बच्चों में हृदय रोगों के अनुवांशिक कारण
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बच्चों में हृदय रोगों के अनुवांशिक कारण

Summary

बच्चों में हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है, जो हर माता-पिता के लिए एक बुरा सपने जैसा है, जो कोई नहीं देखना चाहता। आंकड़ों की बात करें कि लगभग 1 प्रतिशत बच्चे जन्मजात हृदय रोग के साथ जन्म लेते हैं। इसलिए इसके कारण और जटिलताओं के बारे में बात करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में हम बच्चों में हृदय रोगों के आनुवंशिक कारणों की खोज करेंगे, जो इस जटिल समस्या के इलाज के बारे में भी बात करेंगे।

बच्चों में हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है, जो हर माता-पिता के लिए एक बुरा सपने जैसा है, जो कोई नहीं देखना चाहता। आंकड़ों की बात करें कि लगभग 1 प्रतिशत बच्चे जन्मजात हृदय रोग के साथ जन्म लेते हैं। इसलिए इसके कारण और जटिलताओं के बारे में बात करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में हम बच्चों में हृदय रोगों के आनुवंशिक कारणों की खोज करेंगे, जो इस जटिल समस्या के इलाज के बारे में भी बात करेंगे। यदि आपके बच्चे किसी कठिनाई या समस्या का सामना कर रहे हैं, तो कृपया कोलकाता में बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी डॉक्टर से अवश्य मिलें।

बच्चों में हृदय रोगों का आनुवंशिक आधार

बच्चों में हृदय रोग के सभी कारकों में आनुवंशिक कारक एक प्रमुख कारक है। सरल शब्दों में कहा जाए तो बच्चों को यह समस्या उनके माता-पिता से विरासत में मिलती है, जिसके कारण उनके हृदय की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं और वह हृदय की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाता है। बच्चों में आनुवंशिक असामान्यताओं से संबंधित कुछ समस्याएं होती हैं जैसे - जन्मजात हृदय दोष, अतालता (arrhythmia) और कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathies)।

जेनेटिक म्यूटेशन को समझना

सबसे पहले समझते हैं कि जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic mutation) क्या है। जेनेटिक म्यूटेशन डीएनए (DNA) में होने वाले बदलाव है, जिसके कारण शरीर के अंदरूनी या फिर बाहरी भाग में बदलाव आते हैं। यह बदलाव एक जीन के किसी एक भाग में हो सकता है या कभी-कभी यह एक नया डीएनए भी बना देता है। मुख्य रूप से म्यूटेशन का कारण प्रकृति या पर्यावरण होते हैं। 

बच्चों में हृदय रोग के अनुवांशिक कारक और जेनेटिक म्यूटेशन का संबंध कई प्रकार से होता है। म्यूटेशन के कारण वह जीन्स प्रभावित होती हैं, जो हृदय का निर्माण करते हैं। म्यूटेशन वाले जीन के कारण जन्मजात हृदय दोष की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कई बार म्यूटेट डीएनए हृदय की मांसपेशियों के कार्य या फिर हृदय को संकेत देने वाले भाग को प्रभावित करते हैं। 

जन्मजात हृदय रोग और मां

कई बार ऐसा होता है कि जो महिलाएं संतान को जन्म देने वाले होती हैं, वह जानने का प्रयास करती हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ है या नहीं। लेकिन कुछ मामलों में हृदय रोग का कारण मां कि कुछ आदतें हो सकती हैं। अकसर देखा गया है कि जो महिलाएं अपने प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह में कुछ पदार्थों के संपर्क में आती हैं, उनके बच्चों के विकास में बाधा भी उत्पन्न होने लगती है। 

प्रेगनेंसी के दौरान अत्यधिक शराब का सेवन और कुछ दवाओं का उपयोग, प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में रूबेला वायरस, खसरा (जर्मन) जैसे मातृ वायरल संक्रमण, बच्चों में जन्मजात हृदय रोग के लिए जोखिम कारक है। 

जन्मजात हृदय रोग और फैमिली हिस्ट्री 

यह इस रोग का जोखिम तब अधिक होता है, जब माता-पिता में से किसी एक को हृदय संबंधित रोग या फिर जन्मजात हृदय रोग हो। चलिए कुछ आंकड़ों की सहायता से इस समस्या को समझते हैं - 

  • यदि किसी भी युगल का पहला बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है, तो दूसरे बच्चे के जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित होने की संभावना लगभग 5% प्रतिशत होती है। 
  • वहीं यदि दो बच्चे इससे रोग से पीड़ित हैं, तो अगले बच्चे के पीड़ित होने की संभावना लगभग 5 से 10 प्रतिशत होती है।
  • यदि मां जन्मजात हृदय रोग है, तो बच्चे को इस रोग के होने की संभावना दर लगभग 18 प्रतिशत और वहीं यदि पिता को यह रोग है, तो जोखिम का दर सिर्फ 1.5 से 3 प्रतिशत है।

जन्मजात हृदय रोग की जटिलताएं

यदि जन्मजात हृदय रोग का प्रबंधन समय पर नहीं होता है, तो कुछ संभावित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे - 

  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर: गंभीर जन्मजात हृदय रोग के मामलों में कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की समस्या विकसित होती है, जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलने जैसी समस्या उत्पन्न होती है। 
  • हृदय और हृदय वाल्व की परत का संक्रमण: इसे एंडोकार्डिटिस कहा जाता है। यदि यह रोग अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण हृदय वाल्व को नुकसान पहुंच सकता है या इसे नष्ट कर सकता है।
  • अनियमित दिल की धड़कन: इसे आप लक्षण भी समझ सकते हैं। जब तक स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं होता है, तब तक दिल की धड़कन में अनियमितता बनी रहेगी। 
  • धीमी वृद्धि और विकास में देरी: जन्मजात हृदय रोग की स्थिति में बच्चों के दिल का विकास बहुत धीरे-धीरे होता है। हालांकि इससे कोई गंभीर समस्या नहीं होती है, लेकिन फिर भी यह एक जटिलता है जिसे संबोधित किया जाना चाहिए। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

बच्चों में हृदय रोगों के अनुवांशिक कारण कितने आम हैं?

बच्चों में हृदय रोगों के सभी मामलों में आनुवंशिक कारक वाले बच्चे बहुत ज्यादा है। रिसर्च के अनुसार बच्चों में हृदय रोग से संबंधित आनुवंशिक असामान्यताएं वाले मामले लगभग 30-50% है। यह आंकड़े अलग-अलग कारणों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। 

क्या आनुवंशिक परीक्षण बच्चों में हृदय रोगों की संभावना को बचा सकता है?

हां, आनुवंशिक परीक्षण बच्चों में कुछ हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यदि सही समय पर विश्लेषण हो जाता है, तो हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी या लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम जैसे स्वास्थ्य समस्याओं का आकलन कर सही समय पर सही कदम उठाया जा सकता है। 

Written and Verified by:

Dr. Satarupa Mukherjee

Dr. Satarupa Mukherjee

Associate Consultant Exp: 3 Yr

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Dr. Satarupa Mukherjee, Associate Consultant at BM Birla Heart Hospital, specializes in pediatric critical care with over 3 years of experience in Kolkata."

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