दूध पीते ही पेट खराब? हो सकता है लैक्टोज इनटॉलरेंस!
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दूध पीते ही पेट खराब? हो सकता है लैक्टोज इनटॉलरेंस!

Summary

दूध पीते ही असहजता होना लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षण हैं। यदि आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो सबसे पहला कार्य आपको एक अनुभवी डॉक्टर से मिलकर इलाज लेना है और दूध और दूध से बने प्रोडक्ट से दूरी बनाना है।

आपने या आपके परिवार के किसी सदस्य ने कभी ऐसा महसूस किया है कि दूध पीते ही पेट में दर्द, गैस या दस्त जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं? कई बार ऐसा हो सकता है कि आपको इन लक्षणों के साथ उल्टी जैसा भी महसूस हो सकता है। यह स्थिति न केवल असहज होती है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर सकती है। यदि आप असमंजस में हैं कि इसका कारण क्या हो सकता है, तो हो सकता है आपका शरीर लैक्टोज इनटॉलरेंस (Lactose Intolerance) की समस्या से जूझ रहा हो।

यह कोई गंभीर समस्या नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि इसका कोई इलाज नहीं है। यदि आपको भी ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो आपको प्रयास करना चाहिए कि सबसे पहले एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से मिलकर इलाज लेना चाहिए। जब तक आप कंसल्टेशन नहीं लेते हैं, तब तक आपको राहत देने के लिए कुछ उपाय और इस स्थिति से संबंधित जानकारी आवश्यक है जैसे कि यह क्यों होता है, इसका क्या लक्षण होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। यह सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग से मिलने वाली है। 

लैक्टोज इनटॉलरेंस क्या होता है?

लैक्टोज इनटॉलरेंस तब होती है, जब हमारे शरीर में मौजूद एक खास एंजाइम, जिसे लैक्टेस (Lactase) कहते हैं, उसकी मात्रा कम हो जाती है। यह एंजाइम दूध और दूध से बने उत्पादों में मौजूद लैक्टोज (dairy sugar) को तोड़कर शरीर में पाए जाने वाले ग्लूकोज और गैलेक्टोज में बदलता है, जिनका शरीर पाचन करता है। लैक्टेस की कमी के कारण लैक्टोज पच नहीं पाता है, और पेट में जाकर संक्रमण और जलन कर सकता है। ऐसी कई बार होता है कि जब आप दूध पीते हैं, तो तुरंत आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको पेट में दर्द हो रहा है, या फिर उल्टी जैसा महसूस हो रहा है। 

दूध पीने पर लैक्टोज इनटॉलरेंस क्यों होती है?

जब शरीर में लैक्टेस एंजाइम कम हो जाता है, तब दूध पीने से वह लैक्टोज पचा नहीं पाता, जिसके कारण लैक्टोज असंसाधित रह जाता है और आंतों में जाकर गैस, पेट फूलना, पेट दर्द व दस्त जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। यह समस्या सामान्यतः वयस्कों में पाई जाती है, लेकिन कभी-कभी बच्चों में भी हो सकती है।

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के आम लक्षण

लैक्टोज इनटॉलरेंस की स्थिति में लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। चलिए कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं - 

  • दूध या दूध युक्त पदार्थ पीने के 30 मिनट से 2 घंटे के भीतर पेट में भारीपन और पेट फूलना जैसा महसूस होना। 
  • बार-बार पेट दर्द और ऐंठन महसूस होना। 
  • दस्त या लूज मोशन होना।
  • गैस और पेट में गड़गड़ाहट की आवाजें आना।
  • मतली या उल्टी आना।
  • कुछ लोगों को दूध पीने के बाद कमजोरी या थकान महसूस हो सकती है।

इसके अतिरिक्त दूध पीने के तुरंत बाद कोई भी असहजता महसूस होना ही लैक्टोज इनटॉलरेंस का लक्षण है। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, जिन्हें यह लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

किन लोगों को ज्यादा खतरा होता है?

ऐसा नहीं है कि हर व्यक्ति इस स्थिति का सामना करता है। कई लोगों को यह समस्या जन्म से ही होती है, तो किसी को उम्र के साथ यह समस्या होने लगती है। निम्न स्थिति में लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस का खतरा अधिक रहता है - 

  • उम्र बढ़ने के साथ लैक्टोज की मात्रा कम होना सामान्य है, इसलिए वयस्कों को यह अधिक होता है।
  • अफ्रीकी, एशियाई, हिस्पैनिक, और अमेरिकी इंडियन समुदायों में यह समस्या ज्यादा पाई जाती है।
  • प्रीमैच्योर बच्चों और कुछ आंतों की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस का खतरा बढ़ जाता है।
  • आंतों को प्रभावित करने वाली बीमारियां जैसे कि क्रोहन डिजीज (Crohn's disease), सिलीएक रोग आदि भी इस स्थिति को जटिल बना सकती हैं।

लैक्टोज इनटॉलरेंस की जांच और टेस्ट

यदि आपको दूध पीने पर लगातार समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परीक्षण करवाना जरूरी हो जाता है। वह परामर्श के दौरान आपके लक्षणों को पहचान कर वह निम्न टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं - 

  • हाइड्रोजन सांस परीक्षण: इस टेस्ट में दूध के बाद सांस में हाइड्रोजन की मात्रा मापी जाती है, जिससे पता चलता है कि लैक्टोज पच रहा है या नहीं। इससे स्थिति बहुत अधिक साफ हो जाती है।
  • लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट: दूध के सेवन के बाद रक्त में ग्लूकोज स्तर जांचा जाता है। लैक्टोज इनटॉलेरेंस के टेस्ट के लिए यह एक मानक टेस्ट है।
  • मल परीक्षण: खासकर बच्चों में, मल के नमूने से लैक्टोज की पाचन क्षमता की जांच की जाती है।

डॉक्टर आपकी समस्याओं के आधार पर सही परीक्षण का सुझाव देंगे।

लैक्टोज इनटॉलरेंस का इलाज और खानपान में सावधानियां

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के इलाज का सबसे सही तरीका होता है, आप क्या खाते हैं और किसे आप खाने से बचते हैं। निम्न सावधानियों का पालन करके आप खुद को इस समस्या से बचा सकते हैं - 

  • दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना या बंद करना सबसे प्रभावशाली तरीका है।
  • बाजार में उपलब्ध लैक्टोज-फ्री दूध, सोया दूध, बादाम दूध, और नारियल दूध जैसे विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकते हैं।
  • दही और पनीर कुछ लोगों के लिए सहनशील होते हैं, क्योंकि इनमें लैक्टोज की मात्रा कम होती है, पर यह व्यक्तिगत सहनशीलता पर निर्भर करता है।
  • डॉक्टर की सलाह से लैक्टेस एंजाइम सप्लीमेंट्स ली जा सकती हैं, जो दूध पचाने में मदद करती हैं।
  • कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट से हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखना जरूरी है, खासकर यदि आप दूध से दूरी बनाए रख रहे हैं।
  • खाने की डायरी रखने से यह समझने में मदद मिलती है कि कौन से खाद्य पदार्थ आपकी समस्या बढ़ाते हैं और इस प्रकार के भोजन से आपको लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष

लैक्टोज इनटॉलरेंस एक आम लेकिन नियंत्रण में लाई जा सकने वाली समस्या है। सही जानकारी, उचित इलाज और खानपान में सावधानी से आप इस स्थिति के लक्षणों से आसानी से राहत पा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यदि आपको या आपके परिजनों को दूध पीने के बाद लगातार पेट की समस्या हो रही है, तो तुरंत हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या लैक्टोज इनटॉलरेंस और दूध एलर्जी एक ही है?

नहीं, यह दो अलग-अलग चीजें हैं। लैक्टोज इनटॉलरेंस में शरीर लैक्टोज तो पचा नहीं पाता, जबकि दूध एलर्जी में दूध के प्रोटीन से एलर्जी होती है और यह अधिक गंभीर हो सकती है।

लैक्टोज इनटॉलरेंस वाले लोग दही और पनीर खा सकते हैं या नहीं?

कुछ लोग दही और पनीर आसानी से खा पाते हैं क्योंकि इनमें लैक्टोज की मात्रा कम होती है, लेकिन यह व्यक्तिगत सहनशीलता पर निर्भर करता है।

क्या लैक्टोज इनटॉलरेंस हमेशा के लिए रहता है?

आमतौर पर यह आजीवन होता है, लेकिन सही खानपान और इलाज से इसके लक्षणों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

बच्चों में लैक्टोज इनटॉलरेंस कब तक ठीक हो सकता है?

कुछ बच्चों में यह स्थिति वयस्कता तक ठीक हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह समस्या बनी रहती है और इस स्थिति में प्रबंधन जरूरी होता है।

दूध न पीने वालों के लिए सबसे अच्छे कैल्शियम स्रोत कौन से हैं?

हरी सब्जियां, नट्स, फोर्टिफाइड फूड और सप्लीमेंट कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Saurabh Kalia

Dr. Saurabh Kalia

Additional Director Exp: 13 Yr

GastroIntestinal Surgery

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Dr. Saurabh Kalia is Additional Director of Gastrointestinal Surgery Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 13 years of experience. He specializes in GI & HPB surgeries, GI cancers, advanced laparoscopic and robotic surgery, and bariatric/metabolic surgery.

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