ब्रेन ट्यूमर यानी मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण होना। कुछ ट्यूमर हानिरहित (बिनाइन) होते हैं, जबकि कुछ खतरनाक (मैलिग्नेंट) होते हैं। वहीं दूसरी तरफ बिनाइन ट्यूमर भी खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि यह दिमाग पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। इसलिए इसे समझना आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है।
एक न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में, मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यदि ब्रेन ट्यूमर जल्दी पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज बहुत आसान हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर को लेकर कई गलतफहमियां हैं, और अक्सर लोग इसे थकावट या स्ट्रेस समझ लेते हैं। तो चलिए, हम इसे सीधे और आसान भाषा में समझने का प्रयास करते हैं। यदि आपको लगता है कि ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से आप गुजर रहे हैं, तो हमारे अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर यानी मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण होना। कुछ ट्यूमर हानिरहित (बिनाइन) होते हैं, जबकि कुछ खतरनाक (मैलिग्नेंट) होते हैं। वहीं दूसरी तरफ बिनाइन ट्यूमर भी खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि यह दिमाग पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। इसलिए इसे समझना आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है।
इसका कोई एक सटीक कारण नहीं है, लेकिन कुछ आम वजहें हैं जैसे कि -
अक्सर इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है, और यही सबसे कठिन बात है। इसमें डरने की आवश्यकता नहीं है। समस्या हो, निम्न लक्षण दिखे, तो तुरंत हमारे अनुभवी विशेषज्ञ से मिलें।
यहां मैं आपको समझाना चाहता हूं कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण पहचानना क्यों जरूरी है। यह लक्षण ट्यूमर के आकार, स्थान और प्रकार के हिसाब से बदल सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं -
यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। ब्रेन ट्यूमर का पता कैसे लगाया जाता है? यदि आपके मन में भी प्रश्न उठ रहे हैं, तो यह आमतौर पर न्यूरोलॉजिकल परीक्षण, MRI या CT स्कैन, और कभी-कभी बायोप्सी के द्वारा किया जाता है। जांच के लिए कौन सा टेस्ट उचित होगा, इसका निर्णय आपके डॉक्टर लेते हैं।
यदि बात करें बचाव की, तो कुछ आदतें मददगार हो सकती हैं, जैसे कि -
इसके अतिरिक्त बहुत सारे इलाज के विकल्प हैं, जिनको हमारे डॉक्टर आप से साझा कर सकते हैं। इलाज को समझने के लिए आपको सबसे पहले अपना कंसल्टेशन सेशन बुक करना होगा।
क्या ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है? हां, और यह पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी हो गया है। इलाज का तरीका ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थान पर निर्भर करता है।
यदि आप या आपके किसी जानने वाले को सिर में लगातार दर्द, याददाश्त में कमी या दृष्टि में बदलाव जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। समय रहते पहचान और इलाज से हम ब्रेन ट्यूमर का इलाज सफलतापूर्वक कर सकते हैं। आजकल के इलाज के तरीकों और तकनीकों के कारण सफलता दर पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो गई है।
ब्रेन ट्यूमर को आमतौर पर चार ग्रेड में बांटा गया है। ग्रेड I सबसे कम खतरनाक होता है, जबकि ग्रेड IV सबसे अधिक खतरनाक होता है।
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के दौरान निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। प्रयास करें कि इन्हें अपने आहार में अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें -
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के दौरान निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। प्रयास करें कि इन्हें अपने आहार से दूर रखें -
हां, यदि ट्यूमर जल्दी पहचाना जाए तो बहुत से मामलों में इलाज संभव है, और रोगी जल्दी दुरुस्त भी हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के 120 से ज्यादा प्रकार होते हैं, लेकिन सबसे आम प्रकार हैं ग्लियोमा, मेनिन्जियोमास, और पिट्यूटरी एडेनोमास।
यह अस्पताल और इलाज की विधि पर निर्भर करता है, लेकिन भारत में यह ₹2 लाख से ₹15 लाख तक हो सकता है। यह खर्च कई कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है जैसे कि शहर, डॉक्टर का अनुभव, सर्जरी का प्रकार, अस्पताल का प्रकार इत्यादि।
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