स और ब्राउन राइस जैसे होल ग्रेन
  • पत्तेदार साग और फाइबर युक्त सब्जियां
  • चिकन, मछली और टोफू जैसे लीन प्रोटीन
  • नट्स, बीज और स्वस्थ वसा
  • ग्रीन टी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल जैसे कि बेरी, संतरे

क्या फैटी लिवर होने पर आप चाय पी सकते हैं?

फैटी लिवर की स्थिति में आप ग्रीन टी पी सकते हैं, क्योंकि इससे चर्बी और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। आप प्रयास करें कि आप कैफीन का सेवन सीमित करें। आप हर्बल टी का सेवन भी कर सकते हैं। 

फैटी लिवर को ठीक होने में कितना समय लगता है?

फैटी लिवर को ठीक होने कम से कम 3 महीने और अधिकतम 1 साल का समय लग सकता है। गंभीर मामलों में एक साल लगता है और यदि आपको जल्दी ठीक होना है, तो स्वस्थ जीवनशैली और फैटी लिवर डाइट चार्ट का कड़ाई से पालन करें। 

फैटी लिवर के लिए कौन से फल अच्छे हैं?

फैटी लिवर की स्थिति में आप एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर फल का सेवन कर सकते हैं जैसे कि - 

  • सेब, नाशपाती और जामुन
  • संतरे, नींबू और पपीता
  • एवोकाडो और केले

प्रयास करें आम और अंगूर जैसे अधिक मीठे फल का सेवन न करें। 

फैटी लिवर के लिए सबसे अच्छे योगासन क्या है?

फैटी लिवर की स्थिति में कुछ प्रकार के योग डिटॉक्सिफिकेशन का कार्य करते हैं जैसे कि - 

  • कपालभाति प्राणायाम
  • भुजंगासन
  • धनुरासन

रोजाना कम से कम 20 से 30 मिनट का योग और व्यायाम करें। 

Written and Verified by:

Dr. Anil Kumar Jangid

Dr. Anil Kumar Jangid

Senior Consultant Exp: 13 Yr

Gastroenterology

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