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ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) का कारण, लक्षण और उपचार

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ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) का कारण, लक्षण और उपचार

Pulmonology | by Dr. Raja Dhar | Published on 12/04/2023



क्षय रोग (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन टीबी के बैक्टीरिया शरीर के किसी भी भाग जैसे किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं। टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित हर व्यक्ति बीमार नहीं होता है। 

यदि व्यक्ति ट्यूबरक्लोसिस से संक्रमित हो गया है और उसे ठीक से इलाज नहीं मिलता है तो टीबी की बीमारी उस व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। टीबी के लक्षण और उपचार के बारे में जानने से आपको बहुत मदद मिलेगी। चलिए इस ब्लॉग में टीबी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। 

क्षय रोग (टीबी) क्या है?

टीबी को अंग्रेजी भाषा में ट्यूबरक्लोसिस कहा जाता है। टीबी एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस के द्वारा फैलता है। इस रोग के कारण बहुत सारे लक्षण उत्पन्न होते हैं, जिन्हे आप इस ब्लॉग के माध्यम से जानने वाले हैं। जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया से फैलता है। टीबी के फैलने के पीछे का मुख्य कारण है हवा। खांसी, छींक, या फिर लार के द्वारा टीबी की समस्या संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। 

इस बैक्टीरिया का मुख्य कार्य हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना है। यह रोग हमारे शरीर के उन भागों को प्रभावित करता है, जहां खून और ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। यही कारण है कि टीबी के अधिकतर मामले फेफड़ों में संक्रमण वाले होते हैं। फेफड़ों में टीबी को पल्मोनरी टीबी भी कहा जाता है। 

टीबी के प्रकार -

कई प्रकार के टीबी रोग एक व्यक्ति को परेशान करते हैं जैसे -

  • लेटेंट टीबी: इस प्रकार के टीबी में बैक्टीरिया शरीर में निष्क्रिय रूप में रहता है, क्योंकि शरीर को मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे सक्रिय नहीं होने देती है। इस स्थिति में टीबी के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन भविष्य में यह सक्रिय हो सकता है, जो बहुत सारी समस्या का कारण बन सकता है। 
  • एक्टिव टीबी: इस प्रकार के टीबी में बैक्टीरिया का निर्माण शरीर के भीतर ही होता है, तथा इसमें रोग के सभी लक्षण दिखाई देते हैं। यह एक संक्रामक प्रकार का रोग है। 
  • पल्मोनरी टीबी: इस प्रकार के टीबी को इस रोग का शुरुआती (प्राथमिक) रूप मान सकते हैं, जो सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे लंबे समय तक खांसी की समस्या होती है।
  • एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी: इस प्रकार की टीबी में यह रोग फेफड़ों से अन्य भाग में भी फैल जाता है। फेफड़ों के साथ यह समस्या हड्डी, गुर्दे और लिम्फ नोड्स में भी फैल सकती है। 

टीबी के लक्षण

टीबी रोग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर में टीबी के जीवाणु कहां बढ़ रहे हैं। सामान्यतः इस रोग के लक्षण अलग होते हैं, लेकिन हड्डी के टीबी के कुछ लक्षण गले की टीबी के लक्षण से अलग होते हैं। आमतौर पर टीबी बैक्टीरिया फेफड़ों (फुफ्फुसीय टीबी) में बढ़ता है। टीबी की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • खांसी की समस्या जो 3 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहे।
  • सीने में दर्द होना
  • कफ में खून आना।
  • कमजोरी या थकान।
  • वजन घटना
  • भूख न लगना
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • रात में पसीना आना

कई लोगों को गलतफहमी हो जाती है कि महिलाओं में टीबी के लक्षण और पुरुषों में टीबी के लक्षण से अलग होते हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत चिकित्सा सहायता लें और टीबी जैसी गंभीर समस्या को हराएं। 

टीबी क्यों होता है?

टीबी बैक्टीरिया के कारण होता है, जो सर्दी या फ्लू की तरह हवा के माध्यम से फैलता है। आपको टीबी तभी होता है जब आप ऐसे लोगों के संपर्क में आते हैं, जिन्हें यह रोग है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ घूम रहे हैं, जिसे टीबी है और उसने मुंह पर हाथ रखे बिना छींक मार दी और आपके ऊपर उस छींक की कुछ बूंदे गई, तो आप भी उस रोग से पीड़ित हो सकते हैं। 

टीबी का उपचार

टीबी रोग का इलाज टीबी के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि आपको लेटेंट टीबी है, तो आपके डॉक्टर जीवाणुओं को मारने के लिए कुछ दवा दे सकते हैं, जिससे संक्रमण सक्रिय न हो। आपको अकेले या संयुक्त रूप से आइसोनियाज़िड, रिफैपेंटाइन या रिफैम्पिन सॉल्ट की दवाएं मिल सकती है। इस प्रकार की दवाओं का एक कोर्स होता है, जिसे पूरा करना बेहद अनिवार्य होता है। यदि आप सक्रिय टीबी के किसी भी लक्षण को खुद में महसूस करते हैं, तो तुरंत अपने पल्मोनोलॉजी डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज लें। 

इसके अतिरिक्त डॉक्टर कुछ दवाओं के कॉबिनेशन का भी सुझाव दे सकते हैं। आमतौर पर डॉक्टर एथमब्यूटोल, आइसोनियाज़िड, पाइरैजिनेमाइड और रिफैम्पिन नाम की दवा के कॉम्बिनेशन का उपयोग करते हैं। इस दवा का कोर्स 6 से 12 महीने तक चलता है। वहीं पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के मामले में दवा का कोर्स थोड़ा और लंबा हो जाता है। 

यदि आपको किसी भी तरह का संक्रमण है या फिर किसी भी प्रकार की दवाएं आपकी चल रही है, तो इस बारे में पल्मोनोलॉजी डॉक्टर को ज़रूर बताएं। इसके साथ-साथ दवाओं के कोर्स को बिलुक्ल भी न रोकें। यदि आप दवाएं छोड़ देते हैं, तो बैक्टीरिया फिर से सक्रिय हो जाएगा और स्थिति और भी अधिक विकराल रूप ले लेगी।

टीबी से बचाव के उपाय

टीबी के इलाज के साथ-साथ बचाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। टीबी के प्रसार को रोकने में मदद के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं - 

  • यदि आपको लेटेंट टीबी है, तो अपनी सभी दवाएं समय पर लें ताकि यह सक्रिय और संक्रामक न हो और आप जल्दी दुरुस्त हो जाएं।
  • एक्टिव टीबी के संबंध में रोगी को स्वयं ही दूसरे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। हंसते, छींकते या खांसते समय अपना मुंह ढक लें। यदि आप किसी से मिलते भी हैं, तो सर्जिकल मास्क ज़रूर लगाएं।
  • यदि आप किसी ऐसी जगह की यात्रा कर रहे हैं, जहां टीबी एक आम रोग है, तो प्रयास करें कि भीड़ भाड़ वाले इलाके से दूरी बनाएं। 
  • अपने खानपान का विशेष ख्याल रखें जैसे - खिचड़ी, दूध, पनीर, ताजे फल एवं सब्जियां, साबुत अनाज और ग्रीन-टी के सेवन को बढ़ावा दें।
  • टीबी की स्थिति में सबसे ज़रूरी है डॉक्टर की बात मानना और अपने इलाज के कोर्स को पूरा करना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) का परमानेंट इलाज संभव है?

इलाज से टीबी लगभग हमेशा के लिए ठीक हो सकता है। आमतौर पर एंटीबायोटिक्स का एक कोर्स 6 महीने तक चलता है। कई अलग-अलग एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है, क्योंकि अलग-अलग प्रकार के टीबी कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी होती हैं।

टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

टीबी रोग वाले अधिकांश लोगों को ठीक होने के लिए कम से कम 6 महीने का समय लगता है। लेकिन इस दौरान भी दवा के सेवन को रोकने की सलाह बिल्कुल नहीं दी जाती है। 

फेफड़ों की टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

6 महीने का नियमित इलाज ज़रूरी है। जटिल मामलों में फेफड़ों के टीबी को ठीक होने में 9 महीने तक का समय भी लग सकता है। नियमित रूप से दवाएं लेने से फेफड़ों की टीबी का इलाज लगभग हमेशा संभव है।

टीबी के मरीज की पहचान कैसे करें?

3 हफ्ते से अधिक खांसी, बुखार, रात को पसीना, वजन कम होना - यह लक्षण हैं जो टीबी के मरीज की पहचान कर सकता है। त्वचा या रक्त परीक्षण से स्थिति की पुष्टि हो सकती है।

टीबी की दवा कितने दिन में असर करती है?

इससे पहले कि आप अन्य लोगों में टीबी के कीटाणु नहीं फैला सकें, आपको कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक टीबी की दवा लेनी होगी। यहां तक कि अगर आप बेहतर महसूस करना शुरू करते हैं, तो आपको ठीक होने के लिए दवा पर बने रहने की आवश्यकता होगी। आपको कम से कम 6 महीने तक कई तरह की गोलियां खानी होंगी।

टीबी कितने प्रकार की होती है?

मुख्यतः टीबी चार प्रकार के होते हैं जैसे - 

  • लेटेंट टीबी
  • एक्टिव टीबी
  • पल्मोनरी टीबी
  • एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी

टीबी कैसे फैलती है?

टीबी एक संक्रामक रोग है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, जिसे टीबी है तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप भी इस रोग से पीड़ित हो सकते हैं। 

क्षय रोग किस जीवाणु से फैलता है?

क्षय रोग के होने के पीछे का कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम का बैक्टीरिया है। यह एक संक्रामक बैक्टीरिया है, जो एक व्यक्ति को संक्रमित हवा के संपर्क आने से प्रभावित करता है।

क्या टीबी जानलेवा बीमारी है?

हां, टीबी एक जानलेवा बीमारी है। इस रोग में बैक्टीरिया फेफड़ों, मस्तिष्क, हड्डियों, और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है।