पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स
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पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स

Summary

गर्भावस्था के शुरुआती 13 सप्ताह को पहली तिमाही कहा जाता है, जो महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ महत्वपूर्ण शारीरिक एवं भावनात्मक बदलाव आते हैं। सभी गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों, शारीरिक परिवर्तन और अन्य आवश्यक बातों को समझना बहुत ज्यादा जरूरी है, जिससे वह एक स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बच्चे को जन्म दे सके। 

गर्भावस्था के शुरुआती 13 सप्ताह को पहली तिमाही कहा जाता है, जो महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ महत्वपूर्ण शारीरिक एवं भावनात्मक बदलाव आते हैं। सभी गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों, शारीरिक परिवर्तन और अन्य आवश्यक बातों को समझना बहुत ज्यादा जरूरी है, जिससे वह एक स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बच्चे को जन्म दे सके। 

चलिए इस ब्लॉग की मदद से पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स के बारे में जानते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं। 

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण

पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स को जानने से पहले हमें यह समझना होगा कि गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण क्या है। प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिसके कारण उन्हें कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे कि - 

  • मतली और उल्टी आना: इसे अंग्रेजी भाषा में मॉर्निंग सिकनेस नाम से जाना जाता है। यह प्रेगनेंसी का मुख्य लक्षण है, जिसको कम करने के लिए खुद को हाइड्रेट रखें और थोड़ा-थोड़ा खाना समय-समय पर खाते रहें। 
  • थकान: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे थकान का अनुभव होता है। इसके लिए खुद को आराम दें और संतुलित आहार का सेवन करें। 
  • स्तन में कोमलता: हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्तन में सूजन या उसमें कोमलता आ जाती है। इसके इलाज के लिए सपोर्ट ब्रा पहनने से राहत मिल सकती है।
  • बार-बार पेशाब आना: जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बीतता है, बच्चेदानी का आकार भी बढ़ता है, जिससे बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है। इसके बाद भी प्रयास करें कि आप खुद को हाइड्रेट रखें।

पहली तिमाही में आपके शरीर में होने वाले बदलाव

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों के साथ-साथ पहली तिमाही में कुछ और बदलाव भी होते हैं जैसे कि - 

  • हार्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक दो हार्मोन महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में बहुत मदद करते हैं। हालांकि इस दौरान मूड और पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। 
  • पाचन में परिवर्तन: इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव तो होते ही हैं, जिसके कारण पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे कब्ज की शिकायत अक्सर होती है। इससे बचने के लिए उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को बढ़ाएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
  • वजन बढ़ना: पहली तिमाही के दौरान वजन बढ़ना एक सामान्य बात है। इस दौरान मातृ स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास के लिए हमेशा प्रोटीन और फाईबर से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है, जो कि मां और बच्चे, दोनों के लिए जरूरी भी है।

गर्भावस्था की पहली तिमाही में क्या करें और क्या न करें

पहली तिमाही का समय दोनों मां और बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस भाग में हम पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स बताएंगे, जिससे वह समझ पाएंगे कि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं। 

क्या करें

  • विटामिन लें: प्रेगनेंसी में कुछ विटामिन जैसे कि फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व को लेने की सलाह दी जाती है। इन विटामिन का मुख्य कार्य बच्चे और मां दोनों के शारीरिक स्वास्थ्य और बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए बहुत आवश्यक है। विशेष रूप से फोलिक एसिड बच्चों में नस से संबंधित समस्या के इलाज में मदद करता है। 
  • संतुलित आहार लें: प्रयास करें कि गर्भवती महिलाओं के आहार में फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन और डेयरी सहित अन्य पोषक तत्व ज़रूर हो। 
  • हाइड्रेटेड रहें: शरीर में रक्त और तरल पदार्थ की आवश्यकता गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाती है। इसलिए संतुलन बनाए रखने के लिए रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी पीएं। इससे कब्ज की समस्या से आराम मिलेगा और यूटीआई होने की संभावना भी नहीं होगी। 
  • भरपूर आराम करें: इस समय के दौरान शरीर में हार्मोन में कई बदलाव आते हैं, जिससे थकान होना एक आम बात है। इससे बचने के लिए नींद को प्राथमिकता दें और थकान से निपटने के लिए भरपूर आराम करें। 
  • व्यायाम करें:वॉकिंग, स्विमिंग, या योग करना आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होगा। इससे शरीर में रक्त संचालन बना रहता है और तनाव भी कम होता है। पहली तिमाही में व्यायाम का सुझाव सभी डॉक्टर देते हैं। उनसे परामर्श ज़रूर करें।
  • नियमित जांच: आपके स्वास्थ्य की जांच और आपके बच्चे की ग्रोथ को समझने के लिए कुछ नियमित जांच बहुत ज्यादा आवश्यक है। 
  • स्वच्छता बनाए रखें: संक्रमण के जोखिम को कम करें और बार-बार हाथ धोएं और अपने आसपास साफ सफाई का खास ध्यान रखें। 

क्या न करें

  • शराब या तंबाकू का सेवन न करें: इन दोनों का सेवन ही आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण बच्चे गंभीरं जन्म दोष, समय से पहले प्रसव और अन्य गंभीर समस्या का सामना कर सकते हैं। 
  • कुछ खाद्य पदार्थ न खाएं:प्रोसेस्ड डेयरी उत्पाद न खाएं, कच्चे मांस और अंडों से दूरी बनाएं। शार्क, स्वोर्डफ़िश और किंग मैकेरल जैसी मछली के सेवन को सीमित करें क्योंकि यह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  • अधिक कैफीन न लें: रोजाना 200 मिलीग्राम से कम कैफीन के सेवन की सलाह दी जाती है। अधिक कैफीन प्रेगनेंसी के लिए भी हानिकारक है। 
  • जोखिम भरी गतिविधियों से दूर रहें: ऐसे व्यायाम या ऐसे काम न करें, जिससे बच्चेदानी पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। 
  • भोजन न छोड़ें: प्रेगनेंसी में भोजन से बैर करना भारी पड़ सकता है। इसलिए हर कुछ समय में हल्का-हल्का भोजन करते रहें। 
  • खुद से दवा न लें: स्वयं डॉक्टर बनके एक भी दवा न खाएं। परामर्श लें और अपने डॉक्टर की बात मानें।
  • अत्यधिक तनाव न लें: अधिक तनाव आपके प्रेगनेंसी और बच्चों पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इससे दूरी बनाएं और मेडिटेशन को अपने दैनिक रूटीन में डालें क्योंकि गर्भावस्था में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी होता है। 

पहली तिमाही में आवश्यक परीक्षण और उनका महत्व

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की जांच जरूरी है, जिसके लिए कुछ टेस्ट होते हैं जैसे कि - 

  • ब्लड टेस्ट
  • अल्ट्रासाउंड
  • जेनेटिक टेस्ट

इन सभी जांच के परिणाम के आधार पर बच्चे और मां के स्वास्थ्य की सही एवं सटीक स्थिति की जांच हो पाती है। 

निष्कर्ष

गर्भावस्था के पहली तिमाही में महिलाओं को कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन का सामना करना पड़ता है। इस दौरान परिवार का सहयोग और सही सावधानी बहुत ज्यादा जरूरी है। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और डॉक्टर के बताए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


क्या पहली तिमाही में पीठ के बल सोना सुरक्षित माना जाता है?

हां, पहली तिमाही के दौरान पीठ के बल सोना आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है, रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से बाईं ओर सोना अच्छा माना जाता है।

क्या मैं गर्भावस्था के दौरान कैफीन पी सकती हूँ?

प्रतिदिन 200 मिलीग्राम (लगभग एक 12-औंस कप कॉफी) तक मध्यम मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना उचित है।

क्या पहली तिमाही में यात्रा करना सुरक्षित है?

अगर आपकी गर्भावस्था कम जोखिम वाली है, तो पहली तिमाही के दौरान यात्रा करना आम तौर पर सुरक्षित होता है। यात्रा की योजना बनाने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लें।

Written and Verified by:

Dr. Archana Sinha

Dr. Archana Sinha

Consultant - Obstetrics and Gynaecology Exp: 23 Yr

Obstetrics & Gynaecology

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