अस्थमा अटैक से बचाव: क्या करें और क्या न करें!

अस्थमा अटैक से बचाव: क्या करें और क्या न करें!

Pulmonology |by Dr. Rakesh Godara| Published on 18/06/2024

अस्थमा एक सांस संबंधी समस्या है, जिसकी वजह से अन्य सांस से संबंधित समस्याएं एक व्यक्ति को घेर लेती है। भारत में लगभग 30-34 मिलियन लोग अस्थमा की शिकायत का सामना कर रहे हैं, जो पूरे विश्व के सभी मामलों का लगभग 13% है। अस्थमा के लगभग 80% मामले कभी पकड़ में ही नहीं आते हैं, जिसके कारण संभावित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं अस्थमा से मरने वाले लोगों की दर लगभग 42% है, जो कि एक विशाल संख्या है। 

हालांकि, सही जानकारी और कुछ निर्देशों का पालन कर कोई भी व्यक्ति अस्थमा के जोखिम को कम कर सकता है और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है। इस ब्लॉग में मुख्य रूप से हम यह जानेंगे कि अस्थमा अटैक से बचाव कैसे संभव है और यदि आप इसका सामना कर रहे हैं तो क्या करें और क्या न करें। 

अस्थमा अटैक क्या होता है?

अस्थमा अटैक के कारण वायु मार्ग प्रभावित होता है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ सीने में जकड़न, खांसी के साथ तेज सांस लेने जैसी समस्या परेशान करती है। इस स्थिति में अस्थमा कुछ कारकों के कारण ट्रिगर करता है जैसे - 

  • एलर्जेंस जैसे धूल, पराग, पालतू जानवरों की रूसी, इत्यादि जिससे एलर्जी अधिक होती है।
  • ठंडी हवा में व्यायाम
  • सांस से संबंधित संक्रमण
  • धुंआ और प्रदूषण
  • तनाव और चिंता

यदि आपको अस्थमा का दौरा पड़ता है और आप इनहेलर का प्रयोग करते हैं, तो तुरंत पंप का प्रयोग करें। यदि आपने कभी इनहेलर का प्रयोग नहीं किया है और स्थिति नियंत्रित नहीं होती है, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। तुरंत हमारे डॉक्टरों से बात करें।

अस्थमा अटैक के लक्षण

अस्थमा अटैक के दौरान निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव व्यक्ति कर सकते हैं - 

यह सारे मुख्य लक्षण थे। इसके अतिरिक्त व्यक्ति कुछ अन्य लक्षणों का भी सामना करते हैं जैसे - 

  • थकान
  • नाक बहना
  • सीने में जकड़न
  • दिल का तेज धड़कना
  • त्वचा का नीला होना

कुछ लोगों में यह लक्षण हल्के होते हैं, जबकि कुछ में स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। 

अस्थमा अटैक से बचाव

अस्थमा अटैक कितना गंभीर हो सकता है, इसकी जानकारी हमने आपको ही दे दी है। इसलिए इससे बचाव बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। अस्थमा अटैक से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। चलिए बात करते हैं कि अस्थमा अटैक में क्या करें और क्या न करें - 

क्या करें

क्या न करें

अपनी दवाओं के डोज को समय पर लें।

बिना डॉक्टर से सलाह लिए दवा न बदलें।

बाहर धूल या धूप में निकलते समय मुंह और नाक को अच्छे से ढकें।

धूम्रपान न करें और ट्रिगर करने वाले कारकों से दूर रहें।

नियमित व्यायाम, स्वस्थ भोजन, और पर्याप्त नींद लें।

ठंडी हवा में व्यायाम न करें और न ही तनाव लें।

आवश्यकता पड़ने पर इनहेलर पंप का प्रयोग करें। 

इस बीमारी को डॉक्टर से न छिपाएं।

अपने घर परिवार में लोगों को अस्थमा के बारे में जागरूक करें।

समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।

इस टेबल की मदद से आपको यह समझ आ गया होगा कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन स्वस्थ जीवनशैली एक ऐसा कारक है, जिसके बारे में विस्तार से बात होनी चाहिए। निम्नलिखित स्वस्थ आदतों को अपने जीवन में लाएं और अस्थमा अटैक की संभावनाओं को टालें - 

  • नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से फेफड़े मजबूत होते हैं, जिससे अस्थमा के दौरे का जोखिम भी कम हो जाता है।
  • स्वस्थ भोजन खाएं: स्वस्थ और संतुलित आहार में फल, सब्जियां और होल ग्रेन आते हैं, जिसकी मदद से भोजन बहुत पौष्टिक और संतुलित हो जाता है। 
  • पर्याप्त नींद लें: थकान अस्थमा का एक और ट्रिगर कारक है, जिसके बारे में लोगों को कम जानकारी होती है। इसलिए प्रयास करें कि जितना हो सके आराम करें और अपनी नींद पूरी करें। नींद में शरीर सबसे जल्दी रिकवर करता है।
  • तनाव कम करें: स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक का प्रयोग कर अस्थमा के दौरे को रोकने में मदद मिलती है।

इन सबके अतिरिक्त पल्मोनोलॉजी डॉक्टर से नियमित जांच से बहुत मदद मिलेगी। 

अचानक अस्थमा अटैक आने पर क्या करें

अचानक अस्थमा आने पर आपको निम्न निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है - 

  • घबराएं नहीं: सबसे पहले प्रयास करें कि मन को शांत रखें। तनाव और घबराहट स्थिति को बिगाड़ सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ ज्यादा होती है।
  • इनहेलर का इस्तेमाल करें: प्रयास करें कि जहां भी आप जाए, अपना इनहेलर साथ ले जाएं। अटैक आने के बाद इनहेलर से दो मिनट में ही आराम आ जाता है। कुछ मामलों में नेबुलाइजर को इनहेलर के स्थान पर प्रयोग करने को कहा जाता है। 
  • पीक फ्लो मीटर: संभव हो तो अटैक की तीव्रता की जांच के लिए पीक फ्लो मीटर का प्रयोग करें। इससे स्थिति में बहुत मदद मिलती है। 
  • डॉक्टर से संपर्क करें: जयपुर के सर्वश्रेष्ठ पल्मोनोलॉजी डॉक्टर से बात करें और अस्थमा की फैमिली हिस्ट्री की जानकारी उन्हें दें। 

अस्थमा अटैक से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

अस्थमा में तुरंत आराम के लिए क्या करें?

तुरंत आराम के लिए इनहेलर और नेबुलाइजर मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त रोजाना 15-20 मिनट का व्यायाम करें, बीटा-एगोनिस्ट ब्रोन्कोडायलेटर (अस्थमा के लक्षण के लिए दवा) खाएं, और तनाव को कम करें। इससे धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रित होनी शुरु हो जाएगी।

क्या अस्थमा मौत का कारण बन सकता है?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार बच्चों की तुलना में वयस्कों में अस्थमा के कारण होने वाली मृत्यु लगभग पांच गुना है। वहीं 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में भी अस्थमा मृत्यु का कारण बन सकता है।

अस्थमा का पक्का इलाज क्या है?

अस्थमा का कोई पक्का इलाज नहीं है। हालांकि त्वरित चिकित्सा देखभाल और कुछ उपायों से इस स्थिति को रोका जा सकता है। सही डोज और समय पर इलाज की मदद से अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

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