बार-बार होने वाला हर्निया: पहचानें और सुरक्षित तरीके से ठीक करें
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बार-बार होने वाला हर्निया: पहचानें और सुरक्षित तरीके से ठीक करें

Summary

बार-बार होने वाला हर्निया एक गंभीर समस्या है, जो सही समय पर इलाज न मिलने पर जीवन को प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग में हर्निया के लक्षण, कारण, जटिलताएं और इलाज के तरीकों को विस्तार से समझाया गया है ताकि सही उपचार कराकर सुरक्षित जीवन जिया जा सके। 

हर्निया एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति को बार-बार परेशान कर सकती है। यदि यह समस्या बार-बार उत्पन्न होती है, तो यह आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। क्या आप बार-बार हर्निया हो जाने से परेशान हैं? क्या यह आपका दर्द, बेचैनी या डेली एक्टिविटी में रुकावट का कारण बन रहा है? घबराए नहीं, इस ब्लॉग से आपकी समस्या का समाधान मिलने वाला है।

बार-बार होने वाला हर्निया (रीकरेंट हर्निया - Recurrent Hernia) एक ऐसी स्थिति है, जहां हर्निया फिर से वापस आ जाता है, चाहे आपने पहले इस स्थिति की सर्जरी करा ली हो। यदि सही समय पर फिर से इलाज न कराया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हर्निया क्या होता है, बार-बार हर्निया के लक्षण क्या होते हैं, कारण, जटिलताएं, और इलाज के लिए आपको क्या करना चाहिए। हर्निया का सुदृढ़ इलाज आपको एक अनुभवी डॉक्टर से परामर्श के बाद ही मिलेगा। आप इस ब्लॉग से सिर्फ सलाह ले सकते हैं, इलाज के लिए आपको डॉक्टर के पास जाना ही होगा। इसलिए अधिक समस्या होने पर बिना देर किए अनुभवी हर्निया रोग विशेषज्ञ से परामर्श बुक करें।

हर्निया क्या है और बार-बार क्यों होता है?

हर्निया एक ऐसी चिकित्सा समस्या है, जिसमें शरीर के अंदर कोई अंग या ऊतक, जो आमतौर पर मांसपेशियों या ऊतक की दीवार से घिरे होते हैं, किसी कमजोर या छिद्रित जगह से बाहर निकल आते हैं। यह स्थिति अधिकतर पेट की दीवार या जांघों के आसपास के हिस्से में देखी जाती है। जैसे-जैसे यह बाहर आता है, यह एक उभार या गांठ के रूप में दिखने लगता है, जो खड़ा होने या भारी सामान उठाने पर और भी स्पष्ट हो जाता है। हर्निया होने पर मरीज को उस स्थान पर दर्द, जलन या असहजता महसूस हो सकती है।

चलिए समझते हैं कि बार-बार हर्निया परेशान क्यों करता है? रीकरेंट हर्निया या हर्निया की समस्या बार-बार तब होती है, जब पहले की गई सर्जरी के बावजूद हर्निया फिर से उसी या आसपास के क्षेत्र में वापस आ जाता है। यह इसलिए होता है, क्योंकि पहली सर्जरी के बाद मांसपेशियों या ऊतकों की वह कमजोर जगह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती या जीवनशैली में ऐसी आदतें बनी रहती हैं, जो उस कमजोरी को बढ़ावा देते हैं।

वहीं कई बार सवाल उठता है कि पुरुषों में हर्निया क्यों होता है? इसका एक बड़ा कारण है मांसपेशियों की स्वाभाविक कमजोरी और पेट के अंदर दबाव में बढ़ोतरी, जो अक्सर भारी वजन उठाने, अधिक शारीरिक परिश्रम या लगातार खांसी की वजह से होती है। इसके अतिरिक्त, पुरुषों में इनगुइनल हर्निया अधिक पाया जाता है, क्योंकि उनकी मांसपेशियां महिलाओं की तुलना में कहीं ज्यादा तनाव में रहती हैं।

इसके अतिरिक्त महिलाओं में हर्निया के कारणों को भी जानना आवश्यक है। महिलाओं के मामले में गर्भावस्था की वजह से पेट की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, साथ ही हार्मोनल बदलाव भी मांसपेशियों को कमजोर कर देते हैं। इसलिए महिलाओं को भी हर्निया होने का खतरा होता है, हालांकि पुरुषों की तुलना में यह कम होता है।

जो सर्जरी जटिल या पुरानी होती है, उनमें मांसपेशियों की कमजोरी या ऊतक की ठीक से मरम्मत न हो पाने के कारण बार-बार हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सही तकनीक और विशेषज्ञ की देखरेख में ही हर्निया की सर्जरी कराना जरूरी है।

हर्निया के प्रकार - Types of Hernia

हर्निया को उनके स्थान और उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। चलिए हर्निया के सभी प्रकारों के बारे में जानते हैं - 

  • इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia): यह सबसे सामान्य हर्निया है, जो पेट के निचले हिस्से या जांघ के ऊपर देखा जाता है। इस प्रकार का हर्निया पुरुषों में आम है।
  • फीमोरल हर्निया (Femoral Hernia): इस प्रकार का हर्निया महिलाओं में अधिक आम होता है और जांघ के ऊपरी भाग से उत्पन्न होता है।
  • अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia): यह नाभि के आसपास के क्षेत्र में अधिक होता है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में यह अधिक आम है।
  • हायटल हर्निया (Hiatal Hernia): यह पेट के ऊपरी हिस्से डायफ्राम में छेद के जरिए सीने की गुहा में चला जाता है।
  • इंसिज़नल हर्निया (Incisional Hernia): पहले ऑपरेशन या सर्जरी के चीरे के निशान वाले हिस्से में हर्निया हो जाता है।
  • स्पिगेलियन हर्निया (Spigelian Hernia): यह पेट के किनारे के हिस्से में होता है और अपेक्षाकृत दुर्लभ है।
  • लुंबार हर्निया (Lumbar Hernia): यह पीठ या कमर के किनारे विकसित होता है। इस प्रकार के हर्निया के मामले बहुत कम होते हैं।

हम इस ब्लॉग में रीकरेंट हर्निया (Recurrent Hernia) के बारे में पढ़ रहे हैं। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि सभी प्रकार के हर्निया बार-बार उत्पन्न नहीं होते हैं, लेकिन यदि पहले कोई इलाज या सर्जरी हुई है, तो उसके फिर से उसी क्षेत्र पर हर्निया के फिर से उत्पन्न होने की संभावना होती है।

रीकरेंट हर्निया के लक्षण कैसे पहचाने

बार-बार होने वाले हर्निया की पहचान हमेशा आसान नहीं होती है, खासतौर पर जब इसके लक्षण बहुत सामान्य हो या शुरुआती दौर में हो। हालांकि, कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं, जिन पर ध्यान देना चाहिए जैसे कि - 

  • पेट या जांघ के उस क्षेत्र में एक उभार या गांठ महसूस होना, जो दबाने पर पीछे चली जाती है या आकार बदलता रहता है।
  • दर्द या जलन महसूस होना, खासतौर पर जब आप खड़े होते हैं, ज्यादा चलते हैं, या भारी वजन उठाते हैं।
  • बार-बार दर्द की शिकायत, जो पहली सर्जरी के बाद भी कम नहीं होता या लौट आता है।
  • कुछ मामलों में उल्टी, कब्ज व पाचन में असुविधा भी हो सकती है, क्योंकि हर्निया पेट की आंतों को प्रभावित कर सकता है।

यदि यह लक्षण दोबारा से दिखें या बढ़ें तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत हर्निया के विशेषज्ञ से संपर्क करें।

बार-बार होने वाले हर्निया के कारण

बार-बार होने वाले हर्निया (रीकरेंट हर्निया) के होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख कारण यह है - 

  • पहली सर्जरी के बाद उस क्षेत्र की मांसपेशियों का पूरी तरह से ठीक न होना या वहां कमजोरी रह जाना।
  • ऑपरेशन के बाद मरीज का उचित देखभाल न करना या डॉक्टर के निर्देशों का पालन न करना जैसे कि भारी सामान उठाना, बिना आराम के लगातार काम करना और सही तकनीक से भारी सामान न उठाना।
  • मरीज का मोटापा जो लगातार पेट की दीवार पर दबाव डालता रहता है।
  • पुरानी खांसी या कब्ज जो पेट पर दबाव बढ़ाते हैं।
  • सर्जरी के दौरान या बाद में इस्तेमाल हुई मेष (mesh) का ठीक से फिट न होना या उसका अपनी जगह से खिसक जाना।

यह सभी कारण मिलकर हर्निया के फिर से उत्पन्न होने की संभावना को बढ़ाते हैं।

हर्निया से जुड़ी जटिलताएं

यदि हर्निया को नजरअंदाज किया जाए या बार-बार होने दिया जाए तो यह कई खतरनाक जटिलताओं का कारण बन सकता है। इनमें सबसे गंभीर समस्या होती है, अंगों में रक्त संचार बाधित हो जाना, जिसे मेडिकल भाषा में स्ट्रगुलेशन (strangulation) कहते हैं। इससे प्रभावित अंगों की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और वे मरने लगती हैं, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

इसके अलावा, बार-बार हर्निया होने से लगातार दर्द और सूजन होती है, जो व्यक्ति की सामान्य जीवन शैली को प्रभावित करती है। मांसपेशियों की कमजोरी बढ़ जाती है और हर्निया के आस-पास के ऊतक विकृत हो सकते हैं। कुछ मामलों में ऑपरेशन के बाद संक्रमण की शिकायतें या घाव ठीक न होने जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।

इन जटिलताओं से बचने के लिए चाहिए कि बार-बार होने वाले हर्निया की स्थिति में इलाज में देरी न करें और जल्द से जल्द हर्निया के विशेषज्ञ से सही निदान और उपचार कराएं।

हर्निया का इलाज और सर्जरी के विकल्प

हर्निया के मरीजों के लिए सही इलाज बेहद जरूरी है। हर्निया ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए और जीवनशैली में क्या बदलाव आए, यह भी जांचना जरूरी होता है। बार-बार होने वाले हर्निया के लिए खास सर्जिकल तकनीक उपलब्ध हैं, जो अधिक सुरक्षित और प्रभावकारी माने जाते हैं।

इनगुइनल हर्निया सर्जरी में खास तकनीक अपनाई जाती हैं, जिनमें लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी भी शामिल हैं। यह सर्जरी छोटी चोट के साथ जल्दी ठीक होती है और रिकवरी का समय भी कम होता है। हर्निया के विशेषज्ञ इस तरह के ऑपरेशन पर गहरा अनुभव रखते हैं, जो रीकरेंट हर्निया के मामलों में अधिक सफल होते हैं।

हर्निया में क्या खाना चाहिए इसका भी ख्याल रखा जाता है, ताकि इलाज के बाद मांसपेशियों को ताकत मिले और दोबारा हर्निया न हो। प्रोटीन युक्त आहार, फाइबर से भरपूर खाना और अधिक तेल पदार्थों से बचना चाहिए। हर्निया का इलाज एक अनुभवी विशेषज्ञ से द्वारा ही संभव है, इसलिए हम आपको सलाह देंगे कि हर्निया के इलाज के लिए तुरंत हमारे विशेषज्ञों से परामर्श लें और स्वस्थ सेहत की तरफ अग्रसर हों।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बार-बार हर्निया होना खतरनाक है?

हां, बार-बार होने वाले हर्निया का समय रहते इलाज न कराया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। इससे अंगों को नुकसान या दर्द हो सकता है।

हर्निया सर्जरी के बाद दोबारा हर्निया क्यों होता है?

यह मुख्यतः मांसपेशियों की कमजोरी, सर्जिकल तकनीक की कमी, या ऑपरेशन के बाद गलत देखभाल की वजह से होता है।

रीकरेंट हर्निया के लिए कौन-सी सर्जरी सबसे सुरक्षित है?

लेप्रोस्कोपिक या रोबोटिक सर्जरी अधिक सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि सर्जरी के बाद रिकवरी की गति बहुत अच्छी होती है।े

क्या बार-बार होने वाले हर्निया को घरेलू उपाय से रोका जा सकता है?

घरेलू उपाय कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ सलाह और सही इलाज जरूरी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि हर्निया के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ चिकिक्सीय सहायता बहुत ज्यादा आवश्यक होती है।

हर्निया के मरीज को कब तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए?

यदि दर्द ज्यादा हो, हर्निया बढ़ जाए या मतली-उल्टी जैसी कोई समस्या हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या बार-बार हर्निया पुरुषों में ज्यादा होता है?

हां, पुरुषों में हर्निया होने की संभावना महिलाओं की तुलना में अधिक होती है।

Written and Verified by:

Dr. Sanjay De Bakshi

Dr. Sanjay De Bakshi

Consultant Surgeon Exp: 43 Yr

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Dr. Sanjay De Bakshi is a Consultant Surgeon in Surgical Gastroenterology at CMRI, Kolkata, with over 33 years of experience. He specializes in gallbladder surgery, hernia repair, and colorectal procedures.

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