वर्तमान में थायराइड रोग की समस्या बहुत फैल रही है। इस रोग के कारण वजन तेजी से घटता है, जो शरीर में हार्मोन की गड़बड़ी का मुख्य कारण है। थायराइड गर्दन में मौजूद एक ग्लैंड है, जो इसके हार्मोन का निर्माण करता है। थायराइड रोग पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है।
वर्तमान में थायराइड रोग की समस्या बहुत फैल रही है। इस रोग के कारण वजन तेजी से घटता है, जो शरीर में हार्मोन की गड़बड़ी का मुख्य कारण है। थायराइड गर्दन में मौजूद एक ग्लैंड है, जो इसके हार्मोन का निर्माण करता है। थायराइड रोग पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। इसके इलाज के लिए आप हमारे एंडोक्राइनोलॉजिस्ट विशेषज्ञ (थायराइड के इलाज करने वाले विशेषज्ञ) से परामर्श कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि थायराइड के लक्षण, कारण, इलाज और इससे बचने के लिए सही डाइट प्लान क्या है?
थायराइड एक एंडोक्राइन ग्लैंड है, जिससे ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी 3) और थायरोक्सिन (टी 4) नामक दो हार्मोन का निर्माण होता है। थायराइड-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) इन हार्मोन के निर्माण और स्राव के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह ग्लैंड कई कार्यों के लिए जाने जाता है जैसे -
जब शरीर थायराइड ग्लैंड का निर्माण कम या ज्यादा करता है, तो थायराइड की समस्या उत्पन्न होने लगती है। वैश्विक स्तर पर यह प्रमाणित है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन के अनुसार हर आठ में से एक महिला अपने जीवनकाल में कभी न कभी थायराइड की समस्या से परेशान होती हैं।
थायराइड के लक्षणों को जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि यह कितने प्रकार के होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। मुख्य रूप से थायराइड दो प्रकार के होते हैं:-
हाइपरथायरायडिज्म की तुलना में हाइपोथायरायडिज्म कहीं अधिक प्रभावकारी रोग है। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक होती है, उन्हें यह रोग होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जहां महिलाओं को इस रोग के बारे में पता ही नहीं चलता है, लेकिन फिर भी कुछ लक्षण उत्पन्न होते हैं, जिनके बारे में हम आपको बताने वाले हैं।
दोनों ही स्थितियों में महिलाएं अलग-अलग लक्षणों का सामना करती हैं। चलिए एक टेबल की सहायता से थायराइड के लक्षणों को समझते हैं -
हाइपरथायराइड में उत्पन्न होने वाले लक्षण |
हाइपोथायराइड में उत्पन्न होने वाले लक्षण |
व्यवहार में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन |
डिप्रेशन या अवसाद |
घबराहट |
बालों के झड़ने की समस्या में वृद्धि |
ज्यादा पसीना आना |
पसीना कम आना |
दिल की धड़कन में तेजी |
दिल की धड़कन का धीमा होना |
नींद की समस्या और अचानक बिना किसी मेहनत के वजन कम होना |
आंखों या चेहरे पर सूजन और याद रखने में समस्या आना |
ज्यादा भूख लगना |
थकान महसूस होना। |
मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द का लगातार बने रहना |
ज्वाइंट पेन और मांसपेशियों में अकड़न |
इसके अतिरिक्त निम्नलिखित स्थितियों का अनुभव करने वाली महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए -
प्रेगनेंसी के दौरान या फिर इस संबंध में विचार करने वाली महिलाओं को समय समय पर थायराइड की जांच करानी चाहिए।
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं थायराइड की समस्या से ज्यादा परेशान होती हैं। इसके कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख कारणों को नीचे समझाया गया है -
अन्य कारण
थायराइड के इलाज के लिए डॉक्टर डाइट में कुछ बदलाव करने का सुझाव देते हैं। यदि स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है तो वह डाइट प्लान के साथ साथ कुछ दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं। डॉक्टर निम्न डाइट प्लान का सुझाव दे सकते हैं -
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य घरेलू उपचार हैं, जिनका पालन करने से लाभ मिल सकता है जैसे -
थायराइड पुरुष और महिलाओं दोनों को ही प्रभावित करता है, लेकिन महिलाओं में यह समस्या बहुत ज्यादा आम है। जिन महिलाओं की उम्र 35 या उससे अधिक है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वह हर पांच से छह माह में थायराइड की जांच कराएं। इससे वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रह सकती हैं और थायराइड की समस्या से भी दूर रह सकती है। यदि आप भी थायराइड से परेशान हैं या फिर इस संबंध में चिंतित हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से मिलें और सही समय पर उत्तम इलाज प्राप्त करें। जीवनशैली में बदलाव के साथ समय पर दवाएं और हेल्थ चेकअप थायराइड को नियंत्रित करने में कारगर हैं।
टीएसएच परीक्षण एक ब्लड टेस्ट है, जिससे आपके शरीर में थायराइड के स्तर की जांच हो पाती है। इस परीक्षण के द्वारा शरीर में हर प्रकार के थायराइड की जांच सरलता से हो जाती है।
थायराइड का प्रभाव लगभग सभी अंग पर पड़ता है। मुख्य रूप से हृदय, सेंट्रल नर्वस सिस्टम, हड्डी, और पाचन तंत्र इस रोग से प्रभावित होते हैं।
थायराइड एक छोटा, तितली के आकार का ग्लैंड है। यह व्यक्ति के गर्दन के सामने, एडम्स एप्पल के ठीक नीचे स्थित होता है।
Written and Verified by:
A DM in Endocrinology from the Institute of medical sciences, Banaras Hindu University, has worked with Safdarjung Hospital, RML Hospital, New Delhi and Fortis Escorts Hospital Jaipur. His areas of special interest include Type I Diabetes, Gestational diabetes, Thyroid disorders, Pituitary disorders, Adrenal disorders, Osteoporosis, Polycystic ovary syndrome & Endocrinological issues of Infertility. Dr. Gahlot has presented several papers, many of which have won him coveted awards.
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