मलेरिया के शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीके | कारण और उपचार
Home >Blogs >मलेरिया के शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीके | कारण और उपचार

मलेरिया के शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीके | कारण और उपचार

Summary

मलेरिया मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने से होने वाली एक जानलेवा स्वास्थ्य समस्या है, जो प्लाज्मोडियम पैरासाइट से फैलता है और मुख्यतः लिवर व रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट और साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। इलाज के रूप में ACTs, क्लोरोक्वीन और प्राइमाक्वीन जैसी दवाएं उपयोगी है।

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मलेरिया एक जानलेवा रोग है, जो कि संक्रमित मच्छर के काटने के कारण होता है। मुख्य रूप से यह समस्या पैरासाइट के कारण उत्पन्न होती है। यह दुनिया के उन भाग में सबसे आम है, जहां मौसम गर्म और नरम रहता है, जैसे कि अफ्रीका और एशिया के कुछ भाग में। चलिए मलेरिया के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं और इसके शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीकों को समझते हैं। मलेरिया के मामले में समय पर चिकित्सा सहायता महत्वपूर्ण है - उचित निदान और उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

मलेरिया क्या है?

मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जिसके पीछे का कारण प्लाज्मोडियम (Plasmodium) नामक एक पैरासाइट है। यह पैरासाइट मादा एनोफ़िलीज़ (Anopheles) मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। प्लाज्मोडियम की पांच प्रजातियां हैं, जो इंसानों को प्रभावित करती है। चलिए उन सभी मच्छरों के नामों को जानते हैं - 

  • पी. फाल्सीपेरम (P. falciparum): यह मलेरिया वाले मच्छरों का सबसे खतरनाक प्रकार है। यह गंभीर बीमारी और ब्रेन फीवर का कारण बन सकता है। इस प्रकार के मलेरिया के अधिकतर मामले अफ्रीका में आते हैं।
  • पी. विवैक्स (P. vivax): यह मलेरिया मच्छरों की एक आम प्रजाति है, जो एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में पाई जाती है। इस प्रकार के मलेरिया में बीमारी बार-बार आती है।
  • पी. ओवाले (P. ovale): यह मलेरिया की एक दुर्लभ प्रजाति है, जो अफ्रीका और एशिया में पाई जाती है। यह समस्या भी बार-बार उत्पन्न होती है। 
  • पी. मलेरियाए (P. malariae): यह एक पुरानी प्रजाति है, जिसमें हल्के लक्षण दिखते हैं, लेकिन शरीर में यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है। यह अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है।
  • पी. नॉलेजि (P. knowlesi): यह मलेरिया जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह मलेशिया, थाईलैंड और बर्मा में पाया जाता है और यह जल्दी बढ़ता है, जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2022 में दुनियाभर में लगभग 24.9 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आए थे, जिनमें से 6 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी। यही कारण है कि मलेरिया के संबंध में जानकारी सभी को होनी चाहिए। 

मलेरिया के लक्षण - Symptoms of Malaria

आमतौर पर मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने से दिखने शुरू होते हैं। आमतौर पर, यह लक्षण मच्छर के काटने के 10 से 15 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। मलेरिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • तेज बुखार आना
  • ठंड लगना और कंपन
  • पसीना आना
  • सिरदर्द
  • उल्टी और जी मिचलाना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकावट

वहीं गंभीर मामलों में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • ब्रेन मलेरिया (सेरेब्रल मलेरिया)
  • खून की कमी (एनीमिया)
  • किडनी
  • लिवर फेलियर 

यह सारे लक्षण बहुत गंभीर हैं, जिनके बारे में विचार करना बहुत ज़रूरी है। इन सभी लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

मलेरिया कैसे होता है?

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो कि प्लाज्मोडियम परजीवी या पैरासाइट के कारण होती है, जो संक्रमित मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने के कारण होता है। इसे मलेरिया का मच्छर भी कहा जाता है। इस मच्छर का संक्रमण सबसे पहले लिवर को प्रभावित करता है, जिसके बाद हमारे शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं संक्रमित हो जाती है। इससे अंततः हमारा पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है। 

मलेरिया का जीवन चक्र

मलेरिया संक्रमण धीरे-धीरे हमारे शरीर को प्रभावित करता है। इसका भी एक जीवन चक्र होता है। चलिए मलेरिया के पूरे जीवन चक्र को समझते हैं - 

  • मच्छर का काटना: जब संक्रमित मच्छर काटता है और स्पोरोजोइट शरीर में डालता है, जो कि इस मच्छर की लार में पाया जाता है।
  • लिवर का प्रभावित होना: संक्रमण सबसे पहले लिवर में जाता है और यहां पैरासाइट की संख्या में बढ़ोतरी होती है, जिससे सबसे पहले लिवर की कार्यक्षमता को नुकसान होता है। 
  • रक्त का प्रभावित होना: संक्रमण लिवर से निकलकर खून में आता है और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है।
  • संक्रमण का फैलना: कुछ पैरासाइट गैमेटोसाइट्स में बदल जाते हैं और वह संक्रमित व्यक्ति को कैरियर बना देता है। 

मलेरिया से बचाव के उपाय 

मलेरिया वाले मच्छरों से बचने के लिए कई सरकार एक मुहिम चलाती हैं, जैसे कि मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करना, लोगों को जागरूक करना इत्यादि। हालांकि आप मलेरिया से बचाव के लिए निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं - 

  • डीईईटी मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें
  • रात को मच्छरदानी में सोए (Insecticide-Treated Nets)
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनें
  • खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं

इसके अतिरिक्त कुछ दवाएं होती हैं, जिन्हें डॉक्टर कंसल्टेशन के बाद अपने पेशेंट्स को दे सकते हैं जैसे कि - 

  • एटोवाक्वोन-प्रोगुआनिल (Atovaquone / Proguanil)
  • मेफ्लोक्वीन (Mefloquine)
  • डॉक्सीसाइक्लिन (Doxycycline)

इन दवाओं को स्वयं न लें। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में जा रहे हैं, जहां मलेरिया का प्रकोप बहुत ज्यादा है, तो भी आप अपने डॉक्टर से पहले बात करें और प्रिस्क्राइब कराने के बाद ही कोई दवा लें।

मलेरिया का इलाज - Malaria Treatment in Hindi

मलेरिया के इलाज के लिए दवाएं और कुछ घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है जैसे कि - 

मलेरिया की दवाइयां

  • आर्टिमीसिनिन-आधारित संयोजन उपचार(ACTs): P. falciparum नामक पैरासाइट के इलाज के लिए मुख्य रूप से इस दवा का उपयोग होता है। 
  • क्लोरोक्वीन (Chloroquine): P. vivax, P. ovale जैसे मामलों में यह दवा उपयोगी है।
  • प्राइमाक्वीन (Primaquine): P. vivax और P. ovale से दोबारा होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए हम अपने पेशेंट्स को यह दवा देते हैं।

कोर्स को पूरा ज़रूर करें ताकि पैरासाइट शरीर से पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके अतिरिक्त ऊपर बताए गए उपायों का उपयोग करना न भूलें। अपने घर के आस-पास स्वच्छता बनाए रखें, पानी को एक स्थान पर जमा न होने दें और अपने खान-पान का खास ध्यान रखें।

निष्कर्ष 

मलेरिया एक गंभीर लेकिन ऐसी बीमारी है, जिसकी रोकथाम और इलाज संभव है। इस रोग के शुरुआती लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है और जीवन को भी बचाया जा सकता है। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में जा रहे हैं, जहां मलेरिया का प्रकोप है, तो बिना डॉक्टर से परामर्श किए कोई कदम न उठाएं। यदि स्थिति और कमजोर होती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

मलेरिया मच्छर का नाम क्या है?

एनोफ़िलीज़ (Anopheles) मादा मच्छर मलेरिया के फैलने का कारण साबित हो सकता है।

मलेरिया में क्या खाना चाहिए?

मलेरिया की स्थिति में पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें प्रोटीन, आयरन, और विटामिन की मात्रा भरपूर हो। इसके साथ-साथ हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन लें, जैसे कि खिचड़ी, दलिया, और सूप। पानी और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ भी आपके लिए लाभकारी होंगे।

बच्चों में मलेरिया के लक्षण क्या है?

बच्चों में मलेरिया के निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • बुखार
  • उल्टी या दस्त
  • सुस्ती या चिड़चिड़ापन
  • गंभीर मामलों में दौरे या बेहोशी

मलेरिया की जांच कैसे होती है?

मलेरिया की जांच के लिए निम्न टेस्ट कराए जा सकते हैं - 

  • ब्लड टेस्ट
  • रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (RDT) या माइक्रोस्कोप से प्लाज्मोडियम की पहचान।

मलेरिया शरीर के कौन से अंग को प्रभावित करता है?

मलेरिया मुख्य रूप से लिवर और लाल रक्त कोशिकाएं, गंभीर मामलों में मस्तिष्क, किडनी और फेफड़े को भी प्रभावित कर सकता है।

मलेरिया कितने दिनों तक रहता है?

आमतौर पर 7 से 14 दिन में मलेरिया अपने आप ठीक हो सकता है। यदि प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत नहीं है, तो यह लंबे समय तक रह सकता है। यदि इलाज सही से नहीं होता है तो P. vivax और P. ovale दोबारा उत्पन्न हो सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Sujoy Mukherjee

Dr. Sujoy Mukherjee

Consultant Exp: 19 Yr

Internal Medicine

Book an Appointment

Dr. Sujoy Mukherjee is a distinguished physician specializing in Internal Medicine and Critical Care, with over 19 years of experience in the medical field. He is known for his patient-focused approach and exceptional skill in managing both chronic and complex medical conditions.

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Internal Medicine Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now