न्यूट्रोफिल एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका (ल्यूकोसाइट्स) है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं तीन प्रकार की होती हैं - ग्रेन्यूलोसाइट्स, लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स।
न्यूट्रोफिल एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण भाग है। यह कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। यदि रक्त परीक्षण में न्यूट्रोफिल की संख्या में उतार-चढ़ाव आता है, तो इसका अर्थ यह है कि आपका शरीर संक्रमित है।
चलिए इस ब्लॉग पोस्ट से हम न्यूट्रोफिल बढ़ने के कारणों और इसके उपचार के बारे में बात करते हैं। यदि आपके रक्त में न्यूट्रोफिल के स्तर में उतार चढ़ाव आया है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप सबसे पहले एक अच्छे इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर से मिलें। वह ल्यूकोसाइट बढ़ने का कारण पता कर सटीक इलाज प्रदान कर सकते हैं।
न्यूट्रोफिल एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका (ल्यूकोसाइट्स) है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं तीन प्रकार की होती हैं - ग्रेन्यूलोसाइट्स, लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स। न्यूट्रोफिल इओसिनोफिल और बेसोफिल कोशिकाओं के साथ-साथ ग्रेन्यूलोसाइट्स का एक उपसमूह है। साथ में श्वेत रक्त कोशिकाएं आपके शरीर को संक्रमण और चोट से बचाती हैं।
स्वस्थ रहने के लिए शरीर में न्यूट्रोफिल की एक विशिष्ट संख्या मौजूद होनी चाहिए। यदि आपका न्यूट्रोफिल काउंट बहुत अधिक या बहुत कम है, तो इसका अर्थ यह है कि आपको श्वेत रक्त कोशिकाओं से संबंधित कोई समस्या है। निम्नलिखित समस्याएं है, जो न्यूट्रोफिल के बढ़ते और गिरते स्तर के कारण उत्पन्न होती हैं जैसे कि -
रक्त में न्यूट्रोफिल का उच्च प्रतिशत होने को न्यूट्रोफिलिया कहा जाता है। यह एक संकेत है कि आप संक्रमित है। न्यूट्रोफिलिया कई अंतर्निहित स्थितियों और कारकों को इंगित करता है, जिनमें निम्न शामिल है -
न्यूट्रोफिल की कम संख्या अक्सर दवाओं से जुड़ी होती है, लेकिन वह अन्य कारकों या बीमारी का संकेत भी हो सकती है, जैसे कि -
यदि आपका न्यूट्रोफिल काउंट 1,500 न्यूट्रोफिल प्रति माइक्रोमीटर से कम होता है, तो आप संक्रमण के दायरे में आते हैं। न्यूट्रोफिल की बहुत कम संख्या के कारण एक व्यक्ति का जीवन खतरे में आ सकता है। यदि आपके न्यूट्रोफिल की संख्या अधिक है, तो इसका मतलब यह है कि आपको संक्रमण है या आप बहुत अधिक तनाव में है। यह अधिक गंभीर स्थितियों का लक्षण भी हो सकता है।
न्यूट्रोपेनिया, या कम न्यूट्रोफिल स्तर दो तरीके से लोगों को परेशान करता है। कुछ मामलों में यह थोड़े समय तक ही परेशान करता है, तो वहीं कुछ मामलों में इसके कारण व्यक्ति को लंबे समय तक समस्या का सामना करना पड़ता है। यह अन्य स्थितियों और बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है। वहीं कई मामलों में देखा गया है कि इसके कारण रोगी को गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ा है। यदि असामान्य न्यूट्रोफिल गणना एक अंतर्निहित स्थिति के कारण होती है, तो आपको इलाज के लिए तुरंत इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर से मिलना चाहिए।
न्यूट्रोफिल रक्त परीक्षण से न्यूट्रोफिल के बढ़ी हुई मात्रा की पुष्टि होती है। डॉक्टर टेस्ट की रिपोर्ट को देखकर इलाज के विकल्पों पर बात करते हैं। जांच के बाद डॉक्टर इलाज के सही विकल्प का सुझाव देते हैं। इलाज के विकल्प का सुझाव हमेशा न्यूट्रोफिल के स्तर के आधार पर दिया जाता है। हालांकि कुछ सामान्य तरीकों की मदद से न्यूट्रॉफिल्स को घटाने में मदद मिल सकती है जैसे कि -
न्यूट्रोफिल के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए सबसे पहले आप डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर न्यूट्रोफिल रक्त परीक्षण के आधार पर निम्नलिखित दिशा-निर्देश का सुझाव दे सकते हैं -
यदि आपके रक्तप्रवाह में बहुत अधिक न्यूट्रोफिल है, तो आपके शरीर में ल्यूकोसाइटोसिस, या श्वेत रक्त कोशिका की संख्या बढ़ सकती है। साथ ही आपको बुखार या बार-बार होने वाले संक्रमण जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्या की तरफ भी इशारा करता है।
न्युट्रोफिल बढ़ने से अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें हेपटाइटिस ए, बी और सी, एचआईवी, सेप्सिस और ल्यूकेमिया आदि शामिल है। इसलिए इस समस्या के लक्षण को अनुभव होते ही जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान, न्यूट्रोफिल की संख्या आमतौर पर प्रति माइक्रोलीटर 13,200 से 15,900 न्यूट्रोफिल तक बढ़ जाती है। रक्त प्रवाह में अधिकांश बढ़ी हुई श्वेत रक्त कोशिकाएं न्यूट्रोफिल है। योनि प्रसव के बाद, WBC की संख्या लगभग 12,620 न्यूट्रोफिल प्रति माइक्रोलीटर तक गिर जाती है।
जब बैक्टीरिया या वायरस जैसे सूक्ष्मजीव शरीर में प्रवेश करते हैं, तो न्यूट्रोफिल प्रतिक्रिया देने वाली पहली प्रतिरक्षा कोशिकाओं में से एक होती है। वह सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं और उन्हें मारने वाले एंजाइम को छोड़ देते हैं। न्यूट्रोफिल अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं की प्रतिक्रिया को भी बढ़ावा देते हैं।
न्यूट्रोफिल्स हमारे शरीर में महत्वपूर्ण व्हाइट ब्लड सेल्स यानी सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो हमें संक्रमण से बचाने का काम करती हैं। जब इनकी संख्या कम होती है, तो हमारा शरीर संक्रमण से प्रभावी ढंग से लड़ने में सक्षम नहीं रहता, जिसके कारण हम बार-बार बीमार पड़ जाते हैं। इसके अतिरिक्त बुखार या फिर थकान की समस्या भी लगातार बनी रहती है।
न्यूट्रोफिल्स की सामान्य संख्या हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है, और यह उम्र, लिंग और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर निर्भर भी करती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में न्यूट्रोफिल्स की संख्या एक निश्चित सीमा में होनी चाहिए, और इसके बारे में सटीक जानकारी आपको अपने डॉक्टर से ही मिल सकती है।
बच्चों में न्यूट्रोफिल्स की सामान्य संख्या वयस्कों से थोड़ी अलग ही होती है। बच्चों की उम्र के अनुसार न्यूट्रोफिल्स की सामान्य सीमा तय की जाती है। यदि आपके बच्चे के न्यूट्रोफिल्स का स्तर सामान्य से कम या ज्यादा हो, तो यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज्यादा जरूरी है।
Written and Verified by:
Dr. Sujoy Mukherjee is a Consultant in Internal Medicine Dept. at CMRI Hospital, Kolkata, with over 19 years of experience. He specializes in managing chronic illnesses, infectious diseases, and critical care conditions.
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