प्रेगनेंसी के दौरान बवासीर की समस्या
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प्रेगनेंसी के दौरान बवासीर की समस्या

Table of Contents
  1. प्रेगनेंसी में बवासीर की समस्या क्यों होती है?
  2. गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लक्षण
  3. प्रेगनेंसी में बवासीर हो तो क्या करना चाहिए?
  4. प्रेगनेंसी में बवासीर के लिए घरेलू उपचार
  5. निष्कर्ष
  6. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. गर्भावस्था के दौरान बवासीर कितने समय तक रहता है?
    2. क्या प्रसव के बाद बवासीर अपने आप ठीक हो जाता है?
    3. क्या बवासीर प्रसव को प्रभावित कर सकता है?
    4. गर्भावस्था के दौरान बवासीर होने पर क्या खाना चाहिए?
    5. क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लिए दवाइयाँ सुरक्षित हैं?
    6. बवासीर से बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान मल त्याग की आदतों में क्या बदलाव किए जाने चाहिए?
    7. क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर की समस्या से बच्चे को कोई खतरा होता है?

Summary

प्रेगनेंसी में बच्चेदानी के बढ़ने के कारण गुदा के आस-पास की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन भी इस समस्या में योगदान करते हैं, क्योंकि प्रोजेस्टेरोन के बढ़े हुए स्तर नसों को शिथिल कर सकते हैं, जिससे उनमें सूजन होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अतिरिक्त, हार्मोनल परिवर्तनों के कारण गर्भावस्था में कब्ज एक आम समस्या बन जाती है, और मल त्याग के दौरान तनाव बवासीर को और बढ़ा सकता है या ट्रिगर कर सकता है।

प्रेगनेंसी एक सुखद अनुभव है जो कई शारीरिक एवं मानसिक बदलाव और चुनौतियों के साथ आती है। प्रेगनेंसी के संबंध में आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि कुछ स्थिति असुविधा और चिंता का कारण बन सकते हैं। 

ऐसी ही एक स्थिति है, जिसका सामना कई गर्भवती महिलाएं करती हैं। इस स्थिति को बवासीर कहा जाता है, जो गुदा में सूजन की स्थिति है, जिसमें दर्द और असुविधा होती है। यह समस्या एक आम समस्या है, क्योंकि प्रेगनेंसी में बवासीर की समस्या बहुत आम है। इस स्थिति में लक्षणों को समझकर इलाज के विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया जाता है। प्रेगनेंसी के संबंध में बिना किसी लापरवाही के स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

प्रेगनेंसी में बवासीर की समस्या क्यों होती है?

प्रेगनेंसी में बच्चेदानी के बढ़ने के कारण गुदा के आस-पास की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन भी इस समस्या में योगदान करते हैं, क्योंकि प्रोजेस्टेरोन के बढ़े हुए स्तर नसों को शिथिल कर सकते हैं, जिससे उनमें सूजन होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अतिरिक्त, हार्मोनल परिवर्तनों के कारण गर्भावस्था में कब्ज एक आम समस्या बन जाती है, और मल त्याग के दौरान तनाव बवासीर को और बढ़ा सकता है या ट्रिगर कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लक्षण

पाइल्स इन प्रेगनेंसी एक गंभीर समस्या है, जिस स्थिति में कुछ सामान्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • गुदा के आस-पास खुजली या जलन होना।
  • मल त्याग के दौरान दर्द या बेचैनी होना।
  • गुदा के पास सूजन या गांठ होना।
  • मल त्याग के दौरान या बाद में गाढ़ा लाल रक्त निकलना।
  • मलाशय में भारीपन या दबाव महसूस होना।

यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत एक अनुभवी गुदा रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। 

प्रेगनेंसी में बवासीर हो तो क्या करना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान बवासीर के इलाज में आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव, घरेलू उपचार और कुछ मामलों में डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ती है। हालांकि असुविधा को कम करने के लिए आप इलाज के निम्न विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं - 

  • उच्च फाइबर वाला आहार लें: बवासीर और कब्ज की समस्या का सबसे अच्छा इलाज है, उच्च फाइबर वाले आहार का सेवन। अपने आहार में फल, सब्जियां और होल ग्रेन्स को शामिल करें। फाइबर मल को नरम करने में मदद करता है और मल त्याग के दौरान तनाव को कम करने का कार्य करता है। 
  • हाइड्रेटेड रहें: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं। यह कब्ज की समस्या को आपसे कोसो दूर रखेगा। 
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: हल्के व्यायाम, जैसे चलना, आपके मल त्याग को नियमित रखने और मलाशय क्षेत्र पर दबाव को कम करने में मदद कर सकता है।
  • मल त्याग के दौरान तनाव से बचें: मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाने से बचें। मल त्याग जितना नरम और आराम से होगा, उतना लाभ आपको मिलेगा। 
  • गर्म सिट्ज़ बाथ: यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक टब में गर्म पानी लें और उसमें बैठ जाएं। पानी सहने लायक गर्म होना चाहिए। 
  • ठंडे सेंक का उपयोग करें: प्रभावित क्षेत्र पर ठंडा सेंक या आइस पैक लगाने से सूजन कम हो सकती है और राहत मिल सकती है। 

प्रेगनेंसी में बवासीर के लिए घरेलू उपचार

गर्भावस्था के दौरान बवासीर को नियंत्रित करने के लिए कई घरेलू उपचार मौजूद हैं, जिसके उपयोग से आपको बहुत मदद मिल सकती है - 

  • एलोवेरा जेल: एलोवेरा जेल अपने सुखदायक गुणों के लिए जाना जाता है। यदि आप इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाते हैं, तो इससे आपको लाभ मिल सकता है। 
  • विच हेज़ल: यह एक प्राकृतिक उपचार है, जिसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से खुजली और सूजन को शांत करने में मदद मिलती है।
  • नारियल तेल: इसमें सूजन-रोधी गुण होता है और इसका उपयोग सूजन और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।

किसी भी उपाय को करने से पहले हम आपको सलाह देंगे कि आप अपने डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें। 

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी में बवासीर की स्थिति बहुत ज्यादा असहज हो सकती है, लेकिन उचित देखभाल और सही कदम की मदद से अधिकांश महिलाएं इस स्थिति को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकती हैं। यदि लक्षण बने रहते हैं या स्थिति और भी ज्यादा खराब होने लगती है, तो मां और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलें। वह बवासीर के इलाज के लिए सबसे बेहतर विकल्प का सुझाव दे सकते हैं। हो सकता है कि वह परामर्श के बाद लेजर या फिर स्टेपलर सर्जरी का सुझाव दे पाएंगे। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

गर्भावस्था के दौरान बवासीर कितने समय तक रहता है?

बवासीर आमतौर पर प्रसव के बाद तक रहता है, लेकिन यदि इस स्थिति को सही तरीके से मैनेज किया जाता है, तो यह प्रेगनेंसी में ही खत्म हो जाएगा। 

क्या प्रसव के बाद बवासीर अपने आप ठीक हो जाता है?

कई मामलों में, नसों पर दबाव कम होने के कारण बवासीर में सुधार हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर स्वयं इलाज के तौर पर जीवनशैली और आहार में बदलाव का सुझाव देते हैं। 

क्या बवासीर प्रसव को प्रभावित कर सकता है?

बवासीर शायद ही कभी प्रसव की स्थिति को प्रभावित करता है, लेकिन जब बवासीर के मस्सों में सूजन हो जाती है, तो प्रसव के दौरान यह अधिक असुविधा पैदा कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान बवासीर होने पर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में बवासीर होने पर आपको हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है जैसे कि - 

  • फल
  • सब्जियों 
  • साबुत अनाज 
  • लो फैट डेयरी प्रोडक्ट

क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लिए दवाइयाँ सुरक्षित हैं?

कुछ ओवर-द-काउंटर दवाइयां प्रेगनेंसी में सुरक्षित हो सकती हैं, लेकिन इसका सुझाव भी आपके डॉक्टर ही दे सकते हैं। इसलिए उनके सलाह के बिना कोई दवा न लें।

बवासीर से बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान मल त्याग की आदतों में क्या बदलाव किए जाने चाहिए?

मल त्याग की नियमित आदतें बनाए रखें, ज़ोर लगाने से बचें और मल को नरम रखने के लिए खूब सारा तरल पदार्थ पिएं। प्रयास करें कि आप रोजाना कम से कम 2-3 लीटर पानी पीएं। इसके साथ-साथ उच्च फाइबर वाला आहार आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। 

क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर की समस्या से बच्चे को कोई खतरा होता है?

बवासीर से बच्चे को कोई सीधा खतरा नहीं होता है, लेकिन मां को इससे परेशानी हो सकती है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

Written and Verified by:

Dr. Archana Sinha

Dr. Archana Sinha

Consultant - Obstetrics and Gynaecology Exp: 23 Yr

Obstetrics & Gynaecology

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