लिवर सिरोसिस: शुरुआती लक्षण और इलाज

लिवर सिरोसिस: शुरुआती लक्षण और इलाज

Gastro Science |by Dr. Anil Kumar Jangid| Published on 03/02/2025

मैं पिछले 13 साल से गैस्ट्रो संबंधित सभी समस्याओं का इलाज सफलता से करते आ रहे हूं। सभी रोगों में से लीवर सिरोसिस एक ऐसी समस्या है, जो कि एक प्रगतिशील स्थिति है, जिसमें स्वस्थ लिवर के टिश्यू पर स्कार टिश्यू का निर्माण हो जाता है। इस स्थिति में लिवर की कार्यक्षमता को अच्छा खासा नुकसान होता है, और कुछ मामलों में यह लिवर की क्षति का कारण भी बनता है। 

इस क्षति के पीछे का मुख्य कारण लंबे समय से शराब का सेवन, क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस बी और सी), और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) है। सिरोसिस जैसी स्थिति का इलाज प्रभावी ढंग से करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए, जिनको मैं इस ब्लॉग में बताने वाला हूं। यदि आप लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षणों को पहचान लेंगे, तो तुरंत सर्वश्रेष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्टसे परामर्श लें और इलाज के विकल्पों के बारे में बात करें।

लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षण

लिवर सिरोसिस के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं। हालांकि लिवर सिरोसिस की स्थिति में जब समस्या अगले चरण में चली जाती है, तो इसके कारण कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • थकान: जैसे-जैसे लिवर की स्थिति कमजोर होने लगती है, व्यक्ति को थकावट और कमजोरी की लगातार अनुभूती होती रहती है।
  • भूख न लगना: लिवर की समस्या की स्थिति में खाने की इच्छा कम होती है, जिससे अक्सर वजन कम होने लगता है।
  • मतली: लिवर सिरोसिस की स्थिति में पेट में बेचैनी होने लगती है, जिसके अतिरिक्त उल्टी और मतली जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • पेट में असुविधा: पेट के ऊपरी दाहिने भाग में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।
  • पीलिया: लिवर रोग की स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली स्थिति पीलिया ही है। इस स्थिति में बिलीरुबिन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से त्वचा और आंखों में पीलापन आने लगता है।
  • खुजली: बिना कारण त्वचा पर खुजली होने लगती है जो कि लिवर की समस्या का एक मुख्य लक्षण है।
  • सूजन: जब लिवर अपना सामान्य काम नहीं कर पाता है, तब शरीर में तरल पदार्थ जमने लग जाता है, जिससे पैरों, टखनों या पेट में सूजन होने लगती है।

यह सारे लक्षण दर्शाते हैं कि लिवर अपना सामान्य कार्य नहीं कर पाता है जैसे कि हानिकारक पदार्थों का जमा होना। 

लिवर सिरोसिस का इलाज

लिवर सिरोसिस की स्थिति में होने वाली क्षति अपरिवर्तनीय होती है। हालांकि इस इलाज का उद्देश्य इस रोग की प्रगति को धीमा करना होता है और जटिलताओं को रोकना होता है। इस स्थिति के इलाज के लिए निम्न विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है - 

  • शराब से दूरी बनाएं: लिवर सिरोसिस की स्थिति में शराब का सेवन बिल्कुल न करें। इसके लिए आप डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं। 
  • वायरल हेपेटाइटिस-संबंधित सिरोसिस: यदि हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी के संक्रमण के कारण लिवर सिरोसिस की स्थिति उत्पन्न हुई है, तो एंटीवायरल दवाएं इस स्थिति को मैनेज कर सकती हैं। इसकी मदद से लिवर को और अधिक नुकसान नहीं होता है।
  • NAFLD-संबंधित सिरोसिस: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की मदद से आप नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग की स्थिति को मैनेज कर सकते हैं। जैसे ही आप स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं, लिवर के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल सकता है। 

यदि स्थिति अगले चरण में चली जाती है, तो यहां लिवर फेल्योर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसके बाद ट्रांसप्लांट ही लिवर सिरोसिस का रामबाण इलाज माना जा सकता है। 

यदि आप एक बेहतर जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षणों को पहचानें। इसके साथ-साथ नियमित मेडिकल चेकअप और स्वस्थ जीवन शैली लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

अगर मुझे लीवर सिरोसिस है तो मुझे क्या खाना चाहिए?

लिवर सिरोसिस की स्थिति में संतुलित आहार बहुत आवश्यक है। लीवर सिरोसिस की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों पर आपका अधिक जोर लगना चाहिए।

  • विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • पोल्ट्री, मछली और फलियां जैसे लीन प्रोटीन का विकल्प चुनें। 
  • ब्राउन राइस और ओट्स जैसे होल ग्रेन्स आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। 
  • लिवर डिटॉक्स ड्रिंक बनाएं।

लीवर सिरोसिस के जोखिम कारक क्या हैं?

लीवर सिरोसिस के कई जोखिम कारक है जैसे कि - 

  • लंबे समय से शराब का सेवन करना।
  • हेपेटाइटिस बी या सी वायरस से संक्रमित।
  • नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)
  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का लिवर पर प्रभाव।
  • जेनेटिक रोग, जैसे कि हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन, जिस स्थिति में लिवर में आयरन और कॉपर जमा होने लगता है। 

लिवर सिरोसिस के निदान के बाद आप कितने समय तक जीवित रह सकते हैं?

इस प्रश्न का उत्तर हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग ही होता है। यदि लिवर सिरोसिस का निदान शुरुआती चरण में हो जाए, तो इसके कारण व्यक्ति के जीवित रहने की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, गंभीर चरण जैसे कि लिवर फेल्योर की स्थिति में व्यक्ति के जीवन की दर कम हो जाती है। 

आमतौर पर लिवर सिरोसिस किस उम्र में होता है?

लिवर सिरोसिस हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन मुख्य रूप से यह 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम है। इसका एक और जोखिम कारक है, और वह है शराब। शराब का सेवन जो बहुत करते हैं, वह इस रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं। 

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