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इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी): क्या है और इसका इलाज कैसे करें

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इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी): क्या है और इसका इलाज कैसे करें

Renal Sciences | by Dr. Amlan Chakraborty | Published on 18/05/2024



वर्तमान में पुरुषों में नपुंसकता की समस्या एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, क्योंकि इसका सीधा संबंध मेल इन्फर्टिलिटी (Male infertility) से होता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) एक गंभीर समस्या है, जो पुरुषों में नपुंसकता का मुख्य कारण बनता जा रहा है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह स्थिति है, जिसमें पुरुष का लिंग (पेनिस) यौन संबंध के दौरान उत्तेजित नहीं होता है या उत्पन्न हुई उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होती है। कई रिसर्च में यह भी पाया गया है कि यह समस्या युवाओं की तुलना में बड़े उम्र के पुरुषों में अधिक देखी जाती है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित व्यक्ति को इच्छा में कमी और उत्तेजना में कठिनाई का सामना तो करना ही पड़ता है। इसके साथ-साथ इसका प्रभाव व्यक्ति के भावनात्मक क्षमता पर भी पड़ता है। हम सलाह देंगे कि आप जल्द से जल्द यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लें और बिना प्रमाणित नुस्खों से दूरी बनाएं। इसमें हम आपकी मदद करेंगे।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण -

इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह स्थिति है, जिसमें किसी भी प्रकार के लक्षण अचानक देखने को नहीं मिलते हैं। इस स्थिति में लक्षण धीरे-धीरे देखते हैं, लेकिन कई बार पुरुष इस स्थिति को अनदेखा कर देते हैं। निम्न लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें -

  • कभी-कभी यौन संबंध से पहले इरेक्शन प्राप्त करने में सक्षम होना।
  • यौन संबंध से पहले इरेक्शन प्राप्त होना, लेकिन संभोग के दौरान इसे बनाए रखने में समस्या होना।
  • इरेक्शन न होना।
  • इरेक्शन बनाए रखने के लिए बहुत अधिक उत्तेजना की आवश्यकता होना।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण -

इस समस्या के कई कारण होते हैं जैसे - शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या दोनों का संगम। यौन संबंध के दौरान मस्तिष्क, मांसपेशियां, रक्त वाहिकाएं, हार्मोन और नसें सभी अपना कार्य कर रही होती हैं। इनमें से किसी भी अंग का कार्य न करना इस स्थिति का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त इरेक्टाइल डिसफंक्शन के निम्न कारण हो सकते हैं -

  • रक्त संचार:यौन संबंध के दौरान इरेक्शन और उत्तेजना को बनाए रखने के लिए रक्त संचार का बना रहना बहुत आवश्यक होता है। यदि किसी भी कारणवश रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होती है, तो इरेक्शन को बनाए रखने में समस्या आती है।
  • नर्वस सिस्टम: मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नर्वस पूरे नर्वस सिस्टम का महत्वपूर्ण भाग होते हैं, जो पूरे शरीर को हिलने और सभी कार्यों को करने में मदद करते हैं।
  • एंडोक्राइन सिस्टम: एंडोक्राइन सिस्टम का कार्य हार्मोन का निर्माण करना है। यह हार्मोन शरीर के कुछ कार्यों को करने में मदद करता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का कार्य लिंग तक रक्त प्रवाह को बहाल करना है।

इन सबके अतिरिक्त कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन का मुख्य कारण साबित हो सकते हैं - 

यह सारे संभावित कारण है। यही कारण है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षणों को नजरअंदाज किए बिना तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलकर इलाज की योजना पर बात करना चाहिए।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज -

व्यक्ति के वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है कि उसे किस प्रकार के इलाज की आवश्यकता है। सबसे पहले उन्हें यह समझना होगा कि जिन पुरुषों को इरेक्शन प्राप्त करने में कठिनाई आती है या वह यौन इच्छा में कमी का सामना कर रहे हैं, उन्हें तुरंत बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस स्थिति का सही समय पर इलाज बहुत आवश्यक होता है। चलिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कुछ संभावित इलाज के विकल्पों पर विचार करते हैं - 

  • ओरल मेडिकेशन: डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं, जिससे स्थिति में बहुत आराम मिलता है। इन दवाओं की मदद से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर में बढ़ोतरी होती है, जिसके कारण शरीर में रक्त प्रवाह भी बेहतर होता है। प्रयास करें कि जितनी डोज डॉक्टर निर्धारित करें, उन्हें पूरा करें और समय समय पर डॉक्टर से मिलकर परामर्श लें। 
  • मनोवैज्ञानिक सलाह: यदि यह समस्या चिंता, तनाव या डिप्रेशन के कारण है, तो मनोवैज्ञानिक सलाह आपकी इसमें मदद कर सकते हैं। सही सलाह से पेशेंट को समझ आएगा कि वह किस समस्या से घिरा हुआ है और इससे कैसे निकलना है। 
  • टेस्टोस्टेरोन का इलाज: इस प्रकार का इलाज पुरुषों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। टेस्टोस्टेरोन का कार्य सिर्फ यौन संबंध को सुखदायक बनाना नहीं है। इसकी मदद से पुरुषों को बहुत मदद मिलती है। टेस्टोस्टेरोन ट्रीटमेंट में इस हार्मोन के स्तर को बढ़ाया जाता है, जिसके लिए इंजेक्शन, जेल या दवाओं का प्रयोग होता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इस थेरेपी को न कराएं। 

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए योग -

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के साथ खान-पान और व्यायाम आपको इस स्थिति से जल्द से जल्द निकाल सकते हैं। निम्नलिखित योगासन की मदद से स्थिति से आराम मिल सकता है - 

पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने वाले आसन करें- 

  • भुजंगासन
  • वीरभद्रासन

रक्त प्रवाह में सुधार करने वाले आसन करें - 

  • शीर्षासन
  • हलासन
  • अधो मुख श्वानासन

तनाव कम करने वाले आसन:

  • बालासन
  • शवासन

इन सभी आसनों का सुझाव डॉक्टर स्वयं इलाज के दौरान देते हैं। प्रयास करें कि धीरे-धीरे आप अपनी क्षमता के अनुसार ही इन योगों को करें। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद के साथ ऊपर बताए गए योग इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज बेहतर ढंग से करने में मदद कर सकते हैं।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कितने प्रकार के होते हैं?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है जिनके बारे में नीचे बताया गया है -

  • वैस्कुलर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (vascular erectile dysfunction)
  • न्यूरोजेनिक इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Nerogenic erectile dysfunction)
  • हार्मोनल इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Hormonal erectile dysfunction)
  • मनोवैज्ञानिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Emotional erectile dysfunction)

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कितनी आम समस्या है?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यौन क्रिया से संबंधित स्वास्थ्य स्थिति है। आप यह समस्या का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि 2025 तक, दुनिया भर में इस समस्या का प्रसार लगभग 322 मिलियन पुरुषों में हो जाएगा।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या किस उम्र में व्यक्ति को परेशान करती है?

इस प्रश्न पर कई रिसर्च हुए हैं और अभी भी कुछ रिसर्च अभी चल रही है। रिसर्च में यह सामने आया है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन 50% से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, जिनकी उम्र 40 से 70 वर्ष के बीच है। हालांकि यह संख्या काफी अधिक है, इसलिए बिना देर किए इलाज के सभी विकल्पों के बारे जानें।