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अस्थमा या सीओपीडी: अंतर कैसे जानें?

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अस्थमा या सीओपीडी: अंतर कैसे जानें?

Pulmonology | Posted on 10/09/2024 by Dr. Harshil Alwani



अस्थमा (Asthma) और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) या सीओपीडी जैसी सांस संबंधी समस्याओं के लक्षणों को लेकर लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से वह बहुत सारी स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं का सामना भी करते हैं।

हालांकि, दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं, जिनमें अलग-अलग उपचार की आवश्यकता होती है। अस्थमा और सीओपीडी के बीच अंतर को समझने से स्थिति का सटीक निदान और बेहतर प्रबंधन आसानी से संभव है। इस ब्लॉग में हम दोनों ही बीमारियों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि दोनों में क्या अंतर है। यदि आपको भी नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण हो तो हमारे सर्वश्रेष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट से संपर्क करें । 

अस्थमा क्यों होता है?

अस्थमा एक ऐसी स्थिति है, जो धीरे-धीरे एक व्यक्ति के वायुमार्ग में सूजन और संकुचन का कारण बनती है। इसके कारण व्यक्ति को सांस संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अस्थमा का प्राथमिक कारण जेनेटिक्स और कुछ पर्यावरणीय कारक ( जैसे कि पराग, धूल, धुआं और एलर्जी) है। यह स्थिति रुक-रुक कर या लगातार भी उत्पन्न हो सकती है। एलर्जिक अस्थमा इसका सबसे आम रूप है, जिसमें एलर्जी के कारण सांस फूलने जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

अस्थमा के कारण

अस्थमा की समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है जैसे कि - 

  • जेनेटिक्स: अस्थमा या एलर्जी की फैमिली हिस्ट्री इस रोग का एक मुख्य कारण है।
  • पर्यावरण ट्रिगर: पर्यावरण में कुछ ऐसे पदार्थ मौजूद हैं जैसे कि पराग, धुएं, प्रदूषण, और धूल के कण जिसकी वजह से अस्थमा के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं।
  • सास का संक्रमण: सांस संबंधित संक्रमण आपके सेहत को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इससे बचने का प्रयास करें।
  • अधिक शारीरिक व्यायाम: बहुत ज्यादा शारीरिक व्यायाम या ठंडी हवा भी कुछ मामलों में अस्थमा की समस्या का कारण बन सकता है।

अस्थमा के लक्षण क्या है?

जब हम अस्थमा के लक्षणों की बात करते हैं, तो यह स्थिति की गंभीरता और व्यक्ति के ट्रिगर करने वाले कारकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ मामलों में लक्षण लंबे समय तक दिखते हैं, तो वहीं कुछ लोगों में यह लक्षण कभी-कभी रुक-रुक कर भी देखने को मिलते हैं। हालांकि अस्थमा के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • सांस फूलना
  • सीने में जकड़न या बेचैनी
  • घरघराहट (सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना)
  • खांसी, खासकर रात में या सुबह-सुबह।
  • एलर्जी के संपर्क में आने या शारीरिक परिश्रम के बाद लक्षण अक्सर खराब हो जाते हैं

सीओपीडी क्या है?

सीओपीडी या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों की एक प्रगतिशील बीमारी है, जिसमें व्यक्ति का वायु प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ भी होती है। सीओपीडी की समस्या मुख्य रूप से सिगरेट के धुएं, वायु प्रदूषण या कारखानों से निकलने वाले रसायन जैसे हानिकारक पदार्थों के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होता है। अस्थमा के विपरीत, सीओपीडी की समस्या समय के साथ बिगड़ती जाती है और अधिकतर मामलों में धूम्रपान करने वाले वृद्ध वयस्कों में देखी जाती है।

सीओपीडी के कारण

सीओपीडी कई कारणों से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है जैसे कि - 

  • धूम्रपान या तंबाकू के धुएं के संपर्क में लंबे समय तक रहना।
  • पर्यावरणीय पदार्थ जैसे कि प्रदूषण और अन्य रसायन के संपर्क में आना।
  • फेफड़ों में बार-बार संक्रमण की हिस्ट्री रहना।
  • दुर्लभ मामलों में आनुवंशिक कारक।

सीओपीडी के लक्षण क्या है?

ज्यादातर मामलों में सीओपीडी के लक्षण लगातार होते हैं और समय के साथ धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। अस्थमा के विपरीत, यह लक्षण इलाज से पूरी तरह ठीक नहीं हो सकते हैं।

  • बलगम के साथ लंबे समय तक खांसी की शिकायत।
  • सांस फूलना, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान ऐसा होना।
  • सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज आना।
  • बार-बार सांस संबंधित संक्रमण होना।
  • थकान 
  • सांस लेने में कठिनाई होना

जब स्थिति गंभीर हो जाए, तो आराम करने पर भी सांस लेने में समस्या आती है। 

अस्थमा और सीओपीडी के लक्षणों के बीच अंतर

अस्थमा और सीओपीडी, दोनों ही स्थिति में सांस संबंधित समस्या उत्पन्न होती है, जिसके कारण दोनों के बीच लोग अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं। आपको यह समझना होगा कि दोनों ही बीमारियां एक दूसरे से अलग है। इसके कारण, लक्षण और इलाज के तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं। अस्थमा और सीओपीडी के लक्षणों के बीच के अंतर को समझने में आपकी मदद के लिए नीचे एक टेबल बनाया गया है - 

Symptom

Asthma

COPD

शुरुआत कैसे होती है?

आमतौर पर बच्चपन या वयस्कता की शुरुआत में ही यह बीमारी शुरू हो जाती है।

आमतौर पर 40 की उम्र के बाद यह समस्या उत्पन्न होती है।

खांसी

सूखी खांसी होती है, जो मुख्य रूप से रात में परेशान करती है।

लंबे समय तक खांसी परेशान करती है, जिसमें बलगम भी निकलता है। 

सांस लेने में तकलीफ

सांस लेने में तकलीफ अचानक से देखने को मिलती है, जिसकी तीव्रता बढ़ती-घटती रहती है।

समय के साथ स्थिति खराब होना शुरु कर देती है, जो लगातार बनी रहती है।

सांस लेने के साथ आवाज आना

अस्थमा में सांस के साथ आवाज आना एक सामान्य बात है, जिसका अनुभव कभी-कभी ही होता है। 

यह एक सामान्य स्थिति है, जिसका अनुभव लगातार होता रहता है।

ट्रिगर करने वाले कारक

एलर्जी, ठंडी हवा, व्यायाम और तनाव लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं।

मुख्य रूप से धूम्रपान, वायु प्रदूषण, तथा अन्य उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में लंबे समय तक रहना।

दवा के प्रति प्रतिक्रिया

ब्रोंकोडाईलेटर्स और स्टेरॉयड के साथ लक्षणों में काफी सुधार हो सकता है

कुछ राहत मिलती है, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ने भी लगती है।

रात के समय के लक्षण

यह अधिक आम है जिसकी वजह से अक्सर व्यक्ति नींद से जाग जाता है।

अस्थमा की तुलना में यह कम आम है, लेकिन भविष्य में यह लक्षण दिख सकते हैं।

बलगम का उत्पादन

आमतौर पर बलगम का उत्पादन बहुत कम मात्रा में होता है।

अक्सर बलगम होता है, विशेष रूप से क्रोनिक ब्रोंकाइटिस प्रकार के सीओपीडी में होता है। 

कैसे पहचानें कि आपको अस्थमा है या सीओपीडी?

अस्थमा और सीओपीडी के बीच के अंतर को पहचानना और समय पर लक्षणों की पहचान करना बहुत ज्यादा जरूरी है। एलर्जिक अस्थमा की स्थिति में धूल, पराग या मोल्ड जैसे एलर्जेंस के संपर्क में आने से लक्षण शुरू हो सकते हैं। 

दूसरी ओर, यदि आपको धूम्रपान करने या किसी एलर्जी की मेडिकल हिस्ट्री रही है, तो संभव है कि आप सीओपीडी के दायरे में आते हैं।

दोनों मामलों में, सटीक निदान आवश्यक है, जिसके लिए आपके फेफड़ों के कार्य की जांच, छाती का एक्स-रे, या सीटी स्कैन की आवश्यकता होती है। पल्मोनोलॉजिस्ट वह विशेषज्ञ होते हैं, जो इस स्थिति की सही जांच और निदान कर सकते हैं। सर्वश्रेष्ठ एवं अनुभवी पल्मोनोलॉजिस्ट से परामर्श लें और अस्थमा, सीओपीडी या दोनों ही स्थिति से निपटने का उत्तम इलाज पाएं।

अस्थमा का उपचार 

अस्थमा का इलाज लक्षणों को नियंत्रित करने और दवा एवं जीवन शैली का एक साथ उपयोग करने से हो सकता है। इलाज के लिए निम्न विकल्पों का सुझाव दिया जा सकता है - 

  • इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: इस दवा का उपयोग वायु मार्ग में सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। 
  • ब्रोन्कोडायलेटर: इस दवा का उपयोग सांस लेने में दिक्कत को खत्म करने के लिए किया जाता है। 
  • एलर्जी प्रबंधन: सबसे पहले अस्थमा के ट्रिगर की पहचान की जाती है और उनसे बचने के लिए उपयुक्त उपाय किए जाते हैं।
  • जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम करें। ऐसे व्यायाम पर अधिक जोर डालें, जिसमें सांस लेने वाले व्यायाम शामिल हो। 

सीओपीडी का उपचार 

सीओपीडी के इलाज के लिए मुख्य रूप से रोग की प्रगति को धीमा किया जाता है और सबको इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आपको यह समझना होगा कि सीओपीडी की स्थिति में फेफड़ों को होने वाले नुकसान को रोका नहीं जा सकता है। उचित इलाज की मदद से जीवन की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार हो सकता है। 

  • ब्रोन्कोडायलेटर: वायु मार्ग के आसपास की मांसपेशियों को आराम देने में यह दवा मदद करती है।
  • इनहेलर स्टेरॉयड: वायु मार्ग की सूजन को कम करने के लिए इस दवा को दिया जाता है। 
  • ऑक्सीजन थेरेपी: आधुनिक सीओपीडी वाले लोगों के लिए ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता पड़ती है। इसे आप घर पर या क्लीनिक पर आराम से करा सकते हैं। 
  • पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन: फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए व्यायाम और शिक्षा आपकी अच्छी खासी मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

अंत में बस आपको यह समझना होगा कि अस्थमा और सीओपीडी दोनों अलग-अलग सांस संबंधी स्थितियां हैं, लेकिन इन दोनों के ही लक्षण आपको भ्रमित कर सकते हैं। हालांकि उचित इलाज और निदान से दोनों के बीच के अंतर को पहचान कर सही इलाज प्राप्त करना बहुत ज्यादा आवश्यक है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार भी आता है। 

यदि इस ब्लॉग में बताए गए किसी भी लक्षण का आप सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि सटीक निदान एवं इलाज के लिए अनुभवी एवं श्रेष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


क्या अस्थमा एक संक्रामक रोग है?

नहीं, अस्थमा एक संक्रामक रोग नहीं है। यह एक क्रोनिक रोग है, जिसके पीछे का कारण जेनेटिक्स या पर्यावरण हो सकते हैं। 

क्या अस्थमा और सीओपीडी दोनों एक साथ हो सकता है?

हां, कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोगों को अस्थमा और सीओपीडी दोनों का सामना करना पड़ा है। मेडिकल क्षेत्र में इस स्थिति को अस्थमा-सीओपीडी ओवरलैप सिंड्रोम (एसीओएस) के नाम से जाना जाता है। 

क्या अस्थमा उम्र के साथ ठीक हो सकता है?

अस्थमा पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को सही उपचार से अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है। कुछ बच्चों में अस्थमा के लक्षण बड़े होने पर कम हो सकते हैं या गायब हो सकते हैं, लेकिन जीवन में बाद में यह फिर से उत्पन्न हो सकते हैं, खासकर यदि यह पर्यावरणीय कारकों से ट्रिगर होता है।