टीबी एक गंभीर संक्रमण है, जिससे फेफड़ों की समस्या होती है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण यह समस्या होती है, जिससे खांसने या छींकने की समस्या होती है।
टीबी एक गंभीर संक्रमण है, जिससे फेफड़ों की समस्या होती है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण यह समस्या होती है, जिससे खांसने या छींकने की समस्या होती है। यदि छींकने और खांसने की समस्या लंबे समय तक बने रहे तो समझ जाना चाहिए कि यह एक गंभीर समस्या का संकेत है।
यह बीमारी सभी के लिए हानिकारक है, लेकिन महिलाएं इस रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में कई अलग-अलग समय में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं जिसके कारण टीबी की समस्या विकराल रूप ले लेती है। यही कारण है कि महिलाओं को इस बीमारी के लक्षणों और इसके उपचार के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको भी नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण हो तो हमारे सर्वश्रेष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट से संपर्क करें
इस रोग के लक्षण धीरे-धीरे ही विकसित होते हैं, जिन्हें शुरुआत में पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। टीबी के लक्षणों की समय पर पहचान और इलाज महिलाओं को जल्दी दुरुस्त होने में मदद कर सकते हैं। महिलाओं में टीबी के कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं -
इन लक्षणों के उत्पन्न होते ही, बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लें।
टीबी के संक्रमण का मुख्य कारण एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलने वाले बैक्टीरिया है। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इस संक्रमित हवा को सांस के जरिए ग्रहण करता है, तो वह भी टीबी से संक्रमित हो सकता है। महिलाओं में टीबी के जोखिम को बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं -
टीबी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए सही समय पर निदान और सही उपचार की आवश्यकता होती है। महिलाओं में तपेदिक के इलाज के लिए कुछ मुख्य उपाय इस प्रकार हैं -
टीबी से बचने के लिए कुछ सामान्य लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं -
हां, टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है। समय पर निदान और एंटीबायोटिक दवाओं के पूर्ण कोर्स से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। दवाओं का पूरा कोर्स करना बहुत जरूरी है।
हां, टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो हवा के माध्यम से फैलती है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो बैक्टीरिया हवा में फैल जाता है, और इसे सांस के जरिए लेने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
जी हां, टीबी से बचाव के लिए बीसीजी (BCG) वैक्सीन उपलब्ध है, जो नवजात शिशुओं को दिया जाता है। यह टीका टीबी के गंभीर रूपों से बचाने में सहायक होता है।
Written and Verified by:
Dr. Harshil Alwani is a young and dynamic pulmonologist working at RBH, CK Birla hospital, Jaipur. He has vast experience in handling respiratory disorders and respiratory critical care illnesses.
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