कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता: इम्यूनिटी कम होने के लक्षण क्या है?
Internal Medicine |
by Dr. Mahesh Kumar Chowdhury | Published on 20/06/2024
इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के लिए वह वरदान है, जो हमें कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) के नाम से भी जाना जाता है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद से हम बहुत सारी समस्याओं से बच तो सकते ही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ हमारा शरीर कई संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार भी रहता है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है।
यदि इस बदलते मौसम में आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं या आपको बार-बार सर्दी, खांसी और जुकाम परेशान कर रहा है, तो इसका अर्थ यह है कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर है। यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी, उन्हें संक्रमण के साथ-साथ इम्यूनोडेफिशियेंसी वाले रोगों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त करने से लाभ मिलेगा। चलिए समझते हैं कि कैसे पता चलेगा कि हमारे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर है और इसे फिर से मजबूत किया जाए।
इम्यूनिटी कम होने के कारण
शरीर की इम्यूनिटी कई कारणों से कम होती है। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
- जीवनशैली कारक: अस्वस्थ भोजन, नींद पूरी न होना, तनाव, धूम्रपान और व्यायाम की कमी कुछ ऐसे जीवनशैली कारक हैं, जिनकी वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।
- चिकित्सीय स्थितियां: कुछ स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जैसे - डायबिटीज, कैंसर, एचआईवी/एड्स, गठिया, किडनी रोग, इत्यादि, जिनके कारण धीरे-धीरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है।
- दवाएं: कुछ प्रकार की दवाएं जैसे स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और धीरे-धीरे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को गिराते रहते हैं।
- उम्र: बढ़ती उम्र शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए एक खतरा होता है। इसके कारण कई अन्य समस्याएं भी एक व्यक्ति को घेर लेती हैं।
इसके अतिरिक्त भी कई कारणों की वजह से भी शरीर की इम्यूनिटी को खतरा होता है। यदि आपको भी लगता है कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है, तो हम आपको सलाह देंगे कि हमसे परामर्श लें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में जानें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के लक्षण
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि बार-बार बीमार होना शरीर की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की तरफ संकेत करता है। बार-बार बीमार होने के साथ-साथ अन्य लक्षण भी होते हैं, जो कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की तरफ इशारा करते हैं -
- थकान और कमजोरी: बिना किसी कारण लगातार थकान और कमजोरी का बने रहना दर्शाता है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है।
- बार-बार संक्रमण: सर्दी, जुकाम और कान में इंफेक्शन जैसे संक्रमण का लगातार बने रहना दर्शाता है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो गई है।
- घाव भरने में देरी: चोट लगने के बाद यदि घाव को भरने में ज्यादा देर लगती है, तो भी यह कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की तरफ संकेत करता है।
- पाचन संबंधी समस्याएं: पाचन संबंधित समस्याएं कई स्वास्थ्य समस्या की तरफ संकेत करते हैं, लेकिन आंत भी रोग प्रतिरोधक क्षमता का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए पाचन संबंधित समस्याएं भी इस रोग की तरफ संकेत करते हैं।
- त्वचा संबंधी समस्याएं: एक्जिमा, सोरायसिस या मुंहासों जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं कमजोर इम्यूनिटी की तरफ इशारा करते हैं।
इनमें से किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डक्टरी सलाह की तरफ जाने की सलाह दी जाती है। इस संबंध में अधिक सहायता के लिए आप हमारे विशेषज्ञों से भी मिल सकते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय
यह एकदम सत्य है कि इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए कोई चमत्कारी इलाज नहीं है। हालांकि जीवन शैली में कुछ बदलाव की मदद से इसे प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद मिल सकती है। चलिए उन्हीं में से कुछ के बारे में जानते हैं -
- पौष्टिक और संतुलित आहार: संतुलित और पौष्टिक आहार के सेवन से शरीर स्वस्थ भी रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद मिलती है। अपने आहार में फल, सब्जियां, होल ग्रेन और हेल्दी फैट को शामिल ज़रूर करें। इसकी मदद से इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में बहुत मदद मिलती है।
- पर्याप्त नींद: हमारा शरीर रात को रिकवरी सबसे तेज करता है। यदि आप रात में कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं, तो इसकी मदद से शरीर स्वस्थ भी रहता है और कुछ प्रकार के संक्रमण से दूर भी रहता है।
- नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि की सहायता से शरीर में रक्त संचार सामान्य रहता है और शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत बन जाती है। इससे शरीर में हार्मोन में संतुलन भी बनने लगता है।
- तनाव प्रबंधन: योग, मेडिटेशन या अनुलोम विलोम तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना शुरू हो जाता है।
- हाइड्रेट रहना: जितना हो सके उतना अपने शरीर को हाइड्रेट करें। इसकी मदद से विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- प्रोबायोटिक: दही या अन्य प्रोबायोटिक से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। इससे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया का प्रवेश होता है, जो बुरे बैक्टीरिया को खत्म कर शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
इसके अतिरिक्त कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कुछ स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। उनके इलाज के लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं। लेकिन हम स्वयं उन दवाओं के साथ-साथ इन उपायों का सुझाव अपने पेशेंट को देते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत हमारे आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) -
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या होती है?
रोग प्रतिरोधक क्षमता को इम्यूनिटी भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर का प्रोटेक्टिव शील्ड है, जो हमारे शरीर के लिए बाहरी संक्रमण से लड़ता है। यह एक जटिल प्रणाली है, जिसकी मदद से शरीर के विभिन्न भाग भी स्वस्थ रहते हैं।
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाए?
- पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें
- व्यायाम करें
- 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
क्या तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है?
हां, क्रोनिक स्ट्रेस आपकी स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जिसके कारण आप ज्यादा बीमार हो सकते हैं।
क्या नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है?
हां, नींद की कमी के कारण भी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। हर रोज कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।
क्या प्रतिरक्षा को तुरंत बढ़ाया जा सकता है?
ऐसा करने के लिए कोई जादुई दवा नहीं है। हालांकि यदि आप स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं और रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करते हैं, तो इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा।
क्या मुझे प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लेना चाहिए?
आमतौर पर एक संतुलित आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पर्याप्त होता है। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने जनरल मेडिसिन डॉक्टर से सलाह लें।