मैं अपने 25 वर्षों के अनुभव से यह दावे से कह सकती हूं कि अधिकतर महिलाओं को ओवरी कैंसर का पता तब चलता है, जब वह रोग अपने अगले चरण में चली जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ओवरी कैंसर के शुरुआत में लक्षण अस्पष्ट ही होते हैं, जिसके ऊपर अक्सर कम ध्यान दिया जाता है।
इस ब्लॉग को लिखने का मेरा लक्ष्य यह है कि आपको ओवरी के कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज को आसान भाषा में समझाया जाए, जिससे आप समय रहते अपनी सेहत का ध्यान अच्छे से रख पाए। यदि आप या फिर आपका कोई परिचित इस ब्लॉग में बताए गए लक्षणों को महसूस कर रही है, तो बिना देर किए हमसे मिलें और इलाज लें। सीके बिरला अस्पताल, जयपुर में हम आपको हर कदम पर मार्गदर्शन करने के लिए मौजूद हैं।
ओवेरियन कैंसर या अंडाशयी कैंसर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंडाशय में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं, जो धीरे-धीरे ट्यूमर बनता है, जो शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। हम सभी जानते हैं कि ओवरी महिला के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसका कार्य अंडे और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का निर्माण करना है।
तीन प्रकार के ओवरी के कैंसर होते हैं, जिससे महिलाएं परेशान हो सकती हैं जैसे कि -
हम सभी को यह समझना होगा कि अपने और अपनों की सेहत हम सबके लिए पहला कदम होना चाहिए। यदि आप ओवरी कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान जल्दी कर लेते हैं, तो आप स्वयं इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। ओवरी कैंसर के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं -
अंडाशयी कैंसर के लक्षण कभी-कभी अन्य रोग जैसे कि मूत्र पथ पर संक्रमण, और फूड पाइप में संक्रमण के समान ही लगते हैं। इसलिए अपने लक्षणों का खास ध्यान रखें और लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें।
ओवरी में कैंसर की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब अंडाशय की कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव आता है। इसे आप जेनेटिक म्युटेशन भी कह सकते हैं। इसके कारण यह कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है। धीरे-धीरे समय के साथ यह कोशिकाएं ट्यूमर का रूप भी ले लेती हैं, जिसके बाद यह आस-पास के अंग में भी फैल सकता है। यह म्युटेशन क्यों होता है, इसकी कोई प्रमाणित जानकारी नहीं है, लेकिन कुछ जोखिम कारकों के बारे में हम आपको बता सकते हैं, जो इस ट्यूमर के शरीर के बाकी हिस्से में फैलने का प्रबल कारण बन सकता हैं जैसे कि -
सबसे पहले आप अपने सभी जोखिम कारकों को समझें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
अंडाशयी कैंसर के निदान के बाद आपको सबसे पहले मुझसे या फिर किसी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना होगा। इलाज का विकल्प कैंसर के कारण और प्रकार के आधार पर निर्भर करता है। ओवरी के कैंसर की स्थिति में इलाज के निम्न विकल्पों में से एक का सुझाव दिया जा सकता है -
हर इलाज के अपने कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं, इसलिए सभी के बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें। आपका पूरा हक है यह जानना कि आपके लिए कौन सा इलाज का विकल्प सबसे सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
एक डॉक्टर के तौर पर मेरी प्राथमिकता महिलाओं को वह सारी जानकारी प्रदान करना है, जिससे वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल अच्छे से रख पाए और सही समय पर उचित निर्णय ले पाए। ओवरी कैंसर एक डरावने सपने के जैसा हो सकता है, लेकिन आप घबराए नहीं। सीके बिरला अस्पताल, जयपुर में, हम आपके सेहत के आधार पर ही इलाज के विकल्प का सुझाव देते हैं और व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करते हैं।
जबकि ओवरी का कैंसर जीवन के लिए खतरा हो सकता है, इसलिए प्रयास करें कि निदान के बाद तुरंत इलाज लें। प्रारंभिक चरण में कैंसर की पुष्टि से 90% मामलों में महिला की उम्र बढ़ी है।
सीए-125 के स्तर को मापने वाले ब्लड टेस्ट से ओवरी के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन से इस रोग की पुष्टि हो सकती है।
ओवरी के कैंसर को रोकने का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है, लेकिन आप कुछ उपायों से इस रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं जैसे कि ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव, स्वस्थ वजन बनाए रखना, प्रेगनेंसी, इत्यादि।
50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं, जिनके परिवार में ओवरी या स्तन कैंसर का इतिहास रहा हो, तथा BRCA1 या BRCA2 जैसे जैनेटिक परिवर्तन वाले व्यक्तियों में इसका अधिक खतरा रहता है।
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