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किडनी रोग के प्रारंभिक संकेत और लक्षण

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किडनी रोग के प्रारंभिक संकेत और लक्षण

Renal Sciences | by Dr. Bibhas Ranjan Kundu | Published on 18/07/2024



किडनी की समस्या तब होती है, जब किडनी या इसका कोई भाग क्षतिग्रस्त हो जाता है। किडनी का मुख्य कार्य रक्त को ठीक से फ़िल्टर करना है, जिससे पूरे शरीर में साफ और स्वस्थ रक्त का प्रवाह हो। किडनी रोग में यह कार्य नहीं होता है, जिसके कारण शरीर में धीरे-धीरे तरल पदार्थ और हानिकारक पदार्थ जमा हो जाते हैं। इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है। 

शुरुआती चरण में किडनी रोग के लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन यदि इस स्थिति का प्रारंभिक निदान या उपचार नहीं होता है, तो स्थिति धीरे-धीरे खराब होने लग जाती है। इस ब्लॉग में हम गुर्दे की बीमारी के प्रारंभिक और बाद में दिखने वाले लक्षणों के बारे में बात करने वाले हैं। इनकी पुष्टि होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए कोलकाता में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लें। 

गुर्दा रोग के शुरुआती लक्षण

किडनी की समस्या के शुरुआत में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं। वहीं अधिकतर मामलों में रोगियों को तब तक पता नहीं चलता है कि वह किडनी की समस्या से परेशान है, जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए। हालांकि जैसे-जैसे किडनी की समस्या धीरे-धीरे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • मूत्र में झाग: किडनी रोग के सभी शुरुआती लक्षणों में से एक है मूत्र में झाग आना। इस स्थिति का मुख्य कारण होता है, प्रोटीन का पेशाब में रिसाव जिसे चिकित्सा भाषा में प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) कहा जाता है। 
  • रात में बार-बार पेशाब आना: किडनी की समस्या के कारण शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ का जमाव होता है, जिसके कारण रात में बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है। चिकित्सा भाषा में इस स्थिति को नोक्टूरिया (Nocturia) भी कहा जाता है। इसकी वजह से अनिद्रा और थकान का अनुभव भी हो सकता है। 
  • सूजन: किडनी रोग की स्थिति में अतिरिक्त तरल पदार्थ शरीर में ही रहता है, जिसके कारण शरीर के कुछ अंगों में सूजन आ जाती है। इस स्थिति को एडिमा कहा जाता है और इसके कारण पैर, पिंडली या टखने प्रभावित होते हैं। 
  • थकान: किडनी रोग के पेशेंट को थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है। इसके साथ-साथ व्यक्ति को अपना ध्यान केंद्रित करने में भी परेशानी आ सकती है। 
  • खुजली वाली त्वचा: जब शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर नहीं निकलते हैं, तो इसके कारण रोगी को त्वचा पर अत्यधिक खुजली का अनुभव होता है। 

किडनी रोग के गंभीर मामलों के लक्षण

गुर्दे की बीमारी में जब स्थिति अगले चरण में चले जाए, तो रोगी को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है - 

  • सीने में दर्द
  • खुजली और त्वचा में सूखापन।
  • शरीर का कोई भाग सुन्न होना या जल्दी थक जाना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन।
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
  • भूख न लगना या कम लगना।
  • स्वाद और गंध में बदलाव के साथ नींद की समस्या।
  • मतली, उल्टी और अचानक वजन कम होना।

क्रोनिक किडनी डिजीज वाले लोगों में खून की कमी, हड्डी रोग और कुपोषण जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं विकसित हो सकती हैं। 

डॉक्टर से सलाह कब लें?

लगातार लक्षणों का बना रहना स्थिति की गंभीरता की तरफ संकेत करता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है -

  • बिना कारण अचानक वजन घटना या बढ़ना।
  • भूख कम लगना।
  • टखनों, पैरों या हाथों में सूजन।
  • सांस लेने में कठिनाई होना।

इनमें से किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। प्रारंभिक चरणों में किडनी रोग के लक्षण की पहचान और उपचार किडनी रोग की प्रगति को धीमा कर सकता है और व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। 

किडनी खराब होने के लक्षण और उपाय

किडनी खराब होने के लक्षणों के बारे में ऊपर बताया गया है। लक्षणों की पुष्टि के बाद स्थिति के इलाज की योजना पर कार्य होता है। इलाज के लिए दवाएं और कुछ उपायों का सहारा लिया जाता है। किडनी को अधिक क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए निम्न उपायों का पालन किया जा सकता है - 

  • जीवनशैली में बदलाव करें।
  • स्वस्थ आहार खाएं।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • धूम्रपान छोड़ें।
  • शराब का सेवन सीमित करें।
  • तनाव कम करें।

इसके अतिरिक्त किडनी रोग के जोखिम कारकों (हाई ब्लड प्रेशर,कोलेस्ट्रॉल, और डायबिटीज) को भी नियंत्रित करने की योजना बनाई जाती है। 

यदि इन उपायों और दवाओं से स्थिति में आराम नहीं मिलता है और किडनी की समस्या गंभीर हो जाती है, तो डायलिसिस और किडनी फेल्योर में किडनी ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया जा सकता है। इसलिए समय पर जांच और इलाज बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

 

किडनी खराब होने पर कहां दर्द होता है?

किडनी खराब होने पर पेशेंट को कुछ स्थान पर दर्द हो सकता है जैसे - 

  • पीठ के निचले भाग में दर्द।
  • बगल या पेट में दर्द।
  • पेशाब करते समय दर्द और जलन।

इस दर्द की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। 

किडनी की बीमारी कैसे होती है?

किडनी की बीमारी के कई कारण होते हैं जैसे - हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान और कुछ दवाओं का सेवन। इसके अतिरिक्त आपकी निष्क्रिय जीवन शैली, किडनी का संक्रमण, मूत्र में पथरी और आपके जीन्स भी किडनी रोग के कारण बन सकते हैं।

कैसे पता करें की किडनी खराब है?

किडनी खराब होने के कई लक्षण होते हैं। उन्हीं को पहचान कर इस बात की पुष्टि हो सकती है कि आपकी किडनी में कोई समस्या है या नहीं। पीठ दर्द, पेशाब में समस्या, थकान, त्वचा में खुजली, सांस लेने में तकलीफ और सूजन किडनी रोग के लक्षण है। इसकी पुष्टि होने के बाद मूत्र और रक्त परीक्षण के साथ इमेजिंग टेस्ट करा सकते हैं।