डिमेंशिया: कारण, प्रकार, और लक्षण
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डिमेंशिया: कारण, प्रकार, और लक्षण

Neuro Sciences | by Dr. Deep Das on 30/04/2024

Summary

डिमेंशिया कोई बीमारी नहीं है। बहुत सारे लक्षणों के समूह को चिकित्सा भाषा में डिमेंशिया कहा जाता है। अधिकतर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी से जोड़कर देखते हैं।

डिमेंशिया कोई बीमारी नहीं है। बहुत सारे लक्षणों के समूह को चिकित्सा भाषा में डिमेंशिया कहा जाता है। अधिकतर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी से जोड़कर देखते हैं। हालांकि याददाश्त की समस्या डिमेंशिया का लक्षण है, लेकिन इसके अतिरिक्त डिमेंशिया के अनेक गंभीर और चिंताजनक लक्षण होते हैं, जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए। इन लक्षणों का प्रभाव जीवन की गुणवत्ता पर बहुत ज्यादा पड़ता है। यही कारण है कि डिमेंशिया के इलाज के लिए इसके कारण, लक्षण और प्रकार की जानकारी होना बहुत ज्यादा अनिवार्य है। 

डिमेंशिया के प्रकार -

डिमेंशिया के अधिकांश प्रकार किसी दूसरी रोग के लक्षण की तरफ इशारा करते हैं। सामान्यतः डिमेंशिया निम्न प्रकार के होते हैं - 

  • अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease): अल्जाइमर की बीमारी डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है। लगभग 70 से 80 प्रतिशत डिमेंशिया के मामलों को अल्जाइमर की बीमारी होती है। 
  • वैस्कुलर डिमेंशिया (Vascular dementia): वैस्कुलर डिमेंशिया मस्तिष्क तक रक्त न पहुंचने के कारण होता है। रक्त का मस्तिष्क तक न पहुंचने का कारण धमनियों में प्लाक का जमाव होता है। 
  • फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया (Frontotemporal dementia): फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क के फ्रंटल और टेम्पोरल भाग प्रभावित होते हैं।
  • लेवी बॉडी डिमेंशिया (Lewy body dementia): इस प्रकार के डिमेंशिया में नर्व सेल्स में प्रोटीन का जमाव मस्तिष्क को रासायनिक संकेत भेजने से रोकता है। इसके कारण दिमाग अपना सामान्य काम नहीं कर पाता है और याददाश्त कमजोर होने लगती है।
  • पार्किंसंस डिजीज (Parkinson Disease): पार्किंसंस डिजीज वाले व्यक्तियों में डिमेंशिया का खतरा होता है। इस प्रकार के डिमेंशिया में तर्क और निर्णय लेने में समस्या होती है और इसके साथ ही चिड़चिड़ापन, और डिप्रेशन की समस्या भी देखने को मिलती है। 

डिमेंशिया के लक्षण -

प्रारंभिक चरण में डिमेंशिया के निम्न लक्षण उत्पन्न होते हैं - 

  • मेमोरी लॉस जो दैनिक कार्यों को पूरा करने में परेशान करे: डिमेंशिया के कारण व्यक्ति के याद्दाश्त पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से उसे दैनिक कार्यों को सही से करने में परेशानी हो। 
  • हाल की घटनाओं को याद रखने में परेशानी: डिमेंशिया से प्रभावित व्यक्ति को हाल में हुई बातचीत, खाने का समय या महत्वपूर्ण घटनाएं याद रखने में बहुत समस्या आती है। 
  • बार-बार एक ही सवाल पूछना: कई बार लोग एक ही सवाल बार-बार पूछते हैं, क्योंकि उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता है। यह भी डिमेंशिया का एक लक्षण है। 
  • परिचित जगहों पर खो जाना: जानी-पहचानी जगहों पर खोना या भटकना डिमेंशिया का लक्षण है। 
  • निर्णय लेने में कठिनाई: यह एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसमें कई बार निर्णय लेने में समस्या आती है। 
  • मनोदशा और व्यवहार में बदलाव: डिमेंशिया में चिड़चिड़ापन, बेचैनी या उदासी जैसे भावनात्मक बदलाव आते हैं। 

इन लक्षणों का अनुभव हर व्यक्ति को अलग-अलग तरह से होता है। यदि आपको अपने या किसी प्रियजन में इनमें से कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, तो किसी न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लें परामर्श लिया जाना चाहिए। 

डिमेंशिया के कारण - 

डिमेंशिया की समस्या मस्तिष्क में नसों के खराब होने या उन तक रक्त की आपूर्ति न होने पर होती है। चलिए डिमेंशिया के कुछ कारणों के बारे में जानते हैं - 

  • भूलने की बीमारी (अल्जाइमर रोग): यह डिमेंशिया का कारण और लक्षण दोनों है। इसमें दिमाग की कोशिकाओं के बीच असामान्य प्रोटीन जम जाता है, जिससे व्यक्ति को चीजों को याद रखने में दिक्कत आती है। 
  • दिमाग की धमनियों में रुकावट: छोटे-छोटे स्ट्रोक की वजह से दिमाग तक खून का संचार कम हो सकता है। इससे दिमाग की कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता है, जिसके कारण वह कमजोर हो जाती है और भविष्य में डिमेंशिया का कारण बन सकती है।
  • सिर में चोट लगना या ट्यूमर: सिर पर चोट या ट्यूमर के कारण डिमेंशिया की समस्या भी हो सकती है। 
  • अन्य कारण: विटामिन की कमी और कुछ गंभीर संक्रमण भी डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

डिमेंशिया के जोखिम कारक -

डिमेंशिया का खतरा बढ़ाने वाले कई कारक हैं, जिनमें से कुछ को नियंत्रित किया जा सकता है और कुछ को नहीं। चलिए दोनों को समझते हैं। 

नियंत्रित हो जाने वाले जोखिम कारक

  • बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया का खतरा
  • धूम्रपान, शराब का सेवन, अस्वस्थ आहार, और व्यायाम की कमी
  • हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, और डिप्रेशन जैसी स्वास्थ्य स्थितियां 
  • कम मानसिक गतिविधि से डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।

अनियंत्रित जोखिम कारक

  • फैमिली हिस्ट्री
  • महिलाओं में पुरुषों की तुलना में डिमेंशिया होने का खतरा अधिक होता है।
  • जन्म के समय कम वजन होना भी डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाता है।

डिमेंशिया का उपचार -

अधिकांश प्रकार के डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसके लक्षणों का इलाज संभव है। चलिए डिमेंशिया के इलाज के सभी विकल्पों को समझते हैं - 

दवाई

  • डेडपेज़िल, रीवास्टिग्मीन, गैलेंटामाइन, और मैमेनटाइन जैसी दवाएं डिमेंशिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे सोचने में परेशानी, और व्यवहार में बदलाव जैसे लक्षणों में कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है। 
  • बिना न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर के परामर्श के इन दवाओं का सेवन न करें। फिजिकल एग्जामिनेशन और लक्षणों की जांच के बाद ही दवा और उनके डोज निर्धारित होते हैं। 

इलाज के अन्य विकल्प

विटामिन डी और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे डिमेंशिया का खतरा भी कम हो जाता है। इसके साथ-साथ कुछ अन्य थेरेपी भी होती हैं, जिससे लाभ हो सकता है जैसे - 

  • म्यूजिक थेरेपी
  • अरोमा थेरेपी
  • आर्ट थेरेपी
  • मसाज थेरेपी

यह सारी थेरेपी रोगी को शांत रखने, मनोदशा में सुधार करने और जीवन की गुणवत्ता को दुरुस्त रखने में मदद करती है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डिमेंशिया में हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है। यही कारण है कि इलाज की योजना भी व्यक्तिगत होती है। इसलिए परामर्श लें और सही इलाज के विकल्प को चुनें।

डिमेंशिया से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

डिमेंशिया का सबसे आम कारण क्या है?

उम्र डिमेंशिया का सबसे आम कारण है। 60 से 80 प्रतिशत मामलों में उम्र डिमेंशिया का मुख्य कारण बनता है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, व्यक्ति के दिमाग में विशिष्ट बदलाव आते हैं, जिसके कारण डिमेंशिया की समस्या होती है। 

डिमेंशिया और अल्जाइमर में क्या अंतर है?

डिमेंशिया दिमाग से संबंधित सभी समस्याओं के लक्षण को कहा जाता है, वहीं दूसरी तरफ अल्जाइमर एक विशिष्ट बीमारी है। अल्जाइमर भी डिमेंशिया का एक प्रकार है। 

क्या डिमेंशिया का इलाज संभव है?

अल्जाइमर रोग की तरह डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है, हालांकि ऐसी दवाएं हैं, जो इसके लक्षणों को ठीक करके स्थिति में थोडा आराम ला सकता है। इसके लिए डॉक्टर से मिलें।

Written and Verified by:

Dr. Deep Das

Dr. Deep Das

Consultant - Neurology Exp: 20 Yr

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