जैसे-जैसे बच्चों का शरीर बढ़ता है, वैसे-वैसे उनकी शारीरिक चुनौतियां भी बढ़ने लगती हैं। उन्हीं में से कुछ होती हैं ऑर्थोपेडिक समस्याएं यानी हड्डियों से संबंधित समस्याएं। इन समस्याओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि आनुवंशिक कारक, विकासात्मक समस्याएं या कोई चोट।
बच्चपन सिर्फ खेलने और कूदने के लिए नहीं होता है। यह समय बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी भी बच्चे को बच्चपन में ही कोई समस्या परेशान कर रही है, तो इसे यह सोचकर बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि यह समस्या भविष्य में अपने आप ठीक हो जाएगी। यदि यह समस्या शारीरिक विकास को लेकर है, तो हम सलाह देंगे कि इसमें बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें, क्योंकि समय पर उचित इलाज न मिलने पर व्यक्ति को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों में हड्डियों की समस्या के इलाज के लिए तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और इलाज की योजना पर बात करें।
जैसे-जैसे बच्चों का शरीर बढ़ता है, वैसे-वैसे उनकी शारीरिक चुनौतियां भी बढ़ने लगती हैं। उन्हीं में से कुछ होती हैं ऑर्थोपेडिक समस्याएं यानी हड्डियों से संबंधित समस्याएं। इन समस्याओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि आनुवंशिक कारक, विकासात्मक समस्याएं या कोई चोट। बच्चों को बच्चपन में निम्न आर्थोपेडिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है -
बच्चों में हड्डी संबंधी विकारों के कई कारण हो सकते हैं। चलिए उनमें से कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं -
बच्चों में हड्डी संबंधी विकारों की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
इन सबके अतिरिक्त बच्चों में हड्डी संबंधी विकारों के कुछ अन्य लक्षण भी उत्पन्न होते हैं जैसे कि -
हड्डी संबंधी विकारों की जांच बहुत ज्यादा आवश्यक है, क्योंकि इस पर बच्चे का भविष्य निर्भर करता है। इस जांच की मदद से बच्चों के हड्डियों के वर्तमान स्वास्थ्य के बारे में पुष्टि हो सकती है और उनका आसानी से इलाज भी किया जा सकता है। डॉक्टर निम्न टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं -
बच्चों में हड्डी संबंधी विकारों का इलाज स्थिति की गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है। बच्चों में हड्डी संबंधी विकारों के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों का सुझाव दिया जा सकता है -
बच्चों में हड्डी की समस्या का इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक है, क्योंकि इस पर उनका भविष्य निर्भर करता है। जल्द इलाज से बच्चों का विकास अच्छा होता है।
बच्चों की हड्डियां वयस्कों की तुलना में जल्दी जुड़ती है। हड्डी के टूटने की जगह और बच्चे की उम्र के आधार पर, हड्डी के जुड़ने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है।
बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार की सलाह दी जाती है। दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और फल कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। धूप में खेलने से विटामिन डी की कमी भी पूरी हो सकती है। नियमित व्यायाम भी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते है।
Written and Verified by:
Sr. Orthopaedic & Joint Replacement Surgeon Exp: 32 Yr
Orthopaedic & Joint Replacement Surgeon
Dr. Chandrasekhar Dhar is one of the Orthopaedic& Joint Replacement surgeons in the city.An MBBS from Calcutta University and FRCS from Royal College of Surgeons of Edinburgh, UK Dr. Dhar have been practicing Orthopaedics& Trauma surgery for last 32 years and joint replacement surgery for the past 22 years. A member of Indian Orthopedic Association (IOA), West Bengal Orthopaedic Association (WBOA), West Bengal Arthroplasty Society (WBAS), Indian Society of Hip Knee Surgeons (ISHKS) and Indian Arthroscopy Society (IAS). Presently he is Royal College of Surgeons of Edinburgh appointed Examiner for MRCS.
Similar Orthopedics & Joint Replacement Blogs
Book Your Appointment TODAY
© 2024 CMRI Kolkata. All Rights Reserved.