महिलाओं में गुप्त अंग संबंधित समस्याएं बहुत ज्यादा होती है। यूटीआई और यीस्ट संक्रमण महिलाओं की योनि में होने वाली सबसे आम समस्या है। इसे चिकित्सा भाषा में वाजिनल कैंडिडिआसिस कहा जाता है। इसके कारण महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है, इसलिए इसका इलाज आसानी से संभव होता है।
महिलाओं में गुप्त अंग संबंधित समस्याएं बहुत ज्यादा होती है। यूटीआई और यीस्ट संक्रमण महिलाओं की योनि में होने वाली सबसे आम समस्या है। इसे चिकित्सा भाषा में वाजिनल कैंडिडिआसिस कहा जाता है। इसके कारण महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है, इसलिए इसका इलाज आसानी से संभव होता है।
यीस्ट संक्रमण की समस्या तब होती है, जब कैंडिडा (Candida) नामक फंगस का विकास बहुत ज्यादा होता है। आमतौर पर यह फंगस योनि में पहले से ही मौजूद होता है। यह योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया के साथ संतुलन बनाए रखता है। लेकिन कई कारणों से यह संक्रमण संतुलन बिगाड़ सकता है जिसके कारण कैंडिडा का अत्यधिक विकास होता है और यीस्ट संक्रमण की समस्या उत्पन्न होती है।
जैसे कि हमने आपको पहले ही कहा है कि यीस्ट संक्रमण महिलाओं में होने वाला एक आम संक्रमण है, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इन लक्षणों की मदद से इस स्थिति की पुष्टि बहुत आराम से हो सकती है -
इन लक्षणों का ध्यान दें और लक्षण दिखने पर तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
कई कारक है, जिसकी वजह से योनि में कैंडिडा फंगस की मात्रा में वृद्धि देखी गई है। यह कुछ सामान्य कारण है जो यीस्ट संक्रमण को बढ़ा सकते हैं -
यीस्ट संक्रमण की जांच के लिए फैमिली हिस्ट्री या मेडिकल हिस्ट्री की जांच बहुत ज्यादा आवश्यक होती है। इस स्थिति की पुष्टि के लिए कुछ साधारण टेस्ट भी करने पड़ सकते हैं। सबसे सामान्य टेस्ट है स्वैब टेस्ट, जिसमें स्वैब की जांच माइक्रोस्कोप के नीचे होती है। इस टेस्ट से कैंडिडा फंगस की जांच आसानी से हो जाती है।
यदि कोई महिला बार-बार यीस्ट संक्रमण का सामना कर रही है, तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis) या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की जांच की जाती है। कुल मिलाकर, फिजिकल एग्जामिनेशन एवं कंसल्टेशन, और स्वैब टेस्ट से स्थिति की जांच आसानी से हो सकती है।
चलिए इस स्थिति के इलाज के बारे में जानते हैं। सबसे पहले आपको समझना होगा कि यीस्ट संक्रमण का इलाज संभव है। ज्यादातर मामलों में ओवर-द-काउंटर एंटी फंगल क्रीम, सपोजिटरी या टैबलेट का उपयोग होता है। जो क्रीम दी जाती है वह योनि में लगाई जाती है। इस दवा की मदद से कैंडिड फंगस का प्रभाव खत्म होता है।
हालांकि इस स्थिति से पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 1 से 7 दिन तक का समय लग सकता है। इलाज के लिए एक समय और डोज निर्धारित होता है जिसका पालन हमेशा करना चाहिए। यदि लक्षण जल्दी ठीक हो जाते हैं, तो भी डोज को पूरा करें। यदि बार-बार संक्रमण एक महिला को परेशान कर रहे हैं, तो ओरल एंटीफंगल दवाएं इस स्थिति में कारगर साबित हो सकती हैं।
दवाओं के साथ-साथ कुछ जीवनशैली में बदलाव हैं, जिनसे स्थिति में जल्दी आराम मिल सकता है। इसके साथ-साथ यदि महिलाएं इनका पालन करती हैं, तो वह कभी भी यीस्ट संक्रमण का सामना नहीं करेंगी। महिलाओं को निम्न उपायों का पालन अवश्य करना चाहिए -
योनि में कैंडिडा नामक फंगस के अत्यधिक विकास के कारण यीस्ट संक्रमण एक व्यक्ति को परेशान करता है। खुजली, जलन, गाढ़ा सफेद तरल पदार्थ का निकलना और योनि में दर्द जैसे लक्षण इस स्थिति का संकेत देते हैं।
यीस्ट इन्फेक्शन के होने के कई कारण होते हैं, उनमें से कुछ संभावित कारण इस प्रकार है -
यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज के लिए एंटी फंगल क्रीम/टैबलेट का उपयोग होता है। इसकी मदद से स्थिति में धीरे-धीरे आराम होता है। लेकिन पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें और स्वस्थ रहें।
नहीं, यीस्ट इन्फेक्शन यौन संचारित रोग नहीं है। हालांकि असुरक्षित योन संबंध के बाद कुछ बैक्टीरिया का आदान प्रदान होता है, जिसके बाद यदि पेशाब किया जाए, तो वह भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
Written and Verified by:
Dr. Rahman is presently associated with CMRI as a Senior Resident Doctor. Previously he was associated with AIIMS, New Delhi as a Senior Resident in Clinical Research and Training. He is also a member of FOGSI and Association of Obstetrics and Gynecologists of Delhi.
He has also prepared a thesis on Comparison of effectiveness of single vs. double IUI in unexplained and mild male factor infertility.
He has also been awarded the Dr V.ongorani Gold Medal Award by AIIMS in 2006 for being the best clinical resident in Obs and Gyneac.
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