एसिडिटी: लक्षण, कारण, इलाज और परहेज

एसिडिटी: लक्षण, कारण, इलाज और परहेज

Gastro Science |by Dr. Anil Kumar Jangid| Published on 19/06/2024

क्या आपने कभी सोचा है कि मसालेदार खाने की वजह से सीने में जलन क्यों होती है? संभवतः इस जलन के पीछे का कारण एसिडिटी है। पूरे विश्व में लगभग आधे से अधिक वयस्क कभी न कभी सीने में जलन या एसिडिटी का सामना करते हैं। दुनियाभर के लाखों लोग इस स्थिति से प्रभावित होते हैं। 

एसिडिटी वह समस्या है, जिसके कारण पाचन तंत्र के प्राकृतिक संतुलन में गड़बड़ी शुरु हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को कुछ अप्रिय लक्षणों का अनुभव होता है। इस स्थिति का इलाज करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। कुछ बातों का विशेष ध्यान रखकर इस स्थिति का इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले समझते हैं कि इसे कैसे पहचाने और इसके पीछे का क्या रहस्य है। अगर जरूरी पड़े तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर से भी जरूर मिलें।

एसिडिटी क्या है?

एसिडिटी को अम्लपित्त या गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease - GERD) के नाम से जाना जाता है। एसिडिटी एक आम स्थिति है, जिसमें पेट के ऊपरी भाग में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसके कारण रोगी को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे अपच, उल्टी, पेट में तकलीफ, त्वचा में जलन, इत्यादि। इसके अतिरिक्त सीने में जलन, खट्टी डकार, पेट फूलना, और मतली जैसे अन्य लक्षण भी एसिडिटी का संकेत देते हैं। 

एसिडिटी होने का कारण

एसिडिटी के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम नीचे बता रहे हैं - 

  • गलत खानपान: बिना समय भोजन करना, अधिक जंक फूड का सेवन, अधिक मसालेदार भोजन का सेवन, तला भुना खाना, और अत्यधिक कैफीन का सेवन एसिडिटी के कुछ मुख्य कारण है। इसके अतिरिक्त ज्यादा शराब पीने से भी एसिडिटी बढ़ सकती है। 
  • जीवनशैली:अत्यधिक तनाव, धूम्रपान और मोटापा (अधिक वजन) पेट में एसिड का निर्माण तेज करते हैं। इन सबके अतिरिक्त प्रेगनेंसी के कारण भी पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे एसिड पेट में तेजी से फैलता है।
  • दवाएं: एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, और कुछ एंटीबायोटिक दवाएं हैं, जिसके कारण शरीर में एसिडिटी बढ़ जाती है। 
  • स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ स्वास्थ्य समस्याएं है, जैसे हाइटल हर्निया, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) और पेप्टिक अल्सर जिसकी वजह से एसिडिटी की समस्या होती है।

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य कारण भी हैं, जिसकी वजह से एसिडिटी की समस्या एक व्यक्ति को परेशानी करती है। कुछ प्रकार के संक्रमण जैसे H. pylori संक्रमण इस स्थिति का एक अन्य मुख्य कारण है, जो पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है। 

एसिडिटी के लक्षण

एसिडिटी के कारण बहुत सारे सामान्य लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे - 

  • पेट और गले में जलन होना
  • बेचैनी और कभी-कभी उल्टी जैसा लगना
  • डकार आना
  • जी मिचलाना
  • मुंह का स्वाद खट्टा होना और खट्टी डकार
  • कब्ज की समस्या

एसिडिटी का इलाज

एसिडिटी का इलाज इसके लक्षण और कारण पर निर्भर करता है। एसिडिटी के हल्के गंभीर मामलों में किसी भी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन गंभीर मामलों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों के पालन करने की सलाह दी जाती है - 

जीवनशैली में बदलाव:

प्रयास करें कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और अपने खाने-पीने और सोने के समय में सुधार लाएं। यदि आप अपनी आदतों में सुधार लाते हैं, तो शरीर को खाना पचाने और शरीर को ऊर्जा बनाने में बहुत मदद मिलती है। खान-पान के साथ व्यायाम और हाइड्रेशन का भी विशेष ध्यान रखने की सलाह हम लगभग सभी रोगियों को देते हैं। 

दवाएं:

कुछ प्रकार की दवाएं हैं, जिससे एसिडिटी का इलाज आसानी से हो सकता है - 

  • एंटासिड दवाएं: कुछ प्रकार की एंटासिड दवाएं एसिडिटी को तुरंत ठीक कर सकती है। इसकी मदद से एसिडिटी के लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। बाजार में बहुत सारी एंटासिड दवाएं उपलब्ध है, लेकिन किस दवा का प्रयोग होगा, इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य के आधार पर ही लिया जाता है। 
  • H2 ब्लॉकर्स: इस प्रकार की दवाओं की मदद से पेट में एसिड की उत्पादन क्षमता कम होती है, जिससे रोगी को बहुत लाभ मिलता है। 
  • प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (PPIs): पेट में एसिड के उत्पादन को कम करने में यह सबसे प्रभावी होता है।

एसिडिटी से बचने के उपाय

एसिडिटी से बचने में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए आप क्या खा रहे हैं और किन चीजों से परहेज कर रहे हैं, वह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सबसे पहले जानते हैं उन उपायों के बारे में जिससे एसिडिटी की समस्या कंट्रोल होती है - 

  • खानपान में सुधार: सबसे पहले अपने खान-पान में सुधार करें। प्रयास करें कि हर कुछ समय में हल्का-हल्का भोजन करें और खाने को अच्छे से चबाकर खाएं। इसके अतिरिक्त मसालेदार, तले हुए और वसायुक्त भोजन से दूरी आपकी मदद कर सकती हैं। इसके स्थान पर फल और ताजे सब्जियों को जोड़ें। वहीं दही, छाछ और लस्सी आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। 
  • जीवनशैली में बदलाव:स्वस्थ आदतों का पालन करें जैसे शराब और धूम्रपान छोड़ें, वजन कम करें, और तनाव को कम करें। सही नींद लेने से आपको बहुत लाभ मिलेगा और एसिडिटी की समस्या कभी भी ट्रिगर नहीं करेगी।
  • सोने से 3 घंटे पहले भोजन करें: खाना खाकर तुरंत सोने से बचें। इससे भोजन को पचने में दिक्कत होती है। आपके भोजन और सोने के समय में कम से कम 3 घंटे का समय होना चाहिए। 
  • ऊंचे तकिए पर सोएं: इससे पेट का एसिड इसोफेगस तक नहीं आता है। 

एसिडिटी में परहेज

एसिडिटी के लक्षणों को कम करने कुछ चीजों से परहेज ज़रूरी होता है जैसे - 

  • मसालेदार भोजन: लाल मिर्च, और करी समेत सभी मसालेदार भोजन के कारण पेट में जलन होती है जिसके कारण एसिडिटी की समस्या बनी रहती है।
  • वसायुक्त भोजन: अधिक फैट वाले भोजन जैसे तला-भुना भोजन या रेड मीट को पचने में समय लगता है जिसके कारण एसिडिटी की समस्या होती है। इससे दूरी बनाएं। 
  • टमाटर और खट्टे फल: टमाटर, नींबू, संतरे और अंगूर जैसे खट्टे फल एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकते हैं। 
  • कैफीन और शराब: कैफीन और शराब के कारण पेट में एसीड बढ़ जाता है, जिससे एसिडिटी की समस्या विकराल रूप ले सकती है। 
  • कार्बोनेटेड पेय: सोडा और अन्य कार्बोनेटेड पेय पदार्थ पेट में एसिड बनाते हैं, जो स्थिति को और भी ज्यादा ट्रिगर कर सकता है। 
  • चॉकलेट: चॉकलेट में कैफीन और फैट की मात्रा अधिक होती है, जो एसिडिटी को ट्रिगर कर सकता है। 
  • प्याज और लहसुन: कुछ लोगों में देखा गया है कि प्याज और लहसुन के कारण एसिडिटी बढ़ जाती है। 

इस ब्लॉग की मदद से आपको एसिडिटी के बारे में मुख्य जानकारी मिल गई होगी। लेकिन स्वयं की देखभाल ही इस स्थिति का सबसे सही इलाज है। यदि आप किसी गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं, तो जयपुर में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर से अवश्य मिलें।

एसिडिटी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

एसिडिटी क्यों होती है?

एसिडिटी होने के कई कारण हैं जैसे - 

  • अत्यधिक भोजन
  • अधिक तनाव
  • अनियमित भोजन का सेवन
  • हर्निया की समस्या
  • कुछ दवाएं जैसे दर्द निवारक दवाएं (NSAIDs) और एंटीबायोटिक

एसिडिटी में क्या खाना चाहिए?

एसिडिटी में निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें - 

  • केला, पपीता, खरबूजा, तरबूज, नाशपाती, अमरूद जैसे फल खाएं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, गाजर, खीरा, लौकी, आलू जैसी सब्जियां को अपने आहार में जोड़ें।
  • दही और दलिया पौष्टिक आहार है। इनसे भी लाभ मिलेगा।

क्या एसिडिटी में दूध पीना चाहिए?

तत्काल समाधान के लिए दूध बहुत मदद कर सकता है, लेकिन इसे आप सुदृढ इलाज के तौर पर नहीं देख सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों को दूध पीने से भी एसिडिटी होती है।

हाइपर एसिडिटी के घरेलू उपाय क्या है?

हाइपर एसिडिटी के लिए निम्न घरेलू उपायों का करें पालन - 

  • यदि अदरक से आपको एसिडिटी नहीं होती है, तो अदरक का रस पीएं।
  • पुदीने की पत्तियों से पाचन तंत्र में सुधार होता है और एसिडिटी भी कम होती है। 
  • तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-अल्सर गुण होते हैं, जिसकी मदद से एसिडिटी से राहत मिलती है।
  • एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।
  • खूब पानी पीएं।

बार-बार एसिडिटी क्यों होती है?

बार-बार एसिडिटी होने के निम्न कारण हो सकते हैं - 

  • अस्वस्थ खानपान
  • तनाव
  • अनियमित जीवनशैली
  • धूम्रपान
  • अतिरिक्त शराब का सेवन 

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