कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

Gastro Science |by Dr. Anil Kumar Jangid| Published on 17/03/2025

लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो कई महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए जाना जाता है। भोजन को पाचना, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, रक्त को शुद्ध करना और प्रोटीन का उत्पादन करना कुछ महत्वपूर्ण कार्य है, जो एक लीवर करता है। जब लीवर कमजोर हो जाता है, तो वह इन कार्यों को प्रभावी ढंग से नहीं कर पाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। लीवर कमजोर होने के कई लक्षण होते हैं, जिनके बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है।

इस ब्लॉग में हम कमजोर लीवर के लक्षण और उपाय के बारे में बात करने वाले हैं। इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यदि आपको भी कमजोर लीवर के लक्षणों का अनुभव होता है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (जठरांत्र चिकित्सक) से परामर्श लें।

कमजोर लिवर के लक्षण

अक्सर लोगों के द्वारा पूछा जाता है कि लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या है? चलिए इस स्थिति में उत्पन्न होने वाले सभी लक्षणों के बारे में जानते हैं और उन्हें समझते हैं -

  • पेट में दर्द या सूजन: लीवर कमजोर होने पर पेट के ऊपरी भाग में सूजन आ जाती है। इसके साथ-साथ दर्द भी होता है।
  • भूख न लगना: लीवर का कार्य भोजन को पचाना भी होता है। जब लीवर कमजोर हो जाता है, तो यह भोजन को ठीक से पचाने में असमर्थ होता है, जिससे भूख भी नहीं लगती है।
  • वजन कम होना: कम भूख के कारण वजन कम होना एक सामान्य लक्षण है।
  • थकान: कमजोर लीवर के कारण शरीर में ऊर्जा का भी निर्माण नहीं हो जाता है, जिससे व्यक्ति को थकान का अनुभव होता है।
  • पीलिया: पीलिया में आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब लीवर रक्त से पित्त को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता है।
  • त्वचा में खुजली: त्वचा में खुजली एक अन्य सामान्य लक्षण है। जब रक्त से विषाक्त पदार्थ नहीं निकल पाते हैं, तो त्वचा में खुजली व्यक्ति को बहुत परेशान करती है। 
  • मूत्र का रंग गहरा हो जाना: मूत्र का रंग गहरा होना एक अन्य लक्षण है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब लीवर रक्त से पित्त को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता है।
  • मल के रंग का हल्का हो जाना: मल के रंग में बदलाव भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है।
  • एडिमा: इस स्थिति में तरल पदार्थ के जमाव के कारण पैरों में सूजन आ जाती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब लीवर पर्याप्त एल्ब्यूमिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, जिससे रक्त में एल्ब्यूमिन की मात्रा कम हो जाती है।
  • मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का प्रभावित होना: जब लीवर में किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो रक्त में विषाक्त पदार्थों की संख्या बढ़ जाती है, जो मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। इसके कारण व्यक्ति को भ्रम, भटकाव या भूलने की बीमारी हो जाती है।
  • पाचन संबंधी समस्या: विषाक्त पदार्थों का शरीर में जमा होने के कारण पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे मतली और उल्टी की समस्या उत्पन्न होती है।
  • खराब नींद: हालांकि यह लक्षण बहुत कम मामलों में उत्पन्न होते हैं, लेकिन यह भी एक महत्वपूर्ण लक्षण की श्रेणी में आता है।

यदि लक्षणों का ख्याल अच्छे से नहीं रखा गया, तो इसके कारण व्यक्ति को बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि फैटी लिवर या लिवर सिरोसिस

क्यों होता है कमजोर लीवर?

हम अपने जीवन में कई दवाओं, इंजेक्शन, और रासायनिक उत्पादों का प्रयोग करते हैं। कभी-कभी यह पदार्थ हमारे शरीर से अच्छे से बाहर नहीं आ पाते हैं, जिससे वह हमारे शरीर में जमने लगते हैं। यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

इसके अतिरिक्त हमारे डॉक्टर कहते हैं कि खाने पीने में लापरवाही की वजह से भी लीवर से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। गलत खानपान के साथ अस्वस्थ जीवनशैली लीवर की समस्या का मुख्य कारण है। लीवर कमजोर होने के मुख्य कारणों को नीचे बताया गया है -

  • शराब और सिगरेट का अधिक सेवन
  • रेड मीट का अधिक सेवन
  • नमक का अधिक सेवन
  • गंदा पानी पीना
  • मिर्च मसालेदार चीजों का अधिक सेवन
  • जंक फूड का अधिक सेवन
  • लगातार कब्ज की समस्या
  • एंटीबायोटिक और नकली दवाइयों का अधिक सेवन 

कब्ज की समस्या कमजोर लीवर के कारण के साथ-साथ लक्षण भी है। इसलिए इस स्थिति को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

लीवर कमजोर होने पर क्या खाना चाहिए?

लीवर को फिर से दुरुस्त करने के लिए खानपान एक अहम भूमिका निभाता है। कई बार डॉक्टर भी आहार में कुछ आवश्यक बदलाव का सुझाव देते हैं। लीवर कमजोर होने पर रोगी को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

फल

ताजे फल लीवर को स्वस्थ रखने में बहुत मदद कर सकते हैं। फलों में फाइबर प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ विशेष फल इस प्रकार है - 

  • आम
  • पपीता
  • ब्लूबेरी
  • अंगूर
  • सभी खट्टे फल

सब्जियां

यदि कोई व्यक्ति अपने लीवर को स्वस्थ रखना चाहता है, तो उसे प्रतिदिन ताजी हरी सब्जियां खानी चाहिए। कुछ ऐसी सब्जियां होती हैं, जिससे आपको बहुत लाभ मिलेगा जैसे - 

  • ब्रोकली
  • गाजर
  • पालक
  • चुकंदर

अनाज (ग्रेन्स)

लीवर के बेहतर स्वास्थ्य के लिए फाइबर की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित खनिजों को आहार में जोड़ने का सुझाव दे सकते हैं - 

  • ओटमील
  • ब्राउन राइस
  • बाजरा

पेय पदार्थ

हाइड्रेट रखने के लिए पेय पदार्थ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लीवर को ठीक रखने के लिए रोगी को निम्नलिखित पेय पदार्थ के सेवन को बढ़ाना चाहिए क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है - 

  • फलों और सब्जियों के रस
  • ग्रीन टी
  • चुकंदर, गाजर और खीरा जूस
  • नींबू का रस

अन्य खाद्य पदार्थ

कुछ अन्य खाद्य पदार्थ है, जिसके प्रयोग से लीवर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। यह खाद्य पदार्थ लीवर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ, पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं - 

  • जैतून का तेल
  • ड्राई फ्रूट्स
  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • फैटी फिश
  • हल्दी

लीवर मजबूत करने के उपाय

लीवर को मजबूत करने के लिए आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है, जिनको हम नीचे बताने वाले हैं - 

  • संतुलित आहार: आपका आहार एक संतुलित आहार होना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स और लीन प्रोटीन जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ भरपूर हो। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, अतिरिक्त चीनी और ट्रांस फैट को कम करने से लीवर पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता है। 
  • हाइड्रेटेड रहें: पानी का कार्य शरीर से हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है। इसकी मदद से लीवर अपना सामान्य काम आसानी से कर पाता है। ग्रीन टी या डंडेलियन टी जैसी हर्बल चाय भी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
  • शराब का सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब के कारण लीवर की कोशिकाओं को नुकसान होता है, जो अंत में फैटी लीवर रोग का कारण भी बनता है। प्रयास करें कि इसे सीमित करें या फिर इसे तुरंत बंद कर दें। 
  • नियमित व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि लीवर में फैट के निर्माण को रोकने का कार्य करती है। इससे रक्त संचार में सुधार होना निश्चित होता है। इसकी सहायता से नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) जैसी स्थितियों को भी आसानी से रोका जा सकता है।
  • स्वाभाविक रूप से डिटॉक्स करें: हल्दी, लहसुन और हरे पत्तेदार साग में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिसके सेवन से लीवर के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। 
  • दवाओं के अत्यधिक उपयोग से बचें: एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं यदि आप बार-बार लेते हैं, तो इसके कारण लीवर पर दबाव पड़ सकता है।
  • नियमित जांच कराएं: लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) लिवर की क्षति के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद कर सकता है। यदि आपको लगातार लक्षण महसूस होते हैं, तो उचित निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह लें। वह भी आपको इसी टेस्ट का सुझाव देंगे।

इन सरल एवं प्रभावी लीवर साफ करने के उपायों की मदद से आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। 

कमजोर लीवर का इलाज

कमजोर लीवर का इलाज स्थिति के निदान पर निर्भर करता है। लीवर की कुछ समस्याओं का इलाज जीवनशैली में बदलाव के साथ संभव है। कई मामलों में डॉक्टर शराब का सेवन बंद करने या वजन कम करने का सुझाव देते हैं। आमतौर पर डॉक्टर एलएफटी टेस्ट के बाद रोगी के साथ एक परामर्श सत्र करते हैं, जिसके बाद वह कमजोर लीवर का कारण जानते हैं और इलाज की योजना बनाते हैं।

यदि लीवर को बहुत ज्यादा नुकसान होता है, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इस स्थिति में लीवर ट्रांसप्लांट इलाज का एक अच्छा विकल्प साबित होता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

कैसे पता करें कि लीवर कमजोर है?

लीवर कमजोर होने के कुछ लक्षण हैं, जिससे लीवर की बीमारी के बारे में पता चल सकता है जैसे - 

  • आंखें और त्वचा का पीला पड़ना
  • उल्टी और मतली
  • भूख न लगना
  • पेट दर्द
  • वजन घटना
  • पेशाब और मल के रंग में बदलाव
  • खुजली

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

कमजोर लीवर को मजबूत कैसे करे?

कमजोर लीवर को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित उपाय बहुत ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं - 

  • स्वस्थ आहार खाएं
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • शराब का सेवन कम करें
  • अपनी दवाओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें
  • नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं

लीवर कैंसर होने का खतरा किसे है?

निम्नलिखित स्थितियों से जुड़े लोगों को लीवर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है - 

  • हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी से संक्रमित लोगों को
  • जेनेटिक लीवर डिजीज
  • डायबिटीज या मधुमेह
  • नॉन अल्कोहोलिक फैटी लीवर
  • एफ्लाटॉक्सिन के संपर्क में आने वाले लोग
  • लगातार शराब का सेवन
  • अधिक मोटे लोग

क्या तनाव और चिंता लीवर को कमजोर कर सकती है?

हां, क्रोनिक स्ट्रेस और चिंता लीवर को कमजोर करने का कार्य करता है। लंबे समय तक तनाव कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) के उत्पादन को बढ़ाता है, जिसकी वजह से लीवर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 

क्या कमजोर लीवर की वजह से मुहांसे और चकत्ते जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं?

हां, कमजोर लीवर के कारण मुहांसे, खुजली, एक्जिमा और चकत्ते जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लीवर का कार्य शरीर को डिटॉक्स करना है, और जब शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं, तो इसके कारण शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे जिससे त्वचा में सूजन और मुहांसे की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

क्या बहुत ज्यादा कॉफी या चाय पीने से लीवर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है?

सामान्य तौर पर कॉफी के सेवन से लीवर का स्वास्थ्य बेहतर होता है, लेकिन कॉफी में चीनी और दूध नहीं होना चाहिए। दिन में 2-3 कप ब्लैक कॉफी फैटी लीवर और सिरोसिस की समस्या से आराम दिला सकता है। इसके अतिरिक्त हर्बल टी का सेवन आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। 

लीवर की कमजोरी पाचन को कैसे प्रभावित करती है?

कमजोर लीवर के कारण अपच, सूजन और कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे हमारा पाचन तंत्र बुरी तरह प्रभावित होता है। खराब लीवर फ़ंक्शन के कारण एसिड रिफ्लक्स, भूख न लगना और धीमे पाचन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

क्या लीवर की क्षति को ठीक किया जा सकता है और इसे ठीक होने में कितना समय लगता है?

हां, लीवर की क्षति को ठीक किया जा सकता है, जिसके लिए इस ब्लॉग में मौजूद उपायों का आपको पालन करना चाहिए, जैसे कि स्वस्थ आहार का सेवन, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव। बाकी लीवर के अलग-अलग समस्या के लिए अलग-अलग इलाज के विकल्प मौजूद होते हैं, जिसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर से परामर्स ज़रूर लें। 

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