हेपेटाइटिस बी: लक्षण, उपचार, कारण
Home >Blogs >हेपेटाइटिस बी: लक्षण, उपचार, कारण

हेपेटाइटिस बी: लक्षण, उपचार, कारण

Summary

हेपेटाइटिस बी एक बहुत ही आम पर गंभीर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होता है और लीवर पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाता है। अब तक लगभग दो अरब लोग यानी हर 3 में से 1 व्यक्ति इससे संक्रमित हो चुके हैंहेपेटाइटिस बी एक बहुत ही आम पर गंभीर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होता है और लीवर पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाता है। अब तक लगभग दो अरब लोग यानी हर 3 में से 1 व्यक्ति इससे संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 300 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण के साथ जी रहे हैं। मगर इस तथ्य के बावजूद, कि इसे रोका जा सकता है या इलाज किया जा सकता है, हर साल एक अनुमान के मुताबिक, 10 लाख के आसपास लोग इससे मारे जाते हैं। और लगभग 300 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण के साथ जी रहे हैं।

हेपेटाइटिस बी एक गंभीर संक्रमण है, जो सीधा लीवर को प्रभावित करती है। यह वायरस रक्त, वीर्य, और योनि से डिस्चार्ज जैसे शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से फैलता है। यही कारण है कि हर व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी की सामान्य जानकारी होनी चाहिए, जिसे हम इस ब्लॉग के द्वारा समझाने वाले हैं। 

हेपेटाइटिस बी क्या है?

हेपेटाइटिस बी एक बहुत ही आम पर गंभीर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होती है और लीवर पर हमला कर उसकी कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाती है। अब तक लगभग दो अरब लोग यानी हर 3 में से 1 व्यक्ति इस रोग से संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 300 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण के साथ अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं। वहीं एक आंकड़ा कहता है कि हर साल लगभग 10 लाख लोग इस रोग के कारण अपनी जान गवांते हैं। 

कई लोगों में हेपेटाइटिस बी की समस्या कुछ समय के लिए ही होती है। इसे एक्यूट हेपेटाइटिस भी कहा जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों की मानी जाए तो यह रोग कम से कम 6 महीने तक एक व्यक्ति के शरीर में रहता है। इस स्थिति को एक्यूट हेपेटाइटिस बी कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ यह रोग 6 महीने से ज्यादा शरीर में रहता है तो यह क्रॉनिक इंफेक्शन में परिवर्तित हो जाता है। 

हेपेटाइटिस बी के लक्षण

हेपेटाइटिस बी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं, जो आमतौर पर व्यक्ति के संक्रमित होने के लगभग 1 से 4 महीने बाद तक दिखाई देते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में आप लक्षण संक्रमण के दो हफ्ते बाद ही देखे जा सकते हैं और ज्यादातर छोटे बच्चों में हेपेटाइटिस बी के कोई लक्षण नहीं नज़र आते हैं। 

इसके अलावा, हेपेटाइटिस बी के लक्षणों में पेट दर्द, गहरा मूत्र, बुखार, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, उलटी, कमजोरी और थकान शमिल है।

हेपेटाइटिस बी कैसे फैलता है?

यह संक्रमण, हेपेटाइटिस बी वायरल (एचबीवी) के कारण होता है, जो रक्त यानी खून, वीर्य या शरीर के दूसरे लिक्विड पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। लेकिन एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि यह बीमारी छींकने या किसी के सामने खांसने से नहीं फैलती है। हालांकि कुछ बातों का पालन करके इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है जैसे - 

  • यौन संपर्क: अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, तो आपको हेपेटाइटिस बी की समस्या परेशान कर सकती है। इतना ही नहीं, उस व्यक्ति का रक्त, लार, वीर्य या योनि स्राव आपके शरीर में गया तो वायरस आपको भी जकड़ सकता है।
  • सुइयों का आदान-प्रदान: एचबीवी, संक्रमित रक्त से दूषित सुई या सिरिंज से आसानी से फैलता है। सरल भाषा में कहा जाए तो यदि डॉक्टर टीका लगाने से सुई नहीं बदलते हैं तो आपत्ती जताएं, क्योंकि इससे हेपेटाइटिस बी का संक्रमण फैल सकता है। 
  • बच्चे को मां से फैलता है: एचबीवी से संक्रमित गर्भवती महिलाएं भी प्रसव के दौरान अपने बच्चों को यह वायरस दे सकती हैं। इसलिए हर वर्ष कम से कम एक बार इसका परीक्षण ज़रूर करवाना चाहिए। 
  • हेपेटाइटिस बी का टीका: हेपेटाइटिस बी से सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन ली जानी चाहिए। नवजात शिशुओं को जन्म के समय ही हेपेटाइटिस बी का वैक्सीन लगाया जाता है। पहले इंजेक्शन और दूसरे इंजेक्शन के बीच 1 महीने से लेकर 3 महीने का अंतर होता है या फिर 4 इंजेक्शन 6 महीने में दिए जाते हैं। समय सारणी अलग-अलग वैक्सीन पर निर्भर करती है।

हेपेटाइटिस बी के उपचार

एक्यूट हेपेटाइटिस बी का कोई विशिष्ट या निश्चित इलाज नहीं है। यही वजह है कि इसकी देखभाल का उद्देश्य आराम और पर्याप्त पोषण संतुलन बनाए रखना है, जिसमें उल्टी और दस्त से कम या खत्म हुए लिक्विड पदार्थों का रिप्लेसमेंट भी शामिल है। वहीं कुछ अनावश्यक दवाओं से बचने की भी सलाह दी जाती है जैसे एसिटामिनोफेन, पेरासिटामोल और उल्टी की दवाएं।

क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण का इलाज दवाओं से संभव है, जिसमें ओरल एंटीवायरल एजेंट भी शामिल है। यह सिरोसिस की प्रोग्रेस को धीमा कर सकता है, लिवर कैंसर की घटनाओं को कम कर सकता है और साथ ही, लॉन्ग टर्म सर्वाइवल में सुधार भी कर सकता है। 

साल 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने अनुमान लगाया था कि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण वाले 12% से 25% लोगों को उम्र और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर इलाज की आवश्यकता पड़ती है। कई मामलों में देखा गया है कि डॉक्टर इलाज के लिए सिर्फ दवाएं ही देते हैं। यदि आप किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप जयपुर में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से परामर्श ले सकते हैं।

यदि हेपेटाइटिस बी का इलाज सही समय पर नहीं होता है, तो यह स्थिति कैंसर में परिवर्तित हो सकती है। हेपेटाइटिस बी और सी दुनिया में क्रोनिक लीवर रोग और लीवर कैंसर के प्रमुख कारण हैं। यदि ऐसा होता है तो सर्जरी और कीमोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।

हेपेटाइटिस बी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पीलिया और हेपेटाइटिस में क्या अंतर है?

हेपेटाइटिस एक ऐसी कंडीशन है, जो लिवर टिश्यू के इन्फ्लेमेशन की वजह बनती है। दूसरी तरफ पीलिया, लिवर में बिलीरुबिन पिगमेंट के उच्च स्तर की वजह से होता है, जिससे व्यक्ति के स्किन का कलर पीला हो जाता है।

हेपेटाइटिस बी नार्मल रेंज क्या है?

हेपेटाइटिस बी के लिए कोई "सामान्य" रेंज नहीं है। हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के लिए रक्त परीक्षण में यदि HBsAg (हेपेटाइटिस बी स्टेज एंटीजन) पॉजिटिव है, तो इसका मतलब है कि आप हेपेटाइटिस बी संक्रमण से संक्रमित है।

हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए?

हेपेटाइटिस बी में आपको स्वस्थ और संतुलित आहार खाना चाहिए जैसे - 

  • फल और सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • लीन प्रोटीन
  • कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट
  • पर्याप्त पानी पिएं

हेपेटाइटिस बी का इलाज संभव है या नहीं?

हेपेटाइटिस बी का पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि सही समय पर उचित इलाज रोगी को मिल जाता है, तो वह लीवर की कार्यक्षमता को क्षतिग्रस्त होने से बचा सकता है। 

हेपेटाइटिस बी में कौन सा अंग संक्रमित होता है?

हेपेटाइटिस बी मुख्य रूप से यकृत को संक्रमित करता है।

हेपेटाइटिस बी का मुख्य कारण क्या है?

हेपेटाइटिस बी का मुख्य कारण संक्रमित रक्त या शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आना है। यह संक्रमण रक्त, वीर्य और शरीर के अन्य तरल पदार्थ से फैलता है।

हेपेटाइटिस बी कितना खतरनाक है?

यदि हेपेटाइटिस बी का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह लीवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और सिरोसिस और लीवर कैंसर का कारण बन सकता है।

हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव होने पर क्या करें?

यदि आप हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपको उचित उपचार और देखभाल प्रदान करेंगे।

Written and Verified by:

Dr. Anil Kumar Jangid

Dr. Anil Kumar Jangid Exp: 13 Yr

Gastro Science

Meet the doctor

Similar Blogs

बवासीर में परहेज क्यों जरूरी है? देखें, बवासीर में क्या खाना चाहिए

बवासीर में परहेज क्यों जरूरी है? देखें, बवासीर में क्या खाना चाहिए

read more
कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

read more
गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें? जानें इसके कारण, लक्षण और असरदार इलाज

गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें? जानें इसके कारण, लक्षण और असरदार इलाज

read more
फैटी लिवर क्या है, लक्षण, नुकसान एवं इलाज

फैटी लिवर क्या है, लक्षण, नुकसान एवं इलाज

read more

View more

Book Your Appointment TODAY

Treatments in Jaipur

Gastro Science Doctors in Jaipur

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now