प्रेगनेंसी एक सुखद अनुभव है जो कई शारीरिक एवं मानसिक बदलाव और चुनौतियों के साथ आती है। प्रेगनेंसी के संबंध में आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि कुछ स्थिति असुविधा और चिंता का कारण बन सकते हैं।
ऐसी ही एक स्थिति है, जिसका सामना कई गर्भवती महिलाएं करती हैं। इस स्थिति को बवासीर कहा जाता है, जो गुदा में सूजन की स्थिति है, जिसमें दर्द और असुविधा होती है। यह समस्या एक आम समस्या है, क्योंकि प्रेगनेंसी में बवासीर की समस्या बहुत आम है। इस स्थिति में लक्षणों को समझकर इलाज के विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया जाता है। प्रेगनेंसी के संबंध में बिना किसी लापरवाही के स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
प्रेगनेंसी में बच्चेदानी के बढ़ने के कारण गुदा के आस-पास की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन भी इस समस्या में योगदान करते हैं, क्योंकि प्रोजेस्टेरोन के बढ़े हुए स्तर नसों को शिथिल कर सकते हैं, जिससे उनमें सूजन होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अतिरिक्त, हार्मोनल परिवर्तनों के कारण गर्भावस्था में कब्ज एक आम समस्या बन जाती है, और मल त्याग के दौरान तनाव बवासीर को और बढ़ा सकता है या ट्रिगर कर सकता है।
पाइल्स इन प्रेगनेंसी एक गंभीर समस्या है, जिस स्थिति में कुछ सामान्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत एक अनुभवी गुदा रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।
गर्भावस्था के दौरान बवासीर के इलाज में आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव, घरेलू उपचार और कुछ मामलों में डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ती है। हालांकि असुविधा को कम करने के लिए आप इलाज के निम्न विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं -
गर्भावस्था के दौरान बवासीर को नियंत्रित करने के लिए कई घरेलू उपचार मौजूद हैं, जिसके उपयोग से आपको बहुत मदद मिल सकती है -
किसी भी उपाय को करने से पहले हम आपको सलाह देंगे कि आप अपने डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें।
प्रेगनेंसी में बवासीर की स्थिति बहुत ज्यादा असहज हो सकती है, लेकिन उचित देखभाल और सही कदम की मदद से अधिकांश महिलाएं इस स्थिति को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकती हैं। यदि लक्षण बने रहते हैं या स्थिति और भी ज्यादा खराब होने लगती है, तो मां और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलें। वह बवासीर के इलाज के लिए सबसे बेहतर विकल्प का सुझाव दे सकते हैं। हो सकता है कि वह परामर्श के बाद लेजर या फिर स्टेपलर सर्जरी का सुझाव दे पाएंगे।
बवासीर आमतौर पर प्रसव के बाद तक रहता है, लेकिन यदि इस स्थिति को सही तरीके से मैनेज किया जाता है, तो यह प्रेगनेंसी में ही खत्म हो जाएगा।
कई मामलों में, नसों पर दबाव कम होने के कारण बवासीर में सुधार हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर स्वयं इलाज के तौर पर जीवनशैली और आहार में बदलाव का सुझाव देते हैं।
बवासीर शायद ही कभी प्रसव की स्थिति को प्रभावित करता है, लेकिन जब बवासीर के मस्सों में सूजन हो जाती है, तो प्रसव के दौरान यह अधिक असुविधा पैदा कर सकता है।
प्रेगनेंसी में बवासीर होने पर आपको हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है जैसे कि -
कुछ ओवर-द-काउंटर दवाइयां प्रेगनेंसी में सुरक्षित हो सकती हैं, लेकिन इसका सुझाव भी आपके डॉक्टर ही दे सकते हैं। इसलिए उनके सलाह के बिना कोई दवा न लें।
मल त्याग की नियमित आदतें बनाए रखें, ज़ोर लगाने से बचें और मल को नरम रखने के लिए खूब सारा तरल पदार्थ पिएं। प्रयास करें कि आप रोजाना कम से कम 2-3 लीटर पानी पीएं। इसके साथ-साथ उच्च फाइबर वाला आहार आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
बवासीर से बच्चे को कोई सीधा खतरा नहीं होता है, लेकिन मां को इससे परेशानी हो सकती है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।
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