प्रोस्टेट कैंसर: आपको क्या जानने की आवश्यकता है
Renal Sciences |
Posted on 02/07/2024 by Dr. Ashwini Sharma
प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर समस्या है, जो प्रोस्टेट ग्लैंड को प्रभावित करती है। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग है। बहुत सारे लोग इस स्थिति का सही समय पर इलाज नहीं करते हैं, जिसके कारण स्थिति थोड़ी अधिक गंभीर हो जाती है। प्रोस्टेट कैंसर के प्रसार को रोकने के लिए इसके लक्षण की पहचान बहुत ज्यादा आवश्यक है।
इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी एक सामान्य जानकारी है, वहीं दूसरी तरफ प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर स्थिति है, जिसकी पहचान होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज की योजना बनाएं। यदि आप प्रोस्टेट कैंसर के विकास के जोखिम के बारे में चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें या जयपुर में मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
प्रोस्टेट कैंसर क्या है?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है, जो पुरुष प्रजनन अंग को प्रभावित करता है। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर कैसे होता है?
प्रोस्टेट कैंसर की समस्या तब शुरू होती है जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड का कार्य तरल पदार्थ का उत्पादन करना है, जिससे वीर्य के निर्माण में मदद मिलती है। प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी स्थिति है जो धीरे-धीरे उत्पन्न होती है। लेकिन कुछ मामलों में देखा गया है प्रोस्टेट कैंसर बाहर निकल जाता है और शरीर के अन्य अंग को भी प्रभावित कर सकता है। प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती मामलों में पहचान स्थिति से बचने में मदद कर सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर की पहचान कुछ लक्षणों से संभव है। चलिए उन सभी को एक-एक करके समझते हैं -
- पेशाब करने में परेशानी होना
- मूत्र में समस्या
- पेशाब में खून आना
- वीर्य में खून
- हड्डी में दर्द
- बिना प्रयास किए वजन कम होना
- स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
यह सारे लक्षण प्रोस्टेट कैंसर के गंभीर मामलों में ही उत्पन्न होते हैं। कई बार ऐसा होता है कि प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती मामलों में कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के कारण
यह स्पष्ट नहीं है कि प्रोस्टेट कैंसर का कारण क्या है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या तब शुरू होती है जब प्रोस्टेट की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन विकसित करती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य स्थिति है, जो प्रोस्टेट कैंसर के कारण बन सकते हैं जैसे -
- अधिक उम्र होना: पुरुषों में उम्र के साथ प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। सामान्य तौर पर 50 साल की उम्र के बाद यह समस्या और भी ज्यादा विकराल रूप ले लेती है। इसलिए किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर परेशान होने के बजाए डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज की योजना पर कार्य करें।
- रेस: अफ्रीकी मूल के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या सबसे अधिक होती है।
- पारिवारिक इतिहास होना: फैमिली हिस्ट्री भी एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है। यदि किसी के घर परिवार में किसी को भी प्रोस्टेट कैंसर की समस्या है, तो वह पुरुष भी इस रोग के खतरे के दायरे में होता है। इसके साथ-साथ स्तन कैंसर और ओवेरियन कैंसर की फैमली हिस्ट्री भी प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को प्रबल करती हैं।
- अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ: अधिक वसा या फैट वाला भोजन खाने से भी प्रोस्टेट कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- मोटापा: अधिक वजन होना या अनियंत्रित मोटापा इस समस्या का मुख्य कारण बन सकता है।
यह सभी संभावित कारण है। सामान्यतः कारणों के आधार पर भी इस रोग का इलाज संभव नहीं है। यही कारण है कि प्रोस्टेट कैंसर के संबंध में लक्षणों की पहचान बहुत ज्यादा अनिवार्य होती है।
प्रोस्टेट कैंसर से कैसे बचें?
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो सकते हैं -
- फलों और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ आहार का सेवन करें: फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। फल और सब्जियों में कुछ आवश्यक विटामिन और पोषक तत्व होते हैं, जिससे आपको स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
- सही सप्लीमेंट का प्रयोग करें: कभी-कभी आहार से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में डॉक्टर स्वयं कुछ सप्लीमेंट का सुझाव देते हैं। यहां हम आपको सलाह देंगे कि आप कभी भी स्वयं किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का प्रयोग न करें। इसके लिए आप एक कार्य कर सकते हैं। खाने-पीने के पैकेट के पीछे इंग्रीडिएंट्स को ध्यान से पढ़ें और अपने सप्लीमेंट ध्यान से चुनें।
- व्यायाम करें: इस बात में कोई संदेह नहीं है कि व्यायाम समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यदि व्यक्ति स्वस्थ वजन बनाए रखते हैं, तो इससे कई सारी बीमारियां दूर रहती है। यदि आप व्यायाम की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप शुरुआत हल्के व्यायाम से करें और धीरे-धीरे अपने व्यायाम की तीव्रता को बढाएं।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: स्वस्थ आहार और व्यायाम के साथ-साथ खाने-पीने का समय भी स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके साथ-साथ कैलोरी डेफिशियट तकनीक बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती है।
- लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें: प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण की पहचान होने पर डॉक्टर से बात करें। इसके विपरीत यदि कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है तो भी डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य, शरीर में कैंसर का प्रचार, और अन्य स्वास्थ्य समस्या। इस रोग के इलाज के लिए आपको मूत्र रोग विशेषज्ञ, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट और मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलने की आवश्यकता होती है। निदान के पश्चात निम्नलिखित इलाज के विकल्पों पर डॉक्टर विचार कर सकते हैं -
- एक्टिव सर्विलांस: इसमें रोगी के स्वास्थ्य पर बारीकी से निगरानी की जाती है। सामान्य तौर पर निगरानी के लिए हर 6 महीने में प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) ब्लड टेस्ट होते हैं। इसके साथ-साथ वर्ष में कम से कम एक बार डिजिटल रेक्टल परीक्षण (DRE) एक्टिव सर्विलांस में लाभकारी साबित हो सकता है।
- सर्जरी: प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के तौर पर सर्जरी को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है। रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी को प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य सर्जरी के रूप में जाना जाता है। इस सर्जरी में प्रभावित प्रोस्टेट और उसके आस-पास के कुछ ऊतकों को हटा दिया जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी वह थेरेपी है, जिसमें कोशिकाओं को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा वाली किरणों का प्रयोग होता है। प्रोस्टेट कैंसर के चरण और अन्य कारकों के आधार पर ही रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
- क्रायोथेरेपी: क्रायोथेरेपी (जिसे क्रायोसर्जरी या क्रायोब्लेशन भी कहा जाता है) प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसमें कैंसर कोशिकाओं को जमाने और उन्हें समाप्त करने के लिए बहुत ठंडे तापमान का उपयोग किया जाता है। यह कोई सर्जरी नहीं है, लेकिन यदि रेडिएशन थेरेपी या सर्जरी के बाद कैंसर कोशिकाएं फिर से आ जाती है, तो इस प्रक्रिया से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जा सकता है। अधिकांश डॉक्टर प्रोस्टेट कैंसर के प्राथमिक इलाज के रूप में क्रायोथेरेपी का विचार नहीं करते हैं।
- हार्मोन थेरेपी: हार्मोन थेरेपी को चिकित्सा भाषा में एंड्रोजन सप्रेशन थेरेपी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर में एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन के स्तर को कम करने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। एण्ड्रोजन प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।
प्रोस्टेट कैंसर में अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रोस्टेट कैंसर से कैसे बचें?
प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना चाहिए। इससे बहुत लाभ मिलेगा -
- फलों और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ आहार का सेवन करें
- सही सप्लीमेंट का प्रयोग करें
- व्यायाम करें
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
प्रोस्टेट कैंसर में क्या खाना चाहिए
प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थ खाने में मदद मिलेगी -
- टमाटर, बेरीज, अंकुरित अनाज, पालक, ब्रोकोली, गाजर, शकरकंद, और हरी पत्तेदार सब्जियां का सेवन करें।
- फलियां और दाल जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जोड़ें।
- हल्दी, अदरक, लहसुन, और हरी मिर्च जैसे मसालों का प्रयोग करें।
- मछली, अखरोट, और अलसी जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
- हरी चाय, अनार का रस, और टमाटर का रस जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें।
प्रोस्टेट कैंसर कहां होता है?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों के प्रजनन अंग को प्रभावित करने वाला रोग है। प्रोस्टेट पुरुषों के शरीर में वीर्य के उत्पादन में मदद करता है।