मलेरिया मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने से होने वाली एक जानलेवा स्वास्थ्य समस्या है, जो प्लाज्मोडियम पैरासाइट से फैलता है और मुख्यतः लिवर व रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट और साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। इलाज के रूप में ACTs, क्लोरोक्वीन और प्राइमाक्वीन जैसी दवाएं उपयोगी है।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मलेरिया एक जानलेवा रोग है, जो कि संक्रमित मच्छर के काटने के कारण होता है। मुख्य रूप से यह समस्या पैरासाइट के कारण उत्पन्न होती है। यह दुनिया के उन भाग में सबसे आम है, जहां मौसम गर्म और नरम रहता है, जैसे कि अफ्रीका और एशिया के कुछ भाग में। चलिए मलेरिया के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं और इसके शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीकों को समझते हैं। मलेरिया के मामले में समय पर चिकित्सा सहायता महत्वपूर्ण है - उचित निदान और उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जिसके पीछे का कारण प्लाज्मोडियम (Plasmodium) नामक एक पैरासाइट है। यह पैरासाइट मादा एनोफ़िलीज़ (Anopheles) मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। प्लाज्मोडियम की पांच प्रजातियां हैं, जो इंसानों को प्रभावित करती है। चलिए उन सभी मच्छरों के नामों को जानते हैं -
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2022 में दुनियाभर में लगभग 24.9 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आए थे, जिनमें से 6 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी। यही कारण है कि मलेरिया के संबंध में जानकारी सभी को होनी चाहिए।
आमतौर पर मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने से दिखने शुरू होते हैं। आमतौर पर, यह लक्षण मच्छर के काटने के 10 से 15 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। मलेरिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं -
वहीं गंभीर मामलों में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
यह सारे लक्षण बहुत गंभीर हैं, जिनके बारे में विचार करना बहुत ज़रूरी है। इन सभी लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो कि प्लाज्मोडियम परजीवी या पैरासाइट के कारण होती है, जो संक्रमित मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने के कारण होता है। इसे मलेरिया का मच्छर भी कहा जाता है। इस मच्छर का संक्रमण सबसे पहले लिवर को प्रभावित करता है, जिसके बाद हमारे शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं संक्रमित हो जाती है। इससे अंततः हमारा पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है।
मलेरिया संक्रमण धीरे-धीरे हमारे शरीर को प्रभावित करता है। इसका भी एक जीवन चक्र होता है। चलिए मलेरिया के पूरे जीवन चक्र को समझते हैं -
मलेरिया वाले मच्छरों से बचने के लिए कई सरकार एक मुहिम चलाती हैं, जैसे कि मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करना, लोगों को जागरूक करना इत्यादि। हालांकि आप मलेरिया से बचाव के लिए निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं -
इसके अतिरिक्त कुछ दवाएं होती हैं, जिन्हें डॉक्टर कंसल्टेशन के बाद अपने पेशेंट्स को दे सकते हैं जैसे कि -
इन दवाओं को स्वयं न लें। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में जा रहे हैं, जहां मलेरिया का प्रकोप बहुत ज्यादा है, तो भी आप अपने डॉक्टर से पहले बात करें और प्रिस्क्राइब कराने के बाद ही कोई दवा लें।
मलेरिया के इलाज के लिए दवाएं और कुछ घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है जैसे कि -
मलेरिया की दवाइयां
कोर्स को पूरा ज़रूर करें ताकि पैरासाइट शरीर से पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके अतिरिक्त ऊपर बताए गए उपायों का उपयोग करना न भूलें। अपने घर के आस-पास स्वच्छता बनाए रखें, पानी को एक स्थान पर जमा न होने दें और अपने खान-पान का खास ध्यान रखें।
मलेरिया एक गंभीर लेकिन ऐसी बीमारी है, जिसकी रोकथाम और इलाज संभव है। इस रोग के शुरुआती लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है और जीवन को भी बचाया जा सकता है। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में जा रहे हैं, जहां मलेरिया का प्रकोप है, तो बिना डॉक्टर से परामर्श किए कोई कदम न उठाएं। यदि स्थिति और कमजोर होती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज लें।
एनोफ़िलीज़ (Anopheles) मादा मच्छर मलेरिया के फैलने का कारण साबित हो सकता है।
मलेरिया की स्थिति में पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें प्रोटीन, आयरन, और विटामिन की मात्रा भरपूर हो। इसके साथ-साथ हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन लें, जैसे कि खिचड़ी, दलिया, और सूप। पानी और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ भी आपके लिए लाभकारी होंगे।
बच्चों में मलेरिया के निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
मलेरिया की जांच के लिए निम्न टेस्ट कराए जा सकते हैं -
मलेरिया मुख्य रूप से लिवर और लाल रक्त कोशिकाएं, गंभीर मामलों में मस्तिष्क, किडनी और फेफड़े को भी प्रभावित कर सकता है।
आमतौर पर 7 से 14 दिन में मलेरिया अपने आप ठीक हो सकता है। यदि प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत नहीं है, तो यह लंबे समय तक रह सकता है। यदि इलाज सही से नहीं होता है तो P. vivax और P. ovale दोबारा उत्पन्न हो सकते हैं।
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