यीस्ट संक्रमण क्या है? - लक्षण, कारण और इलाज
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यीस्ट संक्रमण क्या है? - लक्षण, कारण और इलाज

Summary

महिलाओं में गुप्त अंग संबंधित समस्याएं बहुत ज्यादा होती है। यूटीआई और यीस्ट संक्रमण महिलाओं की योनि में होने वाली सबसे आम समस्या है। इसे चिकित्सा भाषा में वाजिनल कैंडिडिआसिस कहा जाता है। इसके कारण महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है, इसलिए इसका इलाज आसानी से संभव होता है। 

महिलाओं में गुप्त अंग संबंधित समस्याएं बहुत ज्यादा होती है। यूटीआई और यीस्ट संक्रमण महिलाओं की योनि में होने वाली सबसे आम समस्या है। इसे चिकित्सा भाषा में वाजिनल कैंडिडिआसिस कहा जाता है। इसके कारण महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है, इसलिए इसका इलाज आसानी से संभव होता है। 

यीस्ट संक्रमण क्या है?

यीस्ट संक्रमण की समस्या तब होती है, जब कैंडिडा (Candida) नामक फंगस का विकास बहुत ज्यादा होता है। आमतौर पर यह फंगस योनि में पहले से ही मौजूद होता है। यह योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया के साथ संतुलन बनाए रखता है। लेकिन कई कारणों से यह संक्रमण संतुलन बिगाड़ सकता है जिसके कारण कैंडिडा का अत्यधिक विकास होता है और यीस्ट संक्रमण की समस्या उत्पन्न होती है।

यीस्ट संक्रमण के लक्षण

जैसे कि हमने आपको पहले ही कहा है कि यीस्ट संक्रमण महिलाओं में होने वाला एक आम संक्रमण है, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इन लक्षणों की मदद से इस स्थिति की पुष्टि बहुत आराम से हो सकती है - 

  • योनि और आसपास के क्षेत्र में जलन और खुजली होना
  • योनि से गाढ़ा और सफेद तरल पदार्थ का निकलना। हालांकि यह लक्षण हर प्रकार के यीस्ट संक्रमण में देखने को नहीं मिलते हैं। 
  • पेशाब के दौरान असहजता (दर्द और जलन)
  • यौन संबंध के दौरान अधिक दर्द होना
  • योनि वाले क्षेत्र में लालिमा
  • योनि में सूजन

इन लक्षणों का ध्यान दें और लक्षण दिखने पर तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। 

यीस्ट संक्रमण के कारण

कई कारक है, जिसकी वजह से योनि में कैंडिडा फंगस की मात्रा में वृद्धि देखी गई है। यह कुछ सामान्य कारण है जो यीस्ट संक्रमण को बढ़ा सकते हैं - 

  • एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग: कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक दवाएं हानिकारक बैक्टीरिया को योनि में बढ़ाते हैं। असल में इन दवाओं का कार्य हानिकारक बैक्टीरिया को मारना है, लेकिन यह दवाएं स्वस्थ बैक्टीरिया को भी मारते हैं।
  • हार्मोनल परिवर्तन: प्रेगनेंसी और पीरियड के दौरान शरीर में हार्मोन में बदलाव होता है। इसके अतिरिक्त जन्म नियंत्रण दवाओं का प्रयोग भी इस संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है।
  • अनियंत्रित डायबिटीज: यदि डायबिटीज कंट्रोल नहीं होता है, तो इसके कारण योनि में कैंडिडा का विकास बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली:कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती हैं, जिससे यीस्ट संक्रमण की समस्या बढ़ सकती है।
  • टाइट सिंथेटिक कपड़े पहनना: टाइट सिंथेटिक कपड़ों के कारण योनि में गीलापन बहुत बढ़ जाता है, जिसके कारण फंगल संक्रमण बढ़ जाता है।
  • डाउचिंग करना: यदि आप योनि को साफ करने के लिए किसी भी केमिकल या कॉस्मेटिक का प्रयोग करते हैं, तो यीस्ट संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

यीस्ट संक्रमण का निदान

यीस्ट संक्रमण की जांच के लिए फैमिली हिस्ट्री या मेडिकल हिस्ट्री की जांच बहुत ज्यादा आवश्यक होती है। इस स्थिति की पुष्टि के लिए कुछ साधारण टेस्ट भी करने पड़ सकते हैं। सबसे सामान्य टेस्ट है स्वैब टेस्ट, जिसमें स्वैब की जांच माइक्रोस्कोप के नीचे होती है। इस टेस्ट से कैंडिडा फंगस की जांच आसानी से हो जाती है। 

यदि कोई महिला बार-बार यीस्ट संक्रमण का सामना कर रही है, तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis) या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की जांच की जाती है। कुल मिलाकर, फिजिकल एग्जामिनेशन एवं कंसल्टेशन, और स्वैब टेस्ट से स्थिति की जांच आसानी से हो सकती है।

यीस्ट संक्रमण का इलाज

चलिए इस स्थिति के इलाज के बारे में जानते हैं। सबसे पहले आपको समझना होगा कि यीस्ट संक्रमण का इलाज संभव है। ज्यादातर मामलों में ओवर-द-काउंटर एंटी फंगल क्रीम, सपोजिटरी या टैबलेट का उपयोग होता है। जो क्रीम दी जाती है वह योनि में लगाई जाती है। इस दवा की मदद से कैंडिड फंगस का प्रभाव खत्म होता है। 

हालांकि इस स्थिति से पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 1 से 7 दिन तक का समय लग सकता है। इलाज के लिए एक समय और डोज निर्धारित होता है जिसका पालन हमेशा करना चाहिए। यदि लक्षण जल्दी ठीक हो जाते हैं, तो भी डोज को पूरा करें। यदि बार-बार संक्रमण एक महिला को परेशान कर रहे हैं, तो ओरल एंटीफंगल दवाएं इस स्थिति में कारगर साबित हो सकती हैं। 

यीस्ट संक्रमण से बचाव के उपाय

दवाओं के साथ-साथ कुछ जीवनशैली में बदलाव हैं, जिनसे स्थिति में जल्दी आराम मिल सकता है। इसके साथ-साथ यदि महिलाएं इनका पालन करती हैं, तो वह कभी भी यीस्ट संक्रमण का सामना नहीं करेंगी। महिलाओं को निम्न उपायों का पालन अवश्य करना चाहिए - 

  • ढीले एवं सूती कपड़े पहनें: ढीले एवं सूती कपड़े से योनि के आस-पास नमी को कम करने में मदद मिलती है, जिससे योनि के आस-पास बैक्टीरियल असंतुलन से बचाव हो पाता है।
  • स्वच्छता बनाए रखें: अपने गुप्त अंग के आस-पास साफ सफाई रखें। लेकिन साफ-सफाई का सोच कर स्क्रब के अधिक प्रयोग से बचें। सादा पानी और हल्के साबुन का प्रयोग करें।
  • डाउचिंग से बचें: डाउचिंग के कारण गुप्त अंग के आसपास के क्षेत्र में मौजूद प्राकृतिक बैक्टीरिया प्रभावित हो जाते हैं जिससे यीस्ट संक्रमण महिला को परेशान करने लगता है। 
  • एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें: एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन प्रिसक्राइब्ड लिमिट से ज्यादा न करें। 
  • मधुमेह का प्रबंधन करें: यदि आपको डायबिटीज है, तो इसे मैनेज करें। 
  • संभोग के बाद पेशाब करें: यौन संबंध से पहले और बाद में पेशाब जरूर करें। इससे खराब बैक्टीरिया शरीर से बाहर आसानी से निकल जाते हैं।

यीस्ट संक्रमण से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

यीस्ट इन्फेक्शन क्या होता है?

योनि में कैंडिडा नामक फंगस के अत्यधिक विकास के कारण यीस्ट संक्रमण एक व्यक्ति को परेशान करता है। खुजली, जलन, गाढ़ा सफेद तरल पदार्थ का निकलना और योनि में दर्द जैसे लक्षण इस स्थिति का संकेत देते हैं।

यीस्ट इन्फेक्शन कैसे होता है?

यीस्ट इन्फेक्शन के होने के कई कारण होते हैं, उनमें से कुछ संभावित कारण इस प्रकार है - 

  • एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग
  • हार्मोनल परिवर्तन
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  • टाइट कपड़े पहने जिससे योनि में नमी बनी रहे
  • मधुमेह

यीस्ट इन्फेक्शन का इलाज?

यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज के लिए एंटी फंगल क्रीम/टैबलेट का उपयोग होता है। इसकी मदद से स्थिति में धीरे-धीरे आराम होता है। लेकिन पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें और स्वस्थ रहें। 

क्या यीस्ट इन्फेक्शन यौन संचारित रोग है?

नहीं, यीस्ट इन्फेक्शन यौन संचारित रोग नहीं है। हालांकि असुरक्षित योन संबंध के बाद कुछ बैक्टीरिया का आदान प्रदान होता है, जिसके बाद यदि पेशाब किया जाए, तो वह भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Syed Monajatur Rahman

Dr. Syed Monajatur Rahman

Consultant Exp: 29 Yr

Obstetrics and Gynaecology

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Dr. Rahman is presently associated with CMRI as a Senior Resident Doctor. Previously he was associated with AIIMS, New Delhi as a Senior Resident in Clinical Research and Training. He is also a member of FOGSI and Association of Obstetrics and Gynecologists of Delhi.

He has also prepared a thesis on Comparison of effectiveness of single vs. double IUI in unexplained and mild male factor infertility.

He has also been awarded the Dr V.ongorani Gold Medal Award by AIIMS in 2006 for being the best clinical resident in Obs and Gyneac.

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