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हर्पीस: कारण, लक्षण और उपचार के विकल्प

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हर्पीस: कारण, लक्षण और उपचार के विकल्प

Dermatology | by Dr. Poonam Jalan | Published on 01/04/2024



त्वचा संबंधित बहुत सारी समस्याएं है, जो एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। वर्तमान में त्वचा संबंधित समस्याएं बहुत आम है। वायरल, बैक्टीरियल, फंगल, पैरासिटिक, इत्यादि त्वचा संबंधित बीमारियों का मुख्य कारण है। हर्पीस के कई कारण हैं जैसे साफ-सफाई न रखना, प्रदूषित वातावरण और स्वयं को साफ न करना। यह सब त्वचा की समस्याओं को बढ़ावा देते हैं। इन सभी त्वचा संबंधी समस्याओं में से एक है हर्पीज रोग।

हालांकि यह एक आम समस्या है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को इस रोग के बारे में पता होता है। चलिए इस ब्लॉग से हर्पीस के लक्षण और कारण के साथ-साथ उपचार के विकल्पों पर भी चर्चा करते हैं। हालांकि इस स्थिति का इलाज स्वयं करने की सलाह हम भी नहीं देते हैं। त्वचा संबंधित समस्याओं के इलाज में हमारे डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं।

हर्पीस बीमारी क्या है?

हर्पीस एक त्वचा सम्बन्धी बीमारी है, जो हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होती है। यह वायरस मुंह, जननांग क्षेत्र या शरीर के अन्य भागों की त्वचा को प्रभावित करता है। यह एक दीर्घकालिक संक्रमण है, यानी यह रोग व्यक्ति को लंबे समय तक परेशान करता है भले ही इसके कोई लक्षण दिखाई न दे।

यहां आपको एक बात समझनी होगी कि यदि कोई स्थान हर्पीस संक्रमण से संक्रमित है और आपकी त्वचा उस संक्रमित स्थान के संपर्क में आ जाती है, तो भी यह समस्या फैल सकती है। आप इस संक्रमण को यौन संचारित संक्रमण भी कह सकते हैं क्योंकि यह योनि सेक्स, ओरल सेक्स, एनल सेक्स और किस के दौरान भी फैल सकती है।

हर्पीस जोस्टर क्या है?

अक्सर लोग हर्पीस जोस्टर और हर्पीस में कंफ्यूज हो जाते हैं। हर्पीस जोस्टर, जिसे चिकित्सा भाषा में शिंगल्स भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है, जिसके कारण शरीर में दाने बन जाते हैं। इन दानों में दर्द भी होता है। यह वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस (VZV) के कारण होता है, जो चिकन पॉक्स का भी कारण है। दोनों ही रोग के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं, इसलिए दोनों में कंफ्यूज होने की ज़रूरत नहीं है। 

हर्पीस के कितने प्रकार होते हैं?

हर्पीस वायरस दो प्रकार के होते हैं जैसे - 

  • हर्पीस टाइप 1: इस प्रकार के संक्रमण में मुंह और होंठ का क्षेत्र प्रभावित होता है। संक्रमण के होने का मुख्य कारण मुंह पर छाले से तरल पदार्थ का निकलना या घाव है। 
  • हर्पीस टाइप 2: एचएसवी -2 संक्रमण व्यक्ति के जननांगों या मलाशय को प्रभावित करता है। यह संक्रमण शरीर के दूसरे भाग को भी प्रभावित कर सकता है। सामान्यतः कमर का निचला भाग भी इस रोग से पीड़ित होता है। 

एचएसवी-2 से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ यौन संपर्क से भी यह संक्रमण फैलता है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं और यह रोग आपको परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर से ज़रूर बात करें, क्योंकि यह बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है।

हर्पीस के लक्षण

हर्पीस की स्थिति उत्पन्न होने के कारण एक व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है -

  • त्वचा में खुजली और जलन होना 
  • चेहरे पर दाने, जिससे पानी का रिसाव होना
  • जोड़ों में दर्द
  • सुनने में समस्या
  • लसीका ग्रंथि में सूजन
  • संक्रमण के कारण बुखार
  • देखने में समस्या
  • बाल झड़ना

इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज लें। 

हर्पीस के कारण

यदि आपको जानकारी है कि हर्पीस कैसे फैलता है, तो आप इससे बच सकते हैं। यह एक अति संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सिर्फ छूने से फैल सकता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छू ले तो वह व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है। लेकिन यदि संक्रमित व्यक्ति ने किसी सामान को छुआ है तो यह रोग नहीं फैलता है। संक्रमण निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है -

  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता 
  • संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाना
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना या उसे किस करना
  • एक से ज्यादा व्यक्ति के साथ संबंध बनाना
  • बिना निरोध के शारीरिक संबंध स्थापित करना

वायरस तब सबसे जल्दी फैलता है, जब फफोले उत्पन्न नहीं होते हैं। यदि आप भी इस रोग से पीड़ित हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि सबसे पहले एक उत्तम त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और फिर ही इलाज लें। ब्लॉग पढ़कर स्वयं डॉक्टर न बनें।

हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस से बचाव

हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के जोखिम को कम करने के लिए कुछ सामान्य दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए जैसे -

  • यदि जननांग में लक्षण दिखे तो यौन संबंध स्थापित करने से बचें
  • यदि आप स्वयं संक्रमित हैं तो दूसरे साथी को छूने से बचें।
  • अधिक लोगों के साथ यौन संबंध स्थापित न करें।

सबसे पहला कदम है कि आपको अपने द्वारा उत्पन्न होने वाले लक्षणों को पहचानना होगा और समझना होगा कि आप किस स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं। हो सकता है कि धूप के संपर्क में आने से लक्षणों में वृद्धि हो, इसलिए धूप में जाने से बचें।

हर्पीस की जटिलताएं

सामान्यतः इस स्थिति को अनुपचारित नहीं छोड़ना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि एचएसवी जननांग क्षेत्र के अलावा शरीर के अन्य भाग में है, तो आपको थोड़ा सा सचेत होना चाहिए, क्योंकि यह शरीर के दूसरे अंग में भी फैल सकता है। लेकिन डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस रोग की जटिलताएं बहुत कम है जैसे - 

  • एनसेफेलिटिस (मस्तिष्क की सूजन)
  • मेनिनजाइटिस
  • रीढ़ की हड्डी और आसपास की नसों में सूजन

हर्पीस का इलाज 

डॉक्टर सबसे पहले हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस का परीक्षण करते हैं। जांच के लिए सामान्यतः शारीरिक परीक्षण का ही प्रयोग होता है। इलाज से पहले डॉक्टर कुछ रक्त परीक्षण का भी सुझाव दे सकते हैं। 

हर्पीस का इलाज दो तरीकों से संभव है - घरेलू उपचार और दवाएं। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं - 

घरेलू उपचार

कुछ घरेलू उपचार या उपाय इस स्थिति के इलाज में बहुत मददगार साबित हो सकता है जैसे - 

  • स्नान करते समय पानी में हल्का नमक डालें।
  • प्रभावित क्षेत्र पर पेट्रोलियम जेली लगाएं और प्रयास करें कि हल्के कपड़े पहनें
  • प्रभावित क्षेत्र को छूने के बाद, अच्छी तरह से हाथ धोएं।
  • यदि पेशाब करते समय दर्द हो, तो डॉक्टर से मिलें
  • कुछ लोगों को बर्फ के उपयोग से राहत मिली है। 

हालांकि यह उपाय कुछ लोगों के लिए कारगर साबित हुए हैं, लेकिन फिर भी हम आपको सलाह देंगे कि आप किसी भी उपाय को करने या लोशन लगाने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें। 

दवाएं

एक बात का खास ख्याल रखें कि हर्पीस के इलाज के लिए कोई भी विशेष दवा नहीं है। हालांकि इलाज के लिए डॉक्टर एक एंटीवायरल दवा का सुझाव देते हैं, जैसे एसाइक्लोविर। इसके साथ-साथ दर्द निवारक दवाएं इस स्थिति के प्रबंधन में कारगर साबित हो सकती है। इसके साथ-साथ एंटीवायरल दवाएं दाद को भी ठीक करती हैं।

निष्कर्ष

जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया है कि हर्पिस संक्रमण हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होता है। यह वायरस सबसे ज्यादा मुंह या जननांगों के क्षेत्रों को प्रभावित करता है। दवाओं और कुछ घरेलू उपचार की सहायता से इस स्थिति का इलाज संभव है। अपने डॉक्टर की बात माने और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें।

हर्पीस से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

हर्पीस की बीमारी में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए?

हर्पीस की बीमारी निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है -

  • चिप्स, जंक फूड, और फास्ट फूड जैसे प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं
  • अधिक मीठे पदार्थ से दूरी बनाएं
  • अधिक तेल और मसालेदार भोजन न खाएं
  • कैफीन से दूरी बनाएं
  • शराब का सेवन न करें।

क्या हर्पीस एक प्रकार से एसटीडी का रूप है?

हां, हर्पीस एक प्रकार एसटीडी रोग है। यह यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है, खासकर तब जब फफोले मौजूद होते हैं। हालांकि, यह हमेशा एसटीडी नहीं होता है क्योंकि यह मौखिक रूप से भी फैलता है। 

क्या एचएसवी 1 और 2 का इलाज संभव है?

हर्पीस का विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से इस रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ एंटीवायरल दवाएं होती है जो डॉक्टर देते हैं। बिना डॉक्टर के सुझाव के किसी भी दवा का सेवन न करें।

क्या हरपीज खतरनाक है?

हरपीज एक आम वायरल संक्रमण है जो दर्दनाक छाले का कारण बनता है। यह आमतौर पर गंभीर नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह जटिलताएं पैदा कर सकता है।

हर्पीज में क्या खाना चाहिए?

हरपीज के लिए कोई विशेष आहार नहीं है, लेकिन स्वस्थ भोजन खाने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती है। कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं, जो हर्पीस के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं - 

  • फल और सब्जियां
  • होल ग्रेन
  • लीन प्रोटीन
  • स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थ