दूध पीते ही असहजता होना लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षण हैं। यदि आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो सबसे पहला कार्य आपको एक अनुभवी डॉक्टर से मिलकर इलाज लेना है और दूध और दूध से बने प्रोडक्ट से दूरी बनाना है।
आपने या आपके परिवार के किसी सदस्य ने कभी ऐसा महसूस किया है कि दूध पीते ही पेट में दर्द, गैस या दस्त जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं? कई बार ऐसा हो सकता है कि आपको इन लक्षणों के साथ उल्टी जैसा भी महसूस हो सकता है। यह स्थिति न केवल असहज होती है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर सकती है। यदि आप असमंजस में हैं कि इसका कारण क्या हो सकता है, तो हो सकता है आपका शरीर लैक्टोज इनटॉलरेंस (Lactose Intolerance) की समस्या से जूझ रहा हो।
यह कोई गंभीर समस्या नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि इसका कोई इलाज नहीं है। यदि आपको भी ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो आपको प्रयास करना चाहिए कि सबसे पहले एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से मिलकर इलाज लेना चाहिए। जब तक आप कंसल्टेशन नहीं लेते हैं, तब तक आपको राहत देने के लिए कुछ उपाय और इस स्थिति से संबंधित जानकारी आवश्यक है जैसे कि यह क्यों होता है, इसका क्या लक्षण होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। यह सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग से मिलने वाली है।
लैक्टोज इनटॉलरेंस तब होती है, जब हमारे शरीर में मौजूद एक खास एंजाइम, जिसे लैक्टेस (Lactase) कहते हैं, उसकी मात्रा कम हो जाती है। यह एंजाइम दूध और दूध से बने उत्पादों में मौजूद लैक्टोज (dairy sugar) को तोड़कर शरीर में पाए जाने वाले ग्लूकोज और गैलेक्टोज में बदलता है, जिनका शरीर पाचन करता है। लैक्टेस की कमी के कारण लैक्टोज पच नहीं पाता है, और पेट में जाकर संक्रमण और जलन कर सकता है। ऐसी कई बार होता है कि जब आप दूध पीते हैं, तो तुरंत आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको पेट में दर्द हो रहा है, या फिर उल्टी जैसा महसूस हो रहा है।
जब शरीर में लैक्टेस एंजाइम कम हो जाता है, तब दूध पीने से वह लैक्टोज पचा नहीं पाता, जिसके कारण लैक्टोज असंसाधित रह जाता है और आंतों में जाकर गैस, पेट फूलना, पेट दर्द व दस्त जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। यह समस्या सामान्यतः वयस्कों में पाई जाती है, लेकिन कभी-कभी बच्चों में भी हो सकती है।
लैक्टोज इनटॉलरेंस की स्थिति में लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। चलिए कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं -
इसके अतिरिक्त दूध पीने के तुरंत बाद कोई भी असहजता महसूस होना ही लैक्टोज इनटॉलरेंस का लक्षण है। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, जिन्हें यह लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
ऐसा नहीं है कि हर व्यक्ति इस स्थिति का सामना करता है। कई लोगों को यह समस्या जन्म से ही होती है, तो किसी को उम्र के साथ यह समस्या होने लगती है। निम्न स्थिति में लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस का खतरा अधिक रहता है -
यदि आपको दूध पीने पर लगातार समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परीक्षण करवाना जरूरी हो जाता है। वह परामर्श के दौरान आपके लक्षणों को पहचान कर वह निम्न टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं -
डॉक्टर आपकी समस्याओं के आधार पर सही परीक्षण का सुझाव देंगे।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस के इलाज का सबसे सही तरीका होता है, आप क्या खाते हैं और किसे आप खाने से बचते हैं। निम्न सावधानियों का पालन करके आप खुद को इस समस्या से बचा सकते हैं -
लैक्टोज इनटॉलरेंस एक आम लेकिन नियंत्रण में लाई जा सकने वाली समस्या है। सही जानकारी, उचित इलाज और खानपान में सावधानी से आप इस स्थिति के लक्षणों से आसानी से राहत पा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यदि आपको या आपके परिजनों को दूध पीने के बाद लगातार पेट की समस्या हो रही है, तो तुरंत हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
नहीं, यह दो अलग-अलग चीजें हैं। लैक्टोज इनटॉलरेंस में शरीर लैक्टोज तो पचा नहीं पाता, जबकि दूध एलर्जी में दूध के प्रोटीन से एलर्जी होती है और यह अधिक गंभीर हो सकती है।
कुछ लोग दही और पनीर आसानी से खा पाते हैं क्योंकि इनमें लैक्टोज की मात्रा कम होती है, लेकिन यह व्यक्तिगत सहनशीलता पर निर्भर करता है।
आमतौर पर यह आजीवन होता है, लेकिन सही खानपान और इलाज से इसके लक्षणों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
कुछ बच्चों में यह स्थिति वयस्कता तक ठीक हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह समस्या बनी रहती है और इस स्थिति में प्रबंधन जरूरी होता है।
हरी सब्जियां, नट्स, फोर्टिफाइड फूड और सप्लीमेंट कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
Written and Verified by:
Dr. Saurabh Kalia is Additional Director of Gastrointestinal Surgery Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with over 13 years of experience. He specializes in GI & HPB surgeries, GI cancers, advanced laparoscopic and robotic surgery, and bariatric/metabolic surgery.
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