क्या है हड्डी का क्षय रोग? प्रकार, कारण, लक्षण, इलाज व रोकथाम
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क्या है हड्डी का क्षय रोग? प्रकार, कारण, लक्षण, इलाज व रोकथाम

Summary

क्षयरोग या टीबी एक अत्यंत संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2022 में टीबी से कुल 1.3 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें एचआईवी से पीड़ित 1,67,000 लोग भी शामिल है।

क्षयरोग या टीबी एक अत्यंत संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2022 में टीबी से कुल 1.3 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें एचआईवी से पीड़ित 1,67,000 लोग भी शामिल है। दुनिया भर में कोविड-19 के बाद टीबी दूसरा प्रमुख संक्रामक रोग है और इससे कई लोग प्रभावित भी हुए हैं।

मुख्य रूप से टीबी फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि यह रोग शरीर के दूसरे अंगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जब टीबी फैलता है, तो उसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस (ईपीटीबी) कहा जाता है। इसका संबंध हड्डी और जोड़ों से भी है, जिसे हड्डी का क्षय रोग भी कहा जाता है। चलिए इस ब्लॉग से जानते हैं कि हड्डी के टीबी के प्रकार, कारण, इलाज और रोकथाम क्या है? इसके अतिरिक्त यदि हड्डियों के क्षय रोग के संबंध में आपको कोई भी समस्या या संक्षय है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे श्वसन चिकित्सक से सलाह लें।

हड्डी के टीबी के प्रकार

हड्डी का क्षय रोग अलग-अलग प्रकार के होते हैं। रोग के प्रकार के आधार पर इलाज की योजना बनाई जाती है। हड्डी के क्षय रोग के प्रकारों को नीचे बताया गया है - 

  • रीढ़ की हड्डी का क्षय रोग
  • कूल्हे के जोड़ का क्षय रोग
  • कोहनी का क्षय रोग
  • घुटने के जोड़ का क्षय रोग
  • टखने के जोड़ का क्षय रोग
  • शरीर के ऊपरी भाग का क्षय रोग

हड्डी की टीबी के कारण

हड्डी का क्षय रोग तब होता है, जब टीबी फेफड़ों के बाहर फैल जाता है। आमतौर पर टीबी हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। टीबी के इलाज के दौरान यह संक्रमण फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से रक्त के माध्यम से हड्डियों, रीढ़ या जोड़ों में फैल सकता है। इसके अतिरिक्त किसी क्षय रोग से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी बोन टीबी का भी खतरा अधिक होता है। 

सरल भाषा में कहा जाए तो हड्डी के क्षय रोग का कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया फेफड़ों को संक्रमित करता है और उसी के माध्यम से हड्डियों और जोड़ों सहित शरीर के अन्य भाग में फैल जाता है। यह रोग रीढ़ की हड्डी में भी फैल सकता है। दुर्लभ मामलों में, बोन टीबी एटिपिकल माइकोबैक्टीरिया या नॉन-ट्यूबरकुलस माइकोबैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी हो सकता है।

हड्डी के क्षय रोग के लक्षण 

सामान्यतः किसी भी रोग के शुरू होने पर उसके लक्षण उत्पन्न होते हैं। हमारे विशेषज्ञों का मानना है कि टीबी के शुरुआती मामलों में लक्षण थोड़े कम ही दिखते हैं। रोगी लक्षण का सामना तब करते हैं जब स्थिति थोड़ी सी गंभीर हो जाती है। शुरुआत में रोगी को किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है, लेकिन वह निम्नलिखित लक्षणों का सामना करते हैं - 

  • थकान और बुखार आना
  • रात में पसीना आना
  • अचानक वजन कम होना
  • जोड़ों और पीठ में गंभीर दर्द
  • कलाई और कोहनियों में दर्द
  • हड्डियों में किसी भी प्रकार की समस्या महसूस होना
  • मस्तिष्क संबंधित समस्याएं 
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं
  • स्पाइन टीबी
  • कार्पल टनल सिंड्रोम

हड्डी की टीबी का उपचार और रोकथाम

हड्डी की टीबी के कारण रोगी को बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। प्रारंभिक चरण में हड्डी के क्षय रोग के इलाज के लिए दवाओं और डाइट प्लान का सहारा लिया जाता है। निम्नलिखित इलाज के विकल्पों की सहायता से डॉक्टर हड्डी के टीबी का इलाज करते हैं - 

  • सर्जरी: गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए स्पाइनल टीबी के मामलों में लैमिनेक्टॉमी का सुझाव दिया जाता है। इस सर्जरी में स्पाइनल कॉर्ड पर अतिरिक्त दबाव को कम किया जाता है। 
  • दवाएं: दवाएं टीबी के इलाज का पहला चरण है। इलाज के लिए अलग-अलग दवाओं का कोर्स दिया जाता है। रिफैम्पिसिन, एथेमब्युटोल, आइसोनियाज़िड और पाइरेज़िनमाइड वह दवाएं हैं जिनका सुझाव डॉक्टर सामान्यतः देते हैं। 
  • एमडीआर-ट्रीटमेंट: इस प्रक्रिया में एंटी ट्यूबरकुलर दवाओं के संयोजन का प्रयोग किया जाता है। हड्डी के क्षय रोग के इलाज के लिए यह प्रक्रिया सबसे उत्तम है। 
  • डॉट्स ट्रीटमेंट: इस प्रक्रिया को अंग्रेजी भाषा में डायरेक्टली ऑब्ज़र्व्ड थेरेपी शार्टटर्म कोर्सेज कहा जाता है। टीबी के रोगी अपने दवाओं को समय पर ले सकें इसी प्रकार इस ट्रीटमेंट को डिजाइन किया गया है। 

इलाज के साथ कुछ सावधानियां है, जिनका खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। यह सावधानियां टीबी से बचाव में बहुत मदद करते हैं। निम्नलिखित तरीकों से टीबी से रोकथाम संभव है - 

  • खांसते समय मुंह या नाक को ढंके।
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाकर रहें और इधर-उधर थूकने से बचें। 
  • चाय, कॉफी और सोडा जैसे कैफीन युक्त पदार्थ आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं। 
  • प्रोसेस्ड फूड और तले हुए भोजन से उचित दूरी बना कर रखें। बोन टीबी के मामले में यह रोकथाम बहुत ज्यादा जरूरी है। 
  • तम्बाकू, शराब का अत्यधिक सेवन बोन टीबी के लिए अधिक हानिकारक है। हड्डी के क्षय रोग के मामले में यह सबसे ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता है। 
  • चिकन, प्याज, और उच्च सैचुरेटेड फैट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को बंद करें।

इसके अतिरिक्त जो भी व्यक्ति एड्स से पीड़ित होते हैं, उन्हें अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होती है। इस स्थिति का इलाज दवाओं से संभव है। यदि आपको क्षय रोग या फिर बोन टीबी के लक्षण नजर आते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से कंसल्ट करें। यदि टीबी का इलाज जल्दी शुरू किया जाता है, तो वह व्यक्ति ठीक हो सकता है और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है। 

हड्डी के क्षय रोग से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या हड्डी के क्षय रोग का इलाज संभव है?

हाँ, हड्डी की टीबी के शीघ्र निदान और उचित चिकित्सा सहायता से इस रोग का इलाज संभव है। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

क्या हड्डी का क्षय रोग संक्रामक है?

सामान्यतः हड्डी का क्षय रोग संक्रामक रोग नहीं है। लेकिन यदि जब एक व्यक्ति रोगी के मवाद के संपर्क में आ जाता है, तो यह एक संक्रामक रोग में परिवर्तित हो जाता है।

हड्डी के क्षय रोग का निदान कैसे किया जाता है?

  • क्लीनिक में जांच (फिजिकल एग्जामिनेशन)
  • एक्स-रे, सीटी स्कैन, और हड्डी का सिन्टीग्राफी
  • लैब परीक्षण जैसे ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट या मंटौक्स परीक्षण 
  • हिस्टोपैथोलॉजिकल परीक्षण
  • रक्त परीक्षण

Written and Verified by:

Dr. Rakesh Godara

Dr. Rakesh Godara

Additional Director Exp: 18 Yr

Pulmonology

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Dr. Rakesh Godara is Additional Director of Pulmonology Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur with over 18 years of experience. He specializes in ARDS, bronchoscopic management of hemoptysis, central airway obstruction, endobronchial ultrasound, and medical thoracoscopy/pleuroscopy. 

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