जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसका प्रभाव अक्सर बढ़ती उम्र के साथ देखा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ, शरीर में कई बदलाव आते हैं, और हड्डियों और जोड़ों का कमजोर होना उनमें से एक है। आश्चर्यजनक रूप से, युवा वयस्कों में भी अब हड्डी और जोड़ों के दर्द मामले सामने आ रहे हैं। एक बहुत ही चौका देने वाला तथ्य सामने आया है कि भारतीय आबादी का लगभग 20-25% लोग जोड़ों से जुड़े मस्कुलोस्केलेटल (Musculoskeletal) रोग से प्रभावित हैं।
जोड़ों में दर्द के पीछे कई कारण होते हैं और उन्हीं कारणों के आधार पर ही डॉक्टर इलाज के विकल्प का सुझाव देते हैं। चलिए इस ब्लॉग के जरिए जोड़ों में दर्द का कारण और इलाज जानते हैं। यहां एक बात का विशेष ध्यान देना होगा कि इस ब्लॉग में लिखी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। जोड़ों में दर्द के इलाज के लिए हमारे हड्डी रोग विशेषज्ञ से अभी परामर्श करें और इस दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पाएं।
इससे पहले कि हम जोड़ों के दर्द के विभिन्न कारणों के बारे में जानें, आइए समझते हैं कि हड्डी के जोड़ क्या होते हैं? जॉइंट आपके शरीर के हड्डियों को जोड़ने वाला भाग है, जहां दो हड्डियां मिलती है। यदि हमारे शरीर में जोड़ नहीं होते तो हम अपने शरीर को हिला भी नहीं पाते। हमारे शरीर में तीन मुख्य प्रकार के जोड़ हैं -
चलिए अब समझते हैं कि जोड़ों का दर्द क्या है? जोड़ों में महसूस होने वाली बेचैनी या दर्द को जोड़ों का दर्द कहा जाता है, जिसे चिकित्सकीय भाषा से अर्थराल्जिया भी कहा जाता है। जोड़ों का दर्द ज्यादातर एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति का परिणाम होता है, जो आपके दैनिक जीवन की गतिशीलता को प्रभावित करता है। हड्डी और जोड़ों के दर्द की तीव्रता में भिन्नता होती है। अधिकतर जोड़ों के दर्द की गंभीरता आपकी उम्र के अनुसार होती है।
जोड़ों में दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अधिकतर कारण चोट या आघात से संबंधित होते हैं। मामले की तह तक जाने के लिए डॉक्टर एक विस्तृत जांच और निदान करते हैं। चलिए जोड़ों में दर्द के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानते हैं -
गठिया: गठिया के दो रूप हैं, जो आपके जोड़ों के दर्द के कारण बन सकते हैं - ओल्ड ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) और रुमेटीइड गठिया (RA)।
गठिया के अतिरिक्त दूसरे स्वास्थ्य समस्याएं या कारण हैं, जो हड्डियों और जोड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। इन्हीं में से कुछ कारण ऐसे हैं, जो बता सकते हैं कि हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द क्यों होता है -
जोड़ों के दर्द में हमेशा चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि कोई नीचे दिए गए जोड़ों के दर्द के लक्षणों में से किसी से भी गुजर रहा है और आप इस बारे में निश्चित होना चाहते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए:
जोड़ों में दर्द हो तो सबसे पहले घरेलू उपचार का सहारा लें। यदि दर्द के साथ ऊपर बताए गए लक्षण लगातार बने रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ-साथ निम्नलिखित तरीके दर्द से राहत दिलाने में बहुत प्रभावशाली साबित हो सकते हैं -
स्थिति के आधार पर जोड़ों के दर्द के उपचार का निर्णय लिया जाता है। जोड़ों के दर्द का उपचार अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में घरेलू उपचार, जैसे व्यायाम और आहार के साथ सिकाई से राहत मिल जाती है। तो वहीं दूसरी तरफ दवा, इंजेक्शन और फिजिकल थेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।
स्थिति के आधार पर निम्नलिखित में से एक इलाज के विकल्प पर डॉक्टर विचार कर सकते हैं -
जोड़ों के दर्द की दवा
फिजिकल थेरेपी
फिजिकल थेरेपी से जॉइंट की गतिशीलता, शक्ति और लचीलेपन की सीमा में सुधार करने में मदद मिलती है, जिससे दर्द काफी हद तक कम हो जाता है और कार्य में सुधार देखने को मिलता है।
जॉइंट इंजेक्शन
जोड़ों के दर्द के लिए इंजेक्शन (कोर्टिसोन इंजेक्शन) से सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। यह इंजेक्शन किसी भी रोगी को स्वयं नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर से बात करें और अपने स्वास्थ्य का आकलन कराएं और फिर परिणाम के आधार पर ही डॉक्टर इस इंजेक्शन का सुझाव देते हैं।
सर्जरी
कुछ मामलों में क्षतिग्रस्त जोड़ों की मरम्मत या बदलने के लिए सर्जरी आवश्यकता होती है। आमतौर पर डॉक्टर सर्जरी का सुझाव तभी देते हैं, जब ऊपर बताए गए इलाज के विकल्प विफल साबित होते हैं।
उपलब्ध सर्जिकल विकल्पों में शामिल हैं -
यदि आपकी स्थिति अधिक गंभीर है, तो आपके डॉक्टर जोड़ों के दर्द और अन्य संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए सर्जरी का सुझाव सबसे पहले देते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इससे परिणाम लंबे समय तक देखने को मिले।
यदि आपको जोड़ों का दर्द किसी चोट के कारण है और यदि यह चोट आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न कर रही है, तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
जोड़ों के दर्द के सामान्य कारणों में ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, बर्साइटिस, ल्यूपस, ऑस्टियोपोरोसिस और चोट।
आप घर पर कम प्रभाव वाले व्यायाम, गर्म और ठंडे दबाव और अधिक फाइबर खाने से जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं। लेकिन इससे कुछ ही समय के लिए राहत मिलती है।
विटामिन डी की कमी से जोड़ों में दर्द और संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
चिकनगुनिया से होने वाले जोड़ों के दर्द का कोई विशेष इलाज नहीं है। यह वायरस के कारण होता है, और इस पर कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। हालांकि, दर्द और सूजन को कम करने के लिए कुछ चीजें की जा सकती हैं, जैसे दर्द निवारक दवा, फ्यूजन थेरेपी, इत्यादि।
जोड़ों के दर्द की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये दर्द और सूजन को बढ़ा सकते हैं जैसे -
जोड़ों के दर्द में कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से बहुत लाभ मिल सकता है जैसे -
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